बशीर मोमीन कवठेकर

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कवि बशीर मोमीन कवठेकर (जन्म- 1 मार्च 1948, मृत्यू- 12 नवंबर 2021)

बशीर मोमीन कवठेकर

एक लोकप्रिय भारतीय कवि, लेखक तथा गीतकार हैं जो महाराष्ट्र में अपने साहित्य रचनाओ द्वारा मनोरंजन के साथ साथ विविध सामाजिक विषयो पर जनजागृती के लिए किये हुए कार्य के लिये जाणे जाते है। मोमीन कवठेकर पांच दशको से साहित्य निर्मिती और कला संवर्धन से जुडे है। उनके गीत एवं लघुकथाए पिछले पाच दशको के सामाजिक विषयो तथा समाजसुधार कि जरूरतो को प्राभावीक तौर से चित्रण करते है। उनमें दहेज, जाति भेद, स्त्री-पुरुष समानता, शराब बंदी, एड्स जैसी बिमारीया आदि कई प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है।[1] नये वैज्ञानिक बदलावं, ग्राम स्वच्छता, साक्षरता कार्यक्रम जो ग्रामीण इलाको मे सामाजिक और आर्थिक बदलावं ला सकते हे उनका आग्रह भी उनके साहित्य मे देखणे मिलता हे। इस अनमोल योगदान और कर्तृत्व के चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हे सर्वोच्च कला सम्मान, "विठाबाई नारायणगावकर जिवन गौरव पुरस्कार" से सम्मानित किया। [2][3]

प्रारंभिक जीवन और कैरियर[संपादित करें]

मोमीन कवठेकर का जन्म पुणे जिले के एक छोटेसे गाँव 'कवठे येमाई' में हुआ जो एक अवर्षण ग्रस्त क्षेत्र होणे के साथ ही मराठा साम्राज्य से जुडी ऐतिहासिक घटनाओ का गवाह है। यही वजह हे की यहा कला और कलाकारो का सम्मान किया जाता है। यह गाँव महाराष्ट्र की सांस्कृतिक परंपरा को बनाये रखणे में महत्वपूर्ण योगदान देता आ रहा है।


मोमीन कवठेकर ने अपना पहला गीत ११ साल की उम्र में लिखा है। यह गीत गणेशोत्सव और उनके स्कूल में एक समारोह के दौरान प्रस्तुत किया गया था और दर्शकों से प्रशंसा प्राप्त की थी[4]। इस प्रशंसा ने उन्हें अपने लेखन को जारी रखने और तराशने के लिए प्रोत्साहित किया। कम उम्र में, वह 'गंगाराम कवठेकर' की तमाशा मंडली में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें ग्रामीण दर्शकों की अपेक्षाओं, मनोरंजन के लिए उनकी प्राथमिकताएँ और कलाकार / मंडलों / संचालकों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने वग नाट्य तथा नाटक में भी अभिनय किया. 'नेताजी पालकर' और 'वेडात मराठे वीर दौडले सात' नामक नाटक में उन्होने राजा छत्रपति शिवाजी का किरदार बखुबी निभाकर लोकप्रियता प्राप्त कि थी[5]। बतोर अभिनेता, उन्होंने मुगल बादशाह औंरंगजेब का किरदार भी 'भंगले स्वप्न महाराष्ट्रा' मे निभाया. खाली समय के दौरान, उन्होंने दोहे / छोटे लोक गीतों / लावणी आदि को कलमबद्ध किया जो तमाशा में गाए गए। उनके लोक गीतों और लघुकथा एवं नाटकों को दर्शकों से सराहना मिली और उनके रचे हुए गित सारे ग्रामीण महाराष्ट्र में लोकप्रिय हो गए।

शूर सरदार प्रतापराव गूजर के जीवन पर आधारित नाटक वेडात मराठे वीर दौड़ले सात में श्री छत्रपती शिवाजी महाराज का किरदार निभाते स्व. मोमीन कवठेकर


