सदस्य वार्ता:पूर्णिमा वर्मन/पुरालेख04

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आपने मलेरिया लेख पर काम किया है, तो आपको इसका पर्याप्त होगा| यह जानकर एक सु़झाव देता हूं। यदि हम मलेरिया संबंधित लेखों को एक सांचे में डालकर उस सांचे को उन सभी लेखों में यथा स्थान डाल दें, तो उपयुक्त होगा। इसके लिये मु़झे मलेरिया संबंधी लेखों की सूची चाहिये होगी, क्योंकि में काफी लेख हैं, जो मु़झे नहीं लगता सभी उस सांचे के लिये आवश्यक होंगे, तथा इतने लेख आ भी नहीं सकते हैं| कृपया बतायें, शीघ्रातिशीघ्र। यही सुझाव मैंने मुनीता जी को भी दिया है।--आशीष भटनागरसंदेश ०५:५०, २४ अगस्त २००८ (UTC)

अशीष मैंने मलेरिया पर काम नहीं किया है। यह लेख मेरे लिए बहुत मुश्किल सा है। मालूम नहीं साँचे में क्या रखा जाए क्या नहीं। इस पर काम करने वाले दो प्रमुख लोग हैं- दाढ़ीकेश और अभिमन्यु। हाँ मुनिता ने सब लाल कड़ीयाँ नीली की हैं। शायद वे बता सकती हैं।--पूर्णिमा वर्मन ०९:४१, २४ अगस्त २००८ (UTC)

मेरी वार्ता देखें[संपादित करें]

नमस्कार, कृपया मेरी वार्ता के अंत में देखें।--आशीष भटनागरसंदेश १५:०२, २५ अगस्त २००८ (UTC)

नमस्कार ! कोई अन्य लेख जिसे आप चाहें, कि वह अनुवाद हो, या बने, या आपके द्वारा निर्माणाधीन किसी लेख का सहायक लेख हो, तो कृपया बतायें| अबी मेरे पास कोई निश्चित लेख नहीं है, वर्ना मैं विश्व धरोहर स्थलों को ही अनुवाद करूंगा, जो कि कबी मैंने ही अंग्रेज्क्षी से हिंदी में अनानुवादित डाले थे| किसी लेख की कड्क्षियां नीली करने हतु, कापी पहले| अब वे श्रेणी:अनुवाद में मिलते हैं| तो कृपया बतायें, जैसे आपने देहरादून के समय बताया था| हां, दूसरा पॉइंट यह है, कि देहरादून कब निर्वाचित होगा? अगस्त तो सारा निकल गया है?

मैंने साँचा:निर्वाचित लेख का स्रोत देखा, उसमें श्रेणी:निर्वाचित लेख भी होना चाहिये, जिससे कि जैसे ही किसी लेख को निर्वाचित किया जाये, वह स्वतः ही उस श्रेणी में चला जाये। सही लगे तो कृपया
यह अंश भी इस साँचे में डाल दें।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:००, २६ अगस्त २००८ (UTC)

आप ठीक कह रहे हैं। अभी डाल देती हूँ--पूर्णिमा वर्मन १४:०५, २६ अगस्त २००८ (UTC)

नमस्कार ! आपने प्राणायाम लेख को विकिफाई का टैग दिया था| कृपया देखें, प्रयास कर विकिफाई किया है| सही लगे, तो अब टैग हटा सकते हैं।--आशीष भटनागरसंदेश १८:५१, २९ अगस्त २००८ (UTC)

आशीष आपने ले-आउट तो ठीक किया है लेकिन हर पंक्ति में कम से कम वर्तनी की दो गलतियाँ हैं। इतनी गलतियाँ तो नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसमें पता नहीं चलता कि यह कौन सी प्राणायाम पद्धति हैं। कहीं कोई तथ्य नहीं है। कहीं कोई प्रमाण नहीं है। बहुत सी बातें गलत मालूम होती हैं। शायद यह मनगढन्त है। या फिर जिसने लिखा है उसे ठीक से बताना नहीं आता। मैं दो दिन बहुत व्यस्त हूँ टैग इसलिए लगाया कि समय मिलने पर ढूँढने में आसानी हो।--पूर्णिमा वर्मन १९:११, २९ अगस्त २००८ (UTC)
असल में मैंने वह पाठ तो पढ़ा नहीं था, केवल उसे विकी के फॉर्मैट में बदल दिया था। शायद उसे ही विकिफाई करना कहते हैं। तो उसके बाद सांचा हटा सकते हैं। उसकी व्याकरण, वर्तनी इत्यादि की गलतियां तो अभी वैसी ही हैं। हो सकता है, कि किसी लेख का सहायक लेख हो, और किसी ने ३-५ वाक्य डाल करे सास्धारण लेख बनाने के बजाय, कहीं से ढूंढ कर नकल किया हो। हॉनेस्टली कहूं, तो कुछ बार मैंने भी ऐसा किया है, कारण समय अभाव, सहायक लेख बनाने की जलदी, व एक अच्छी लम्बाई का पाठ, बन पाये। खैर। समय मिलने पर ठीक हो जायेगा। और कोई लेख के सहायक लेख बनाने हों, तो बताइये गा।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:०९, ३० अगस्त २००८ (UTC)
तीन लाल लिंक अभी देहरादून जिला में हैं। मन करे और मैटर मिल जाए तो बना देना।--पूर्णिमा वर्मन १८:२८, ३० अगस्त २००८ (UTC)

क्या आप जानते हैं[संपादित करें]

Updated DYK query आपके द्वारा सुझाए गए लेख गुड़हल के तथ्य को क्या आप जानते हैं? मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते हैं?" संवाद पृष्ठ पर सुझाएँ।

--सुमित सिन्हावार्ता १०:४९, ३१ अगस्त २००८ (UTC)

Updated DYK query आपके द्वारा लिखें गए या काफी सुधारे गए लेख गुड़हल के तथ्य को क्या आप जानते हैं? में ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल में बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते हैं?" संवाद पृष्ठ पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १०:५४, ३१ अगस्त २००८ (UTC)

बधाइयां[संपादित करें]

नमस्कार ! देहरादून जिला के निर्वाचन की बधाइयां| अन्ततः बन ही गया| देखकर सही में शिवालिक की दून घाटी की ठंडी हवाएं मिलीं। दूसरा, मैंने आज कई चित्र अपलोड किये हैं। देखें कि कोई निर्वाचन योग्य है क्या? एक तो मैंने निर्वाचित तस्वीर सितंबर २००८ भी डाली है। सही लगे तो रखें, या बदल दें। लेख बदलने पर, केवल चित्र का स्थान ही खाली लगने पर अखर रहा है।बाखी आप जैसा ठीक समझें।--आशीष भटनागरसंदेश ०३:१७, १ सितंबर २००८ (UTC)

सारे सहयोग के लिए धन्यवाद आशीष, आप काफ़ी काम कर रहे हैं, जिसकी हमें ज़रूरत भी है। निर्वाचित तस्वीर के कुछ मानदंड हैं। एक तो हिन्दी विकि पर कोई फ़ोटोग्राफ़र नहीं हैं दूसरे फ़ोटो के समीक्षक भी नहीं हैं। इसलिए मैं सीधे विकिमीडिया कामंस से उनकी रोज़ चुनी गई तस्वीरों में से कोई एक चुन लेती हूँ। तस्वीर चुनते समय यह भी ध्यान में रखना होता है कि वह हिन्दी पाठकों की रुचि की हो और उसके विषय में हिन्दी में कम से कम एक छोटा पर रोचक लेख ज़रूर हो। तस्वीर मैंने रात में ही फ़िट कर दी थी लेकिन मैंने जो पन्ना बनाया था उसमें सितम्बर लिखा था और जो टेक्स्ट प्रदर्शित हुआ उसमें सितंबर तो तस्वीर प्रदर्शित नहीं हुई मैंने उसे ठीक कर दिया है। देहरादून वाले लेख में आपकी बहुत मेहनत थी। बिना आपके सहयोग के उसका पूरा होना संभव नहीं था। अभी भी कुछ कमियाँ पर उन्हें एक दो दिन में दूर कर दूँगी। आशा है मुनिता की मेहनत से अगला लेख मलेरिया चुना जा सकेगा।--पूर्णिमा वर्मन ०६:३६, १ सितंबर २००८ (UTC)

न्यू आर्लीन्स[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,
न्यू आर्लीन्स नाम का लेख पहले से है. समाचार की कड़ी लाल है. कृपया सुधार लीजिए. --Munita Prasad १०:१७, ३ सितंबर २००८ (UTC)

समाचार डालें[संपादित करें]

चित्र:Asif ali zardari.PNG
चित्र:Bush manmohan.jpg

पूर्णिमा जी,
मुखपृष्ट पर समाचार, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) को कृपया नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह लिखें. यह लेख है. --Munita Prasad १४:१४, ७ सितंबर २००८ (UTC)

  • Currently 90.60% of the MediaWiki messages and 80.00% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १९:१८, ८ सितंबर २००८ (UTC)
  • Currently 86.70% of the MediaWiki messages and 86.70% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १२:०१, १२ अक्टूबर २००८ (UTC)
  • Currently 86.29% of the MediaWiki messages and 62.20% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १०:२९, १० नवम्बर २००८ (UTC)
  • Currently 84.58% of the MediaWiki messages and 59.36% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १२:२०, १४ दिसम्बर २००८ (UTC)
  • Currently 83.72% of the MediaWiki messages and 58.79% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १२:००, १० जनवरी २००९ (UTC)
PS Please help us complete the most wanted messages..

नमस्कार! कृपया अपना नाम पृष्ठ देखें।कुछ सम्पादन किया है, व सुधार अपेक्षित है, अर्थात आप बता दें, डाल मैं स्वयं दूंगा।

पूर्णिमा जी, आपको जयजयवंती पुरस्कार मिलने की लाखों बधाइयाँ । इश्वर से प्रार्थना है कि आपका स्वास्थ्य और चित्त दुरुस्त रहे और आप सदैव की भांति हिन्दी को अपना योगदान देती रहें । --अमित प्रभाकर ०४:०६, १३ सितंबर २००८ (UTC)

एडिट टूलबार[संपादित करें]

मैं संपादन कर रहीं हुं तो एडिट टूलबार पूरा नहीं आ रहा है. सिर्फ 11 टैब आ रहैं हैं. मैं मुलतः विज्ञान के विषयों में संपादन करती हुं. मुझे समस्या हो रही हैं. कृपया कुछ सुझाव दे. --Munita Prasad ०८:२७, १४ सितंबर २००८ (UTC)

नमस्कार[संपादित करें]

नमस्कार पूर्णिमा जी! मुझे यह बात तो अवश्य पता थी, कि हमें अपने ही पन्ने सजाते रहना सही नहीं है। किन्तु एक बात साथ ही साथ अस्तित्व रखती है। मैं यदि आई एन ए कालोनी या भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण या किसी उस विमानक्षेत्र का पृष्ठ बनाऊं, जिस पर मेरी तैनाती हो, तो क्या यह सोचकर रुक जाऊं, कि य्स मेरी ही तो आवासीय कालोनी है, या मेरा ही तो कार्यालय है,क्या यह मेरे साथ साथ राष्ट्र या पूरे विश्व की सम्पत्ति नहीं है? इसी प्रकार यदि एक व्यक्ति विकि से जुड़ा हो, तो क्या उसका दूसरा अपने आप में एक पूर्ण व्यक्तित्व नकार दिया जायेगा? नहीं ना। फिर यदि उस लेखिका/कवियित्री के अस्तित्व से आप का वीश्वकोष पर अधिकार बनता है, तो क्या उसे विश्वकोष के स्तर का बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिये, मात्र इसलिये कि वह व्यक्ति विकि से भी जुड़ा हो। अधिक से अधिक यह हो सकता है, कि आप अपनी गरिमा रखने हेतु, स्वयं ना बनायें (हां सुधार अवश्य करें, अपनी नहीं, विश्वकोष की खातिर) कोई अन्य ही बनाये। तो फिर यदि हम मुंशी प्रेमचंद के लेख में सांचे डाल सकते हैं, तो उस लेख में क्यों नहीं, जिसकी चर्चा हो रही है?
बहुत छोटा मुंह और बड़ी बात वाली धृष्टता हेतु क्षमाप्रार्थी हूं, परन्तु शायद इतना तो अधिकार रखता ही हूं। और हां , अब यह तिओ शायद नहीं कहेंगी, कि आपकी मुंशी प्रेमचंद जी से तुलना करी है... क्योंकि मैंने केवल एक लेख/विषय की दूसरे लेख/विषय से ही तुलना की है। जितना उस लेख का, उतना ही इस लेख का विश्वकोष पर अधिकार है। यदि मेरी सोच-समझ में कोई भी गलती हो, तो अवश्य बतायें। मेरी वार्ता प्रतीक्षारत है.....--आशीष भटनागरसंदेश १४:४२, १४ सितंबर २००८ (UTC)
अरे यह बात इतनी बड़ी नहीं है। पर हां, अभी मैंने आपके उत्तर को पढ़कर समाचार पृष्ठ देखा, फिर आपके नाम का लेख वाला देखा, आपने तो सचमुच ही हटा दिया है, वह सांचा। परन्तु आपके उत्तर के बाद, क्या हम उसे वापस लगा सकते हैं? प्रतीक्षारत..--आशीष भटनागरसंदेश १५:०२, १४ सितंबर २००८ (UTC)
आपका कहना सिर आंखों पर, परन्तु दस साल बाद यदि मुझे समय ना मिला, तो फिर मेरी गलती नहीं होगी...अभी से बता रहा हूं, हां आप याद दिलायेंगीं नहीं। तब तो यही होगा, कि कोई म्नेरे जैसा मैं भी तैयार कर लूं (तब तक) जो (भगवान करे) मुझ से इस ही प्रकार सांचा डालने के लिये अनुरोध करे, तो मैं उससे कहूंगा कि तुम पूर्णिमा जी के पृष्ठ पर डाल दो, मेरा नम्बर तो दस साल बाद (शायद ) आयेगा... । तो आप की बात मानकर (माननी तो वैसे भी थी ही) मैं उस सांचे को वापस उस पृष्ठ पर रखकर उसमें <noinclude> </noinclude> लगा देता हूं, जिससे यह वहीं सुरक्षित रहे, परन्तु दिखे ना। सही है ना...या उस पृष्ठ के संवाद में डाल दूं?--आशीष भटनागरसंदेश १५:१५, १४ सितंबर २००८ (UTC)

मैंने सूक्ष्मजैविकी पर पृष्ठ बनाया है। समय मिलने पर कृपया देखें। कड़ियां बनाने का प्रयासरत हूं। शायद मुनिता कुछ सहायता कर पायें। आप भाषा देख लें। रुचि की सहायता से अनुवाद किया है अंग्रेज़ी लेख का। इससे सारे सन्दर्भ भी मिल गये, जिन्हें पूर्णतया अनुवादित कर दिया है। बाकी मैं देखता हूं, उसकी कड़ियों के बारे मे, हालांकि वे अत्यधिक संख्या में हैं। --आशीष भटनागरसंदेश १५:४०, १४ सितंबर २००८ (UTC)

