देव छठ पूजा

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देव महाछठ पूजा
स्थानदेव, बिहार
दर्शक-पर्यटक15-18 लाख से अधिक (in प्रत्येक वर्ष)
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बिहार में औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में कार्तिक और चैती छठ व्रत के अवसर पर चार दिवसीय राजकीय छठ मेले [2]की रौनक देखते ही बनती है [3]और पूरा मेला क्षेत्र छठी मईया के गीतों से गुंजायमान रहता है। मेला परिसर तथा मंदिर क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती की जाती है। इस अवसर पर त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर को अत्यंत आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। मेला क्षेत्र समेत पूरे देव में हर तरफ छठी मईया के गीत सुनाई पड़ती हैं। लोक मान्यता है कि देव में अत्यंत प्राचीन सूर्य मंदिर में भगवान भास्कर की पूजन-अर्चन करने और पौराणिक सूर्य कुंड में स्नान करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है। छठ के मौके पर भगवान भास्कर के साक्षात उपस्थिति की रोमांचक अनुभूति लोगों को होती है। [4] [5] कार्तिक छठ पूजा में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। देव में जिला प्रशासन के साथ स्काउट गाइड मिलकर सुरक्षा, विधि व्यवस्था बनाने में स्काउट गाइड की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। [6][7][1]देव एक ऐसा जगह है जहां हिन्दू के साथ मुस्लिम भी छठ करते हैं। [8] कोणार्क सूर्य मंदिर, देव सूर्य मंदिर व कालपी मंदिर तीन ऐसी जगहें हैं, जहां सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है। इसका जिक्र भविष्य पुराण में किया गया है। इस पुराण के मुताबिक धरती पर इंद्र वन, मुंडीर वन व कालपी भगवान सूर्य का मुख्य स्थान है। [9] देव छठ मेले में देश के विभिन्न भागों तथा राज्य के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं और व्रतधारियों की सुविधा के लिए पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा, परिवहन आवासन आदि की बेहतर व्यवस्था की जाती है। [10]

मेले में श्रद्धालुओं की संख्या[संपादित करें]

Key
{historical devotees of in Coming New Year Approx devotees in Coming New Year
# Year कार्तिक मेले में श्रद्धालुओं की संख्या चैत मेले में श्रद्धालुओं की संख्या अद्रा मेले में श्रद्धालुओं की संख्या अन्य समय में श्रद्धालुओं की संख्या Ref.
1 2016 7 लाख से अधिक 4 लाख से अधिक 2 लाख से अधिक 1 लाख से अधिक [11]
2 2017 20 लाख से अधिक 16 लाख से अधिक 9.5 लाख से अधिक 5 लाख से अधिक [12]
3 2018 10 लाख से अधिक 17 लाख से अधिक 14 लाख से अधिक 12 लाख से अधिक [13]
4 2019 15 लाख से अधिक 19 लाख से अधिक 16 लाख से अधिक 13 लाख से अधिक [14]

यह भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "छठ पूजाः औरंगाबाद के देव में छठी मईया को अर्घ्य देने जुटें 10 लाख लोग". https://www.livehindustan.com. मूल से 28 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 एप्रिल 2019.
  3. "औरंगाबाद : देव कार्तिक छठ मेले को मिला राजकीय दर्जा". मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  4. "देव छठ मेला: हर तरफ गूंज रही छठी मईया के गीत | Naya India". मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  5. Automation, Bhaskar (12 नव॰ 2018). "एनसीसी के कैडेट और स्काउट-गाइड देव मेला में तैनात हुए". Dainik Bhaskar. मूल से 3 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. "देव छठ मेला के भीड़ नियंत्रण में लगे स्काउट गाइड". Dainik Jagran. मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  7. "देव छठ मेला पर खर्च होंगे 25 लाख". Dainik Jagran. मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  8. "नहाय-खाय के साथ चार दिवसयी छठ प्रारंभ". Dainik Jagran. मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
  9. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 एप्रिल 2019.
  10. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 एप्रिल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 एप्रिल 2019.
  11. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 एप्रिल 2019.
  12. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 एप्रिल 2019.
  13. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 नवम्बर 2019.
  14. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 नवम्बर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2019.