नाभिकीय उर्जा

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एक दाबित जल परमाणु रिएक्टर
रूस का 'एनएस यमाल' नामक आइसब्रेकर जलयान नाभिकीय ऊर्जा से चलता है।

2012 में विश्व में असैनिक विद्युत उत्पादन की स्थिति (IEA, 2014)[1] ██ कोयला/पीट (40.4%)██ प्राकृतिक गैस (22.5%)██ जलविद्युत (16.2%)██ नाभिकीय विखण्डन (10.9%)██ तेल (5.0%)██ अन्य (5.0%)

नियंत्रित नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप प्राप्त उर्जा नाभिकीय उर्जा या परमाणु उर्जा कहलाती है। दो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियाओं से नाभिकीय उर्जा प्राप्त हो सकती है - नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखंडन। किन्तु वर्तमान समय में सभी वाणिज्यिक परमाणु-उर्जा इकाइयाँ नाभिकीय विखंडन पर ही आधारित हैं। सन् २००९ में विश्व की संपूर्ण विद्युत शक्ति का १३-१४% भाग नाभिकीय उर्जा से प्राप्त हुआ।

नाभिकीय उर्जा शब्दावली[संपादित करें]

BWR -- उबलते पानी वाला रिएक्टर—वह एक परमाणु रिएक्टर जो गर्मी ऊर्जा स्थानान्तरण करने के लिए भाप का उपयोग करता है।

CANDU -- एक कनाडाई डिजाइन का रिएक्टर जो ईंधन के रूप में परिष्कृत यूरेनियम का उपयोग करता है। इसमें भारी जल को वायुमंडलीय दाब से अधिक दाब पर रखा जाता है है ताकि अधिक ताप पर भी यह न उबले। भारी जल शीतलक (कूलैंट) एवं मंदक (मॉडरेटर) का काम करता है।

भारी जल रिएक्टर -- भारी जल (D2O) में हाइड्रोजन परमाणुओं के स्थान पर ड्युटिरियम (Dueterium) परमाणु होते हैं। D2O, H2O की अपेक्षा बहुत कम न्यूट्रॉन अवशोषित करता है। इस कारण भारी पानी रिएक्टरों में असंवर्धित यूरेनियम (unenriched uranium) का इस्तेमाल संभव हो पाता है।

फास्ट रिएक्टर -- ये अत्यधिक समृद्ध ईंधन का उपयोग करते हैं; इसमें 'फास्ट न्यूट्रानों' (अधिक उर्जा वाले न्यूट्रानों) द्वारा नाभिकीय विखंडन की क्रिया होती है।

FBR -- फास्ट ब्रीडर रिएक्टर—यह रिएक्टर जितना ईंधन खर्च करता है उससे अधिक पैदा (ब्रीड) करता है। इसमें 'फास्ट न्यूट्रानों' (अधिक उर्जा वाले न्यूट्रानों) द्वारा नाभिकीय विकंडन की क्रिया होती है।

LWR -- लाइट वाटर रिएक्टर—यह मंदक (मॉडरेटर) एवं शीतलक (कूलैंट) के रूप में साधारण जल (H2O ; D2O नहीं) का उपयोग करता है।

मंदक (मॉडरेटर) -- यह अधिक उर्जा के न्यूट्रानों (तेज न्यूट्रान) का वेग कम कर देता है जिससे विखंडन क्रिया में वे अधिक उपयोगी हो जाते हैं और श्रृंखला अभिक्रिया के लिये आवश्यक शर्त पूरी हो पाती है। मुक्ख्य मंदक हैं - हल्का जल, भारी जल, सीसा, द्रव सोडियम, ग्रेफाइट आदि।

एनपीटी -- परमाणु अप्रसार संधि

PWR -- दाबित जल रिएक्टर—यह शीतलक के लिये अधिक दाब पर जल का इस्तेमाल करता है।

PBMR -- जो शीतलक के रूप में एक अर्ध या पूरी तरह से निष्क्रिय गैस का उपयोग करता है। इन गैसों हीलियम, नाइट्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड शामिल हैं।

Pu-239 239 प्रोटॉन से युक्त प्लूटोनियम का समस्थानिक

मंद रिएक्टर -- जो तेज न्यूट्रॉनों को धीमा करने मंदक का इस्तेमाल करते हैं। मंद न्यूट्रॉन की U-235 के साथ टकराने की एवं नाभिकीय क्रिया करने की संभावना अधिक होती है।

U-235 -- 235 प्रोटॉन वाला यूरेनियम का समस्थानिक

U-238 -- 238 प्रोटॉन वाला यूरेनियम का समस्थानिक (आइसोटोप)

असंवर्धित यूरेनियम—प्राकृतिक रूप से प्राप्त यूरेनियम जिसमें U-235 की मात्रा केवल 0.7% होती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. "2014 Key World Energy Statistics" (PDF). International Energy Agency. 2014. पृ॰ 24. मूल से 2015-05-05 को पुरालेखित (PDF).