पूर्णिमाजी नमस्ते, आशा है आप ठीक होंगी । आपने समाचारो से एक समाचार निकाल दिया है,,,,ठीक है । आप निश्चय ही अधिक जानकारी रखती है । अपने पर भी सभी का कोपी राइट होता है । लेकिन पूर्णिमाजी आपनो वह जयजवंती सम्मान हिन्दी भाषा के योगदान हेतु हिन्दी के एक प्रमुख साहित्यिक मंच द्वारा मिला था । यह घटना ना वेवल आपसे सम्बन्धित थी वरन यह हिन्दी जगत के इन्टर्नेट पर फैलते जगत को भी प्रदर्शित करती है । यह मात्र सौभाग्य है कि जिस व्यक्ति को यह सम्मान मिला है वह विकि पर भी लिखता है । पूर्णिमा जी हम सब हिन्दी के उपासक है । हमारा व्यक्तिगत रूप मे कोई सम्बन्ध नही । नेट प्रसार का भी साधन है कल जयजयवंती समान पर आलेख बनेगा तो क्या आप उसे भी ------- । हमे पुरस्कार का समान करना चाहिए साथ ही पुरस्कृत व्यक्ती का भी । आशा है आप मेरा मर्म समझ गई होगीं । दुसरे पाठको को भी पुरा अधिकार है कि हिन्दी विश्व जगत मैं क्या चल रहा है । यह ना केवल हिन्दी के हित में है वरन ये हिन्दी के इन्टर्नेट पर फैलते साम्राज्य ले लिए भी उचित है । --राजीवमास ०८:३२, १५ सितंबर २००८ (UTC)
पूर्णिमा जी,
नमस्ते,
मेरी तरफ से भी आपको जयजवंती सम्मान मिलने की बधाई.
--Munita Prasad १२:०५, १६ सितंबर २००८ (UTC)

पूर्णिमा जी,
क्या आप जानते हैं में जीवाणु का प्रयोग करने के लिए धन्यवाद. फिलहाल मैं इसी पर काम कर रहीं हुं. आप को समय मिले तो देख लीजियेगा.
--Munita Prasad १०:०५, १७ सितंबर २००८ (UTC)


Purnima ji,

I recently got in touch with owner of a website when I got to know about an article being plagiarized & images being hotlinked from Nirantar.org. I discovered that he has been spamming like hell on all Hindi blogs. He maintains in his answer that he is doing a "sewa" of Hindi but is a habitual spammer. He recently also spammed Nirantar webzine & Chitthakar mailing list.

I have noted that he is adding spam links to Wikipedia as well for his websites http://hindinet.tk, http://www.pustak.tk and http://hindiinternet.blogspot.com (I can't even list all these domains as there are hundreds of them, as .tk domains are free, see हिन्दी इन्टरनेट for the complete list, also see its talk page) all of which redirect to http://hindiinternet.blogspot.com, from IP address 220.225.137.244 or User ID सदस्य:Khetesh.

Can you or any other admin please warn or block him (if appropriate)? --देबाशीष ०८:३४, १९ सितंबर २००८ (UTC)

बुंदेलखंड[संपादित करें]

नमस्कारफ पुर्णिमा जी! वो विदिशा व बुंदेलखंड के पृष्ठ मैंने बनाये थे, व मैं उनपर काम कर रहा था। पहले मैंने विदिशा को सुधारा। सांचे बनाये। जब बुंदेलखंड पर पहुंचा, तो आपका संदेश देखा। क्या मैं उसे छोड़ दूं? और वे पूरा कर लेंगे, या फिर मैं करूं, दोनो एकसाथ तो सही नहीं रहेगा। कॉन्फ्लिक्ट होगा।--आशीष भटनागरसंदेश १२:५८, २३ सितंबर २००८ (UTC)

बुंदेलखंड[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, कृपया आशीष जी को सूचित करें कि मैं बुंदेलखंड के पन्‍नों पर काम कर रहा हूं. मेरा अनुरोध है कि उन्‍हें कुछ जोड़ना हो तो एक बार मुझे अवश्‍य अवगत कराएं. विदिशा के पन्‍ने पर वे काम कर सकते हैं, मैं वहां कुछ नही कर रहा. मेरा मानना है कि ऐसा करने से कई अनावश्‍यक त्रुटियों को टाला जा सकेगा. मैं इस क्षेत्र से होने के कारण थोड़ी जानकारी तो रखता ही हूं. आपके सहयोग एवं मार्गदर्शन का शुक्रिया. --संजय १०:४४, २४ सितंबर २००८ (UTC)

क्या आप...[संपादित करें]

Updated DYK query आपके द्वारा लिखे गए या काफी सुधारे गए लेख राष्ट्रपति भवन के तथ्य को क्या आप जानते है ? मे ३१ अगस्त, २००८ को प्रदर्शित किया गया। अगर आपको हाल मे बदले गए किसी लेख से कोई रोचक तथ्य पता है तो कृपया उसे "क्या आप जानते है?" संवाद पृष्ठ पर सुझाए।

--सुमित सिन्हावार्ता १२:४९, २४ सितंबर २००८ (UTC)

विदिशा लेख पूर्णता को अग्रसर है। क्या हम उसे निर्वाचन श्रेणी में ला सकते हैं? या कुछ खास आवश्यक हो तो बतायें? उसके कई सहायक लेख, भारे पूरे बने हुए हैं। जिन्हें मुख्य लेख के रूप में दिखाया ग्या है। म्साथ ही एक सांचा, खूब समर्थन करता है, विदिशा का। कुछ चित्र भी जुटा लिये हैं। देखें या रैफर करें।--आशीष भटनागरसंदेश ०४:३७, २५ सितंबर २००८ (UTC)

साँचों के रंग[संपादित करें]

मैंने कई सांचों को एक ही रंग का बना दिया है, एकरुपता के लिये, जैसा आपने विदिशा के लिये कहा था। देखें, खासकर दिल्ली के नीचले भाग में। आगे से ध्यान रखूंगा, कि हरेक साँचा ऐसा ही बने।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:१३, २७ सितंबर २००८ (UTC)

इस लेख में कुछ सुधार किये हैं, जिससे कि यह पढ़ने योग्य हो गया है। हां अनुवाद बाकी है। कर दूंगा। इक बहुत बड़ी गलती पकड़ी गयी। मुनिता जी ने साँचा:sortname में साँचा:delete डाल रखा था। इसीलिये, शायद आपने देखा हो, डिलीट का पाठ आ रहा था। बड़ी मुश्किल से ही सही पर गलती मिली। और सुधारी। आधा घंटा लग गया। बाकी भी परसों तक शायद अनुवाद हो पाये। एक बात बताइये? यह आप किस लेख को बनायें, कैसे चयन करतीं हैं? जो भी हो, होता बहुत अच्छा है।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:५२, २७ सितंबर २००८ (UTC)

बहुत बहुत धन्यवाद आशीष, मेरे विचार से सभी ऐसे संवेदनात्मक साँचों को सुरक्षित कर देना चाहिए। ताकि उसको ठीक करने में समय न लगाना पड़े। नए लेख चुनने का कोई खास नियम तो नहीं है। बस जो अच्छा लगा वह चुन लिया। यह लेख विजय माल्या का परिचय बनाते समय मिला था तो रोचक लगा। --पूर्णिमा वर्मन १४:५७, २७ सितंबर २००८ (UTC)

1000 वां संपादन[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,
मैं अपना 1,000 वा संपादन आपको लिख कर रही हुं. आपकी वार्ता पृष्ट पर अंतिम संपादन में आशीष जी ने मेरी एक गलती का जिक्र आपसे किया है. उसके बारे में मैं अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहती हुं. वो गलती मुझसे अनजाने में हुई, और उसका मुझे अफसोस है. --Munita Prasad १०:०६, २८ सितंबर २००८ (UTC)

