विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख 52

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
पुरालेख 51 पुरालेख 52 पुरालेख 53


व्यिंचन

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 13:17, 27 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

नाएप्यीडॉ ‎

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 13:18, 27 जनवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सन्त किट्स और नेविस

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:08, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

   पूर्ण हुआ।--आशीष भटनागरवार्ता 03:55, 19 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:09, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

सन्त लूसिया

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:10, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]


मेरे विचार से तीनों के ही मामले में एक निर्णय लेकर नीतिगत कर देना चाहिये। तो वह कार्य यहीं हो तो बेहतर होगा, वर्ना एक ही बात की पुनरावृत्ति करना अनुचित होगा।

यह किसी सन्त का नाम नहीं है जिसे हम जातिवाचक संज्ञा मानकर अनुवाद करें व सन्त बना दें। यह स्थान का नाम है अतः व्यक्तिवाचक संज्ञा है। तो इसे जैसे का तैसा लिप्यान्तरण कर सेण्ट लूसिया, आदि कर देना चाहिये। शेष सर्व सम्मति।--आशीष भटनागरवार्ता 12:32, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
जी आशीष जी, तीनों मामले एक ही जैसे हैं। इसलिये निर्णय एक साथ ही होना चाहिये।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 14:22, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: तीनों मामलों पर जल्द निर्णय लिया जाय।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:55, 8 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
जब हमें पता ही है कि ये व्यक्तिवाचक संज्ञा(प्रॉपर नाउन) है तो राष्ट्रों व द्वीपों, आदि स्थानों के नाम में सेण्ट ही लिखा जाये, न कि सन्त या कुछ और अनुवाद। हां आईलैण्ड को द्वीप, आईलैण्ड्स को द्वीपसमूह अवश्य किया जाए। ये मेरी राय है। इस पर अन्य टिप्पणियां एक सप्ताह के भीतर जैसी व जितनी मिलें, उस पर निर्णय लिया जाएगा। अतः १५ मार्च तक अपने विचार, राय व टिप्पणियाँ यहां दे दें:आशीष भटनागरवार्ता 12:14, 8 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
समर्थन

 समर्थन आशीष जी मैं आपके विचारों से सहमत हूँ। हम अधिक से अधिक आइलैंड को द्वीप तथा आइलैंड्स को द्वीपसमूह कर सकते हैं।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 09:13, 10 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

विरोध या अन्य
टिप्पणियाँ

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नागोरे दरगाह

--मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 18:14, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

महात्मा गाँधी पर आलेख में सुधार के संबंध में

महात्मा गाँधी पर लिखे आलेख में पैतृक संपत्ति अनुच्छेद के अंतर्गत यह कहा गया है कि "नेल्सन मंडेला, साऊथ अफ्रीका के नेता जो कि जातीय मतभेद और पार्थक्य के उन्मूलन में संघर्षरत रहे हैं, इस पुरूस्कार (गाँधी शान्ति पुरस्कार) के लिए एक प्रवासी भारतीय के रूप में प्रबल दावेदार हैं।" यह वक्तव्य अद्यतन नहीं है तथा गलत है। नेल्सन मंडेला को किसी भी प्रकार से भारतीय मूल से संबंधित नहीं किया जा सकता। १९९० में उन्हें भारत रत्न की उपाधि सें संम्मानित किया गया था, जो उन्हें एक विदेशी नागरिक के रूप में दिया गया। सन २००० में उन्हें गाँधी शान्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सन १९१३ में उनकी मृत्यु हो चुकी है।--Prabhasranjan (वार्ता) 20:16, 9 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

@Prabhasranjan: ये वाक्य और अनुच्छेद मशीनी अनुवाद प्रतीत होते हैं। आप इसको सही और सटीक जानकारी से बदल सकते हैं।-हिंदुस्थान वासी वार्ता 06:34, 10 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

-हिंदुस्थान वासी ' वार्ता यह एक संरक्षित पृष्ट है। मुझे इनमे परिवर्तन की अर्हता प्राप्त नहीं है।--Prabhasranjan (वार्ता)

@Prabhasranjan: मैंने वो वाक्य सुधार दिया है। बाकी अब आप भी इस लेख को सम्पादित कर सकते हैं।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 17:24, 12 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

ध्यान दें

--आर्यावर्त (वार्ता) 04:06, 10 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

इजराइल-सीरिया तनाब 2018

- सायबॉर्ग (वार्ता) 12:26, 10 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

गन्ना का रस

- सायबॉर्ग (वार्ता) 14:16, 10 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

YesY पूर्ण हुआ --गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 06:31, 11 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

फ़तेह चन्द बुधवार

- सायबॉर्ग (वार्ता) 16:30, 10 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

