सरिय्या खालिद बिन वलीद (नख़ला)

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सहाबा अरबी भाषा सुलेख

सरिय्या खालिद बिन वलीद (नख़ला) (अंग्रेज़ी: Expedition of Khalid ibn al-Walid (Nakhla))

ख़ालिद बिन वलीद का अभियान इस्लामिक कैलेंडर के 9वें महीने में जनवरी 630 ईस्वी, 8AH में हुआ। इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद के आदेश पर सहाबी ख़ालिद बिन वलीद को देवी अल-उज़्ज़ा की छवि को नष्ट करने के लिए भेजा गया था जिसकी पूजा बहुदेववादियों द्वारा की जाती थी; उसने यह सफलतापूर्वक किया।

मक्का पर विजय के तुरंत बाद, मुहम्मद ने रमजान 8 एएच में खालिद बिन अल-वलीद को नखलाह नामक स्थान पर भेजा, जहां कुरैश और किनाना जनजातियों द्वारा पूजा की जाने वाली अल-उज्जा नामक देवी की मूर्ति थी, और बानू शाइबान के संरक्षकों द्वारा संरक्षित थी। खालिद तीस घुड़सवारों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा और मूर्ति को नष्ट कर दिया।

उनके लौटने पर, मुहम्मद ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने वहां कुछ और देखा है, जिस पर खालिद ने जवाब दिया, "नहीं"। उसे बताया गया कि मूर्ति को नष्ट नहीं किया गया है और उसे वापस जाना चाहिए और कार्य को पूरा करना चाहिए। खालिद फिर से नखला गया और वहाँ उसने एक काले रंग की एबिसिनियन (इथियोपियाई) महिला को देखा, जिसके बाल बिखरे हुए थे। मुस्लिम विद्वान सफिउर्रहमान मुबारकपुरी के अनुसार, उसने उसे अपनी तलवार से मारा और उसे "दो टुकड़ों" में काट दिया। वह एक बार फिर लौटा और मुहम्मद को अपनी कहानी सुनाई, जिसने तब कार्य की पूर्ति की पुष्टि करते हुए कहा कि काली इथियोपियाई महिला असली "अल-उज़्ज़ा" थी।[1] Calendar]].[2] [3][4][5]

खालिद सैन्य नेत्तृव[संपादित करें]

सैन्य नेत्तृव[संपादित करें]

वर्ष लड़ाई/युध्द नेतृत्व/विवरण
23 मार्च 625 हुद की लड़ाई
629 मुत्हा की लड़ाई खालिद बिन वालिद ने विशाल रोम सेना के सामने एक छोटी सी मुस्लिम सेना का नेत्तृव किया और रोमन सेना को बुरी तरह पराजित कर विजय प्राप्त की ।
अप्रैल 633 चेन्स की लड़ाई खालिद बिन वालिद की फारसी साम्राज्य के विरुध्द पहली लड़ाई थी
मई 633 बलाजा की लड़ाई खालिद बिन वालिद निर्णाक पैंतरेबाजी का उपयोग कर फारसी साम्राज्य की बड़ी ताकतों को हरा दिया ।
मई 633 उल्लेश की लड़ाई
नबम्वर 633 जुमाइल की लड़ाई फारसी साम्राज्य को पराजित करके मेसोपोटामिया, इराक पर विजय प्राप्त की ।
जनवरी 634 फिराज की लड़ाई इस लड़ाई में खालिद बिन वालिद ने फारसी साम्राज्य और ईसाई अरबो की बड़ी संयुक्त सेना को हरा दिया था ।
जून–जूलाई 634 बोसरा की लड़ाई खालिद बिन वालिद के नेत्तृव में अरब मुस्लिम सेना ने रोमन और ईसाई अरबों की एक विशाल सेना को हरा कर सीरिया के छोटे से शहर वोसरा जीता,
जूलाई 634 अजंदायन की लड़ाई मुस्लिम सेना खालिद बिन वालिद के नेत्तृव तथा रोमन सेना हरक्यूलस के नेत्तृव में एक बड़ी लड़ाई हुई थी जिसमें मुस्लिम सेना ने विजय प्राप्त की ।
635 फाल्ह की लड़ाई खालिद बिन वालिद ने रोमन साम्राज्य को हरा कर रोमन साम्राज्य से फिलिस्तीन, जार्डन और सीरिया को जीता जिसका नेत्तृव हरक्यूलस ने किया था ।
अगस्त 636 यर्मोक का युद्ध खालिद बिन वालिद के नेत्तृव में रोमन साम्राज्य को अरब मुस्लिम सेना ने बुरी तरह पराजित किया ।
637 आयरन ब्रिज की लड़ाई हरक्यूल्स को पराजित किया , अन्तिम लड़ाई थी खालिद बिन वालिद ने जिसमें रोमन सेना को हराकर उत्तरी सीरिया तथा दक्षिण तुर्की पर विजय प्राप्त की ।
637 हजिर की लड़ाई खालिद बिन वालिद के नेत्तृव में मुस्लिम सेना ने सीरिया में स्थित वाईजेंटाईन चौकी किन्नासरीन से रोमन सेना को भगाया !

सराया और ग़ज़वात[संपादित करें]

अरबी शब्द ग़ज़वा [6] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह(सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[7] [8]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Abu Khalil, Shawqi (1 March 2004). Atlas of the Prophet's biography: places, nations, landmarks. Dar-us-Salam. पृ॰ 226. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9960-897-71-4.
  2. "List of Battles of Muhammad". मूल से 2011-07-26 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-05-07.
  3. साँचा:Internet Archive , p. 135 See bottom, Notes section
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; sealed नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; auto नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  6. Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
  7. siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
  8. ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ), पैगंबर की जीवनी (प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक), हिंदी (Pdf)