पूर्णिमा जी,
श्रेणी:पशु विज्ञान को कृपया मिटा दिजिए एंव मुखपृष्ट से भी हटा दिजिए, उसमें कोई लेख नहीं है. उसके स्थान पर श्रेणी:प्राणी विज्ञान को ला दिजिए, मुखपृष्ट पर भी.
--Munita Prasad ०१:०२, २९ सितंबर २००८ (UTC)

मुनिता, आपको १००० संपादन के लिए बधाई। आप अच्छा काम कर रही हैं। हम गलतियों से सीखते हैं। पशु विज्ञान को हटा दिया है। कुछ बातों का ध्यान रखें-
  • किसी भी साँचे को कभी भी खोलें नहीं।
  • प्राणि विज्ञान लिखते समय ध्यान रखें कि प्राणी शब्द अकेले लिखा जाता है तो उसकी वर्तनी प्राणी होती है लेकिन किसी दूसरे के साथ मिलाकर प्राणि विज्ञान या प्राणि वैज्ञानिक इस प्रकार लिखते हैं। आप ठीक से देख लें जहाँ जहाँ प्राणी विज्ञान लिखा है उसको ठीक कर के प्राणि विज्ञान कर दें।
  • हूँ सही है और हुं गलत, एवं सही है एंव गलत, इसी प्रकार मुखपृष्ठ की सही वर्तनी याद रखें आगे से मुखपृष्ट न लिखें। जिस विषय की वर्तनी में संदेह है उसको शब्दकोश में देखकर सही वर्तनी लिखें। क्यों कि बहुत सारी गलतियाँ हो गईं तो हिंदी विकि को सुधारना मुश्किल हो जाएगा। हम सब काम करें पर मिलकर अच्छा काम करें वह भी ज़रूरी है। आशा है आप इन बातों का बुरा नहीं मानेंगी और विकि पर काम करना जारी रखेंगी।--पूर्णिमा वर्मन ०५:०३, २९ सितंबर २००८ (UTC)

लेखों से छेडछाड[संपादित करें]

पूर्णिमा जी एक बेनाम सदस्य अनावश्यक रूप से लेखों से छेडछाड कर रहे है। कृपया उन्हें रोकिये। यह गलत है। धन्यवाद। --संजय करीर बातचीत ````


पूर्णिमा जी,
कृपया मेरी वार्ता पृष्ठ को सुरक्षित कर दिजिए. कारण वही है जो करीर महोदय ने लिखा है.
--Munita Prasad ०४:४६, ३० सितंबर २००८ (UTC)

मुनीता जी की वार्ता सुरक्षित कर दी गई हैं --राजीवमास ०५:२०, ३० सितंबर २००८ (UTC)

निर्वाचित लेख[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,
नमस्कार, इस महिने क्या कोई लेख निर्वाचित लेख बन कर मुखपृष्ठ पर नहीं आएगा? मलेरिया तो बन कर तैयार है. मैंने राजीव जी से भी पुछा था. उन्होंने आपसे पूछने के लिए कहा. --Munita Prasad १६:४४, १ अक्टूबर २००८ (UTC)

सोचती हूँ कि हम दो महीने पर लेख बदलें तो ठीक है। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था। मलेरिया में भी अभी १०-१२ लिंक बाकी है नीले होने को। एक दो बच जाएँ तो कोई बात नहीं पर १०-१२ तो काफ़ी हैं। ऐसा दो लेखों में है जो साँचों की तरह मलेरिया से जुड़े हैं ये उसी पन्ने पर दिखते हैं। मैं इन दोनों पन्नों को मलेरिया के मुख्य पन्ने से अलग कर रही हूँ। ताकि मलेरिया पर लाल कड़ियाँ न दिखें। कुछ और भी बातें हैं जैसे मलेरिया पर ढेरों अंग्रेज़ी संदर्भ लगे हैं मैंने देखा है कि उसमें से कम से कम १० हिन्दी में होंगे हमें वे बदल कर हिन्दी कर देने चाहिए ऐसे बहुत से काम बाकी हैं। जो मुझे लगता है कि इसको निर्वाचित करने से पहले कर देने चाहिए। बाद में ध्यान नहीं जाता। सब साँचों को एक नीले रंग में भी करना चाहिए बाह्य सूत्र के साँचे को दिखाएँ छुपाएँ जैसा बना सकते हैं। पर उसमें बहुत से रंग न हों।--पूर्णिमा वर्मन ०६:३७, २ अक्टूबर २००८ (UTC)

पूर्णिमा जी,
नमस्कार, धन्यवाद, इतने विस्तार से चर्चा करने के लिए. एक बात कहना चाहती हुं, जरुरी नहीं है कि आप माने पर मेरी किसी जिज्ञासा का उत्तर अगर मेरी ही वार्ता पृष्ठ पर दें तो मुझे सुविधा होगी, क्योंकि आप ने जबाब दिया है कि नहीं जानने के लिए बार-बार आपकी वार्ता पृष्ठ को देखना पड़ता है. मेरी वार्ता पृष्ठ पर बदलाव होंने पर संदेश फ्लैस होता है और पता चल जाता है. --Munita Prasad ०७:११, २ अक्टूबर २००८ (UTC)

पूर्णिमा जी,
मलेरिया की सभी कड़िया नीली हों गईं. मैं जानती हुं, आप इसको लगातार अवलोकन कर रहीं हैं, आज आपने मलेरिया में काफी काम भी किया. --Munita Prasad १८:१२, २ अक्टूबर २००८ (UTC)

नमस्कार!

  • मैंने नवरात्रि पर विशेष (वैसे कोई बड़ी बात नहीं) देवी के नौओं रूपों के लेख बनाएं हैं, साँचों सहित। चित्र भी ढूंढ लिये।
  • दूसरा, मैंने एक दिल्ली के सड़क मार्गों के लिए सुमित से सांचा बनाने का निवेदन किया था। पर शायद किसी कारण बन नहीं पाया। खैर, मैंने स्वयं ही बनाने का प्रयास किया है। काफी बडआ था, तो अभी ऐल्फा वर्ज़न ही निकाला है। आप देखें जनपथ नया प्रयोग। मूल लेख जनपथ नहीं छेड़ा है। इस साँचे से (साँचा:ज्ञानसन्दूक सड़क) हमें ज्ञानसन्दूक तो मिलता ही है, साथ ही एक काम चलाउ लेख भी बन जाता है। बाद में यदि कोई कुछ जड़ना चाहे, तो उसका भी प्रावधान रख सकते हैं। पहले आप प्रयास कैसा है, यह बताएं।
  • तीसरा, मैंने मुनिता जी की एक भूल, जो शायद अनजाने मे ही हुई होगी, आपसे बताई थी। मेरा उद्देश्य मात्रआपको यह बताना था, कि किस कारण वह पृष्ठ सही नहीं दिख रहा है। खासकर ऐसे लोगों की हमें बहुत आवश्यकता है, जो इतनी लगन से कार्यरत हों; ना कि किसी की गलती बताना। फि भी मैं उन्हें इस तथ्य से अवगत करा दूंगा।

धन्यवाद:--आशीष भटनागरसंदेश ०७:४८, ३ अक्टूबर २००८ (UTC)

