रत्नेश पाण्डेय

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रत्नेश पाण्डेय
व्यक्तिगत जानकारी
Other disciplinesमोटरसाइकिल स्टंट राइडिंग, आइस क्लाइम्बिंग
जन्म12 मई 1985 (1985-05-12) (आयु 38)
सतना, मध्य प्रदेश, भारत
पेशा
उल्लेखनीय आरोहीमाउंट एवरेस्ट (2016)
माउंट दमावंद, माउंट सबलन (2016)[1]
माउंट एल्ब्रस (2018)[2]
माउंट किलिमांजारो, माउंट मेरू (2021)[3]

रत्नेश पाण्डेय (जन्म 12 मई 1985) एक भारतीय पर्वतारोही हैं, जिन्होंने 2016 में विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। इन्होंने यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप समेत 10 देशों में 21 से अधिक पर्वत शिखरों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया हैं।[3] रत्नेश ने मोटरबाइक स्टंट के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया है।[4] उन्हें नवंबर 2016 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[5] 2022 में खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार ने इन्हें फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया हैं।[6]

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

रत्नेश सतना, मध्य प्रदेश, भारत से हैं। उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया हैं।[7] इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया।[8]

करियर[संपादित करें]

रत्नेश पाण्डेय ने 21 मई 2016 को माउंट एवरेस्ट फतह किया,[9][10] जहाँ उन्होंने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर प्रथम बार भारतीय राष्ट्रगान जन गण मन गाकर इतिहास रचा।[11] सितंबर 2016 में, पाण्डेय ने इंटरनेशनल क्लाइंबिंग एंड माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित एक पर्वतारोहण अभियान में ईरान के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट दमावंद और इसके तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट सबलान पर चढ़ाई की।[1][12]

अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प के वजह से वो एवरेस्ट चढ़ने में असफल रहे, जहाँ उनके साथ के 21 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। तूफान में फंसने से उनका दल से संपर्क टूट गया। उस दौरान हुए हादसे में तीन दिन बाद नेपाली सेना का हेलीकॉप्टर द्वारा रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप लाया गया था।[13] फिर वर्ष 2016 में पुनः प्रयास के बाद उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने में सफलता हासिल की।[14][15]

5 दिसंबर 2015 को रत्नेश ने इंदौर में 32.3 किलोमीटर मोटरसाइकल की सीट के ऊपर खड़े होकर और दोनों हाँथ छोड़कर बाइक चलाई। दूसरी बार, उन्होंने बाइक के जरिए बगैर रुके 175 सर्किल बनाए। इसके अलावा उन्होंने पीछे की ओर मुँह करके बिना हैंडल पकड़े 14 किलोमीटर मोटर साइकिल चलाई है। मोटरसाइकिल की सीट पर खड़े होकर सबसे लंबी लगातार सवारी करने के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इनका नाम आया।[4][16]

अगस्त 2018 में, रत्नेश ने दो बार माउंट एल्ब्रस (18,511 फीट) पर चढ़ाई की, साथ ही पूर्वी और पश्चिमी चोटियों पर भारत का ध्वज और मध्य प्रदेश के खेल और युवा कल्याण विभाग का झंडा फहराया।[2] इन्होंने निहाल सरकार के साथ इटली में आयोजित UIAA आइस क्लाइंबिंग वर्ल्ड कप 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।[17] रत्नेश ने 14 जुलाई 2021 को 14,980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 21 जुलाई 2021 को 19,340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो, तंजानिया की चढ़ाई की।[3]

एक प्रशिक्षक के रूप मे अक्टूबर 2020 में रत्नेश ने प्रथम किन्नरों के दल को पर्वतारोहण कराया। 25 किन्नरों के दल को हिमालय के शिखर पर चढ़ाया था जिसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, दिल्ली ने की। इस अभियान को पाण्डेय ने किन्नर अखाड़ा की अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर कमीशन के आर्यन पाशा के साथ मिलकर पूर्ण किया।[18]

वर्ष 2021 में हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के पर्वतारोहण अभियान में सहभागिता निभाते हुए 25 दिव्यांगों को सफलता पूर्वक पर्वतारोहण कराया। रत्नेश के कार्यों को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।[19]

अन्य कार्य[संपादित करें]

पाण्डेय विभिन्न सामाजिक कार्यों से भी जुड़ें हैं। उन्होंने रत्नेश पाण्डेय फाउंडेशन की स्थापना की हैं। कोरोना काल में प्रतिदिन 500 मवेशियों को भोजन कराने के लिए चौथे अवॉर्ड के रूप में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स प्राप्त हुआ।[16]

कोविड-19 विश्वमारी की दूसरी लहर में अपने माता पिता को खो चुकी एक युवती को होम लोन चुकाने के लिए रत्नेश पाण्डेय फाउंडेशन की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान किया गया। रतलाम के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की पहल पर पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने अपने फाउंडेशन की ओर से 5 लाख 48 हजार रुपए का चेक सौंपा है।[20]

2021 में रत्नेश ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के जनजागरण के लिए 'यूथ फॉर राम कैम्पेन' के अंतर्गत 10 हजार किलोमीटर की मोटरसाइकिल रैली निकाली। इसमे चित्रकूट से 11 जनवरी को निकलकर मध्यप्रदेश के सम्पूर्ण जिलों से होते हुए अयोध्या 18 फरवरी को पँहुची।[21][22]

