उड़ान नियंत्रण पृष्ठ

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विमान के आधारभूत नियंत्रण पृष्ठ और उनकी गति। नियंत्रण छड़ी को बाएँ करने पर बाएँ पंख का ऐलेरॉन (सह पक्ष) ऊपर उठता है जबकि दायीं तरफ का ऐलेरॉन नीचे जाता है। इससे विमान का बायाँ पंख नीचे तथा दायाँ पंख ऊपर जाने लगता है। इसी तरह छड़ी (स्टिक) को आगे खींचने पर एलीवेटर ऊपर हो जाते हैं और विमान की 'नाक' ऊपर उठने लगती है। दाएँ तरफ की रडर-पेडल को दबाने से रडर दाएँ तरफ गति करता है जिससे विमान की 'नाक' दाएँ तरफ मुड़ने लगती है।

विमान के उड़ान नियंत्रण पृष्ठ विमान पर स्थित वे सतहें हैं जिनका कोण बदलकर विमान की गति के विभिन्न पहलुओं को बदला जाता है। उदाहरण के लिये, विमान की उंचाई बदलने या उसकी गति की दिशा बदलने के लिये उड़ान नियंत्रण पृष्ठों को घुमाकर उनका कोण बदला जाता है।

विमान की गतिकी को समझकर उसके आधार पर प्रमुख उड़ान नियंत्रण सतहों का विकास हुआ, जिससे विमान के विकास में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई। अचल पंख वाले विमान की डिजाइन के शुरुआती प्रयास विमान को जमीन से उठाने के लिए पर्याप्त बल उत्पन्न में सफल रहे, लेकिन एक बार ऊपर जाने के बाद, विमान को नियंत्रित करना सम्भव नहीं हो पाता था और प्रायः इसके विनाशकारी परिणाम देखने को मिले। इसके बाद उड़ान नियंत्रण सतहों की खोज हुई जिनका उपयोग करके विमान की गति का प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता मिली।

इस आलेख में पारम्परिक डिजाइन वाले अचल पंख ( फिक्स्ड-विंग) विमान पर उपयोग की जाने वाली नियंत्रण सतहों का वर्णन है। घूमने वले पंखों से युक्त विमान (रोटरी विंग एयरक्राफ्ट या हेलीकॉप्टर या ऑटोग्योरो ) के नियंत्रण के लिये अलग तरह की युक्ति का उपयोग किया जाता है।

उड़ान नियंत्रण सतहों को आवश्यकतानुसार विमान उड़ान नियंत्रण प्रणाली द्वारा चलाया जाता है। अमेरिका के राइट बन्धुओं ने सबसे पहली व्यावहारिक नियंत्रण सतह बनाने में सफलता पायी थी। उड़ान से सम्बन्धित उनके पेटेन्ट का मुख्य भाग उड़ान सतह के बारे में ही है।

बोइंग-727 के उड़ान नियंत्रण पृष्ठ

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]