नवदुर्गा पर अच्छा काम हुआ है बधाई। पर जहाँ जहाँ हमें ऐसा करना चाहिए आदि है वहाँ पर भक्त को ऐसा करने के नियम हैं। इस प्रकार बदलना चाहिए और यह नियम कहाँ लिखे गए हैं उसका संदर्भ देना चाहिए। साँचे में mount की हिन्दी वाहन होनी चाहिए। यहाँ पर texts की शास्त्र या ग्रंथ होनी चाहिए। text शब्द अकेला है तो पाठ और किसी के साथ है जैसे text book तब पाठ्य पुस्तक इस प्रकार प्रयोग होता है। दो 'ठ' या एक साथ प्रयोग नहीं होते हैं। पहले ट फिर ठ का प्रयोग होता है जैसे चिट्ठी, गट्ठर इत्यादि। इसको ध्यान में रखते हुए अट्ठारह सिद्धियाँ इस प्रकार प्रयोग करना चाहिए। बहुवचन में जहाँ अनुनासिक का प्रयोग हो जैसे सिद्धियाँ में वहाँ बिन्दी के स्थान पर चन्द्रबिन्दु का प्रयोग करना चाहिए। कहाँ जहाँ यहाँ वहाँ आदि सभी स्थानों पर चन्द्र बिन्दु का प्रयोग करना चाहिए। यह नियम हमने सही लेखन वाले पृष्ठ पर लिखे हैं उसको देखकर हम अभी से इन बातों का ध्यान रखें तो ठीक रहेगा वर्ना बाद में ठीक करने में दिक्कत होगी।
दिल्ली की सड़कों का साँचा सही है। एक स्थान पर काटते मार्ग की जगह {{{काटाते मार्ग}}} लिख गया है वह ठीक कर देना और इस लेख में भी ऊपर बताई गई मात्राओं का सुधार कर देना। मेरे विचार से इसको कॉपी कर के जनपथ पर पेस्ट करना ठीक रहेगा। साँचे के विषय में सुमित ज्यादा जानते है वे भी देखकर राय दे सकते हैं। या फिर अन्य कोई इस विषय का विद्वान।
हाँ मुनिता उस विषय में आगे से सावधान रहेंगी। वे अच्छा काम कर रही हैं और इस विषय में स्पष्टीकरण दे चुकी हैं।--पूर्णिमा वर्मन ११:३७, ३ अक्टूबर २००८ (UTC)


नमस्कार्! मैंने एक समाचार ३० सितं। को साँचा वार्ता:मुखपृष्ठ समाचार में दाला था| परंतु किसी को बताना बूल गया था| कृपया उस पृष्ठ पर जाकर जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में चामुण्डा माताशीर्षक को क्लिक करके यथायोग्य उद्धृतिकरण कर दें, अब सही सम़एं तो, क्योंकि समाचर पुराना हो गया है< परंतु काफी नुकसान होने से, महत्वपूर्ण तो है ही।--आशीष भटनागरसंदेश १४:२२, ४ अक्टूबर २००८ (UTC)

कृपया शीघ्र हटाएं[संपादित करें]

सप्तपुरियों में मथुरा यह पृष्ठ कृपया हटा दें।--आशीष भटनागरसंदेश १८:४०, ४ अक्टूबर २००८ (UTC)

{{देहरादून}} साँचा देखें। सभी विस्तार वाले साँचे अब एकरूपता में आ चुके हैं, जैसे विदिशा, खजुराहो, इत्यादि थे। जैसा आपने कहा था। सभि में एक ही रंग भी है- विकि वाला नीला।--आशीष भटनागरसंदेश ०१:४१, ५ अक्टूबर २००८ (UTC)

कृपया मिटा दें.[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, नमस्कार, कृपया श्रेणी:जन्तु एवं श्रेणी:पशु को मिटा दें. मैं प्राणि विज्ञान के लेखों को आधुनिक पद्धति के अनुसार वर्गीकरण कर रहीं हूँ. यदि भविष्य में आवश्यकता हुई तो पुनः बना लुंगी. श्रेणी:जन्तु में एक उपश्रेणी बिल्ली होगी उसे भी मिटा दीजिएगा. धन्यवाद --Munita Prasad १६:४४, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

श्रेणी:पशु[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, नमस्कार, धन्यवाद, परन्तु श्रेणी:पशु मिटा नहीं है कृपया मिटा दें. --Munita Prasad ०४:४३, ९ अक्टूबर २००८ (UTC)

धन्यवाद[संपादित करें]

मैं उपयुक्त उपविभाग बना कर हूँ श्रेणी:पशु के लेखों को उसमें डाल दूंगी. यह अभी temporary है. मैं विज्ञान सम्बन्धित श्रेणियों पर लगातार कार्य कर रहीं हूँ. आप log देख सकती हैं.

--Munita Prasad ०६:५६, ९ अक्टूबर २००८ (UTC)

क्या आप जानते हैं?[संपादित करें]

इस शीर्षक के संवाद में मैंने कुछ तथ्य डाले हैं। कृपया उन पर विचार कर उपयुक्त कार्यवाही करें।--आशीष भटनागरसंदेश १७:३५, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

धन्यवाद[संपादित करें]

ये धन्यवाद गलत बात है। एक फिल्मी संवाद इसका सही उत्तर है:- यह तो मेरा फर्ज था। अच्छा! मैंने एक जीनोम परियोजना एवं डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग दो लेख बनाए हैं। कुछ भी कट पेस्ट नहीं, सब पढ़ा और टाइप किया। रुचि की सहायता ली। हां, एक किताब से चित्र स्कैन किये हैं। जरा देखियेगा, समय मिलने पर। माफ कीजिएगा, नमस्कार करना तो भूल ही गया। नमस्कार। --आशीष भटनागरसंदेश १७:४२, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग = डी एन ए अंगुल छापन, पढ़ा थाम स्वयं सोचा, सही ही लगा।--आशीष भटनागरसंदेश १७:५३, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)
आप समय मिलने पर चाहे वायु दृष्टि से ही सही , पर इसे अवश्य पढ़ें। यह असल में तभ्णी पता चलेगा, कि इसका अंगुली छाप से कुछ लेना देना नहीं है, परंतु जो कार्य अंगुली छाप करती है, वही कार्य उससे कहीं बेहतर, व उससे कहीं अधिक यह करता है। मात्र, इसके अंत में चित्रों की जुबानी पढ़ें। इस कारण इउसका नाम अंगुली छापन या finger printing रखा हुआ है। --आशीष भटनागरसंदेश १८:०८, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)

विजय दशमी की शुभकामनाएं[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,

नमस्कार,
विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं.

--Munita Prasad १४:४७, ९ अक्टूबर २००८ (UTC)


सरिसृप या सरीसृप ?[संपादित करें]

मुझे जहाँ तक याद है मैने हाई स्कूल में यही वर्तनी पढी थी। अन्तरजाल पर दोनो वर्तनियाँ मिल रही हैं। संस्कृत और हिन्दी के पण्डित बताएं कि कौन सही है।

अनुनाद सिंह १०:५५, १० अक्टूबर २००८ (UTC)


प्रबंधक[संपादित करें]

नमस्कार पूर्णिमा जी! मैं विकिपीडिया:प्रबन्धक पद के लिये निवेदन पृष्ठ पर गया था। किन्तु वह पृष्ठ तो पूर्णत्रया सुरक्षित है। तब उसे मात्र प्रबंधकगण ही संपादित कर सकते है। तो क्या मात्र प्रबंधकगण ही प्रबंधक पद हेतु आवेदन कर सकते हैं? या तो कृपया आप उसे सुरक्षा मुक्त कीजिये। --आशीष भटनागरसंदेश ०४:४५, ११ अक्टूबर २००८ (UTC)

अरविन्द अडिग[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, आपके पास समय हो तो कृपया अरविन्द अडिग को बुकर पुरस्कार मिलने का समाचार साँचा:मुखपृष्ठ समाचार में डाल दें। सधन्यवाद! -- दाढ़ीकेश १५:२२, १७ अक्टूबर २००८ (UTC)

