पोमेरेनियन (कुत्ता)

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Pomeranian
अन्य नाम Deutsche Spitze; Zwergspitz; Spitz nain; Spitz enano; Pom; Zwers
उपनाम Pom
मूल देश Germany
(Modern-day North-Western Poland)
विशेषता
जीवन काल 12-16
कुत्ता (Canis lupus familiaris)

पोमेरेनियन (अक्सर पोम के नाम से या अधिक विनोद से पोम पोम के रूप में जाना जाता है) स्पिट्ज नस्ल का कुत्ता है जिसका नाम केंद्रीय यूरोप (आज पूर्वी जर्मनी और उत्तरी पोलैंड का हिस्सा है) के पोमेरेनिया क्षेत्र पर रखा गया है। लेकिन कुछ लोग उसे पॉमेरियन और पामोलियन कहते है , पर वो गलत है इसका नाम पोमेरेनियन ही है | छोटे आकार की वजह से इसे छोटे कुत्ते की नस्ल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, पोमेरेनियन विशाल आकार वाले स्पिट्ज प्रकार के कुत्तों, खासकर जर्मन स्पिट्ज के वंशज हैं। फ़ेडरेशन सैनोलॉजिक इंटरनेशनेल द्वारा इसे जर्मन स्पिट्ज नस्ल का हिस्सा निर्धारित किया गया है और कई देशों में ये ज्वेर्गस्पिट्ज (बौने स्पिट्ज) या ट्वाय जर्मन स्पिट्ज के नाम से जाने जाते हैं।

17 वीं और 18 वीं शताब्दियों के दौरान कुछ शाही मालिकों की वजह से यह नस्ल लोकप्रिय हो गयी। उस समय रानी विक्टोरिया के पास विशेष रूप से एक छोटा पोमेरेनियन था और इसलिये यह नस्ल विश्वस्तर पर लोकप्रिय हो गयी। रानी विक्टोरिया के जीवनकाल में ही इस नस्ल का आकार 50% घट गया था। पोमेरेनियन स्थिर, सुसंगत, आज्ञाकारिता प्रशिक्षण देने पर अच्छी तरह से बर्ताव करते हैं, अन्यथा वही करते हैं जो उनका मन करता है।[1] वे बाहर से कोई आवाज मिलने पर जवाब में भौंकने के लिए जाने जाते हैं। कुल मिलाकर पोमेरेनियन बहादुर और स्वस्थ कुत्ता है। इनमे सबसे आम बीमारी है लक्सेटिंग पटेल्ला. सांस की नली का विफल होना भी चिंता का कारण हो सकता है। कभी-कभार वे त्वचा की बीमारी, जिसे बोलचाल की भाषा में "काली त्वचा की बीमारी" या असमय गंजापन कहते हैं, से ग्रस्त हो सकते हैं। यह एक आनुवांशिक बीमारी है जिससे कुत्तों की त्वचा काली हो जाती है या उसके सारे या अधिकांश बाल झड़ जाते हैं। और इसको बचपनमे ज्यादा हाथ लगाने से इसके बाल गिरने भी शुरु हो सकते है | संयुक्त राज्य अमेरिका में यह नस्ल इस समय की 15 शीर्ष लोकप्रिय नस्लों में शामिल है और छोटे कुत्तों के शौकीनों की वजह से इनकी लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ गयी है। वे बहुत ही छोटे कुत्ते हैं फिर भी कभी-कभी अपने मालिकों की सुरक्षा कर लेते हैं। सहसा आक्रमण होने पर अपने आकार की वजह से वे दब भी सकते हैं।

विवरण[संपादित करें]

एक ऑरेंज सेबल पोमेरेनियन

स्वरूप[संपादित करें]

पोमेरेनियन छोटे कुत्ते हैं जिनका स्कंध प्रदेश वजनी1.9–3.5 किलोग्राम (4.2–7.7 पौंड) और ऊंचा5.0–11 इंच (13–28 सेन्टीमीटर) होता है।[2] वे छोटे मगर मजबूत कुत्ते हैं जिन पर प्रचुर रोएं होते है और उनकी पूंछ ऊपर की ओर मुड़ी और चपटी होती है।[3] इनके गले और पीठ पर ऊपरी परत में बहुत अधिक बाल होते है और इनकी पिछली टांगों व पुट्ठों पर भी घने बाल होते हैं।[4]

