वाइब्रियो

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वाइब्रियो
वाइब्रियो कोलेराए (Vibrio cholerae)
वैज्ञानिक वर्गीकरण
अधिजगत: बैकटीरिया (Bacteria)
संघ: प्रोटियोबैक्टीरिया (Proteobacteria)
वर्ग: गामाप्रोटियोबैक्टीरिया (Gammaproteobacteria)
गण: वाइब्रियोनेलीस (Vibrionales)
कुल: वाइब्रियोनेसी (Vibrionaceae)
पचीनी, 1854
वंश: वाइब्रियो (Vibrio)
जातियाँ

वाइब्रियो (Vibrio) ग्राम-ऋणात्मक बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक वंश है। इसकी कोशिकाओं का आकार चापदार छड़ी जैसा होता है (यानि कोमा जैसा)। इसकी कई जातियाँ भोजन विषात्तन की कारक होती हैं और ठीक से मछलियाँ व अन्य समुद्री आहार न पकाने के कारण फैलती हैं। हैज़ा उत्पन्न करने वाली वाइब्रियो कोलेराए (Vibrio cholerae) जाति इसी वंश में शामिल हैं। यह प्रोटियोबैक्टीरिया संघ के गामाप्रोटियोबैक्टीरिया वर्ग के वाइब्रियोनेसी कुल की सदस्य होती हैं और अधिकतर खारे जल में रहती हैं। वाइब्रियो जातियाँ अंतर्बीजाणु न बनाने वाली विकल्पी अवायुजीव होती हैं। अधिकांश वाइब्रियो जातियों की कोशिकाओं में दो गुणसूत्र (क्रोमोसोम) होते हैं जो बैक्टीरिया के लिए असाधारण है।[1][2] इसकी सभी जातियाँ कशाभिकाएँ रखती हैं और गतिशील होती हैं।[3][4][5][6]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. Ryan KJ; Ray CG, संपा॰ (2004). Sherris Medical Microbiology (4th संस्करण). McGraw Hill. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8385-8529-9.
  4. Faruque SM; Nair GB, संपा॰ (2008). Vibrio cholerae: Genomics and Molecular Biology. Caister Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-904455-33-2. मूल से 22 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अगस्त 2018.
  5. Madigan, Michael; Martinko, John, संपा॰ (2005). Brock Biology of Microorganisms (11th संस्करण). Prentice Hall. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-13-144329-1.
  6. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर