चरणजीत कुमार

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चरणजीत कुमार एक पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी हैं। वह 1980 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में मास्को में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे।[1] वह 1984 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का भी हिस्सा थे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि[संपादित करें]

चरणजीत का परिवार ने कई हॉकी खिलाडी दिए हैं। उनके पिता राज कुमार भी हॉकी खिलाडी थे जो 1964 ओलिंपिक टीम के हिस्सा थे हालांकि वह स्टैंडबॉय रखे जाने के कारण एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। चरणजीत के छोटे भाई गुनदीप कुमार 1988 साउथ कोरिया ओलंपिक टूर्नामेंट में भारतीय टीम का हिस्सा बने।[2]

आजीविका[संपादित करें]

ओलिंपिक खेलने से पहले 1977 में चरणजीत बीएसएफ में इंस्पेक्टर के पद पर सेवा दी। 1980 ओलंपिक में गोल्ड मेडल के बाद 1981 में बीएसएफ से पंजाब पुलिस में डेपुटेशन पर इंस्पेक्टर शामिल हुए। 1987 में बीएसएफ ने डीएसपी प्रमोट किया लेकिन पंजाब पुलिस ने 1994 को दोबारा सीधा डीएसपी भर्ती किया। 2004 में एसपी बने और साल 2016 में एनआरआई विंग से एआईजी रिटायर्ड हुए।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "यादें: आज के दिन 35 साल पहले भारतीय हॉकी टीम ने मास्‍को ओलंपिक में जीता था GOLD". News18 India. 2015-07-29. अभिगमन तिथि 2019-11-29.
  2. "पिता ओलंपिक में स्टैंडबॉय, बेटे ने 1980 ओलंपिक में जीता गोल्ड". Dainik Bhaskar. 2018-05-18. अभिगमन तिथि 2019-11-29.