शुरुआत में पोम सफेद या कभी-कभी काले हुआ करते थे, हालांकि क्वीन विक्टोरिया ने 1888 में एक छोटे लाल पोमेरेनियन को पाला था, जिसकी वजह से 19 वीं सदी के अंत तक यह रंग लोकप्रिय बन गया।[5] आधुनिक समय में पोमेरेनियन दूसरे किसी भी कुत्ते की नस्ल के मुकाबले व्यापक रंगों की विविधता में उपलब्ध हैं, जिनमें सफेद, काले, भूरे, लाल, नारंगी, क्रीम, नीला, स्याह, काला और भूरा, भूरा और झुलसा हुआ, चितकबरे, भूरी धारियां और इन सभी रंगों के संयोजन भी शामिल है।[6] सबसे आम रंग नारंगी, काला या क्रीम/सफेद है।[3]

मर्ले पोमेरेनियन हाल ही में प्रजनकों द्वारा विकसित एक नया रंग है। यह हल्के नीले/ग्रे धब्बे के साथ ठोस आधार वाले रंग का संयोजन है, जो एक विचित्र प्रभाव देता है। सबसे आम आधार वाले रंग लाल/भूरे या काले प्रभाव वाले रंग हैं, हालांकि यह अन्य रंगों के साथ भी दिखाई दे सकते हैं। चितकबरे मर्ले या लीवर मर्ले जैसे संयोजन वाले नस्ल मानक में स्वीकार्य नहीं हैं। इसके अतिरिक्त मर्ले में आंख, नाक और पंजे की गद्दी का रंग भी अलग है, जैसे कि आंखों का रंग नीला और नाक एवं पंजे की गद्दियां विचित्र ढंग से गुलाबी और काली हो जाती हैं।[7]

एक रंगबिरंगा पोमेरेनियन

पोमेरेनियन के रोएं बहुत घुंघराले होते हैं, तथा हालांकि इन्हें संवारना मुश्किल नहीं है, लेकिन प्रजनकों का सुझाव है कि काफी घने होने और लगातार झाड़ते रहने की वजह से ऐसा रोज किया जाता है। बाहरी रोएं लम्बे सीधे और बनावट में कठोर है जबकि अन्दर के रोयें नरम, घने और छोटे होते हैं। इसके रोएं आसानी से उलझ जाते हैं और उनमें गांठ पड़ जाती है, खासकर जब भीतरी सतह हर दो साल में झड़ जाती है।[8]

व्यवहार[संपादित करें]

पोमेरेनियन आमतौर पर बहुत दोस्ताना और जीवंत नस्ल के कुत्ते हैं। वे अपने मालिकों के आस-पास रहना पसंद करते हैं और उनकी रक्षा करने के लिए भी जाने जाते हैं।[9] वे अपने मालिक के साथ बहुत जल्द घुलमिल जाते हैं और अगर उन्हें अकेले रहने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया तो वे जुदाई की चिंता से ग्रस्त हो सकते हैं।[10] पोमेरेनियन अपने पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के प्रति सतर्क रहते हैं और नए माहौल में उत्तेजित होकर भौंकना किसी भी स्थिति में जरूरत से ज्यादा भौंकने की आदत में विकसित हो सकता है। वे अपने क्षेत्र के बचाव की मुद्रा में रहते हैं इसलिए कोई भी बाहरी आवाज मिलने पर वे भौंकना शुरू कर देते हैं।[10] पोमेरेनियन बुद्धिमान कुत्ते हैं और प्रशिक्षण देने पर अच्छी तरह से पेश आते हैं और अपने मालिक से वो जो भी चाहते हैं उसे हासिल करने में सफल हो सकते हैं।[9]

वे ठंडे वातावरण की तलाश में रहते हैं और इसीलिए उन्हें टाइल वाली ठंडी फर्श पर लेटे हुए देखे जा सकता है जो आमतौर पर रात और दिन में भी ठंडी रहती है।[10] यह नस्ल अपार्टमेंट में रहने की आदी है और घर के भीतर बहुत सक्रिय रहती है।[11]

स्वास्थ्य[संपादित करें]

एक सफेद पोमेरेनियन.

