नेपाली स्वरविज्ञान

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नेपाली भाषा नेपाल की राष्ट्रीय भाषा है। नेपाल की ४८% से अधिक लोगों द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाने के अलावा, यह भूटान और भारत में भी बोली जाती है। नेपाली संविधान में इस भाषा को नेपाल की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।

यहाँ प्रस्तुत विविधता मानक नेपाली है जैसा कि नेपाल में बोली जाती है। तीन प्रमुख भाषिकाएँ हैं: पूर्वी, मध्य और पश्चिमी। हालाँकि नेपाल और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में कई बोलियों को प्रतिष्ठित किया जा सकता है, एक से दूसरे में ध्वनिविज्ञान में बहुत कम भिन्नता होने की सूचना है।[1]

स्वर[संपादित करें]

नेपाली में ११ ध्वनिकीय विशिष्ट स्वर हैं, जिसमेें ६ मौखिक स्वर और ५ ग़ुन्नाई/नासिक्य हैं। ग़ुन्नाइयत हुए स्वरों में टिल्ड << ~ >> चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

नेपाली स्वर[2]
अग्रस्वर मध्यस्वर पश्वस्वर
संवृत i ĩ u ũ
अर्धसंवृत e o
अर्धविवृत ʌ ʌ̃
विवृत ä ä̃

संध्यक्षर[संपादित करें]

नेपाली में दश डिफ़्थॉंग/संध्यक्षर[3] हैं।

संध्यक्षर उदाहरण अर्थ उदाहरण
/ʌi̯/ /kʌi̯le/ 'कब' कैले
/ʌu̯/ /d͡zʌu̯/ 'जौ' जौ
/ai̯/ /bʱai̯/ 'भाई' भाइ
/au̯/ /au̯/ 'आ!' आऊ!
/ei̯/ /sʌnei̯/ 'तुरही' सनेई
/eu̯/ /eu̯ʈa/ 'एक' एउटा
/iu̯/ /d͡ziu̯/ 'शरीर' जीउ
/oi̯/ /poi̯/ 'पति' पोइ
/ou̯/ /dʱou̯/ 'धो!' धोऊ!
/ui̯/ /dui̯/ 'दो' दुई

आख़िरी अन्तर्निहित स्वर[संपादित करें]

नेपाली शब्दों में अंतिम अन्तर्निहित स्वर(श्वा) को बरक़रार रखते हैं या नहीं जानने के लिए निम्नलिखित नियमों को अनुसरण करना पड़ता है।

  • श्वा को बरक़रार रखा जाता है यदि अंतिम शब्दांश एक संयुक्त व्यंजन है। अन्त (anta), सम्बन्ध (sambandha), श्रेष्ठ (śreṣṭha) अपवाद: मञ्च (mañc) र गञ्ज (gañj) जैसे कुछ संयुक्त अक्षर और कुलनाम पन्त (panta/pant)।
  • किसी भी क्रिया के लिए अंतिम श्वा को हमेशा बनाए रखा जाता है जब तक कि श्वा रद्द कराने वाला हलंत/विराम(्) मौजूद न हो।

हुन्छ(hunca), भएर(bhaera), र गएछ(gaeca) जबकि छन्(chan), र गइन्(gain)। ग़लत वर्तनी के कारण अर्थ भी बदल सकती है: गईन्(gain) र गईन(gaina)

  • क्रियाविशेषण, ध्वनि-अनुकरणात्मक/स्वनानुकरणात्मक और सम्बन्धबोधकों में आमतौर पर श्वा बनाए रखते है और यदि वे ऐसा नहीं करते तो हलंत को प्रयोग किया जाता है: अब(aba), तिर(tira), आज(aja), र झन्(jhan)
  • कुछ संज्ञाओं में श्वा का प्रयोग किया जाता है: मसलन: दु:ख(duḥkha), सुख(sukha)।

नोट: गायन और गायन की सुविधा के लिए अक्सर संगीत और कविता में श्वा को बनाए रखा जाता है।

व्यंजन[संपादित करें]

मौखिक नेपाली में ३० व्यंजन मौजूद हैं।

नेपाली व्यंजन स्वनिम/फ़ोनीम[4]
द्वयोष्ठ्य दन्त्य वर्त्स्य मूर्धन्य तालव्य कण्ठ्य अतिकण्ठ्य
अघोष सघोष अघोष सघोष अघोष सघोष अघोष सघोष अघोष सघोष अघोष सघोष अघोष सघोष
ग़ुन्नाई m n (ɳ) ŋ
स्पर्शी/स्पर्शसङ्घर्षी अल्पप्राण p b t͡s d͡z ʈ ɖ k ɡ
माहप्राण t̪ʰ d̪ʱ t͡sʰ d͡zʱ ʈʰ ɖʱ ɡʱ
सङ्घर्षी s ɦ
कम्पित r
अर्ध स्वर/पार्श्विक w l j

देवनागरी लिपि[संपादित करें]

नेपाली देवनागरी
ʌ ä i i u u e ʌi̯ o ʌu̯ ri
k ɡ ɡʱ ŋ
t͡s t͡sʰ d͡z d͡zʱ n
ʈ ʈʰ ɖ ɖʱ ɳ
t̪ʰ d̪ʱ n
p b m
क्ष ज्ञ
j r l w s s s ɦ tsʰjʌ ɡj‍ʌ

सन्दर्भ[संपादित करें]

सन्दर्भ सामग्री[संपादित करें]

  • Khatiwada, Rajesh (२००९), "Nepali", Journal of the International Phonetic Association, ३९ (3): 337–380, डीओआइ:10.1017/S0025100309990181
  • Pokharel, Madhav Prasad (१९८९), Experimental analysis of Nepali sound system (Ph.D.), University of Pune, India