नमस्कार, कृपया उपरोक्त मुखपृष्ठ सुझाव का अवलोकन करें व कोई बदलाव, सुझाव या कमी बतायें, जिसे सुधारा जा सके। यह मुखपृष्ठ व्यक्तित्त्वस्तंभ हेतु किया गया है। यदि सही रहे व अनुमोदन मिले तो इसे शीघ्र लागू किया जा सकेगा। इसमें अनामदास जी की भी सहमैत है, किन्तु फिर भी आगे भी उनसे सुझाव अपेक्षित हैं।--आशीष भटनागरवार्ता 06:41, 12 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

विकि लव्ज़ द ओलंपिक्स २०१८

9 फरवरी 2018 को 00:01 बजे से 25 मार्च 2018 को 23:59 बजे (यूटीसी) तक शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बारे में एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। कृपया इसमें भाग लें और हिंदी भाषा में खिलाडियों पर बने लेखों में वृद्धि करें अधिक जानकारी के लिए देखें। --Shypoetess (वार्ता) 09:16, 12 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

हिंदी-संस्कृत अन्तरविकि कार्यशाला

२२-२३ फरवरी २०१८ को राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, भोपाल में हिंदी-संस्कृत अन्तरविकि कार्यशाला आयोजत की जा रही है। अधिक जानकारी हेतु यहाँ देखे।:- स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 13:47, 13 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

इस कार्यशाला में पूर्ण आयोजन सुयशजी और स्वप्नीलजी ने किया। अतः मैं उनके प्रति कृतज्ञ हूँ। ॐNehalDaveND 16:19, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

आमेर दुर्ग: निर्वाचन

नमस्कार,

आमेर दुर्ग लेख मेरी ओर से पूर्ण हुआ। इसकी समीक्षा पूर्ण कड़ाई व निर्दयता से अपेक्षित एवं आमन्त्रित है। इसके लिये विकिपीडिया:निर्वाचित लेख उम्मीदवार#आमेर दुर्ग निर्वाचन पर जायें। वैसे वार्ता:आमेर दुर्ग पर भी टिप्पणियां दे सकते हैं। धन्यवाद: आशीष भटनागरवार्ता 17:25, 14 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मुखपृष्ठ का स्वागत सन्देश

हिंदी विकिपीडिया के मुखपृष्ठ के स्वागत सन्देश में कुछ सुधार की आवश्यकता है:

  1. हिंदी विकिपीडिया के मुखपृष्ठ पर स्वागत सन्देश में "हिंदी विकिपीडिया में आपका सवागत है" लिखा आता है, जोकि अटपटा सा है, मेरी तथा कई अन्य विकिसादस्यों की राय में वहाँ हिंदी विकिपीडिया के बजाय केवल विकिपीडिया लिखा होना चाहिए: "विकिपीडिया पर आपका स्वागत है!" यदि देवनागरी में विकिपीडिया लिखा है, तो उतना काफी है पाठकों को जालस्थल के परिचय हेतु, बार बार "हिंदी विकिपीडिया" अटपटा सा लगता है हम बोल-चाल के लिए हिंदी विकिपीडिया लिखें, परंतु मुखपृष्ठ पर आधिकारिक नाम: विकिपीडिया ही रहने दें, बाकि प्रत्येक भाषा के विकी पर केवल उस भाषा की लिपि में "विकिपीडिया" लिखा होता है, केवल भारतीय विकियों पर किसी कारणवश "हिंदी विकिपीडिया", "मराठी विकिपीडिया", "नेपाली विकिपीडिया", "বাংলা উকিপিডিয়ায়"("बाङ्ला विकिपीडिया"), इत्यादि लिखा रहता है, जिसकी कोई आवश्यकता नहीं है। अतः मेरा यह प्रस्ताव है कि मुखपृष्ठ पर स्वागत सन्देश को "हिंदी विकिपीडिया पर आपका स्वागत है" से परिवर्तित कर "विकिपीडिया पर आपका स्वागत है!" किया जाए। कृपया इस प्रस्ताव पर सभी महानुभाव अपना समर्थन, विरोध तथा अपनी बहुमूल्य राय व टिप्पणियाँ दें।
  2. जिस प्रकार मोबाइल दृश्य के स्वागत सन्देश में अञ्जलि मुद्रा(नमस्कार मुद्रा) को किसी न किसी रूप में लगाने का प्रस्ताव है, उसी प्रकार डेस्कटॉप दृश्य में भी अञ्जलि मुद्रा को लगाया जाए।

धन्यवाद!🙏  Innocentbunny ;)    वार्ता  12:46, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