समग्र स्वास्थ्य[संपादित करें]

पोमेरेनियन की औसतन उम्र 12-16 वर्ष है।[12] अच्छे आहार और उचित व्यायाम करने वाले इस नस्ल के कुत्ते को कम बीमारियां होंगी और यदि ट्रिम और फिट रखा जाए तो पोमेरेनियन एक तगड़ा छोटा कुत्ता है।[13] इस नस्ल के कुत्ते के स्वास्थ्य मुद्दे भी अन्य नस्लों के कुत्तों के समान हैं, फिर भी पोमेरेनियन की हलकी बनावट की वजह से हिप डिस्प्लाज़िया जैसे कुछ मुद्दे इनमे आम नहीं है।[14] इनकी देखभाल की अनदेखी करने, दांत, कान और आंखों की सफाई नहीं करने पर स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ समस्याएं विकसित हो सकती हैं। हालांकि नियमित रूप से ध्यान देने पर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।[15]

आम समस्याएं[संपादित करें]

रंगीन मर्ले कुत्तों को हल्के से गंभीर बहरेपन, अंतःचाक्षुश दबाव, दृष्टिदोष अपसामान्य दृष्टि, लघु नेत्र और नेत्रविदर की शिकायत हो सकती है। मर्ले कुत्ते जिनके माता-पिता दोनों मर्ले हों, वे ढांचे, हृदय संबंधी या प्रजनन संबंधी मामलों में असामान्यताओं से ग्रस्त हो सकते हैं।[16]

पोमेरेनियन नस्ल में लक्सेटिंग पटेलास एक अन्य आम बीमारी है।[14] यह तब होता है जब अन्य विकृति या चोट की वजह से घुटने में घुटने का जोड़ बनाने वाली मेड़ सही स्थिति में न हो या इतना उथला हो कि जानुफलक को सही और सुरक्षित ढंग से बैठने नहीं दे रहा हो. यह जानुफलक को अपनी जगह से खिसका (खांचे से बाहर निकालना) सकता है जिससे पैर मुड़ना बंद हो जाएगा और तलवा जमीन से ऊपर रहेगा.[17] जबकि मांसपेशियों के संकुचित होने की वजह से घुटने की चक्की सही स्थिति में नहीं लौट सकती. प्रारंभिक दर्द घुटने के ऊपर की हड्डी (नी कैप) के जांघ की हड्डी के मेड के पार फिसलने से होता है। एक बार जगह से हट जाने के बाद, कुत्ते को स्लिप डिस्क की वजह से कोई दर्द महसूस नहीं होता है। ऐसी स्थिति छोटी नस्ल में, विशेष रूप से छोटे और टॉय पूडलस में अधिक आम होती है।[17]

पोमेरेनियन के मुहरा और चेहरे की विशेषताओं का क्लोज़ अप.

सांस की नली का विफल होना (त्रचेल कोलैप्स) सांस की नली में श्वशन छल्लों की कमजोरी के कारण होता है। यह तब होता है जब सामान्य रूप से सांस की नली के आकार को बनाये रखने वाले छल्ले विफल होकर हवा का मार्ग बंद कर देते हैं। यह आमतौर पर पोमेरेनियनों और यॉर्कशायर टेरियर तथा पूडल और छोटी नस्ल के अन्य कुत्तों में देखा जाता है। इस विफलता के लक्षण में भोंपू जैसी खांसी जो बतख की चीख जैसी सुनाई देती है, व्यायाम के लिए असहिष्णुता, बेहोशी के दौरे और गर्म मौसम, व्यायाम तथा उत्तेजना से बिगड़ी हुई खांसी शामिल है।[18]

