मिश्रबंधु-विनोद

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

मिश्रबंधु-विनोद मिश्रबन्धुओं द्वारा लिखित हिन्दी का साहित्यिक तथा प्रारम्भिक इतिहास-ग्रन्थ है। यह साहित्यिक इतिहास तीन लेखकों गणेश बेहारी मिश्र, शुकदेव बेहारी मिश्र तथा श्याम बेहारी मिश्र आदि का मिला-जुला प्रयास है।

परिचय[संपादित करें]

मिश्रबंधु-विनोद[1] के मुख्यत: चार भाग हैं। इनमें से प्रथम तीन भागों का प्रकाशन सन् १९१३ में हुआ था। इसका चौथा भाग सन् १९३४ में प्रकाशित हुआ था।

== विशेषताएँ == मिश्र बंधु विनोद ग्रंथ को मिश्र बंधुओं ने 8से अधिक भागों में विभाजित किया था। सन् 1913में इस ग्रंथ के तीन भाग प्रकाशित हुए और चौथा भाग 1934को प्रकाशित हुआ । अब तक इस ग्रंथ के केवल चार भाग ही प्रकाश में आए हैं।

 हिंदी साहित्य इतिहास के लेखन के  कालक्रम की दृष्टि से ये चौथे लेखक थे।
                  इस ग्रंथ में कुल मिलाकर 5000  कवियों का परिचय दिया गया है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

मिश्रबंधु

संदर्भ[संपादित करें]

  1. मिश्रबंधु (१९१३). मिश्रबंधु-विनोद. लखनऊ: गंगा-पुस्तकमाला-कार्यालय.