भोगनडीह

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भोगनडीह
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भोगनडीह is located in झारखण्ड
भोगनडीह
भोगनडीह
झारखंड में स्थिति
निर्देशांक: 24°52′08″N 87°36′11″E / 24.869°N 87.603°E / 24.869; 87.603निर्देशांक: 24°52′08″N 87°36′11″E / 24.869°N 87.603°E / 24.869; 87.603
देश भारत
प्रान्तझारखण्ड
ज़िलासाहिबगंज ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल1,662
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, संथाली, बांग्ला
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)

भोगनडीह (संथाली: ᱵᱷᱚᱜᱽᱱᱟᱰᱤ) भारत के झारखंड राज्य के साहिबगंज ज़िले में स्थित एक गाँव है।[1][2] यह गांव संथाल विद्रोह के प्रमुख नेताओं सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चांद मुर्मू,भैरव मुर्मू, फुलो मुर्मू और झानो मुर्मू के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है।

राज्य सरकार इस गांव को आधुनिक सुविधा से युक्त ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है।[3]

1855 का विद्रोह[संपादित करें]

30 जून 1855 को भोगनाडीह गांव के एक मैदान में संथालों का एक बड़ा समूह एकत्रित हुआ,[4] जिन्होंने सिदो मुर्मू और कान्हू मुर्मू के नेतृत्व में स्वयं को ब्रिटिश राज से स्वतंत्र होने की घोषणा करी और मृत्यु तक उसके विरुद्ध लड़ने की शपथ ग्रहण करी। हर वर्ष उनकी याद में 30 जून को यहां शहीद मेला आयोजित किया जाता है।[5][6]

हूल दिवस[संपादित करें]

संथाल हूल (विद्रोह) की याद में, हूल दिवस हर साल मनाया जाता है, विशेष रूप से संथाल जनजातियों के बीच। अब यह प्रथा है कि प्रत्येक वर्ष झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री इस स्थान पर आते हैं, और सिद्धू और कान्हू को सम्मान देते हैं।[7]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
  2. "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002
  3. "Hul Diawas observed at Bhognadih | Jharkhand State News". web.archive.org. 2015-08-23. मूल से पुरालेखित 23 अगस्त 2015. अभिगमन तिथि 2023-07-21.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  4. "सिदो-कान्हू के आह्वान पर साहिबगंज के भोगनाडीह में हुई थी विशाल जनसभा, यहीं से संताल विद्रोह की शुरुआत". Prabhat Khabar. 2022-06-29. अभिगमन तिथि 2023-07-21.
  5. एजेंसी, IANS. "झारखंड: भोगनाडीह गांव से 30 जून 1855 को शुरू हुआ था आजादी का पहला विद्रोह, हिल गए थे अंग्रेज". ABP News. अभिगमन तिथि 2023-07-21.
  6. "आन्दोलन व बलिदान की कर्मभूमी है भोगनाडीह -". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-07-21.
  7. "Hul Diawas observed at Bhognadih | Jharkhand State News". web.archive.org. 2015-08-23. मूल से पुरालेखित 23 अगस्त 2015. अभिगमन तिथि 2023-07-21.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)