पोमेरेनियनों को अक्सर "काली त्वचा की बीमारी" हो जाती है जो गंजापन (बालों के झड़ने) और अतिवर्णकता (त्वचा का अस्वाभाविक रूप से काला हो जाना) का संयोजन है। इस अवस्था के अन्य नाम हैं ऊनी कोट, कोट दुर्गंध, छद्म कुशिंग रोग या बालों का बुरी तरह से झड़ना. यह बीमारी मादा की तुलना में नर पोमेनेरियनों को अधिक प्रभावित करती है और वंशानुगत हो सकती है। कई अन्य नस्लों को भी यह त्वचा विकार होता है, जिनमें अमेरिकी जल स्पेनियल (शिकारी कुत्ता), डाक्सहूण्ड (छोटे-छोटे पैरों वाले कुत्ते की एक जाति), कीसहूण्ड (हॉलैण्ड के कुत्तों की एक नस्ल) और चाउ चाउ (चीन के कुत्तों की एक नस्ल) शामिल है।[19] हालांकि अधिकतर कुत्तों में यौवन में यह लक्षण दिखता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। कुशिंग सिंड्रोम, हाइपोथायरायडिज्म त्वचा में दीर्घकालिक संक्रमण और प्रजनन हार्मोन विकारों सहित कई स्थितियां इस स्थिति के सदृश्य हो सकती हैं।[19]

गुप्‍तवृषणता नर पोमेरेनिअनों में होने वाला एक अन्य आम विकार है। यह तब होता है जब या तो एक या दोनों अंडकोष नहीं उतरते. इस मामले में उन्हें मुक्त करने के लिए पेट की शल्य-क्रिया की आवश्यकता होती है। अच्छी खबर यह है कि यह उन्हें स्वस्थ बनाता है और अन्य समस्याओं के साथ कैंसर के जोखिम को कम करता है।

इतिहास[संपादित करें]

उत्पत्ति[संपादित करें]

1915 से एक लघु पोमेरेनियन

आर्कटिक क्षेत्र के काम करने वाले बड़े कुत्ते पोमेरेनियन की वर्तमान नस्ल के अग्रवर्ती थे। इन कुत्तों को आम तौर पर वुल्फस्पिट्ज या स्पिट्ज टाइप के रूप में जाना जाता है, जो "नुकीला बिंदु" के लिए प्रयोग किया जाने वाला जर्मन शब्द है, यह 16 वीं सदी के काउंट एबेर्हार्ड ज़ू सायन द्वारा कुत्ते की नाक और थूथन के संदर्भ में इस्तेमाल किया गया मूल शब्द है। पोमेरेनियन को स्पिट्ज जर्मन का वंशज माना जाता है।[20]

माना जाता है इस नस्ल को अपना नाम उस इलाके से सम्बंधित होने की वजह से मिला है, जो आज जर्मनी का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र है तथा पोमेरेनिया के रूप में जाना जाता है। हालांकि यह इस नस्ल का मूल क्षेत्र नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र को प्रजनन का श्रेय दिया जाता है जो कुत्ते की मूल पोमेरेनियन नस्ल की और जाती है। हालांकि, यूनाइटेड किंगडम में पोमेरेनियन का परिचय प्राप्त होने तक उचित प्रलेखन का अभाव था।[20]

पोमेरेनियन नस्ल का एक प्रारंभिक आधुनिक रिकॉर्ड संदर्भ 2 नवम्बर 1764 से है, जो जेम्स बोसवेल के बोसवेल ऑन द ग्रैंड टूर: जर्मनी एंड स्विट्जरलैंड की एक डायरी प्रविष्टि के रूप में है। "उस फ्रांसीसी व्यक्ति के पास पोमेर नाम का एक पोमेरेनियन कुत्ता था जिसे वह बहुत चाहता था।"[21] थॉमस पेनेंट के 1769 से अ टूर इन स्कॉटलैंड में लंदन के एक पशु व्यापारी द्वारा एक पोमेरेनियन नस्ल और एक भेड़िये का मेल करने का ज़िक्र है।[22]

"A man and a woman walking next to a wood with their white dog. The woman is dressed in a white 18th century gown and a black hat, and the man is dressed in a black suit with white stockings."
1785 में थॉमस गेन्सबोरो द्वारा श्रीमान और श्रीमती का एक चित्रपुराने प्रकार के वैशिष्ट्य का एक बड़ा पोमेरेनियन.

