केरल पुलिस

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केरल पुलिस
കേരള പോലീസ്
लघुनाम केपी
Emblem
झंडा
आदर्श वाक्य മൃദു ഭാവെ ദൃഢ കൃത്യേ

"Mridhu Bhave Dhrida Kruthye"

"Soft in Temperament, Firm in Action"
മൃദുവായ പെരുമാറ്റം, ദൃഢമായ കർമ്മങ്ങൾ (Malayalam)
संस्था जानकारी
स्थापना 1 नवंबर, 1956
वार्षिक बजट 4,406 करोड़ (US$643.28 मिलियन) (2021–22 est.)[1]
वैधानिक वयक्तित्व सरकारी : सरकारी संस्था
अधिकार क्षेत्र
अधिकार क्षेत्र* राज्य of केरला, IN
केरल पुलिस का क्षेत्राधिकार
वैधानिक अधिकारक्षेत्र प्रचालन कार्यक्षेत्रानुसार
शासी निकाय केरल सरकार
गठन घटक s:Kerala Police Act, 2011
सामान्य प्रकृति
प्रचालन ढांचा
Overviewed by गृह विभाग, केरल सरकार
मुख्यालय वज़ुथाकौड, तिरुवनंतपुरम, केरल - 695010
केरल पुलिस विभाग के अधिकार क्षेत्र का नक्शा। बाईं ओर का नक्शा भारत में केरल को दर्शाता है और दाईं ओर राज्य को लाल रंग में तिरुवनंतपुरम जिले के साथ दिखाता है।
मंत्री responsible पिनाराई विजयन,
मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, केरल
संस्था कार्यपालक अनिल कांत, आईपीएस,
राज्य पुलिस प्रमुख, केरल
Child agency तिरुवनंतपुरम सिटी पुलिस
कोच्चि सिटी पुलिस
त्रिशूर सिटी पुलिस
कोल्लम सिटी पुलिस
केरल थंडरबोल्ट्स
Unitयां साँचा:Clist
विशिष्ट इकाइयां साँचा:Clist
Facilities
पुलिस स्टेशन 471
पुलिस वाहनs फ़ोर्स गोरखा
महिंद्रा बोलेरो
टाटा सूमो
महिंद्रा टीयूवी300
टोयोटा इनोवा
शेवरलेट टवेरा
महिंद्रा थार
Boats स्पीड बोट्स
कुत्ताs 82 (<छोटा>41 खोजी कुत्ते</छोटे>)
घोड़ाs 25
जालस्थल
keralapolice.gov.in
पादटिप्पणी
* प्रादेशिक संस्था: देश का वह हिस्सा जहाँ संस्था को कार्य करने का अधिकार है।

केरल पुलिस भारत के केरल प्रदेश का सर्वोच्च अपराध निवारण संस्था है । इसका मुख्यालय केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित है । वर्ष 1956 में इसका गठन हुआ था । केरल पुलिस का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक स्तर का राज्य पुलिस प्रमुख करता है। अनिलकांत आईपीएस केरल के वर्तमान महानिदेशक और राज्य पुलिस प्रमुख हैं।

इतिहास[संपादित करें]

केरल पुलिस का गठन सबसे पहले वर्ष 1956 में हुआ था । केरल पुलिस का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक स्तर का राज्य पुलिस प्रमुख करता है। अनिलकांत आईपीएस केरल के वर्तमान महानिदेशक और राज्य पुलिस प्रमुख हैं।

संरचना[संपादित करें]