उनके गीतों की लोकप्रियता ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई और विभिन्न तमाशा मंडलों / संचालकों ने नए गीतों और वगनाट्य को लिए उनके घर कि और रुख करना शुरू कर दिया [6][7]l वह अन्य तमाशा मंडलों जैसे 'काळू बाळू कवलापुरकर', 'रघुवीर खेडकर और कांताबाई सातारकर', 'अमन ताम्बे', 'लक्ष्मण टाकळीकर' और 'दत्ता महाडिक पुणेकर' से जुड़े[8]। हालाँकि, उन्होंने कभी भी इन तमाशा संचालकों से गीत या वाग नाट्य के लिए कोई रॉयल्टी / शुल्क नहीं लिया[9][10]। प्रसिद्ध लावणी अदाकारा श्रीमती सुरेखा पुणेकर, श्रीमती संध्या माने और रोशन सातारकर, अपने करिअर के शुरुवाती दौर मे अक्सर बशीर मोमीन की लिखी हुईं लावणी पर नृत्य किया करती थी l टेलीविजन / रेडियो / वीसीआर / केबल के आगमन के साथ ही तमाशा को एक उद्यम के रूप में काफी कठिनाई का सामना करना शुरू करना पडा। इस चरण के दौरान, उन्होंने डिजिटल विकल्पों पर काम किया और म्यूजिकल ऑडियो एल्बम (सीडी) का मार्ग अपणाने की कोशिश की। उन्होंने विपणन उद्देश्य के लिए नए तकनीकी परिवर्तनों को अनुकूलित करने के लिए कई मंडलों / मालिकों का मार्गदर्शन किया[11]। उन्होंने मराठी फिल्म "व्हि आय पी गाढव" और "भाऊचा धक्का" के लिए गीत लिखे हैं, जिसमें मुख्य अभिनेता के रूप में जाने-माने कॉमेडियन भाऊ कदम शामिल हैं[12][13][14]


मोमीन कवठेकर ने 4000 से अधिक लोक गीत लिखे हैं जो स्थानीय कलाकारों द्वारा वर्षों से पेश किए जा रहे हैं। उनके गीतों के संग्रह में 'लावणी ’,गण’, गवलन’,‘कविता', 'भक्ति गीत’, सामाजिक समस्या और समाज प्रबोधनपर गीत' जैसे कई प्रकार शामिल हैं[15][16]l ग्रामिण भाषा /बोली का अनोखा इस्तेमाल करणे के कारण उनके गित काफी लोकप्रिय है। उन्होंने मराठा साम्राज्यसे जुडी दो ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित नाटक भी लिखे है[17]। उन्होंने सामाजिक विषयों पर लघु कथाएँ, नुक्कड़ नाटक जो सामाजिक समस्या पर जनजागृती और आधुनिक विचारसरणी को प्रेरणा देते हैं[18]। साक्षरता अभियान, ग्राम स्वच्छता अभियान, एड्स बिमारी के बारे में जागरूकता, दहेज का बुरा प्रभाव, स्त्रिभ्रूण हत्या, शराब का व्यसन, सामाजिक समता आदि कई विषय हे जो मोमीन कवठेकर के साहित्य में पाए जाते हैं[19]। कवि बशीर मोमीन कवठेकर करीब १९७० के दशक से तमाशा कलाकारो को अपने लेखन सामुग्री - लावणी, लोकगीत और वगनाट्य से संपन्न कर रहे है[20][21]। कवि बशीर मोमीन कवठेकर के इस अनमोल योगदान और कर्तृत्व के चलते महाराष्ट्र सरकार ने उन्हे सण २०१९ में 'विठाबाई नारायणगावकर जिवन गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनके कला और सांस्कृतिक क्षेत्र में किए हुए अभूतपूर्व कार्य का यथोचित सम्मान है[22][23]


बशीर मोमीन कवठेकर का और एक महत्वपूर्ण योगदान यह भी है की उन्होने एक किताब “कलावंतांच्या आठवणी (अभ्यास पुस्तक)”[24] लिखी जो इस क्षेत्र से जुडे कलाकारो की जाणकारी संग्रहित करता है[25]। इस तरह कला प्रसार के साथ ही इसे संवर्धन करणेवालो कलाकारो के योगदान और स्म्रिती को जिवीत रख सकते है।

रचनाए[संपादित करें]

नाटक:

  • 'भंगले स्वप्न महाराष्ट्रा' - छत्रपती राजाराम प्रथम के नेतृत्व मे मशहूर सेनानायक संताजी-धनाजी की मुघल साम्राज्य के खिलाफ कीए हुए संघर्ष पर आधारित[26]
  • 'वेडात मराठे वीर दौडले सात' - मराठा साम्राज्य के तिसरे सेनापती प्रतापराव गूजर ने अपने ६ साथियो के साथ बहलोल खान पर किए हूए हमले पर आधारित[27]
  • 'लंका कुणी जाळली'