नमस्कार! शहरों के लेखों में, जहां पर्यटन स्थल आते हैं, वहां शीर्षक होता है: मुख्य आकर्षण या पर्यटान स्थल। किन्तु जहां पहुंचने के साधन दिए हों, वहां क्या शीर्षक दें, कैसे पहुंचेम, तो सही नहीं दिखता, कई स्थानॊम पर मैंने गम्यता प्रयोग किया है, परंतु इसके सही होने का पता नहीं। तो क्या लिखना सही रहेगा? कृपया बताएं।--आशीष भटनागरसंदेश १७:४३, २४ अक्टूबर २००८ (UTC)

हिन्दी के पन्ने सर्च करने मे परेशानी होती है[संपादित करें]

पूर्निमा जी हिन्दी के पन्ने जब भी सर्च किये जाते है तो वो हिन्दी लिख्नने पर ही मिलते है ऐसा कुछ किया जाये कि कोई अगर अन्ग्रेजी मै भी सर्च करे तो वो सर्च हो जाये जैसे महादेवी वर्मा अगर mahadevi verma लिखक‍र google पर सर्च करे तो वो हिन्दी वाला महादेवी वर्मा का पन्ना भी दिखा दे google के रिजल्ट मे Aminami १५:५०, ३० अक्टूबर २००८ (UTC)

छोटे लक्ष्य[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,
नमस्कार,
धन्यवाद,
आज कल हमारे वीकी पर लेखों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देख कर बहुत अच्छा लग रहा है। पूर्णिमा जी, मुझे लगता है कि यदि हम सब आपस में विचार कर के छोटे छोटे लक्ष्य बना कर काम करें तो और ज्यादा बेहतर काम होगा तथा नई उर्जा और motivation भी मिलेगी। आप का क्या विचार है?
--Munita Prasad ०६:२६, ४ नवम्बर २००८ (UTC)
पूर्णिमा जी,
जैसे का आप ले लिखा है मैं भी एकमत हूँ चौपाल पर एक खूली बहस की शूरूवात करें। मेरे विचार से इस विषय में यदि आप शूरूवात करें तो बहूत अच्छा होगा। आप का सभी सम्मान करते हैं तथा आप एक सक्रिय प्रबंधक भी हैं।
--Munita Prasadवार्ता १५:५१, ४ नवम्बर २००८ (UTC)

चंद्रयान[संपादित करें]

चंद्रयान लेख पर आपके सु़धार काफी अच्छे लगे। धन्यवाद --मितुल २०:४३, ४ नवम्बर २००८ (UTC)

कृपया समाचार अपडेट करें[संपादित करें]

प्रसिद्द फिल्मकार और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित बी. आर. चोपड़ा का मुंबई में एक लम्बी बीमारी के बाद ५ नवम्बर २००८ को निधन हो गया | वे ९५ वर्ष के थे | उन्होंने नया दौर, निकाह जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई, और टेलिविज़न सीरियल महाभारत का निर्माण किया था |
पूरा लेख पढें

लेखों की गुणवत्ता[संपादित करें]

नमस्कार पूर्णीमा जी!

  • पहले तो आप लोगों का धन्यवाद, मुझे प्रबंधक पद के योग्य समझ कर आसीन करने का।
  • दूसरा मैं यह विश्वास दिलाता हूं, कि आप को यह निराशा कभी भी नहीं होने दूंगा, कि यह निर्णय गलत था। पूरी निष्ठा व लगन के साथ, जैसा कि अभी भी करता आ रहा हूं, यहां कार्यरत रहूंगा, व हिन्दी विकी के उत्थान में पूर्ण सहयोग दूंगा।
  • तीसरा, आपका सन्देश मैंने चौपाल पर देखा, जिसमें लेखों की गुणवत्ता पर ध्यान देनें, व उपायों की चर्चा की गई है। इस बारे में मेरा एक सुझाव है। कोई नया लेख , खासकर वह लेख, जो किसी मुख्य्त लेख के सहायक लेख के रूप में आरंभ होते हैं, जिस कारण प्रधानता मुख्य लेख को दी जाती है, व यह लेख गौण होने की हानि उठाते हैं, तो ऐसे लेखों के लिए हम क्यों ना एक साँचा बनाएं, (सुझाव साँचा:गौण लेख, इत्यादि करके) उस साँचे में कुछ मुख्य शीर्षक बना कर, उनके parameter में उन शीर्षकों के नीचे लिखी जाने वाला पाठ दिया जा सके, ऐसा बनाएं। कुछ ऐसा ही प्रयोग मैंने साँचा:ज्ञानसन्दूक सड़क के द्वारा जनपथ नया प्रयोग लेख में किया था। आप देखें, हालांकि वहां अभी बहुत सी कमियां होंगीं। पर आशय यह है, कि नए छोटे लेख भी कम लिख कर मानक फॉर्मैट में आ सकेंगे। बाद में उपयुक्त पाठ उपलब्ध होने पर, कोई भी, या चाहे बॉट भी उन्हें बदल कर सामान्य लेख में बदल सकते हैं।

उपसंहार में यह निवेदन करूंघा, कि आप अपने बहुमूल्य सुझावों , सुधारों की वर्षा से मेरी ज्ञान वाटिका को सदा सींचतीं रहें, साथ ही काट-छांट कर संवारतीं रहें। --आशीष भटनागरसंदेश ०३:०६, ८ नवम्बर २००८ (UTC)

The most often used MediaWiki messages[संपादित करें]

Hoi, the most often used MediaWiki messages (less than 25% of all MediaWiki messages) are the most visible messages. They help our readers and editors the most. We are aiming to get these messages localised for as many languages as possible by the end of the year. Please help us and yourself and localise these messages. Thanks, GerardM १३:२०, १७ नवम्बर २००८ (UTC)

गुराम ब्रौन[संपादित करें]

प्रिय पूर्णिमा-जी,
कृपया मेरी नयी ईमैल के पते पर मुझे आवाज़ देना:
g-u-g-a@live.de
--कृष्ण १३:५६, २४ नवम्बर २००८ (UTC)

सोचते हैं आप कि थोड़ी सी उस लेख से बचना हो साकता है? शायद रॉक और रोल पर और केवल भाग? वो लेख बहुत ही गंदा है। - टैक्सवाला १५:२४, २५ नवम्बर २००८ (UTC)

पूर्णिमा जी
नमस्कार,
आपकी छुट्टी खत्म हो गई अब लौट आइए, आपकी कमी बहुत खल रही है। धन्यवाद --Munita Prasadवार्ता १४:३०, २६ नवम्बर २००८ (UTC)
पूर्णिमा जी
नमस्कार,
दिसंबर में किस लेख को मुखपृष्ठ पर ले आने के बारे में सोंच रहीं है? आशीष जी और मैंने सूक्ष्मजैविकी पर कुछ काम किया है। आप कृपया देख लिजिए। यदि वो निर्वाचित नहीं भी होता है तो भी कई लेख हैं जिन्हें किया जा सकता है जैसे ताजमहल, रंगोली मेरा मानना है कि मुखपृष्ठ का प्रमुख लेख कम से कम हर महीने तो बदलना ही चाहिए। आप भाषा एवं वर्तनी देंख ले तो एसे कई लेख हैं जिन्हें मुखपृष्ठ पर लाया जा सकता है। --Munita Prasadवार्ता १२:५०, २९ नवम्बर २००८ (UTC)

मुखपृष्ठ[संपादित करें]

नमस्कार! मुखपृष्ठ पर निर्वाचित चित्र के स्थान पर फिल्हाल चर्चा में होने के कारण होटल का चित्र लगा है, या अब से निर्वाचित चित्र का नाम प्रमुख चित्र ही होगा? दूसरे, इस चित्र की अपेक्षा [[चित्र:Exterior- Gateway View.jpg]] देखें, क्या वह बेहत नहीं होगा? वैसे तो यह मात्र दृश्य का अंतर है, वर्तमान दृश्य भी अच्छा है। दूसरा: क्या हम एक सूची बनाएं, जो कि निर्वाचित लेख से जुड़ी हो, उसके साँचे में भी इसका लिंक हो। इस सूची में निर्वाचन प्रस्तावित लेख रखें। इससे हमें निर्वाचित लेख चुनने हेतु, सारे ढूंढने नहीं पड़ेंगे, वरन मात्र कुछ चुने हुए लेखों में से ही चुनाव कर उठा लें, व सुधार कर तैयार कर लें। इसकी प्रक्रिया यह तय की जा सकती है:

  • किसी माह की पहली तारीख को एक लेख निर्वाचित हुआ, तभी दूसरा लेख अगले माह के निर्वाचन हेतु कतार में तैयार होकर लग जाए।
  • साथ ही तीसरे माह के निर्वाचन हेतु चयनित हो, जिसके सुधार हेतु दूसरा पूरा माह हाथ में हो, व
  • दूसरे माह में जब दूसरा वाला लेख मुख पृष्ठ पर आए, तब वह तीसरा लेख दूसरे वाले का स्थान ले, व तीसरे माह के लिए निर्वाचित घोषित हो।
  • इसके साथ ही चौथे माह के निर्वाचन हेतु सुधार किए जाने वाला लेख तय हो जाए।

बात तो बहुत बड़ी है, किन्तु सही काम करें, तो लागू हो सकती है। इससे सदा ही दो लेख हाथ में रहेंगे।--आशीष भटनागरसंदेश ०३:२५, २ दिसम्बर २००८ (UTC)

पहला समाचार[संपादित करें]

मैंने प्रबंधक बनने के बाद, पहला समाचार डाला है, वह भी आजतक पर आने से पहले। देखें। अफसोस कि वह बम धमाके का समाचार था। किंतु ब्रेकिंग न्यूज़ था।--आशीष भटनागरसंदेश ११:४३, २ दिसम्बर २००८ (UTC)

आपके कुछ पुस्तक संबंधित लेख पुस्तक श्रेणी मे नही थे। कुछ लेखों तो मैने डाल दिया है। आप अन्य लेख और नए लेखों के लिए इस श्रेणी का प्रयोग कर सकती हैं। --मितुल १८:११, ५ दिसम्बर २००८ (UTC)

साँचा के बारे में[संपादित करें]

पुर्णिमाजी, इसमे अन्यथा लेने वाली बात ही नही है! में सिर्फ सांचाऔं को नयाँ रुप देना चाहता था जिस से लेखकौं के कृति को देखने में सहजता आयें। अगर कोही नयाँ परिवर्तन असहजता उत्पन्न करता है तो उस परिवर्तन को बदलना तो विकिपीडियन का कर्तव्य है। परन्तु में एक जिज्ञासा रखना चाहुंगा। क्या आप नें अपने क्याशे मेमोरी को हटाकर इस नयें साँचा को देखा है या ना हटाकर? यह साँचा कमन॰सीएसएस में परिवर्तन पश्चात बनाया गया है। अतः, अगर क्याश रिफ्रेस न किया गया हों तो यह साँचा बहुत बुरा दिखेगा। यह साँचा ऐसा दिखना चाहिए था-

चित्र:Dinkar ji ka sancha.png

धन्यवाद!--युकेश १४:०७, ९ दिसम्बर २००८ (UTC)
पूर्णिमा जी,
थोड़ा चैट check किजिए ना। --Munita Prasadवार्ता १६:५८, १० दिसम्बर २००८ (UTC)

नमस्कार[संपादित करें]

मेरा योगदान आजकल कुछ कम है, क्योंकि मेरा कार्यालय राष्ट्रपति भवन शिफ्ट हो गया है, जहां सुरक्षा कारणों से नेट नहीं है। जल्दी ही मिलने पर पहले वाली गति पकड़ूंगा। --आशीष भटनागरसंदेश १०:२५, ११ दिसम्बर २००८ (UTC)--आशीष भटनागरसंदेश १०:२५, ११ दिसम्बर २००८ (UTC)

ये गहराई और क्रम कैसे देखते हैं?[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, चौपाल पर ये 5-6 गहराई और 53 क्रम का ज़िक्र देखा। इसे कहाँ पर देखते है? धन्यवाद -रावत १६:०१, २२ दिसम्बर २००८ (UTC)

धन्यवाद[संपादित करें]

नमस्कार, पूर्णिमा जी मेरे लेख दिगेंद्र कुमार में आपने काफी सुधार किया है इसके लिए धन्यवाद. लक्ष्मण १५:५४, २५ दिसम्बर २००८ (UTC)

पूर्णागिरी एवम फतेहपुर जिला[संपादित करें]

पूर्णिमा जी नमस्कार! मैंने पूर्णागिरी एवम फतेहपुर जिला का पन्ना बनाया है। आपसे गुजा़रिश है क्रुपया जाँच ले और त्रुटि होने पर सूचित करे। मेरी मेल है varunkalove@yahoo.co.in
Varunkau ०८:५२, २६ दिसम्बर २००८ (UTC)

नया लेख प्रदान करें[संपादित करें]

आदरणीय पूर्णिमा जी, मैं अपने लेख फतेहपुर जिला एवम पूर्णागिरी पूरा कर चुका हूँ। अभी फिलहाल मुझे बतायें अगर कोई ऐसा लेख हो जिसमें मैं अपना योगदान दे सकूं। --- Varunkau १४:२६, २६ दिसम्बर २००८ (UTC)

हिन्दू धर्म[संपादित करें]

नमस्कार, एक विचार है, सुझाव भी। मुखपृष्ठ पर हिन्दू धर्म का जो लिंक है वह हिन्दू धर्म के श्रेणी को redirect करता है। हिन्दी धर्म प्रवेशद्वार तो पहले से उपलब्ध है तो क्यो न हम उस लिंक को प्रवेशद्वार:हिन्दू धर्म को redirect कर दें। और हां बोतल वृक्ष देख लिजिएगा, पहला उम्मीदवार तैयार छोटे लेख का है। थोड़ा और बढ़ाउंगी। --Munita Prasadवार्ता ०८:०३, ४ जनवरी २००९ (UTC)

शुभ नववर्ष 2009[संपादित करें]

!!शुभ नववर्ष पूर्णिमा जी मैं आपके एवं आपके पूरे परिवार के लिए सूखद एवं मंगलमय नववर्ष की कामना करती हूँ!!

