दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018

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दमिश्क और होम्स पर अमेरिकी मिसाइल हमला - 2018
2018 bombing of Damascus and Homs
का भाग सीरिया में अमेरिकी नेतृत्व वाले हस्तक्षेप,
सीरियाई सरकार के विरूद्ध अमेरिकी हमलें,
और विदेशी भागीदारी,सीरियाई गृहयुद्ध में
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, हमले का मानचित्र
स्थान सीरिया
द्वारा नियोजितसंयुक्त राज्य अमेरिका
फ़्रान्स फ्रांस
यूनाइटेड किंगडम यूनाइटेड किंगडम
द्वारा निर्देशितसंयुक्त राज्य डोनाल्ड ट्रम्प
फ़्रान्स इमॅन्यूएल मैक्रॉन
यूनाइटेड किंगडम थेरेसा मे
उद्देश्यरासायनिक हथियार के उत्पादन के लिए सीरिया सुविधाओं को घटाएं और उनका उपयोग रोक दें.[1][2]
तिथी14 अप्रैल 2018
द्वारा सम्पन्न किया गया
जनहानि6 सीरियाई सैनिक और 3 नागरिक घायल (सीरियाई सरकार का दावा)[3]

4 अप्रैल, 2018, सीरियाई समयनुसार सुबह 04:00 (यूटीसी + 3),[4] को संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम सयुंक्त देशो ने मिलकर सीरिया की राजधानी दमिश्क और होम्स शहर पर भूमध्यसागर से मिसाइलो से हमले किये लेकिन सयुंक्त देशों ने हमलो का करण बताते हुए कहा 7 अप्रैल को सीरियाई सरकार ने नागरिकों के खिलाफ डौमा शहर में रासायनिक हमले किये थे जिसके जवाब में उन्होंने ऐसा किया, जिस पर उन्होंने सीरियाई सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीरियाई सरकार ने डौमा के हमलों में शामिल होने से इनकार किया। और सीरिया ने हवाई हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। सीरिया पर मिसाइल हमलो की ईरान तथा रूस ने कड़ी नाराज़गी जताई।

हमला[संपादित करें]

सीरिया दमर के पास विस्फोट

अमेरिकी राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा के अनुरूप अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ने मिलकर सीरिया पर हमला किया था हमले का उद्देश्य था रसायनिक शास्त्रो को नष्ट करना था तीनो देशो ने मिलकर 110 मिसाइलें दागी थी जो होम्स, और दमिश्क पर मिसाइलों की बसात की इसमें वैज्ञानिक शोध,उत्पादन इकाई और भण्डार ग्रह को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था।

सयुंक्त मिसाइल हमलों में एक नष्ट इमारत

दाबा किया गया की हमला सफलतापूर्वक रहा जबकी सीरिया ने इस हमले को अन्तरराष्ट्रीय कानून और सप्रभुता का उल्लंधन बताया। रूस, चीन, और ईरान ने हमले पर बिरोध जताया तो सऊदी अरब और तुर्की समेत ज्यादातर देशो ने कार्यबाई का समर्थन किया।

सीरिया में प्रदर्शन[संपादित करें]

हमले के बाद सीरियाई, ईरानी और रूसी झंडे के साथ प्रदर्शन करते सीरियाई नागरिक

सीरियाई सरकार लगातार इस बात से इनकार कर रही है कि उसने किसी प्रतिबंधित रसायन का इस्तेमाल किया है। हमले के बाद सैकड़ों सीरियाई राजधानी दमिश्क के एक प्रमुख चौराहे पर हमले का विरोध करने जमा हो गए थे।

सीरिया का दाबा[संपादित करें]

