निशि भाषा
निशि | |
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न्यिशी, निसि, निशिंग | |
बोलने का स्थान | अरुणाचल प्रदेश, असम |
तिथि / काल | 2001 जनगणना |
समुदाय | निशि लोग |
मातृभाषी वक्ता | 220,000[1] |
भाषा परिवार |
चीनी-तिब्बती
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उपभाषा |
अक लेल, बंगनी, निशांग
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भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | njz |
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निशि भाषा, जो कि न्यिशी, निसि, निशिंग नामों से भी जानी जाती है, एक तानी शाखा की चीनी-तिब्बती भाषा है जो कि भारत के अरुणाचल प्रदेश तथा असम राज्यों में बोली जाती है। भारत की संकटग्रस्त भाषाओं में से एक है। यह अत्यधिक गंभीर रूप से खतरे में है। यह चीन में भी बोली जाती है।
आईएसओ कोड: [2]
भौगोलिक वर्गीकरण[संपादित करें]
नामकरण[संपादित करें]
क्षेत्रविस्तार[संपादित करें]
बोलियाँ[संपादित करें]
भाषा साहित्य[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- निशि जनजाति
- भारत में संकटग्रस्त भाषाओं की सूची
- भारत की भाषाएँ
- भारत में स्थानीय वक्ताओं की संख्यानुसार भाषाओं की सूची
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ 230,000 (2001 जनगणना), 23,000 से कम बंगनी (2007), 10,000 से अधिक मिरी हिल (अदिनांकित)
- ↑ Moseley, Christopher, संपा॰ (2010). Atlas of the World’s Languages in Danger. Memory of Peoples (3rd संस्करण). Paris: UNESCO Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-92-3-104096-2. मूल से 13 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-04-11.