--Munita Prasadवार्ता १०:२६, ४ जनवरी २००९ (UTC)


अमित आपकी आई डी है- amit.prabhakar@hotmail.com --पूर्णिमा वर्मन ०६:५६, १६ जनवरी २००९ (UTC)

भारत भारती[संपादित करें]

कृपया ये देखें http://epaper.sanmarg.in/SM/SM/2009/01/08/index.shtml --Munita Prasadवार्ता ०७:४०, ८ जनवरी २००९ (UTC)

50वाँ स्थान[संपादित करें]

पूर्णिमा जी, मैं भारत आ गया हूँ । बस पता बदला नहीं था । आपसे एक बात पूछनी थी कि आपक मैसेंजर में मेरा पता क्या दिखा रहा है? पहले मैने अपने कंप्यूटर में उस सेव किया हुआ था तो स्वतः लॉगिन हो जाता था । अब नया लैपटॉप ले लिया हूँ और वो पता भूल गया । कृपया मेरी हॉटमेल या एसएसएन आइडी, जो आपके फ्रेंड लिस्ट में होगी, बताएँ ताकि में लॉगइन करके आपसे वार्तारंभ कर सकूँ । --अमित प्रभाकर ०६:५३, १६ जनवरी २००९ (UTC)

इतिहास पदक[संपादित करें]

आपने मुझे इतिहास में काम करने के लिए एक पदक दिया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद । ध्यान नहीं गया था इसलिए उत्तर देने में देर हो गई । क्षमावांछित ---अमित प्रभाकर ०४:४२, २२ फरवरी २००९ (UTC)

प्रकाश-संश्लेषण[संपादित करें]

पूर्णिमा जी,
नमस्कार, आपसे एक अनुरोध है। प्रकाश-संश्लेषण लेख में एक विभाग है प्रकाश प्रक्रिया, हिल प्रक्रिया अथवा फोटोकेमिकल प्रक्रिया इसमें सबसे नीचे देखिए एक अनुच्छेद है ऑक्सीजन तथा प्रकाश-संश्लेषण इसको व्यवस्थित करके कृपया सही जगह लगा दिजिए।
--Munita Prasadवार्ता ०३:३२, १७ जनवरी २००९ (UTC)



नमस्कार[संपादित करें]

नमस्कार पूर्णिमा जी! मैं, आपको क्या सम्मान सूचक दूं? मैं आपको संदेश लिख रहा हूं, वह आप पढ़ रही हैं, यह तो मेरे लिए ही सम्मान है। शेष बिना लिखा समझ लें, ऐसी कृपाप्रार्थी हूं। कोई खास विषय होप तो अवश्य बताएं। शेष कुशल।आउर हां, निरंतर गतिशील बार्न पुरस्कार हेतु हार्दिक धन्यवाद।--आशीष भटनागरसंदेश १५:४६, २४ जनवरी २००९ (UTC)

इस लेख में उल्लेखानीय है, कि महात्मा गाँधी को यह सम्मान शायद इसलिए नहीं दिया गया था, कि पहले यह मरणोपरांत नहीं दिया जाता था। किंतु मैं समझता हूं, कि गाँधी जी शायद सम्मान में इतने अधिक ऊंचे थे,कि उन्हें राशःट्रपिता के सिवाय कोई अन्य सम्मान फीका पड़ता, क्योंकि जो सम्मान किसी और को दिया जा सकता है, वह उस व्यक्ति को बापू के समकक्ष ला खड़ा करेगा, को कि माननीय नहीं होगा। इसलिए कृपया पुनर्विचार कर इस वाक्य को निकालना उचित रहेगा।--आशीष भटनागरसंदेश १५:५२, २४ जनवरी २००९ (UTC)

नमस्कार पूर्णिमा जी! उपरोक्त लेख में से काफी भाग काट दिया है, कोई खास वजह?--आशीष भटनागरसंदेश १३:२०, २७ जनवरी २००९ (UTC)

धन्यवाद[संपादित करें]

अकबर लेख की समीक्षा करने के लिए धन्यवाद | आपके निर्देशों का पालन कर कर मै शीघ्र ही इस लेख को पुरा करूंगा | मै गूगल transliteration tool का उपयोग देवनागरी लिखने के लिए करता हु , ये टूल मुझे पूर्ण विराम नही लगाने देता है इसीलिए मै "|" verticla pipe का उपयोग पूर्ण विराम की जगह करता हु | मै फायर फॉक्स ब्राउजर उपयोग करता हु जो की विकी मै देवनागरी लिखने के लिए उपयोगी नही है | Gunjan verma81 १५:५४, २७ जनवरी २००९ (UTC)

आपका संदेश[संपादित करें]

आपका संदेश अच्छा लगा, कोशिश तो यही रहती है कि मेरा प्रयास निरंतर ही जारी रहे। --मितुल १९:३५, २ फरवरी २००९ (UTC)

हॉ, मेरा प्रयास रहेगा कि नए सॉचे और प्रोग्रामिंग मे ध्यान रहे। खासकर के समाचार संबंधित। हिन्दी मे उचित समाचारों को इंटरनेट पर खोजना कितना मुश्किल है बता नही सकता। मैं घंटो अलग-अलग समाचार पत्र, चिट्ठे आदी छान कर भी एक पंक्ति नही खोज पाता जो कि मुखपृष्ठ पर लिखी जा सके। खाली व्यर्थ के फिल्मी गपशप, व्यर्थ खेल और राजनिति चर्चा। सोचने मे मज़बूर करती है कि इंटरनेट पर आज भी हिन्दी पत्रकारिता की कितनी दयनीय स्थिती हैं। --मितुल २०:१९, २ फरवरी २००९ (UTC)
दोनो कडियॉ जो आपने दी, अच्छी हैं। धन्यवाद --मितुल १४:५३, ४ फरवरी २००९ (UTC)

अपने देश के बारे में लिखना मेरे लिए खुसी एवं गर्व की बात है। आशा है हम यहाँ नेपाल से संबंधित ज्यादा से ज्यादा लेखौं की रचना कर सकें| धन्यवाद।--युकेश १२:२८, ४ फरवरी २००९ (UTC)

नमस्कार! कृपया उपरोक्त पृष्ठ पर देखें, कि मैंने कुछ गलत तो या अधिक तो नहीं लिखा है। कृपया +ve -या veजो भी हो, संक्षेप में मुझे जल्दी बताएं। जिससे आगे से ध्यान रखूं।--आशीष भटनागरसंदेश ०३:३४, १३ फरवरी २००९ (UTC)
द्रुत राय एवं सलाह हेतु सधन्यवाद, एक सुझाव है। जैसे कि हम आज का आलेख के लिए लिए गए लेखों के ऊपर एक चिह्न /सात्य्ह में साँचा छोड़ते हैं, वैसे ही क्या, प्रवॆशद्वार में प्रयुक्त लेखों के लिए भी कोई चिह्न प्रयोग कर सकते हैं, जिससे कि दिखे कि यह लेख कुछ खास है, जिसे कि प्रवेशद्वार के लिए प्रयोग किया गया है।--आशीष भटनागरसंदेश १०:०३, १३ फरवरी २००९ (UTC)
असम प्रवेशद्वार हेतु जीवनी के लिए कोई चाहिए। साथ ही, कृपया अपने वार्ता पुरालेख को कुछ कष्ट दें।--आशीष भटनागरसंदेश १०:२२, १३ फरवरी २००९ (UTC)

Translatewiki.net update[संपादित करें]

  • Translatewiki.net formerly known as Betawiki is where the Internationalisation and Localisation of MediaWiki is concentrated. Over 300 languages are supported, issues with MediaWiki programs are dealt with. We need all the help we can get to ensure that we can maintain this service in the face of an increasing workload.
  • Currently 80.51% of the MediaWiki messages and 44.32% of the messages of the extensions used by the Wikimedia Foundation projects have been localised. Please help us help your language by localising and proof reading at Betawiki. This is the recent localisation activity for your language. Thanks, GerardM १६:२४, १३ फरवरी २००९ (UTC)
  • PS Please help us complete the most wanted messages..

नमस्ते।

जरा मेरी जी टॉक कुछ गड़बड कर रही है, बंद हो कर लॉग इन नहीं हो रही। कल बताता हूं। तब तक विकी पर हूं--आशीष भटनागरसंदेश १७:४९, २३ फरवरी २००९ (UTC)

मार्च के लिये निर्वचित चित्र[संपादित करें]

पूर्णिमाजी नमस्ते कृपया यहाँ देखे। कृपया इस चित्र के बारे में आपकी राय से अवगत कराएँ। --गुंजन वर्मासंदेश ११:००, २४ फरवरी २००९ (UTC)