जनजागृती के लिए सामाजिक विषयोपर पथनाट्य:

  • 'सोयऱ्याला धडा शिकवा'
  • 'हुंड्या पायी घडल सारं'[28]
  • 'दारू सुटली चालना भेटली'
  • 'दारूचा झटका संसाराला फटका'
  • 'मनाला आला एड्स टाळा'
  • ‘बुवाबाजी ऐका माझी'


वगनाट्य:[29]

  • 'बाईने दावला इंगा'
  • 'ईश्कान घेतला बळी'
  • 'तांबडं फुटलं रक्तांच'
  • 'भंगले स्वप्न महाराष्ट्रा'[30]
  • 'भक्त कबीर'
  • 'सुशीला, मला माफ कर'


मशहूर लोकगीत:

  • सार हायब्रीड झालं ...
  • हे असच चालायचं[31]
  • खर नाही काही हल्लीच्या जगात ...
  • फॅशनच फॅड लागतंया गॉड ...
  • लंगड .. मारताय उडून तंगड[32]
  • लई जोरात पिकलाय जोंधळा ...
  • मारू का गेनबाची मेख ..
  • बडे मजेसे मॅरेज किया …
  • 'महात्मा फुल्यांची घेऊन स्फूर्ती, चला होऊया शाळेला भरती' .. राष्ट्रीय साक्षरता अभियान के लिये[33]


मराठी फिल्मों के लिए गीत:

  • गंगाराम आला ....
  • मुरली माझा कष्ट करी ...
  • व्हीआयपी व्हीआयपी ...[34]
  • चिकणी चमेली...झुंबा डान्स[35]


भक्तिगीत और लोकगीतो के अल्बम

  • रामायण कथा
  • अष्टविनायक गीते
  • सत्त्वाची अंबाबाई
  • नवसाची येमाई
  • येमाईचा दरबार
  • कऱ्हा नदीच्या तीरावर
  • कलगी तुरा
  • वांग्यात गेली गुरं


प्रकाशित किताबे

  • कलावंतांच्या आठवणी [36] ... महाराष्ट्र राज्य साहित्य सांस्कृतिक मंडळ द्वारा प्रकाशित[37]
  • भंगले स्वप्न महाराष्ट्रा (ऐतिहासिक नाटक)
  • प्रेम स्वरूप आई (काव्य संग्रह) [38] .... श्री राजेंद्र कांकरिया का संपादन किया हुआ काव्यसंग्रह
  • अक्षरमंच (काव्य संग्रह) ... अखिल भारतीय मराठी प्रातिनिधिक काव्यसंग्रह - २००४, संपादक डॉ योगेश जोशी

पुरस्कार और मान्यता[संपादित करें]

महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया जानेवाला 'विठाबाई नारायणगावकर जीवन गौरव पुरस्कार' स्वीकृत करते समय स्व. बशीर मोमीन कवठेकर, २०१९
  • 'तमाशासम्रादणी विठाबाई नारायणगावकर जीवनगौरव पुरस्कार (2019)'[39]
  • 'मुस्लिम सत्य शोधक विशेष सम्मान (2019)'... ज्येष्ठ समाज सेवक श्री बाबा आढाव जी के हाथो प्रदान[40]
  • 'महाराष्ट्र साहित्य परिषद सन्मान (2019)'[41]
  • 'लोकनेते गोपीनाथ मुंडे जीवनगौरव पुरस्कार (2018)'[42]
  • 'पदमश्री विखे पाटिल साहित्य कला गौरव पुरस्कार(2014)'... श्री पृथ्वीराज चौहान (मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य) जी के हाथो प्रदान[43][44]
  • 'ग्रैंड सोशल अवार्ड, पुणे (2013)'... हिंदी फिल्म अभिनेता श्री जॅकी श्रॉफ जी के हाथो प्रदान [45]
  • 'व्यसनमुक्ती पुरस्कार (2000)'... श्री अजित पवार (मंत्री, महाराष्ट्र राज्य) जी के हाथो प्रदान
  • 'लोकशहीर पुरस्कार (1999)'
  • 'ग्रामवैभव पुरस्कार (1981)'...मराठी फिल्म अभिनेता श्री निळू फुले जी के हाथो प्रदान[46]
  • 'छोटू जुवेकर पुरस्कार, मुंबई (1980)'...हिंदी फिल्म अभिनेता श्री अमोल पालेकर जी के हाथो प्रदान[47]

