पांढुरना

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पांढुरना जिला
Pandhurna
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मध्य प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 21°35′35″N 78°31′44″E / 21.593°N 78.529°E / 21.593; 78.529निर्देशांक: 21°35′35″N 78°31′44″E / 21.593°N 78.529°E / 21.593; 78.529
ज़िलापांढुरना
प्रान्तमध्य प्रदेश
देश भारत
जनसंख्या (2011)
 • कुल45,479
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

पांढुरना जिला (Pandhurna) भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग-47 (NH-47) और दक्षिण पूर्व मध्य-रेलवे मार्ग पर स्थित है। यह शहर 'जाम' नदी के तट पर स्थित है। इस नदी के तट पर हर वर्ष विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेला आयोजित किया जाता है।

पर्यटक स्थान प्रमुख शिर्षक[संपादित करें]

1) चमत्कारी जामसांवली हनुमान मंदिर (सौसर)

2) पांढुरना का गोटमार पांढुर्णा

3) अर्द्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग, मोहगाँव हवेली(सौसर)

4) साई टेकडी साईबाबा मंदिर, पांढुरना

5) छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पांढुरना

6) चक्ररवर्ती सम्राट राजा भोज (पांढुरना)

7) शिव मंदिर, शनिदेव मंदिर अमरावती रोड (पांढुरना)

8) देवगड़ किला (पांढुरना)

9) घोघरा वाटर फाल्स (सौसर)

10) वाध्या नाला एडवेंचर, '''भुम्मा मोहगांव बांध'''

11) मोहि जलाशय , चंगोबा जलाशय

12) भवानी माता मंदिर सावरगांव, छिंदवाड़ा

13) विट्ठल रुखमई मंदिर, पंढरी वार्ड, पांढुरना

14) श्री शनिदेव मंदिर, अमरावती रोड

15) हज़रत गुंचा शाह वाली दरगाह, पांढुरना

पर्यटक एवं धार्मिक स्थल विस्तारपूर्वक[संपादित करें]

  • 1) चमत्कारी जामसांवली हनुमान मंदिर पांढुरना से करीब 25 km की दूरी पर है वही, नागपुर से लगभग 65 km दूरी पर स्थित है। शासकीय दस्तावेजों के अनुसार जमसावली मंदिर करीब 100 वर्षो पुराना है। यहां सबसे अधिक श्रद्धालु मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से पहुंचते हैं। जामसवली मंदिर की एक और खास बात ये भी है कि यहां हनुमान जी की मूर्ति की नाभि से जल निकलता है। भक्त इसे प्रसाद के रूप में लेते हैं। और इस मंदिर की मान्यता है कि यहां मानसिक स्थिति से पीड़ित लोगो को पवित्र जल से सुधार मिलता है।
  • 2)पांढुरना का गोटमार मेला पांढुरना शहर में "गोटमार मेला" हर वर्ष पोला पर्व के दूसरे दिन भाद्रपद 'अमावस्या को मनाया जाता है। यह मेला 'जाम' नदी के तट पर मनाया जाता है। एक पलाश रूपी पेड़ के झंडे को जाम नदी के बीच लगाया जाता है और मेला संपन्न होने पर इस पलाश रूपी झंडे को मां चंडिका के मंदिर में अर्पण किया जाता है। इस मेले की आराध्य देवी मां चंडिका है जो शहर के मध्य में पुरातन से स्थापित है।
  • 3)अर्द्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग, मोहगाँव हवेली मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर और ओमकारेश्वर दो ज्योतिर्लिंग के साथ ही तीसरा अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग भी हैं। यह तीसरा ज्योतिर्लिंग पांढुरना जिले के सौंसर तहसील से 5 km की दूरी पर मोहगांव में स्थित है। पुराणों के आधार पर इस ज्योतिर्लिंग को साढ़े बारहवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है। मोहगांव हवेली में अर्धनारीश्वर का अद्भुत मंदिर स्थित है। यहां भगवान भोलेनाथ अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में विराजमान हैं। जो सकल कामनाओं की पूर्ति करते है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित यह स्थल चार धाम, बारह ज्योतिर्लिंग तथा त्रिपुर सुंदरी के केन्द्र बिन्दु पर स्थित है। पुरातन काल से इस मंदिर की निर्माण संरचना एवं वास्तुकला महामृत्युंजय यंत्र आधारित है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस मंदिर में पहुंचते है।
  • 4) साई टेकडी लसाईबाबा मंदिर, पांढुरना यह मंदिर पांढुरना नगर का आस्था का केंद्र है और हर सप्ताह गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन को आते है यह मंदिर शहर के पारडी रोड पर स्थित है।
  • 5)छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पांढुरना नगर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित यह स्थान पांढुरना शहर में आने वाले पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है। जहा 'श्री छ्त्रपति शिवाजी महाराज"'' की भव्य है

भौगोलिक एव आर्थिक[संपादित करें]

'''पांढुरना''' पांढुर्णा एक विशिष्ट भारतीय शहर है जहां खेती मुख्य व्यवसाय है। कई किसान ख़रीफ़ फसल के रूप में संतरे और कपास उगाते हैं क्योंकि काली मिट्टी इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त है। अन्य फसलें सोयाबीन, मूंगफली, फूलगोभी, चना और गेहूं हैं। यहां कई खाद्य तेल मिलें हैं. शहर में कुछ तेल और कपास मिलें और खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र है साथ ही कई कपास ओटने और दबाने वाले कारखाने भी हैं। पांढुर्णा मूल रूप से विदर्भ से घिरा हुआ है, इसलिए स्थानीय भाषा हिंदी,मराठी और गोंडी है। और पावरी (पवार समुदाय द्वारा बोली जाने वाली भाषा) पांढुर्ना शहर संतरे के खेतों के लिए भी जाना जाता है। संतरे नागपुर के बाजारों में बेचे जाते हैं। पांढुर्णा मध्य प्रदेश का एक निर्मित जिला है । पांढुर्णा शहर को 30 वार्डों में विभाजित किया गया है जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव होते हैं। 2011 की भारतीय जनगणना के अनुसार, पांढुर्णा नगर पालिका की जनसंख्या 193,818 है, जिसमें 100,657 पुरुष थे जबकि 93,156 महिलाएं थीं।[2][3] 0-6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या 4,986 है, जो पांढुर्णा नगर पालिका की कुल जनसंख्या का 10.96% है। महिला लिंगानुपात 937 है, जबकि मध्य प्रदेश का औसत 931 है। इसके अलावा, पांढुर्ना में बाल लिंगानुपात राज्य के औसत 918 की तुलना में लगभग 959 है। पांढुर्ना शहर की साक्षरता दर 87.03% है, जो है राज्य के औसत 69.32% से अधिक। पांढुर्णा में पुरुष साक्षरता दर लगभग 91.02% है जबकि महिला साक्षरता दर 82.76% है। पांढुर्णा नगर पालिका का कुल प्रशासन 10,243 घरों पर है, जहां यह पानी और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करती है। यह नगर पालिका सीमा के भीतर सड़कें बनाने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत संपत्तियों पर कर लगाने के लिए भी अधिकृत है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

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