समर्थन

  1.  समर्थन -- प्रस्तावक के तौरपर।  Innocentbunny ;)    वार्ता  12:46, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  2.  समर्थन अंग्रेजी विकिपीडिया में भी विकीपीडिया लिखा है ना कि इंग्लिश विकिपीडिया। प्रकल्प का नाम विकिपीडिया है न कि हिन्दी विकिपीडिया। ये विकिपीडिया है और इसकी पहचान विकिपीडिया के नाम से ही हो ये अच्छा है, वरना अंग्रेजी विकि विकिपीडिया है और ये हिन्दी विकिपीडिया है! जेब की दोनों ही विकिपीडिया है।--आर्यावर्त (वार्ता) 13:19, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  3.  समर्थन -- Shypoetess (वार्ता) 16:56, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  4.  समर्थन -- ये चित्र भी उचित दिख रहा है। ॐNehalDaveND 05:00, 17 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  5.  समर्थन --गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 10:06, 17 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  6.  समर्थन -- नितिन मिश्र (वार्ता) 09:08, 18 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
  7.  समर्थन -- Sushma_Sharma (वार्ता)


विरोध

चर्चा/टिप्पणी/राय

@हिंदुस्थान वासी: जी, कृपया यहाँ देखें। हालाँकि दूसरी बिंदु पर अभी कुछ नहीं किया जा सकता, मगर पहली बिंदु पर तो अमल किया जा सकता है।  निरपराधवत् मृदुरोमकः    वार्ता  23:50, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मुखपृष्ठ-बंधू प्रकल्प एवं अन्य भाषाओं में खण्ड में छोटा सा सुधर

मुखपृष्ठ पर बंधू प्रकल्प एवं अन्य भाषाओं में वाले खण्ड के अन्य भारतीय भाषाओं में वाले भाग में उर्दू विकिपीडिया की कड़ी नहीं है। जहाँ तक मैं जानता हूँ, उर्दू भी एक भारतीय भाषा है, अतः, कृपया वहाँ पर उर्दू को भी जोड़ दिया जाए।🙏  Innocentbunny ;)    वार्ता  15:00, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

समर्थन

विरोध

टिप्पणी

प्राकृत भाषा को भी जोड़ना चाहिये। ॐNehalDaveND 05:05, 17 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

इसपर भी मेरा  समर्थन है, मगर क्या प्राकृत विकिपीडिया है?  Innocentbunny    वार्ता  21:35, 20 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मुनस्‍यारी

- सायबॉर्ग (वार्ता) 15:17, 15 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

वेद

ऋग्वेद व अन्य वेदों की सम्पूर्ण जानकारी।साजन त्यागी (वार्ता) 16:13, 16 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

विलय अनुरोध

-- सायबॉर्ग (वार्ता) 07:52, 18 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

११वे विश्व हिन्दी सम्मेलन हेतु सर्वेक्षण टिप्पणी

११वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी विकिपीडिया के भाग लेने हेतु इस सर्वेक्षण प्रपत्र को भरें। -- सुयश द्विवेदी (वार्ता) 13:32, 18 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

इस कार्यक्रम हेतु मेटा के इस संवाद पृष्ठ पर चर्चा में भाग लेवें -- सुयश द्विवेदी (वार्ता) 06:25, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

भोवाली

- सायबॉर्ग (वार्ता) 07:27, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

   पूर्ण हुआ। --आशीष भटनागरवार्ता 18:21, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

अष्टामुडी झील

--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 11:36, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

   सम्पन्न हुआ।--आशीष भटनागरवार्ता 18:21, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

विकीडाटा भारत एडिट-ए-थॉन

विकिमीडिया फाउंडेशन का एक महत्वपूर्ण प्रकल्प विकिडाटा ( www.wikidata.org ) 21 फरवरी 2018 - अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) से 3 मार्च 2018 - मुक्त डाटा दिवस (Open Data Day) तक ‘विकीडाटा भारत एडिट-ए-थॉन’ आयोजित कर रहा है जिसमें भारत से संबंधित सामग्री पर विकिडाटा संपादन किया जाएगा।इस कार्यक्रम की अधिक जानकारी हेतु यहाँ जाएं -- सुयश द्विवेदी (वार्ता) 17:25, 19 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

International Mother Langage Day and Open Data Day Wikidata Edit-a-thon

Please translate the message to your language, if applicable

Hello,
We are happy to inform you that a national level Wikidata editing campaign "IMLD-ODD 2018 Wikidata India Edit-a-thon" on content related to India is being organized from from 21 February 2018 to 3 March 2018. This edit-a-thon marks International Mother Language Day and Open Data Day.

Please learn more about this event: here.
Please consider participating in the event, by joining here.
You may get a list of suggested items to work on here.

