के. सी. रेड्डी

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के.सी. रेड्डी (1902 -1976) एक स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनेता थे, जिसे भारतीय संविधान सभा का सदस्य और मैसूर स्टेट (अब कनार्टक राज्य) के पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ।

जीवन परिचय[संपादित करें]

के.सी. रेड्डी का जन्म 4 मई 1902 को वोक्कालिगा परिवार में कर्नाटक (मैसूर) राज्य के कोलार ज़िले हुआ था। वह बचपन से ही क्रांतिकारी थे और उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।


कानून में स्नातक होने के बाद, रेड्डी ने अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ, 1930 में प्रजा पक्ष (पीपुल्स पार्टी) की स्थापना की। इस पार्टी का उद्देश्य रियासत मैसूर में जिम्मेदार सरकार हासिल करना था। पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों में समर्थन प्राप्त किया क्योंकि इसने मुख्य रूप से किसानों के मुद्दों पर प्रकाश डाला। 1934 में उन्होंने प्रजा मित्र मंडल के साथ मिलकर 'प्रजा संयुक्त पक्ष' संगठन बनाया और अध्यक्ष चुने गए।

बाद में, इस संगठन का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया गया। उन्होंने 1937-38 और 1946-47 तक वह दो बार मैसूर कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1946 में वह कर्नाटक (मैसूर) राज्य से भारतीय संविधान सभा के सदस्य चुने गए।

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, वह मैसूर राज्य में जिम्मेदार राज्य सरकार की मांग करने वाले साथ मैसूर चलो आंदोलन में सबसे आगे थे और 25 अक्टूबर 1947 को राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 30 मार्च 1952 तक मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया।

रेड्डी को 1952 में मैसूर विधानसभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। इसके बाद, उन्होंने 1952 से 1957 तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में और 1957, 1962 के संसदीय चुनावों में तक कोलार संसदीय सीट से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने केंद्रीय आवास और आपूर्ति मंत्री (1957-61) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (1961–63) के रूप में भी कार्य किया।

वर्ष 1963-64 तक रेड्डी जी को संसद में कांग्रेस पार्टी का उपनेता चुना गया। बाद में, उन्होंने 1965 से 1971 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। 27 फरवरी 1976 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।


2002 में रेड्डी की जन्मशती मनाई गई थी, जब कर्नाटक के विकास के लिए उनके योगदान की सराहना की गई थी