नाहिल

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

भारत के सबसे बड़े प्रान्त उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में स्थित गांव नाहिल अपने भव्य इतिहास की वजह से प्रसिद्ध है । आजादी का आंदोलन हो, क्रांति हो अथवा सांस्कृतिक ,आध्यात्मिक कोई भी पहलू हो यहां की छटा अलग ही है। नाहिल गांव जिला मुख्यालय से 28किमी दूर तहसील पुवायां से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। गांव पूरी तरीके से पक्की सड़क से जुड़ा हुआ है । गांव की आबादी लगभग 10,000 है। गांव का बाजार काफी समृद्ध है । और गांव में अभी तक 4 विद्यालय हैं। हाइस्कूल तक 2 विद्यालय हैं। एक बैंक और बहुत सारे मंदिर हैं। यहां छोटे बड़े ६ दर्जन से अधिक मंदिर होनेंके कारण नाहिल को लघु काशी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के प्रमुख मंदिर बाबा तुरंतनाथ मंदिर नाहिल बाबा भूमिसयन मंदिर स्वामी आत्मानंद आश्रम बाबा रघुनाथ पूरी धाम पुरातन समय मे नाहिल यहां की 90 एकड़ में फैली झील में पाए जाने वाले नीलकमल की वजह से प्रसिद्ध था। पुराने समय मे यहां के मिट्टी के बर्तन, कालीन, और यहां के बने खोये के पेड़े काफी प्रसीद्ध थे। वर्तमान में नाहिल के डिजिटलीकरण में samadhaan csc और नाहिल न्यूज़ वेब पोर्टल के संस्थापक श्याम मोहन मिश्र और उनकी टीम मोहित त्रिवेदी, प्रशांत मिश्र, कपिल त्रिवेदी काफी मेहनत के साथ लगे हुए हैं।

प्रमुख कवि- रीतिकालीन कवि चंदन गौड़ की जन्मभूमि और कर्मभूमि नाहिल ही थी।

पुस्तक: हिंदी साहित्य का इतिहास आचार्य रामचंद्र शुक्ल