सर्वसेन

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सर्वसेन ( शासनकाल  330 ई - 355 ई ) वाकाटक वंश का एक राजा था जिसने इस वंश की वत्सगुल्म शाखा की स्थापना की। उन्होंने धर्म-महाराज की उपाधि धारण की। सर्वसेन संभवतः प्राकृत के एक कुशल कवि थे। बाद के लेखकों ने उनके अनुपलब्ध ग्रन्थ हरिवजय का उल्लेख किया है। हरिविजय के कुछ छंद गाथासत्तसई में शामिल हैं। सर्वसेन की मृत्यु के बाद उनका पुत्र विंध्यशक्ति द्वितीय राजा बना। [1]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Singh, Upinder (2009). A history of ancient and early medieval India : from the Stone Age to the 12th century. New Delhi: Pearson Longman. पपृ॰ 482–484. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-317-1677-9. अभिगमन तिथि 10 August 2016.