सामाजिक कार्य[संपादित करें]

मोमीन कवठेकर ने एक कलापथक का गठन किया था, जो नुक्कड़ नाटक के तहत सामाजिक विषयो पर समाज प्रबोधन का काम करता था। दहेज प्रथा, स्त्रीभ्रूण हत्या, शराब का व्यसन और एड्स जैसी महामारियों, अंधविश्वासों का अंधा अनुसरण, और अस्वच्छता के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाता था।[48][49][50]उन्होंने सरकार की विभिन्न अभियानो में भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जैसे कि राष्ट्रीय साक्षारता मिशन, व्यसनमुक्ति अभियान, ग्राम स्वच्छता और स्वच्छ भारत अभियान, वनक्षेत्र और पाणी संवर्धन।[51] सामाजिक कारण में उनके योगदान के लिए एक मान्यता के रूप में, उन्हें सरकार द्वारा 'व्यसनमुक्ती पुरस्कार’से सम्मानित किया गया था।


उन्होंने लोक कला और कलाकारो के विकास के लिए काम करने के उद्देश्य से लोक कलाकारों के एक संगठन का गठन और नेतृत्व किया। उन्होंने कलाकार के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, बुजुर्ग कलाकार के लिए पेंशन [52] जैसे मुद्दों को संबोधित करने की कोशिश की और पेंशन सुनिश्चित करने के लिए सरकारी एजेंसियों से संघर्ष भी किया[53] । वे पुणे जिले में लोक कलाकार के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करते थे[54]। उन्होंने लोक कलाकार के योगदान का दस्तावेजीकरण करने की कोशिश कि ताकि कला और संस्कृति संरक्षित रहे और अगली पीढ़ी को उपलब्ध हो सके। पिछले दो दशकों से वह युवा पीढ़ी के कलाकारों को मार्गदर्शन कर रहे हैं, जिससे कला का विकास हो रहा है और महाराष्ट्र की संस्कृति में प्रचलित पारंपरिक कला रूपों का संरक्षण हो रहा है।[55] [56][57]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. “अवलिया लोकसाहित्यीक”, "Sakal, a leading Marathi Daily”, Pune, 21-Nov-2021.
  2. बी. के. मोमीन कवठेकर यांना विठाबाई नारायणगावकर पुरस्कार जाहीर “Sakal, a leading Marathi Daily”, 2-Jan-2019
  3. कला क्रीडा व सन उत्सव - पंचायत समिती जुन्नर
  4. "तमाशा श्रेष्ठच, उतरती कळा नाही- मोमीन कवठेकर”, ‘दै. लोकमत- संडे स्पेशल मुलाखत’, दि. १०-फेब्रुवारी-२०१९
  5. "लेखणीतून ग्रामीण लोककला संपन्न करणारे बशीर मोमीन कवठेकर", ‘सांज महानगरी-मुंबई आवृत्ती', दि.२२ जानेवारी २०१९
  6. डॉ. श्यामल गरुड -मुंबई विश्वविद्यालय, "लोकशाहीर मोमीन कवठेकर म्हणे दत्ता...", “दै. पुण्यनगरी”, १५ मे २०१६
  7. शंकर रत्नपारखी. “जागृतदेवस्थान येमाईदेवी”, "Prabhat- a Marathi Daily", Pune, 1-Sept-1985.
  8. "विठाबाई नारायणगावकर पुरस्कारासाठी उमेदवाराची निवड योग्य[मृत कड़ियाँ]}} "Maharashtra Today”, 13-Febh-2019
  9. “रसिकांना मिळणारा आनंद हाच खरा पुरस्कार- बी.के. मोमीन”,Sakal, Pune, 17-Aug-2014.
  10. लोकसाहित्यिक बी.के.मोमीन यांचा सत्कार Archived 2020-10-31 at the वेबैक मशीन Sakal, 30-Aug-2019.
