सदस्य वार्ता:राठौड़ महेंद्र सिंह

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स्वागत!  नमस्कार राठौड़ महेंद्र सिंह जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 05:06, 24 जुलाई 2021 (UTC)[उत्तर दें]

लेख से सामग्री हटाने संबंधी।[संपादित करें]

राठौड़ महेंद्र सिंह जी, कृपया किसी भी लेख से सामग्री न हटायें, यदी उसमें कोई गलत जानकारी है तो इसके लिये पहले चर्चा करे। यदी और कोई जानकारी जोड़नी है तो ससन्दर्भ जोड़े। धन्यवाद। निलेश शुक्ला (वार्ता) 10:05, 27 जुलाई 2021 (UTC)[उत्तर दें]

विकिपीडिया पर आपका स्वागत है, प्रयोग के लिए धन्यवाद! बख्तावर सिंह पृष्ठ पर आपका प्रयोग सफल रहा, और अब इसे हटा दिया गया है। यदि आप और भी प्रयोग करना चाहते हैं, तो कृपया प्रयोगस्थल का उपयोग करें। विकिपीडिया के बारे में अधिक जानने के लिए स्वागत पृष्ठ देखें। धन्यवाद! MdsShakil (वार्ता) 11:55, 27 जुलाई 2021 (UTC)[उत्तर दें]

चौपाल चर्चा के लिये है लेख लिखने के लिये नहीं[संपादित करें]

@राठौड़ महेंद्र सिंह: जी, आप अमझेरा राज्य 1857 क्रांति में बख्तावर सिंह के साथ भीलों का बलिदान के बारे में लेख विकिपीडिया:चौपाल पर क्यों लिख रहे हैं? आप यह लेख पहले अपने सदस्य:राठौड़ महेंद्र सिंह/प्रयोगपृष्ठ पर बना लें अथवा इस नाम से लेख ही बन लें लेकिन यह चौपाल पर क्यों लिख रहे हैं? चौपाल सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के लिये है, लेख लिखने के लिये नहीं। चंद्र शेखर/Shekhar 07:40, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]

Sorry राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 07:54, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]

नौसखिया होने से क्षमा चाहूँगा ,कृपया उक्त लेख प्रकाशित करने हेतु मार्गदर्शन करें धन्यवाद राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 10:24, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
नौसिखिया होने पर सबसे पहले सदस्य स्वागत पृष्ठ पर नियमों को पढ़ना चाहिए। आप अपने स्वंय के पृष्ठ को पढें जहाँ कई सारी बाते लिखी हुई हैं जो नए सदस्यों का मार्ग दर्शन करती हैं। आप विकिपीडिया:स्वशिक्षा भी पढ सकते हैं। फ़िलहाल आपका लेख प्रकाशन योग्य नहीं है क्योंकि विकीपीडिया पर किसी व्यक्ति के खुद के लिखे मूल शोध प्रकाशित नहीं होते। आप के लेख में कोई संदर्भ और उद्दरण नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि जो भी लिखा है वो सच लिखा है। आप जिस विषय पर लिख रहे हैं वह उतना उल्लेखनीय भी नहीं है फिर भी इसे अगर छोड भी दिया जाए तो भी वहाँ लिखी बातें किसी इन्साइक्लोपीडिया के लायक नहीं है। आप १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम यह लेख देखें और समझें की इतिहास के विषयों पर लेख कैसे लिखा जाता है। कैसे उसे विभिन्न पठनीय अनुभागों में बाँटा जाता है और कैसे हर लिखे वाक्य को विश्वसनीय संदर्भों द्वारा साबित किया जाता है। यह लेख पूर्ण तो नहीं है फिर भी शुरुवात में समझने के लिए बहुत है। आपका लेख तो पढा भी नहीं जा रहा। क्षमा कीजिएगा लेकिन आपने यहाँ अपने लेख में खिचड़ी पका दी है, जैसे अपनी डायरी लिख रहे हों। कुछ भी समझ में नही आ रहा और एक दो पंक्तियाँ पढने के बाद पढने का मन भी नहीं कर रहा है।--चंद्र शेखर/Shekhar 10:48, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]

नमस्कार, अमझेरा राज्य१८५७ को विकिपीडिया पर पृष्ठ हटाने की नीति के अंतर्गत हटाने हेतु चर्चा के लिये नामांकित किया गया है। इस बारे में चर्चा विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/अमझेरा राज्य१८५७ पर हो रही है। इस चर्चा में भाग लेने के लिये आपका स्वागत है।

नामांकनकर्ता ने नामांकन करते समय निम्न कारण प्रदान किया है:

