कल्ब अली ख़ान वहादूर

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सर कल्ब अली खान, रामपुर के नवाब

हाजी नवाब कल्ब अली ख़ान बहादूर (1832 – 23 मार्च 1887) १८६५ से १८८७ तक रामपुर के नवाब थे।[1]

नवाब कल्बे अली खान अरबी और फारसी के विद्वान थे तथा उनके शासनकाल में रामपुर रियासत में साहित्य को भरपूर प्रोत्साहन मिला नवाब कल्ब अली खान का महत्वपूर्ण योगदान 13वीं शताब्दी के प्रसिद्ध फारसी कवि शेख सादी की पुस्तक "करीमा "का देवनागरी ब्रज भाषा में कवि बलदेव दास चौबे शाहबाद रामपुर निवासी से आग्रह करके अनुवाद कराना था । यह अनुवाद दोहे और चौपाई यों के माध्यम से बहुत सुंदर रीति से 28 पृष्ठ में सन 1873 ईस्वी में बरेली रुहेलखंड लिटरेरी सोसायटी की प्रेस में छापा गया। रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, (उत्तर प्रदेश )

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवंबर 2018.