  11. "सोशल नेटवर्किंगवरून आता तमाशाचे मार्केटिंग", "Divya Marathi”, Published on 2-March-2014]
  12. "भाऊ कदम आता नव्या रंगात अन् नव्या ढंगात येणार तुमच्या समोर!"[मृत कड़ियाँ],"Maharashtra Kesari". 6-Aug-2019
  13. Zee Music (2019-08-26), Zumba, VIP Gadhav, अभिगमन तिथि 2020-09-03
  14. "देवळ्यात ‘एकदम पक्का-भाऊचा धक्का’ चे चित्रीकरण!"[मृत कड़ियाँ],"Sakal", 09-Oct-2023
  15. वैजयंती सिन्नरकर, [शब्दगंध : लोककला - तमाशा], "दै. देशदूत, नाशिक, 01-Oct-2023"
  16. "लोकाश्रय लाभलेले लोकशाहीर बी. के. मोमीन कवठेकर", “दै. पुढारी, पुणे”, २३-एप्रिल-२०१५
  17. "लोककला जिवंत ठेवणारी लेखणी विसावली", ‘दै. लोकमत- पुणे’, दि. १४-नोव्हेंबर-२०२१
  18. 'रिवायत' पुस्तक प्रकाशन सोहळा, [1], 28-ऑगष्ट-२०२१
  19. “बी के मोमीन यांचे साहित्य लोकजागृती करणारे - गृहमंत्री वळसे पाटील”, "Lokmat", Pune, 22-Nov-2021.
  20. Patil, Vishwas (2020). Gabhulalelya Chandrabanat. Mehta Publishing House.
  21. "बी. के. मोमीन कवठेकर - लोकसाहित्याचा वारसा पुढे नेणारा लोकशाहीर", “दै. पारनेर दर्शन", १३-नोव्हेंबर-२०२३
  22. आयुष्यभराच्या निरपेक्ष सेवेचा गौरव- लोकशाहीर बशीर मोमीन यांच्या भावना Archived 2020-11-08 at the वेबैक मशीन "दै.सामना”, 1-March-2019
  23. शेख दिलावर. “बघू नका मुखडा वळू वळू - लावणी संग्रह", परिशिष्ट:१.मुस्लिम शहीरों का योगदान, पृष्ठ ११६, निर्मिती प्रकाशन-कोल्हापूर,२०२१
  24. Prakash Khandge. "उपेक्षित कलाक्षेत्राच्या उपयुक्त नोंदी", Loksatta, Mumbai, Published on 10-Dec-2000.
  25. प्रभाकर ओव्हाळ. "दगडूबाबा शिरोलीकर"- संदर्भ:१.कवठेकर,मोमीन बी. के.[2] "मराठी विश्वकोष", महाराष्ट्र राज्य सरकारचा उपक्रम, १३-डिसेम्बर-२०१८
  26. "लेखणीतून ग्रामीण लोककला संपन्न करणारे बशीर मोमीन कवठेकर", ‘सांज महानगरी-मुंबई आवृत्ती', दि. २२ जानेवारी २०१९
  27. बशीर मोमीन – कवठेकरः कोंबड्या विकण्यापासून जीवनगौरव पुरस्कारापर्यंत Archived 2023-03-15 at the वेबैक मशीन "कोलाज- फिचर वेबसाईट", Published on 16-Jan-2019
  28. “बी के मोमीन यांचे साहित्य लोकजागृती करणारे - गृहमंत्री वळसे पाटील”, "दै.लोकमत", Pune, 22-Nov-2021.
  29. वैजयंती सिन्नरकर, [शब्दगंध : लोककला - वग ], "दै. देशदूत, नाशिक, 22-Oct-2023"
  30. फड रंगला तमाशाचा - मोमीन कवठेकर,"आकाशवाणी पुणे केंद्र", २०१९
  31. कोणी कोणाला नाही बोलायच...[मृत कड़ियाँ]साँचा:मृत दुवा,"पारनेर दर्शन" 15-Oct-2020
  32. माधव विवदांस,"विविधा: दत्ता महाडिक पुणेकर"[मृत कड़ियाँ]साँचा:मृत दुवा,संपादकीय, दै.प्रभात, २०-नोव्ह-२०१८, Retrieved on 28-March-2019
  33. "तमाशा श्रेष्ठच, उतरती कळा नाही- मोमीन कवठेकर”, ‘दै. लोकमत- संडे स्पेशल मुलाखत’, दि. १०-फेब्रुवारी-२०१९
  34. Gaana.com, VIP VIP