मूल शोध

कृपया इस नामांकन का उत्तर चर्चा पृष्ठ पर ही दें।

चर्चा के दौरान आप पृष्ठ में सुधार कर सकते हैं ताकि वह विकिपीडिया की नीतियों पर खरा उतरे। परंतु जब तक चर्चा जारी है, कृपया पृष्ठ से नामांकन साँचा ना हटाएँ।चंद्र शेखर/Shekhar 10:37, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]

महोदय,उक्त लेख की सामग्री भाट, बड़वाजी,बारोट आदि की पोथियों से संकलित है,ये सदियों से राजवंशो की गतिविधियों का लेखन कार्य करते है,तथा इन लिखतम की पोथिया सदियों पुरानी होती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इन भाटो की संतानों के पास रहती है ठीक उसी तरह से जैसे हरिद्वार के पंडो के पास हमार पुरखो का रिकार्ड रहता है,इन पोथियों में सीधा सीधा घटना क्रम बगैर किसी छंद अलंकार के दर्ज रहता है,जिसमे रोचकता का अभाव रहता है। अमरसिंह की गतिविधियों को महू कंटोलमेंट एडवोकेट से लिया है जिसके रिफ्रेंस भी दिया गया है, साथ ही 1857 के समय मध्य भारत मे स्थित विभिन्न छोटी रियासतों के नियुक्त वकीलों के द्वारा अपनी रियासतों को पत्राचार के माध्यम से दी गई रिपोर्ट से प्राप्त विवरण है,उस समय सीतामऊ के वकील वजीरबेग,रतलाम के वकील कालूराम,भोपावर के वकील नारायण राव थे,उस समय इनके द्वारा लिखे पत्र,मध्यप्रदेश के सबसे विख्यात नटनागर शोध संस्थान की लाइब्रेरी में है, ओर महू कंटोलमेंट की लाइब्रेरी में अमरसिंग के खिलाफ चले प्रकरण का रिकार्ड है। राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 12:45, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]

सदस्य:राठौड़ महेंद्र सिंह जी, आप जो भी संदर्भ अभी बता रहे हैं उन्हें {{cite}} का प्रयोग कर के लेख में दें। आप जो भी संदर्भ दे रहे हैं वो प्रमाणित होने चाहिए। क्या इन पर कोई पुस्तक छपी है, आप उसके आईएसबीएन संख्या का उल्लेख करते हुए संदर्भ दें {{cite book}} का उपयोग कर के। महू कंटोलमेंट एडवोकेट क्या है, इसे कैसे कहाँ पढा जाए? इसका आईएसबीएन नम्बर लेख में दें। हरिद्वार के पंडों के पास जो रिकॉर्ड रहता है वो प्रमाणित नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह किसी भी संस्था द्वारा प्रमाणित नहीं है, अगर है तो उसका लाइसेंस या प्रकाशन संख्या का उल्लेख करें। कई पंडो के पास कई रिकॉर्ड होंगे। कौन सा सही हैं? इसी प्रकार भाट, बड़वाजी,बारोट आदि की पोथियाँ प्रमाणिक तब तक नहीं मानी जाएँगी जब तक उन्हें किसी स्थापित डिग्रीधारी इतिहासकार द्वारा सच्चाई और सबूतों की कसौटी पर तौला ना जाए। इन पोथियों कि अगर कोई पुस्तक छपी है तो उसका आईएसबीएन सँख्या दें। अन्यथा आप का लेख किसी पोथी के जैसा ही है, प्रमाणिक इतिहास नहीं। विकिपीडिया पर सिर्फ़ प्रमाणिक बातें ही प्रकाशित करने की अनुमति हैं। --चंद्र शेखर/Shekhar 13:03, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
कृप्या इस चर्चा का उत्तर यहाँ नहीं बल्कि लेख के हहेच पृष्ठ पर ही दें। मैंने यह चर्चा वहाँ डाल दी है।--चंद्र शेखर/Shekhar 13:10, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
कंटोलमेंट एडवोकेट ब्रिटिश गोर्वमेन्ट द्वारा  1900 से1936 के लगभग अम्बाला से प्रकाशित होंनेवाली पत्रिका थी,जिसमे ब्रटिश सरकार के जटिल केसों का विवरण रहता था, देश के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ रघुवीर सिंह द्वारा प्रकाशित वजीरबेग के पत्रों का संकलन,मेहरानगढ़ शोध संस्थान जोधपुर से प्रकाशित पुस्तको में विवरण दर्ज है, अमझेरा राज का व्रहद्र इतिहास लेखक डॉ रघुनाथ सिंह आदि है राठौड़ महेंद्र सिंह (वार्ता) 13:34, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]
इन सबको अब कैसे पढा जाए? कृप्या इनका प्रकाशक और आईएसबीएन नम्बर प्रदान करें और अपने लेख में भी डालें। इस चर्चा का हहेच पृष्ठ पर ही जवाब दे। चंद्र शेखर/Shekhar 14:24, 23 नवम्बर 2021 (UTC)[उत्तर दें]