ब्रिटिश शाही परिवार के दो सदस्यों ने नस्ल के विकास को प्रभावित किया। 1767 में इंग्लैंड के किंग जॉर्ज-III की रानी रानी शेर्लोट दो पोमेरेनियनों को इंग्लैंड लायीं. फ़ोबे और मर्करी नामक इन कुत्तों को सर थॉमस ग़ेइन्सबोरो ने अपने चित्रों में चित्रित किया। इन चित्रों में आधुनिक नस्ल से बड़े एक कुत्ते को चित्रित किया गया है, कथित रूप से इसका वजन30–50 पौंड (14–23 कि॰ग्राम) से ज्यादा है, लेकिन घने रोयें, कान और पीछे की ओर मुड़ी हुयी पूंछ आधुनिक लक्षण दर्शाती है।[20]

रानी शेर्लोट की पोती, रानी विक्टोरिया भी काफी उत्साही थी और उसने एक बड़ा प्रजनन श्वानालय स्थापित किया। उसके पसंदीदा कुत्तों में से एक अपेक्षाकृत छोटा लाल सेबल पोमेरेनियन था जिसे उसने "विंडर्स मार्को" नाम दिया था और उसका वज़न मात्र 12 पौंड (5.4 कि॰ग्राम) था। 1891 में जब उसने पहली बार मार्को का प्रदर्शन किया, वह छोटे आकार के पोमेरेनियन के तुरंत लोकप्रिय होने का कारण बना और प्रजनकों ने प्रजनन के लिए केवल छोटे नमूनों का चयन शुरू किया। उसके जीवनकाल के दौरान पोमेरेनियन नस्ल के आकार में 50% की कमी होने की सूचना मिली थी।[20] रानी विक्टोरिया ने अपने प्रजनन कार्यक्रम में जोड़ने के लिए विभिन्न यूरोपीय देशों से विभिन्न रंगों के छोटे पोमेरेनियनों के आयात द्वारा पोमेरेनियन नस्ल को बेहतर बनाने और बढ़ावा देने के लिए कार्य किया।[23] इस अवधि के शाही मालिकों में फ्रांस के नेपोलियन प्रथम की पत्नी जोसेफिन द बेऔहर्नैस और इंग्लैंड के राजा चतुर्थ जॉर्ज भी शामिल थे।

1891 में, पहला नस्ल क्लब इंग्लैंड में स्थापित किया गया और उसके बाद शीघ्र ही पहला नस्ल मानक लिखा गया था। नस्ल का पहला सदस्य 1898 में अमेरिका के अमेरिकन केनेल क्लब के लिए दर्ज किया गया था और बाद में जल्द ही इसे 1900 में मान्यता दी गयी। ग्लेन रोज़ फ्लैशअवे ने 1926 के वेस्टमिंस्टर केनेल क्लब डॉग शो में ट्वॉय ग्रुप जीता, जो वेस्टमिंस्टर में समूह जीतने वाला पहला पोमेरेनियन था।[20] वेस्टमिंस्टर शो में पहला सर्वश्रेष्ठ ग्रेट एल्म्स प्रिंस चार्मिंग द्वितीय बनाने में 1988 तक का समय लगा.[24]

1998 में प्रकाशित मानक में फ़ेडरेशन सैनोलॉजिक इंटरनेशनेल द्वारा कीशहोंड साथ-साथ पोमेरेनियन को जर्मन स्पिट्ज मानक में शामिल किया गया।[25] मानक के अनुसार "स्पिट्ज नस्ल मनोरम हैं" और इसमें एक "अद्वितीय विशेषतायुक्त, मुखर उपस्थिति" है।[25]