पुरस्कार और सम्मान[संपादित करें]

  • नवंबर 2016 में, रत्नेश पाण्डेय को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार प्राप्त हुआ।[5][23]
  • मध्य प्रदेश सरकार ने 2015 में रत्नेश को मध्य प्रदेश राज्य का प्रथम आधिकारिक पर्वतारोही घोषित किया था।
  • रत्नेश को मध्य प्रदेश सरकार की सतना स्मार्ट सिटी ने ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया, और वें खेल, शिक्षा पर ध्यान देने के साथ राज्य के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों से जुड़े हैं।[1]
  • अप्रैल 2017 में, उन्हें असम पर्यटन विकास निगम द्वारा अंबुबाची मेले के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया।[24]
  • अक्टूबर 2022 में खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया गया।[6]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Khushboo, Joshi (24 सितंबर 2016). "Reaching heights: MP mountaineer scales highest mountains of Iran". हिंदुस्तान टाइम्स.
  2. "Bhopal: Mountaineer Ratnesh Panday scales Mount of Elbrus". फ्री प्रेस जर्नल. 21 अगस्त 2018.
  3. "स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले MP के बेटे ने किया कमाल, अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा". जी न्यूज. 14 अगस्त 2021.
  4. "Longest continuous ride standing on the seat of a motorcycle". गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स. अभिगमन तिथि 14 अक्टूबर 2018.
  5. "CM honours sportspersons with 'Shikhar Khel Alankaran samman'". डेली पाइअनीर. 11 नवंबर 2016.
  6. "इंदौर के पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय बने फिट इंडिया चैंपियन, खेल मंत्रालय ने की घोषणा". नई दुनिया. 3 अक्टूबर 2022.
  7. "FATHER'S DAY: ये पिता बेटे को पहुंचाया 'शिखर' पर, खुद डूबा 'कर्ज' में" (Hindi में). राजस्थान पत्रिका.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  8. Tiwari, Nitesh (19 जून 2016). "मां से कहा- मरने नहीं कुछ करने जा रहा हूं और एवरेस्ट पर फहरा दिया तिरंगा". राजस्थान पत्रिका.
  9. "Bhagwan Singh, Ratnesh Pandey unfurl tricolour on Mount Everest". द हितवाद. 25 मई 2016. मूल से 15 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 नवंबर 2022.
  10. "Two Madhya Pradesh mountaineers scale Everest". स्पोर्ट्सकीड़ा. 25 मई 2016.
  11. "Ratnesh sets record by singing national anthem on Everest". द पाइअनीर. 24 सितंबर 2016.
  12. मिश्रा, सुरेश (16 अक्टूबर 2016). "सतना के रत्नेश ने ईरान की सबसे ऊंची चोटी में फहराया तिरंगा, 18000 फिट तय की दूरी". राजस्थान पत्रिका.
  13. Sharma, Gopal; Wilkes, Tommy (25 मई 2016). "Paying the ultimate price on Everest". इंडिपेंडेंट अनलाइन.
  14. "एवेरेस्ट पर फंसा सतना का रत्नेश". राजस्थान पत्रिका. 27 अप्रैल 2015. मूल से 15 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 नवंबर 2022.
  15. "सुरक्षित नीचे उतारा गया रत्नेश को". सतना: राजस्थान पत्रिका. 28 अप्रैल 2015. मूल से 15 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 नवंबर 2022.
  16. "MP के पहले पर्वतारोही के नाम एक और रिकॉर्ड:7 देशों की चोटियों पर चढ़ने वाले रत्नेश फाउंडेशन को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, कोरोनाकाल में 500 मवेशियों को रोजाना खिला रहे थे भोजन". दैनिक भास्कर. 2021.
  17. मिश्रा, सुरेश. "ICE क्लाइम्बिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहली बार भाग लेगी इंडियन टीम". राजस्थान पत्रिका.
  18. "हिमालय के शिखर पर सतना के रत्नेश:पहले किन्नर और अब दिव्यांगों को चढ़ाया माउंट यूनाम पर्वत, 10 दिन में 20,300 फीट ऊंचे हिमालय को किया फतह". दैनिक भास्कर. 2021.
  19. नीरज, कुमार (19 अगस्त 2022). "सतना के रत्नेश पाण्डेय के रिकॉर्ड को मिला सम्मान, केंद्रीय मंत्री ने सर्टिफिकेट देकर बढ़ाया मान". इंडिया टीवी.
  20. "होम लोन चुकाने के लिए रत्नेश पांडे फाउंडेशन ने दिए 5 लाख 48 हजार रुपए, कलेक्टर को सौंपा चेक". दैनिक भास्कर. 2 मई 2022.
  21. "भगवान राम की कर्मभूमि से जन्मभूमि की जनजागरण यात्रा लेकर रविवार को उज्जैन पहुंचे एवरेस्ट विजेता रत्नेश". दैनिक भास्कर. 7 फरवरी 2021.
  22. "एवरेस्ट विजेता रत्नेश पांडे पहुंचे निवाड़ी, यूथ फॉर राम अभियान से कराया परिचय". ईटीवी भारत. 15 जनवरी 2021.
  23. "सिंधु की मौजूदगी में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शिखर खेल अलंकरण". नई दुनिया. दैनिक जागरण. 10 नवंबर 2016.
  24. "राज्यपाल से मिला असम पयर्टन विभाग का दल" (PDF). upgovernor.gov.in. 24 मई 2017.