उपग्रह मण्डल

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किसी जीपीएस-मण्डल के लिए २४ उपग्रह चाहिए जो छः कक्षीय समतलों में समान रूप से वितरित हों। इस चित्र में देखिए कि किस तरह पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी एक बिन्दु से सीधे सम्पर्क में आ सकने वाले उपग्रहों की संख्या लगातार बदल रही है।

उपग्रह मण्डल (satellite constellation) से आशय कृत्रिम उपग्रहों के एक समूह से है जो एक साथ मिलकर काम करते हैं। एक अकेला उपग्रह से पूरे विश्व को या लगभग पूरे विश्व को 'आच्छादित' (cover) नहीं कर सकता, इसके लिए बहुत से उपग्रहों की मंडली आवश्यक होती है। इससे पृथ्वी के प्रत्येक बिन्दु पर हर समय कोई न कोई उपग्रह अवश्य दिखाई देगा। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी उपग्रहों को एक ही कक्षा में न छोड़ा जाय बल्कि अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया जाय जिससे कम से कम उपग्रहों की सहायता से पूरी पृथ्वी को हर समय संचार-संकेत प्रदान किया जा सके।