केरल पुलिस केरल राज्य सरकार के गृह मंत्रालय की प्रत्यक्ष देख रेख में कार्य करता है । एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ड़ीजीपी पद पर तैनात हैं । इसके 471 थाने हैं । पुलिस महानिदेशक रैंक के एक अधिकारी को राज्य पुलिस प्रमुख और पुलिस विभाग के प्रमुख के रूप में नामित किया जाता है राज्य पुलिस प्रमुख को मुख्यालय में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। उचित पुलिस प्रशासन के लिए, केरल राज्य को दो पुलिस क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। दो क्षेत्र उत्तर क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र हैं, प्रत्येक पुलिस क्षेत्र का नेतृत्व एक पुलिस महानिरीक्षक करता है। पुलिस जोन में दो या दो से अधिक पुलिस रेंज होते हैं। प्रत्येक पुलिस रेंज का नेतृत्व एक पुलिस उपमहानिरीक्षक करता है। प्रत्येक पुलिस रेंज में चार या अधिक पुलिस जिले होते हैं। प्रत्येक पुलिस जिले का नेतृत्व जिला पुलिस प्रमुख द्वारा पुलिस अधीक्षक के पद के साथ किया जाता है। पुलिस जिले को कई पुलिस उप-विभाजनों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक उप-विभाजन का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त करते हैं। एक पुलिस सब-डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में कई पुलिस स्टेशन होते हैं। प्रत्येक पुलिस स्टेशन का नेतृत्व पुलिस निरीक्षक के रैंक के स्टेशन हाउस ऑफिसर द्वारा किया जाता है। पुलिस थाना के भीतर दो विभाग हैं, जो कानून और व्यवस्था विभाग और अपराध जांच विभाग हैं, प्रत्येक का नेतृत्व एक पुलिस उप निरीक्षक करता है। थाना प्रभारी को पुलिस के उप निरीक्षक, पुलिस के सहायक उप निरीक्षक, वरिष्ठ नागरिक पुलिस अधिकारी, नागरिक पुलिस अधिकारी के पद के अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। ग्रामीण पुलिस जिलों के अलावा शहर के पुलिस जिले भी हैं। शहर के पुलिस जिलों का नेतृत्व एक पुलिस आयुक्त करता है। 6 पुलिस कमिश्नरेट हैं। कोच्चि सिटी पुलिस और तिरुवनंतपुरम सिटी पुलिस का नेतृत्व एक पुलिस आयुक्त करता है, जो पुलिस महानिरीक्षक के रैंक का होता है। कोझीकोड शहर पुलिस का नेतृत्व पुलिस उप महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी द्वारा किया जाता है। शहर के बाकी पुलिस जिलों का नेतृत्व पुलिस आयुक्त करते हैं जो पुलिस अधीक्षक के पद पर होते हैं।

एजन्सियां[संपादित करें]

केरल पुलिस की खास ईकाईयों में क्राईम ब्रांच, तट सुरक्षा बल, पर्यटन पुलिस, नारकोटिक्स पुलिस, महिला पुलिस, कोमाण्डो बल, सुरक्षा बटालियन तथा "ठंडरबोल्ट" शामिल हैं ।

विशेष उपलब्धियां[संपादित करें]

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन केरल पुलिस को देश का सर्वश्रेष्ठ बताया है ।[2] वर्ष 2021 में केरल पुलिस को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार प्राप्त हुआ ।[3]

विवादास्पद पहलू[संपादित करें]

केरल पुलिस के खिलाफ व्यापक अनियमितता व वर्वरता का आरोप दर्ज किए गए हैं ।[4] केरल पुलिस के खिलाफ दंगा रोकने में नाकामयाबी[5] व गुप्त सूचना पर कार्रवाई न करने का आरोप भी है ।[6]

ओड़ीशा के कवि तपन कुमार प्रधान अपनी किताबों में जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा in his books and social media posts has exposed serious loopholes in criminal investigation by Jammu and Kashmir police[7], खास कर हेमांगी शर्मा धोखाधड़ी मामले में ।[8]

See also[संपादित करें]

References[संपादित करें]

  1. "Kerala Budget Analysis 2021-2022" (PDF). prsindia.org. 2021. अभिगमन तिथि 15 January 2021.[मृत कड़ियाँ]
  2. "केरल पुलिस देश का सर्वश्रेष्ठ" (अंग्रेज़ी में). मलयाल मनोरमा. 2022-10-23. अभिगमन तिथि 2022-10-30.
  3. "केरल पुलिस को नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड". English Deepika (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-10-30.
  4. "पिनाराई सरकार के लिए केरल पुलिस एक समस्या क्यूँ है" (अंग्रेज़ी में). इंडिया टूड़े. अभिगमन तिथि 2021-11-30.
  5. "केरल पूलिस दंगा रोकने में नाकामयाब" (अंग्रेज़ी में). India Today. 2022-09-24. अभिगमन तिथि 2022-10-30.
  6. "गुप्त सूचना के बाबाजूद पुलिस की निष्क्रियता" (अंग्रेज़ी में). Malayala Manorama. 2022-07-06. अभिगमन तिथि 2022-10-30.
  7. प्रधान, ड़ा तपन कुमार (June 2019). आय, शी अँड द सी. नई दिल्ली: कोहिनूर बुकस. पृ॰ 217-228. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788194283591.
  8. मामला संख्या 166/DPTN/B5/17R तारीख 26 जुलाई 2017, केरल पुलिस, म्यूज़ियम, तिरुवनंतपुरम