बारहवाँ चार्ल्स

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बारहवाँ चार्ल्स का चित्र।

बारहवाँ चार्ल्स (स्वीडिश: Karl XII, 17 जून 1682 - 30 नवंबर 1718), 1697 से 1718 तक स्वीडन के राजा थे। वह ग्यारहवें चार्ल्स के एकमात्र जीवित पुत्र थे। उन्होंने सात महीने की कार्यवाहक सरकार के बाद पंद्रह साल की उम्र में सत्ता संभाली।[1]

जीवनी[संपादित करें]

1700 में, डेनमार्क-नॉर्वे, सैक्सोनी-पोलैंड-लिथुआनिया और रूस के एक गठबंधन ने लिवोनिया और इंगेरिया के प्रांतों पर हमला किया। वह स्वीडिश साम्राज्य पर युवा और अनुभवहीन राजा के होने का फायदा उठाना चाहते थे। इस प्रकार महान उत्तरी युद्ध (ग्रेट नॉर्थर्न वॉर) की शुरुआत हुई। महागठबंधन के खिलाफ स्वीडिश सेना का नेतृत्व करते हुए चार्ल्स ने कई जीत हासिल की। 1700 की नरवा की लड़ाई में अपने से तीन गुना बड़ी रूसी सेना पर एक बड़ी जीत ने पीटर महान को शांति के लिए झुकने के लिए मजबूर किया। लेकिन जिसे चार्ल्स ने इसे खारिज कर दिया। 1706 तक चार्ल्स, जो अब 24 साल का हो चूका था, ने अपने सभी दुश्मनों को झुकने के लिए मजबूर कर दिया था। रूस अब एकमात्र शेष शत्रुतापूर्ण शक्ति था।

मॉस्को पर चार्ल्स की चढ़ाई की प्रारंभिक सफलता के बाद, अभियान तब आपदा के साथ समाप्त हुआ जब पोल्टावा में स्वीडिश सेना ने अपने आकार से दोगुने से अधिक बड़ी रूसी बल से हार का सामना किया। चार्ल्स इस लड़ाई से पहले घायल हो गए थे, जिससे वह सेना का नियंत्रण लेने में असमर्थ हुए। इस हार के बाद पेरेवोलोचन में सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। चार्ल्स ने नॉर्वे पर हमले का नेतृत्व करने से पहले उस्मानी साम्राज्य में निर्वासन के कई वर्ष काटे। नॉर्वे पे हमला डेनिश राजा को एक बार फिर से युद्ध से बाहर करने की कोशिश थी। 1718 में फ्रेड्रिकस्टेन की घेराबंदी में उनकी मौत के साथ यह अभियान विफलता के साथ समाप्त हुआ।

विरासत[संपादित करें]

चार्ल्स की मृत्यु के समय स्वीडिश साम्राज्य का अधिकांश हिस्सा विदेशी सेना के कब्जे में था, हालांकि खुद स्वीडन अभी भी स्वतंत्र था। इस स्थिति को बाद में औपचारिक रूप दिया गया। परिणाम स्वीडिश साम्राज्य, इसकी प्रभावी ढंग से संगठित सम्पूर्ण राजशाही और युद्धों में भाग लेने की क्षमता का अंत रहा। इसके बाद संसदीय सरकार की शुरुआत हुई जो कि महाद्वीपीय यूरोप के लिए किसी संसदीय सरकार की शुरुआत हुई। यह व्यवस्था आधी सदी तक चली।[2]

चार्ल्स असाधारण कुशल सैन्य नेता और रणनीतिज्ञ थे। साथ ही वह सक्षम राजनीतिज्ञ थे, जिन्हें महत्वपूर्ण कर और कानूनी सुधारों को शुरू करने का श्रेय दिया जाता था। उनका आधे से अधिक जीवन और लगभग पूरा शासनकाल युद्ध के दौरान ही रहा। इसलिये उन्होंने कभी शादी नहीं की और कोई संतान पैदा नहीं हुई। राजसिंहासन उनकी बहन उल्लीका एलोनोरा द्वारा लिया गया। बाद में उन्होंने अपने पति को सिंहासन का आत्मसमर्पण कर दिया जो स्वीडन के राजा फ्रेडरिक प्रथम बने।[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Karl XII (in Swedish)" (PDF). Livrustkammaren. Livrustkammaren Museum. मूल (PDF) से 29 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 April 2016.
  2. Cronholm, Neander Nicolas (1902). "37". A history of Sweden from the earliest times to the present day. New York.
  3. Hofberg, Herman; Heurlin, Frithiof; Millqvist, Victor; Rubenson, Olof (1908). Svenskt Biografiskt Handlexikon – Uggleupplagan [Swedish Biographical Dictionary – The Owl Edition] 2nd Edition (In Swedish). Albert Bonniers Förlag. OCLC 49695435.