त्रिशिरा

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त्रिशिरा
त्रिशिरा
माता-पिता
भाई-बहन अतिकाय
नारंतक
देवांतक

त्रिशिरा (संस्कृत: त्रिशिर, आईएएसटी: त्रिशिरा, शाब्दिक रूप से वह जिसके तीन सिर हैं) एक राक्षस था, और इसका संदर्भ रामायण में पाया जाता है। वह रावण और धन्यमालिनी के पुत्रों में से एक थे और उनके भाई अतिकाय, नारंतक और देवांतक थे।[1]

रामायण में[संपादित करें]

रामायण में इसका उल्लेख किया गया है कि उन्होंने हनुमान को लड़ाई में उलझा दिया और उन्हें कई बाणों से मारा परतु इस पर हनुमान ने उनसे कहा कि बाण और कुछ नहीं बल्कि उनके शरीर पर पुष्पों की वर्षा के समान हैं। तत्पश्चात, एक द्वंद्व हुआ, जिसमें रामभक्त हनुमान ज़ी ने त्रिशिरा का वध कर दिया।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Mittal, J. P. (2006). History Of Ancient India (a New Version) : From 7300 Bb To 4250 Bc (अंग्रेज़ी में). Atlantic Publishers & Dist. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-269-0615-4.
  2. "BOOK VI: Canto LXX.: The Death of Tris'iras". www.sacred-texts.com. अभिगमन तिथि 2020-05-13.