सीरियाई सेना की तरफ से बयान में कहा गया था कि कुल 110 मिसाइलें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से दागी गईं [5] जिनमें ज्यादातर या तो गिरा दी गईं या फिर उन्हें भटका दिया गया. रूस की सेना का कहना है कि सीरियाई वायु रक्षा यूनिट ने अमेरिकी और उसके सहयोगियों की तरफ से दागी गईं क्रूज मिसाइलों में से 71 को गिरा दिया. सीरियाई बयान ब्रिगेडियर जनरल अली मायहूब ने की बताया कि होम्स के सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में तीन आम नागरिक घायल हुए थे. हालांकि हमले के लिए दागी गई मिसाइल का रास्ता बदल कर उसे एक तरह से बेअसर कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि दमिश्क के पास बारजेह में एक साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर "कई मिसाइलों से हमला" किया गया. इस हमले में एक इमारत पूरी तरह ध्वस्त हो गई लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ. मायहूब ने कहा कि इस इमारत में एक शैक्षिक केंद्र और लैब चल रहे थे।

हमले पर अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया[संपादित करें]

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि जब तक सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने ही लोगों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधित रसायनों से हमले करना बंद नहीं कर देते तब तक अमेरिका उन पर आर्थिक, कूटनीतिक और सैनिक दबाव बनाए रखने के लिए तैयार है। इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके औचित्य को लेकर तीखी बहस शुरू हो गई है. इसी दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर रूस के इस विचार को दोहराया कि सीरियाई शहर डूमा में जिस रासायनिक हमले की बात की जा रही है वह नकली था। पुतिन का कहना है कि रूसी सैन्य विशेषज्ञों ने इलाके का निरीक्षण किया और उन्हें इस हमले के कोई सबूत नहीं मिले. पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार निगरानी निरीक्षकों के इलाके का दौरा किए बगैर हमला करने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों की कड़ी आलोचना की थी।

यूरोपीय संघ, जर्मनी, इजराइल और दूसरे सहयोगी देशों ने हमले का समर्थन किया है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरीजा मे ने कहा है कि सीरियाई सरकार ने डूमा में रासायनिक हथियार पहुंचाने के लिए बैरल बम का इस्तेमाल किया इसका संकेत रिपोर्टों से मिलता है. उनका कहना है कि इस मामले में "ताकत का इस्तेमाल "उचित और वैध" है. अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस का कहना है कि हमला "एक बार" के लिए था, जब तक असद रासायनिक हथियारों का फिर इस्तेमाल नहीं करते इन्हें दोहराया नहीं जाएगा. अमेरिका की तरफ से ये हमले भूमध्य सागर में तैनात युद्धपोतों से मिसाइलों और लड़ाकू विमान के जरिए किए गए थे।

  • रूस रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया की संप्रभुता पर हमला बताया और कहा जिससे यहां के नागरिकों की मुश्किले बढ़ जाएंगी।
  • फ़्रान्स फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कहा हमले की कार्यवाई सीमित और उद्देश्य भेदने बाली है लेकिन इसका उद्देश्य सीरिया के ग्रह युद्ध में हस्तक्षेप या असद को हटाने का नहीं है।
  •  ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने हमले का पूरा समर्थन किया था और आगे भी कार्यवाई करने के संकेत दिए हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Full Text of Trump Statement on Syria Attack". मूल से 18 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2018.
  2. République, Présidence de la. "Press statement by the President of the French Republic on the intervention of the French armed forces in response to the use of chemical weapons in Syria". www.elysee.fr (फ़्रेंच में). मूल से 14 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-04-19.
  3. "यू.एस., फ्रांस और यूके का सीरिया पर मिसाइल हमले". Haaretz. 15 एप्रिल 2018. मूल से 15 एप्रिल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 एप्रिल 2018.
  4. Borger, Julian (14 एप्रिल 2018). "Syria:अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने रासायनिक हमले के जवाब में हवाई हमलों की शुरुआत की". द गार्डियन. मूल से 14 एप्रिल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 एप्रिल 2018.
  5. "तीन देशो ने सीरिया पर दागी 100 अधिक मिसाइलें". दैनिक जागरण. 2018. मूल से 24 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अप्रैल 2018. |firstlast1= missing |lastlast1= in first1 (मदद)