क्रान्तिकता (की अवस्था)

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नाभिकीय शृंखला अभिक्रिया के सन्दर्भ में क्रान्तिकता (Criticality) उस अवस्था को कहते हैं जिसमें शृंखला अभिक्रिया स्वतःस्फूर्त या स्वपोषी (self-sustaining) हो जाती है। इस अवस्था में अपक्रान्तिकता (रिएक्टिविटी /reactivity) का मान शून्य होता है। क्रान्तिकता की अवस्था में, किसी निश्चित समय में (जैसे १ सेकेण्ड में) जितने न्यूट्रॉन पैदा होते हैं, उतने ही खर्च हो जाते हैं (कुछ नाभिकीय अभिक्रिया में + कुछ नाभिकीय रिएक्टर से बाहर जाकर दीवार (कंक्रीट) आदि में शोषित हो जाते हैं )। इस प्रकार नाभिकीय अभिक्रिया की गति नियत हो जाती है, न बढ़ती है, न घटती है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]