Please let us know if you have question. -- Titodutta using MediaWiki message delivery (वार्ता) 07:12, 21 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

चौपाल शीर्ष

कृपया नीचे दिये चौपाल शीर्ष सन्दूक के बारे में विचार व राय दें। यदि सही लगाता है तो लागू किया जा सकता है।:

विकिपीडिया चौपाल पर आपका स्वागत है
नये आगंतुकों का स्वागत है। विकिपीडिया एक ऐसा माध्यम है जो सभी सदस्यों के ज्ञान को एक जगह एकत्रित करता है। विकिपीडिया के द्वारा हम संस्कृति, विज्ञान, कला व दर्शन की जानकारी दुनिया भर में हिन्दी पढ़ने-लिखने वालों तक पहुँचा सकते हैं। अतः सही हिन्दी जानने वालों से अनुरोध है कि आप के पास यदि समय हो तो अपनी जानकारी को हिन्दी में विकिपीडिया पर सहेजें। यहाँ पर विकिपीडिया के सदस्य विकिपीडिया से जुड़े प्रश्न पूछ सकते हैं। तकनीकी मामलों पर भी यहाँ प्रश्न पूछे जा सकते है। नया मत लिखने के लिए सम्पादन टैब पर क्लिक करें। परंतु पहले स्क्रॉल कर पढ़ लें:
  • तथ्यपरक और अन्य प्रकार के प्रश्नों हेतु खोज संदूक या रिफरेन्स डेस्क का प्रयोग करें।
  • अपनी सुरक्षा हेतु कृपया अपना ई-मेल या संपर्क ब्यौरा यहाँ न दें। आपके उत्तर इस पृष्ठ पर ही मिलेंगे। हम ई-मेल से उत्तर नहीं देते हैं।
  • खोजें या पढ़ें प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

    आशीष भटनागरवार्ता 04:23, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    सुझाव अच्छा है ! क्या हम कोई दूसरा चित्र रख सकतें है ? अथवा क्या इस नमस्कार की मुद्रा वाले चित्रों को हम प्रति साप्ताह अथवा मास में बदल सकते है ? यह मेरा एक सुझाव है --सुयश द्विवेदी (वार्ता) 06:29, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    दूसरे चित्र बदलने हेतु हमारे पास केवल तीन चित्र हैं, जिनमें से एक ये है, दूसरा वह वार्ता सम्पादन वाला, और एक और है, बस। यदि आप सुन्दर एवं आकर्षक १२-१५ नमस्कार मुद्रा के चित्र अपलोड कर पायें तो ये सुझाव सोने पर सुहागा बन जायेगा।--आशीष भटनागरवार्ता 07:06, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आकर्षक है परन्तु क्या "चौपाल पुरालेख में खोजें" विकल्प हटाना सही रहेगा?--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 07:46, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    कुछ हटाया नहीं है, केवल चित्र जोड़ा है। ये तो मात्र उसका सन्दूक यहां चित्र की स्थिति दिखाने हेतु पेस्ट किया है, जिसमें से औरालेख वाला विकल्प पेस्ट होने से रह गया है।आशीष भटनागरवार्ता 05:03, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    इस चित्र के स्थान पर कोई "चर्चा" करने वाला चित्र हो तो अधिक उपयुक्त रहेगा, क्योंकि ये तो चर्चा करने का ही स्थान है और सदस्यों का स्वागत तो उनके वार्ता पृष्ठ वाले साँचे से इसी तरह के चित्र द्वारा किया जा रहा है। -- (वार्ता) 08:55, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिन्दी विकिपीडिया के मोबाइल दृश्य के लिए नया डिज़ाइन

    विकिमीडिया फाउंडेशन की डिज़ाइन टीम के द्वारा हिन्दी विकिपीडिया के मोबाइल दृश्य के लिए नया डिज़ाइन तैयार किया गया है। इसमें हिन्दी समुदाय के द्वारा दिए गए सुझावों को जहाँ तक हो सका, शामिल किया गया है। सामग्री से संबंधित बदलाव नहीं किए जा सके। डिज़ाइन टीम को ऐसे परिवर्तन करने का ज्ञान नहीं है। इस लिए मुखपृष्ठ पर इस समय निर्वाचित लेख और समाचार अनुभाग ही रहेंगे। मैं यह भी बताना चाहूँगा कि अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी यही दो अनुभाग हैं। नीचे मैं मौजूदा मुखपृष्ठ और नए मुखपृष्ठ के लिंक दे रहा हूँ:

    • मौजूदा डिज़ाइन
    • नया डिज़ाइन (कृपया स्वाईप करके वह डिज़ाइन देखें जिसमें लिखा है "विकिपीडिया पर आपका स्वागत है। अपनी विकियात्रा आरम्भ करें।")