  35. Zee Music (2019-08-26), Zumba, VIP Gadhav, अभिगमन तिथि 2020-09-03
  36. प्रकाश खांडगे "उपेक्षित कलाक्षेत्राच्या उपयुक्त नोंदी", दै.लोकसत्ता, मुंबई, १०-डिसेम्बर-२०००.
  37. प्रभाकर ओव्हाळ. "दगडूबाबा शिरोलीकर"- संदर्भ:१.कवठेकर,मोमीन बी. के.[3] "मराठी विश्वकोष", महाराष्ट्र राज्य सरकारचा उपक्रम, १३-डिसेम्बर-२०१८
  38. "कवठेकर यांना डॉ. विखे पाटील पुरस्कार", "दै.प्रभात",पुणे, 16-Sept-2014.
  39. "आयुष्यभराच्या निरपेक्ष सेवेचा गौरव! लोकशाहीर बशीर मोमीन यांच्या भावना" [4] Archived 2020-11-08 at the वेबैक मशीन,"Saamana”, Published on 1-March-2019
  40. "दारू पिऊन ‘तिहेरी तलाक’ उच्चारणे कसे काय चालते?"[5] Lokamt, Published on 23-March-2019
  41. "कर्तबगार व्यक्तींचा तळेगाव येथे सन्मान" [6] Archived 2020-10-31 at the वेबैक मशीन,Sakal, Published on 16-Sept-2019
  42. "ग्रामीण भागातील लोककलावंतांना राजाश्रयाची गरज: बी के मोमीन" [7] Archived 2020-02-22 at the वेबैक मशीन, “Prabhat, Published on 12-Dec-2018
  43. "पद्मश्री विखे पाटील साहित्य पुरस्कार जाहीर" [8], “Maharashtra Times", Published on 11-Aug-2014
  44. "कवठेकर यांना डॉ. विखे पाटील पुरस्कार", "Prabhat", Pune, 16-Sept-2014.
  45. " समाजहित साधणारेच खरे 'हिरो' -जॅकी श्रॉफ", "Prabhat", Pune, 3-Nov-2011.
  46. "बी. के. मोमीन कवठेकर - लोकसाहित्याचा वारसा पुढे नेणारा लोकशाहीर", “दै. पारनेर दर्शन", १३-नोव्हेंबर-२०२३
  47. "दुसऱ्या तमाशा लेखन स्पर्धेचा निकाल",Sakal, Mumbai, 22-Oct-1980.
  48. “अवलिया लोकसाहित्यीक”, "Sakal, a leading Marathi Daily”, Pune, 21-Nov-2021.
  49. "Celebrity Marathi Poet-Bashir Momin Kavathekar",NETTV4U - Web platform for entertainment, Retrieved on 29-Jan-2023
  50. “बुवांची ढोलकी आणि भाईंची गाणी राज्यभर गाजली…!!! समाज जागृती साठी आयुष्य वेचणारे गंगारामबुवा कवठेकर व बी. के. मोमीन कवठेकर”, ‘Pune Prime News’, 09-Nov-2022
  51. बशीर मोमीन (कवठेकर) “Editorial Section of Maharashtra Times”, Published on 2-March-2019
  52. "राज्यातील ज्येष्ठ कलावंतांकडे शासनाचे दुर्लक्ष: मोमीन", "Pudhari", Pune, 28-March-2008.
  53. "वृद्ध कलावंताचा मोर्चा, घेरावाचा इशारा", "Dainik Prabhat-a leading marathi daily", Pune, 7-July-2008.
  54. "जिल्ह्यात तमाशा कलावंतांसाठी आरोग्य तपासणी शिबिरे", "Dainik Prabhat-a leading marathi daily", Pune, 20-Jan-2008.
  55. "लोककलाविषयक अप्रकाशित साहित्य शासनाने प्रकाशित करावे", Sakal, Pune, 30-May-2009.
  56. "नृत्य स्पर्धेत बक्षिसांचा ‘पाऊस’",Loksatta, Retrieved on 10-Feb-2019
  57. "ग्रामीण भाग कलाकारांची खाण -मोमीन कवठेकर यांचे प्रतिपादन; शिरूरला एकांकिका स्पर्धा",Sakal, Pune,3-March-2019