लोकप्रियता[संपादित करें]

पोमेरेनियन संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे अधिक लोकप्रिय कुत्तों में है और पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से लगातार एकेसी (AKC) कुत्ता नस्लों में 15 शीर्ष नस्लों में पंजीकृत है।[26] नस्ल ने 2008 की रैंकिंग में #13वां रैंक प्राप्त किया, 2007 और 2003 में भी उसे यही रैंकिंग प्राप्त है।[26]

हालांकि, यह 2008 या 2007 में ब्रिटेन में 20 शीर्ष नस्लों में सूचीबद्ध नहीं है।[27] ऑस्ट्रेलिया में उनकी लोकप्रियता में 1986 के बाद से गिरावट आई है, 1987 में राष्ट्रीय ऑस्ट्रेलियाई श्वानालय परिषद में 1128 पोमेरेनियनों के पंजीकरण के साथ चोटी पर पहुंचने के बाद 2008 में केवल 577 को पंजीकृत किया गया। लेकिन यह अपने आप में 2004 से अधिक है जब केवल 491 कुत्ते पंजीकृत थे।[28]

यह 2008 में अमेरिकी शहरों में अधिक लोकप्रिय रहा, इसने डेट्रोइट[29] और ऑरलैंडो[30] में दसवीं संयुक्त रैंकिंग (अमेरिकी बुलडॉग के साथ), लॉस एंजिल्स[31] में नौवीं, सिएटल में एक संयुक्त सातवीं (फिर से अमेरिकी बुलडॉग के साथ,[32] और होनोलूलू में तीसरी रैंकिंग प्राप्त की, जिसमें केवल लेब्राडोर रिट्रेवर और जर्मन शेफर्ड डॉग उससे आगे रहे.[29]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • लैप डॉग
  • कम्पैन्यन डॉग
  • कम्पैन्यन डॉग ग्रुप

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Lowell, Michelle (1990). Your Purebred Puppy: A Buyers Guide. New York, NY: Henry Holt. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8050-1411-X.
  2. Cunliffe, Juliette (1999). The Encyclopedia of Dog Breeds. Parragon. पृ॰ 262. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9-780752-580180. अभिगमन तिथि 28 नवंबर 2009.
  3. Hale, Rachael (2008). Dogs: 101 Adorable Breeds. Andrews McMeel Publishing. पृ॰ 197. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0740773426. अभिगमन तिथि 2 दिसंबर 2009.
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  5. "What is a pomeranian". Web Answers. मूल से 28 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फरवरी 2010.
  6. Coile, D. Caroline (2007). Pomeranians for Dummies. For Dummies. पृ॰ 29. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0470106020. अभिगमन तिथि 2 दिसंबर 2009.
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  8. Dane Stanton (2009). "Tips on Pomeranian Grooming". Pomeranian Dogs. मूल से 16 मार्च 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फरवरी 2010.
  9. "Pomeranian Dogs". Dogster.com. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2010.
  10. "Pomeranian". Pets4You. 22 दिसंबर 09. मूल से 5 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2010. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  11. "Top 50 Most Popular Apartment Dogs". MovingToAnApartment.com. 27 नवंबर 2007. मूल से पुरालेखित 10 जुलाई 2012. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2010.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  12. "Pomeranian Information". PomPom.com. अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2009.
  13. "Pomeranian Health Management". My Dog Breed: The Pomeranian. मूल से 14 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फरवरी 2010.
  14. "Pomeranian Health Problems". अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2009.
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  18. Degner, Dr. Daniel A. (2004). "Tracheal Collapse". PetEducation.com. Drs. Foster & Smith, Inc. अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2009.
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  20. Vanderlip, Sharon (2007). The Pomeranian Handbook. Barron's Educational Series. पपृ॰ 2–8. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0764135453. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2010.
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  22. Pennant, Thomas (1776). A Tour in Scotland 1769 (Fourth संस्करण). Benj White. पृ॰ 195. अभिगमन तिथि 29 नवंबर 2009.
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बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

साँचा:Spitz