नाचा
नाचा, छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक नाट्यकला है। यह एक आकर्षक नाट्यकला विधा है जहाँ कलाकार और दर्शक सभी स्थानीय छत्तीसगढ़ी भाषा बोलनेवाले समुदायों से संबंध रखते हैं। इनके कला भंडार में कई परंपरागत और लोक संगीत सम्मिलित हैं जैसे कर्मा, ददारिया, सुआ, सोहर, पंथी, पंडवानी, इत्यादि।
नाचा प्रस्तुतियाँ चार प्रकार की होती हैं, खड़े साज नाचा, जो कि सबसे पुरानी विधा है, गंडवा नाचा जो कि शादियों में गंडवा समुदाय के संगीतकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, खानाबदोश देवार समुदाय का देवार नाचा, और बैठे साज़ या गम्मत नाचा जो कि सर्वाधिक लोकप्रिय है। देवार नाचा विधा को छोड़कर, सभी नाचा विधाओं में महिला पात्रों को पुरुष कलाकारों द्वारा महिला के परिधान में प्रस्तुत किया जाता है। नाचा में कलाकार की भाव भंगिमा को महत्त्व दिया जाता है। नाचा प्रस्तुतियाँ सामान्यतया रात में आयोजित होती हैं।