उपस्कर अवतरण प्रणाली ग्लाइड पाथ

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लोकलाइज़र और ग्लाइड  पाथ  का उत्सर्जन पैटर्न संकेत।
जर्मनी के हनोवर हवाई अड्डे पर 09 उड़ानपट्टी पर स्थापित ग्लाइड स्लोप स्टेशन एवं एण्टीना।

उपस्कर अवतरण प्रणाली ग्लाइड पाथ (अंग्रेज़ी: इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम ग्लाइड पाथ )(लघु: ग्लाइड पाथआइएलएस [G/P] या ग्लाइड स्लोप आइएलएस [G/S]) – अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन (आईटीयू) के आईटीयू रेडियो विनियम (आरआर)[1] – में परिभाषा के अनुसार " इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग प्रणाली  में सन्निहित ऊर्ध्वाधर मार्गदर्शन जो अवतरण के समय विमान को अपने इष्टतम अवतरण पथ से ऊर्ध्वाधर विचलन इंगित करता है।"प्रत्येक रेडियो स्टेशन या ऐसी प्रणाली को, वह जिस सेवा को स्थायी या अस्थायी रूप से प्रदान कर रहा है, उसी के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है।  


प्रचालन सिद्धांत[संपादित करें]

ग्लाइड स्लोप स्टेशन उड़ानपट्टी के टचडाउन क्षेत्र के निकटस्थ एक एंटीना सारणी का उपयोग करता है। GS संकेत उपस्कर के वाहिका आवइत्ति पर लोकलाईज़र  की ही भांति भेजा जाता है। ग्लाइड स्लोप संकेत का ्केन्द्र लगभग 3° क्षैतिज(भूमि स्तर से) पर प्रेषण करने हेतु व्यवस्थित किया जाता है। इसकी किरण (बीम) १.४° डीप (ग्लाइड पाथ केन्द्र से ०.७° नीचे एवं ०.७° ऊपर) होती है।

पायलट विमान को इस प्रकार नियन्त्रित करता है कि उसका विमान स्थापित सूचक केन्द्र में ही रहे, जिससे विमान ग्लाइड पाथ का अनुसरण करते हुए किसी भी व्यवधान आदि से ऊपर रहते हुए उड़ानपट्टी पर एकदम टचडाउन बिन्दु पर पहुंचना सुनिश्चित हो पाये( अर्थात् यह उपकरण ऊर्ध्वाधर मार्गदर्षन उपलब्ध कराता है)।

लोकलाइज़र एवं ग्लाइड स्लोप की वाहक आवृत्ति के जोड़े[संपादित करें]

आईएलएस के कुल ४० उपलब्ध चैनल्स में से किसी एक पर दो आवृत्तियों का प्रेषण किया जाता है। इनमें से एक को ९० हर्ट्ज़ पर एवं दूसरी को १५० हर्ट्ज़ पर आवृत्ति मॉड्यूलन किया जाता है। इनको सह-स्थापित संग्राहकों की श्रेणी से प्रेषित किया जाता है। प्रत्येक संग्राहक (एण्टीना) एक संकीर्ण किरण (नैरो बीम) प्रेषित करता है।

लोकलाइज़र एवं ग्लाइड स्लोप की वाहक आवृत्तियों के जोड़े इस प्रकार से निर्धारित कर बने हुए होते हैं, कि विमान स्थापित नौवहन रेडियो ग्राहक लोकलाइज़र आवृत्ति चयन करने पर स्वतः ही ग्लाइडस्लोप आवत्ति भी चुन लेता है। लोकलाइज़र आवृत्ति ११० मेगाहर्ट्ज़ और ग्लाइडस्लोप आवृत्ति ३३० मेगाहर्ट्ज़ के रेंज में होती हैं।लोकलाइज़र वाहक आवृत्तियाँ १०८.१० - १११.९५ मेगाहर्ट्ज़ (जिसमें १०० किलोहर्ट्ज़ प्रथम दशमलव डिजिटल विषम होते हैं, तदनुसार १०८.१०, १०८.१५, १०८.३०, आदि होती हैं, और इनका प्रयोग कहीं किसी कार्य के लिये नहीं किया जाता है)। आईएलएस आवृत्तियां टैकैन चैनल्स के 18X से 56X तक के सम चैनल्स पर देखें।  

सन्दर्भ / सूत्र[संपादित करें]

  1. अन्तर्राष्ट्रीय टेलिकम्युनिकेशन संघ-रेडियो विनियम, अनुभाग ४। रेडियो स्टेशन एवं प्रणाली- लेख १, १०६, उपस्कर अवतरण प्रणाली (आईएलएस) [ITU Radio Regulations, Radio Stations and Systems –Article 1.106, definition : instrument landing system (ILS)]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]