मुंबई के सात द्वीप

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आज हम जिसे मुंबई (पहले बंबई) कहते हैं, मूल रूप से सात अलग अलग समुद्री द्वीपों से मिल कर बनी है। पांच शताब्दियों के लंबे अंतराल के दौरान इन सात द्वीपों को विभिन्न भूमि-सुधार परियोजनाओं के द्वारा एक दूसरे से जोड़ कर आज के मुंबई शहर और ऐतिहासिक पुरानी मुंबई की रचना की गयी। मूल द्वीपसमूह में निम्नलिखित द्वीप शामिल थे:

सैल्सेट द्वीप
  • 1. बंबई
  • 2. कोलाबा
  • 3. ओल्ड वूमेन द्वीप (लिटिल कोलाबा)
  • 4. माहिम
  • 5. मझगांव
  • 6. परेल
  • 7. वर्ली

आसपास के ट्राम्बे और सैल्सेट द्वीपों का विलय कर ग्रेटर मुंबई की रचना की गयी।

शेष द्वीप हैं:

  • घारापुरी द्वीप / एलिफेंटा द्वीप
  • बुचर द्वीप
  • मध्य ग्राउंड तटीय बैटरी
  • कस्तूरा रॉक
  • पूर्व ग्राउंड

1970 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तटीयरेखा की सुरक्षा और मछुआरों द्वारा इसके उपयोग के लिए निषेधाज्ञाओं की एक श्रृंखला स्थापित की। इन निषेधों के साथ साथ 1990 के दशक गठित तटीय नियामक क्षेत्र और बढ़ती पर्यावरण चिंताओं के कारण मुंबई में भूमि-सुधार परियोजनाओं की संख्या और पैमाने में उल्लेखनीय कमी आई है।

सन्दर्भ[संपादित करें]