    मेरे अनुसार मौजूदा डिज़ाइन से यह डिज़ाइन बहुत बेहतर है और हमें इसे अपना लेना चाहिए। रही बात सामग्री को बदलने की उसके बारे में पता करना पड़ेगा कि वह कैसे होगा परन्तु अभी हमें इस डिज़ाइन को लागू करना चाहिए और यह कार्य हिन्दी जागरूकता विडिओ के लॉन्च होने से पहले होना महत्त्वपूर्ण है। और उसके लिए हमारे पास बहुत समय नहीं है। आशा है कि आप सब इस नए डिज़ाइन का समर्थन करेंगे ताकि हम इसे जल्दी से जल्दी लागू कर सकें। --SGill (WMF) (वार्ता) 14:04, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    समर्थन

    1.  समर्थन हालाँकि कुछ सदस्य समाचार वाला भाग होने से सन्तुष्ट नहीं है, साथ ही अन्य सदस्यों की भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है परन्तु हमारे पास शायद यही अन्तिम विकल्प है इसलिये समर्थन।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 16:00, 24 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    2.  समर्थन --जयप्रकाश >>> वार्ता 04:07, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    3.  समर्थन--राजू जांगिड़ (वार्ता) 13:50, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    4. समर्थन वर्तमान डिजाइन से बेहतर होने के कारण। --SM7--बातचीत-- 18:54, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    5. समर्थन -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 02:09, 2 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    6.  समर्थन -- RaoSahil88 (वार्ता) 07:00, 2 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    7.  समर्थन -- Shypoetess (वार्ता) 07:01, 2 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    8.  समर्थन -- Sushma_Sharma (वार्ता) 08:10, 5 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    9.  समर्थन -जे. अंसारी वार्ता 03:36, 14 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विरोध

    1. समुदाय द्वारा सुझाये गए बदलावों के अनुसार न होने के कारण असमर्थन। टीम को समुदाय का प्रस्ताव स्वीकार नहीं है और फिर भी मत समुदाय से लिये जा रहे हैं, जो समुदाय कहे ये नहीं होता और टीम चाहती है वहीं होता है। ऐसी स्थिति में समुदाय टीम वैसे भी जो उनकी ठीक लगे वहीं कर रही है। अभी समर्थन दे दिया तो बाद में परिष्कार नहीं होगा।--आर्यावर्त (वार्ता) 14:40, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
      • @आर्यावर्त: जी, आप बात को गलत समझ रहे हैं। जो डिज़ाइन टीम को आता है वह सब कर दिया गया है। ऊपर दिए गए सुझावों में "हिन्दी विकिपीडिया" की जगह "विकिपीडिया" कर दिया है, यात्रा की जगह विकियात्रा कर दिया है और नमस्कार इमोजी हटा दिया गया है। डिज़ाइन टीम केवल दृश्य (विजुअल) पर काम करती है, उन्हें सामग्री को बदलने का ज्ञान नहीं है। फिर भी मैंने लिखा है कि आप और मैं मिलकर इसके बारे में जानेंगे। परन्तु अभी के लिए इस डिज़ाइन का विरोध करके पुराने डिज़ाइन को रहने देने से हिन्दी विकिपीडिया पर आने वाले नए पाठकों का ही नुकसान होगा। आप यह देखें कि पुराने डिज़ाइन से यह कितना बेहतर है।--SGill (WMF) (वार्ता) 16:43, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    टिप्पणियाँ

    फिल्मोग्राफी के लिए विकिडाटा का प्रयोग

    मेरा यह सुझाव है कि फिल्मोग्राफी सेक्शन्स अथवा पृष्ठों मैं विकिडाटा का प्रयोग करा जाए ताकि वे अपडेटेड रह सके। यदि इस विशेय पर किसी को कोई आपत्ति न हो तो एक साँचे का निर्माण करने में मैं सहायता कर सकता हूँ। धन्यवाद। उदहारण Capankajsmilyo (वार्ता) 03:50, 25 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    मै भी आपसे सहमत हूँ क्योकि कई लोग फिल्मो से सम्बंधित जानकारी खोजते हुए विकी पर आते है, ताजा जानकारी विकी को विश्वसनीय बनाएँगी --सुयश द्विवेदी (वार्ता) 06:35, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    कई सारे फिल्मों के लेख हिन्दी विकि में जल्दी नहीं बनते हैं, तो उसका नाम कैसे दिखेगा? यदि पिछले बार की तरह अंग्रेजी में ही रहा तो बिल्कुल सही नहीं है। -- (वार्ता) 18:08, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]


    एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख

    यह चर्चा [1] के सन्दर्भ में है और उसे विधिवत आगे बढाने के लिए है। कृपया सदस्यगण अपने विचार रखें कि एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख उपयोगी हैं या नहीं? क्या एक उल्लेखनीय विषय पर बना लेख हटा दिया जाना चाहिये? एक वाक्य के लेख के लिए क्या सन्दर्भ आवश्यक है? क्या सन्दर्भ सभी कथनों (वाक्यों) के लिए होता है या केवल ऐसी बात के लिए जो दूसरों को आपत्तिजनक/असत्य/न पचने लायक/सन्देहास्पद लगती हो? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 07:28, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    कोई भी टिप्पणी लिखने से पूर्व मैं ये कहना चाहूंगा कि मुज़म्मिल जी एवं अनुनाद जी, दोनों ही मेरे प्रिय हैं व टिप्पणी मात्र मुद्दे पर है, इनमें से किसी व्यक्तिविशेष पर नहीं। मेरे विचार से किसी लेख को गलत पाठ, दोहराव (द्विरावृत्ति), फालतू पाठ जो विषय से सम्बन्धित न हो, आदि किसी कारण से हटाया जाए तो सही, अन्यथा मात्र इन दो कारणों से हटाया जाए कि
    • कारण १: एक वाक्य
    • कारण २: सन्दर्भहीन
    कारण १ -- एक वाक्य लेख बुरे से बुरा क्या हानि कर सकता है, कुछ या कई वर्षों के बाद भी किसी ने उस पर सुधार या वृद्धि नहीं की और लोग यह कहेंगे कि यहां तो ऐसे ही लेख बने हुए हैं। यदि मूल सम्पादक ने उसे कुछ बड़ा ही बना दिया होता तो शायद ये बात न होती। अब सोचिये कि यदि सम्पादक ने उस विषय पर लेख बनाय़ा ही न होता, और कुछ या कई वर्षों के बाद लोग देखेंगे कि अमुक विषय पर यहां कोई लेख है ही नहीं। क्या ये है ही नहीं वाली स्थिति अधिक श्रेयस्कर होगी? वह उपयोक्ता कहेगा कि कम से कम १-२ वाक्य तो लिख दिये होते इस विषय पर--- वही तो लिखे हैं इन एक वाक्य लेखों में। और बाद में यदि किसी को वह लेख मिलता है, जो उसमें कुछ वृद्धि कर सकता है - तो हार्दिक स्वागत है। वह कर ही देगा। जैसे मैंने आमेर दुर्ग को निर्वाचन स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया है। (कृपया लगे हाथों उसकी समीक्षा भी कर दें)
    कारण २ -- सन्दर्भहीन लेख यदि बना हुआ है और किसी की दृष्टि पड़ती है तो बजाय उस पर ये टैग लगाए, एकाध सन्दर्भ ही न लगा दे। वर्ना टैग लगे लेखों को कभी किसी दिन कोई भी अच्छा सम्पादक, उठा कर १०-१२ या २०-२५ लेखों में सन्दर्भ ही लगा दें व टैग हटा दें। इस पर कार्यशाला भी रखी जा सकती है, और ये योजना भी है कि कार्यशाला करेंगे।
    अब इसके अलावा छोटे लेख बनाने के कुछ अन्य कारणों का विस्तार मैंने प्रबन्धक हेतु निवेदन पृष्ठ पर भी दिये हैं। इन सबके प्रकाश में एवं जिमी वेल्स के कथनानुसार एक वाक्य लेख भी उतने बुरे नहीं हैं जितने बताये जाते हैं। अब ये मेरी निजी राय है जिससे कुछ अन्य प्रबन्धक भी इत्तेफ़ाक़ रखते हैं, किन्तु ये नियम नहीं है। शेष सर्वसम्मति।आशीष भटनागरवार्ता 13:51, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आशीष जी, आपका धन्यवाद कि आपने एक प्रकार से निष्पक्ष रूप से अपने विचार रखे। असल मुद्दा जैसा मैंने समझा है, यह है कि एक अनुभवी योगदानकर्ता के रूप में आपका योगदान कैसा होना चाहिए? मेरे विचार से यदि आपको छोटे लेख लिखना ही है, तो उसमें कुछ वाक्य अवश्य होना चाहिए। यदि एक वाक्य तक ही सीमित कोई लेख हो तो कम से कम स्रोत-सन्दर्भ अवश्य होना चाहिए - यह बात केवल अनुभवी, विशेषाधिकार-प्राप्त लोगों के बारे में है कि वे गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं या नहीं। रहा यह प्रश्न कि क्या यदि कोई अन्य सदस्य एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख लिखे तो क्या उन्हें हम स्वीकार करेंगे - हम सब स्वयंसेवक हैं - किसी को किसी चीज़ पर बाध्य नहीं किया जा सकता - सामग्री की प्रबंधकगण जाँच कर सकते हैं और यदि कोई स्थान/व्यक्ति/ विषय को वास्तविक अथवा ज्ञानकोशीय वे पाते हैं तो रहने दें - अन्यथा हटा दें। परन्तु ये सब मेरे विचार हैं। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:22, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुज़म्मिलुद्दीन जी, इतनी विनती करने के बाद अपने सबसे चहेते विषय पर आपने लिखा किन्तु आप क्या कहना चाहते हैं, सब घालमेल हो गया। आपके इस सन्देश से तो 'एक वाक्य वाले सन्दर्भहीन लेखों' की तुच्छता कहीं सामने नहीं आ रही, जबकि इसे लेकर ही आप किसी की कबर खोदने में लगे हुए थे।---अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:47, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुज़म्मिलुद्दीन जी, सन्दर्भ नीकालने के सन्दर्भ में आप क्या कहते हैं? तब सन्दर्भ की अनिवार्यता का तर्क कहाँ चला जाता है? क्यों सन्दर्भ नीकालने पर भी सब मौन हो जाते हैं? केवल इस लिये कि करने वाला अपने अनुकूल है, अन्ततः समर्थन तो उन्हीं से मिलने वाला है, तो मौन रहो और किसी की कोई छोटी सी क्षति/मतभेद हो जाए और अपने अनुकूल नहीं, तो विरोध करो या उसे दुर्गुण घोषित कर ढंढेरा पीटो? ॐNehalDaveND 17:32, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुझे जहाँ तक याद पड़ता है, जिस सदस्या से इस लेख-सामग्री पर चर्चा हो रही थी, उसने विकि ही पर मुझे उनके पक्ष में आवाज़ उठाने के लिए कहा था। परन्तु असहमत होने के कारण मैंने नहीं किया। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:41, 26 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    यही तो बात है महोदय, कितना निष्पक्ष हो कर आपने यह प्रत्युत्तर और वहाँ आचरण किया। ऐसे समय सत्य को सत्य और असत्य को असत्य कहने की शक्ति कहाँ जाती है? परन्तु जैसे ऊपर आप सन्दर्भ की अनिवार्यता पर अटल/आक्रामक हैं, वैसे क्यों वहाँ प्रतीत नहीं हो रहे? अब ये प्रश्न चिह्न ही नहीं, वास्तविकता का चिह्न है। ॐNehalDaveND 04:37, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
     टिप्पणी यह चर्चा अनुनाद सिंह जी ने एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेखों के बारे में प्रारंभ की है, किसी व्यक्ति विशेष पर केन्द्रित नहीं की थी। हिन्दी विकिपीडिया पर किसी महाप्रबंधक / Superhero का कोई प्रावधान नहीं जो हर मामले में हस्तक्षेप करे। अगर इस प्रकार के लोग होते अवश्य "ढंढेरा पीटो" जैसी भाषा पर टोका जाता या कम से कम स्थिति स्पष्ट की जाती कि यदि अनिरुद्ध जी आज प्रबंधक बने भी हैं तो केवल इसलिए कि एक सदस्य जो उनके कुछ सम्पादनों से असंतुष्ट था, उनके विरुद्ध अपने मत का प्रयोग नहीं किया। इस पूरे मामले को अन्देखा करके तुच्छता और "सत्य और असत्य" जैसी बातें करके असल मुद्दे से हटकर यहाँ राजनीति से प्रेरित बातें रखी जा रही जो व्यर्थ में समुदाय का समय नष्ट करने का प्रयास है और पूर्ण रूप से अप्रसांगिक है। --मुज़म्मिलुद्दीन (वार्ता) 17:44, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुज़म्मिलुद्दीन जी, मेरा मानना है कि विकि के बारे में दो बातें जो नहीं जानता है उसे किसी विकि का प्रबन्धक होने पर शर्म आनी चाहिये। उसमें से पहली बात आधार लेखों का महत्व और दूसरी बात 'साधारण लोगों के कोलैबोरेशन से असाधारण काम का होना' है। आपने बड़े जोर से 'एक वाक्य वाले स्रोतरहित लेखों' के मुद्दे का उपयोग करना शुरू किया था किन्तु अभी तक उनके महत्वहीनता (तुच्छता) पर एक वाक्य भी नहीं लिख पाये। चार वाक्य तो बड़े दूर की कौड़ी है। उसके बजाय तरह-तरह के बहाने बनाये जा रहे हैं। कहीं 'तुच्छता' का उपयोग आपको खलने लग रहा है, कहीं अलग से चर्चा करने का निवेदन। श्रीमान जी, मैं बहुत पहले इस समूह को बता चुका हूँ कि हिन्दी विकि पर आपका अवतरण ही उस समय हुआ था जब यहाँ राजनीति ही नहीं बल्कि डिक्टेटरशिप चल रहा थी। मैं उसे फिर से दोहराऊँ, शायद इसकी आवश्यकता नहीं है। लोगों की स्मृति इतनी कमजोर भी नहीं होती।-अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:41, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मेरे विचार से ऐसे लेखों को हटा देना चाहिए। यदि एक भी संदर्भ नही है तो उस वाक्य की कोई प्रमाणिकता नही है। विकि एक encyclopaedia है जिसके लिए प्रमाणिकता एक अहम जरूरत है। इसके अतिरिक्त यदि किसी को वह पृष्ठ रखना हो तो वह संदर्भ के साथ कभी भी पुनर्निर्माण कर सकता है। Capankajsmilyo (वार्ता) 01:45, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    क्या कहीं लिखा है कि 'गाय के चार पैर होते हैं' तो इसके लिए आप सन्दर्भ मांगेंगे? कहीं १० x २ = २० लिखा है तो आपको सन्दर्भ चाहिए? कोई लिख दे कि 'आलू जमीन में पैदा होता है' तो वहाँ भी आपको सन्दर्भ चाहिए? क्या आपको पता है कि 'आधार लेख' या 'बीज लेख' का क्या अर्थ है? बीज जमीन में सालों पड़ा रहता है और जब उचित परिस्थितियाँ पैदा होतीं हैं तो उसमें से अंकुर निकलता है जो वटवृक्ष भी हो सकता है। एक वाक्य का लेख बना दिया और उसे अन्य भाषाओं के लेखों से जोड़ दिया तो ही बहुत बड़ा काम हो गया। उदाहरण के लिए किसी रोग पर आपने लेख बना दिया तो आपने कुछ खोज करके या अपनी जानकारी के आधार पर उस रोग का हिन्दी नाम दे दिया है- यह बहुत बड़ा काम है। हो सकता है कोई इसीलिए लेख नहीं शुरू कर पा रहा हो कि उसे हिन्दी शब्द पता नहीं है जबकि वह उस रोग के बारे में लिखने में सक्षम है। कोई हिन्दी वाला उस रोग का नाम जानता हो, वह खोजते-खोजते उसके संगत अंग्रेजी लेख तक पहुँच सकता है (हो सकता है वह उस रोग का अंग्रेजी नाम न जानता हो)। वह अंग्रेजी वाले लेख से पढ़कर कुछ वाक्य हिन्दी में लिख सकता है। इसके अलावा यह बात पहले ही कही जा चुकी है कि सन्दर्भ न होने के कारण उस लेख को हटाने का परिश्रम करने के बजाय सन्दर्भ खोजकर उसमें जोड़ने का परिश्रम क्यों न किया जाय? एक वाक्य से दो वाक्य बनाने का परिश्रम क्यों न हो? क्या हमारे हिन्दी वाले इतना अयोग्य हैं कि एक वाक्य वाले लेख में एक सन्दर्भ नहीं लगा सकते, एक चित्र नहीं जोड़ सकते, एक-दो वाक्य बढ़ा नहीं सकते, कोई बाहरी कड़ी नहीं लगा सकते?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:50, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुज़म्मिलुद्दीन जी, जो दोनों बातें सन्दर्भ की हो वें कैसे अप्रासङ्गिक हो सकती हैं? राजनीति सर्वदा किसने प्रारम्भ की है और कौन करता है, यह किसी से छिपा नहीं है। जब तर्क न दे पाएँ, तो सदस्य की भाषा पर प्रश्नार्थ करके सदस्य पर ही दोषारोपण कर दिया जाता है। परन्तु वास्तविकता ये है कि कुछ लोग पक्षपाती कार्य करने के लिये ही हिन्दी विकिपीडिया की नीतिओं की आड लेते हैं। उसके अतिरिक्त नीतिओं और व्यवस्था की बात व्यर्थ चर्चा बन जाती है। अतः किसी भी राजनीति के भय के विना मैं पक्षपाती सदस्य के विरोध में खड़ा रहता था और रहूँगा। यहाँ "तुच्छता" शब्द अनावश्यकता के सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ है, परन्तु आप "ढंढेरा पीट कर" उसे मार्गान्तरण दे रहे हैं। ये प्रमाण है आपके पक्षपात का और सार्थक चर्चा को व्यर्थ बनाने के प्रयास का। प्रबन्धक मौन हैं, चहिते लोग सीधे सीधे उत्तर नहीं मिलेगा बोलकर नीकल जाते है, कुछ लोग "उखड़ जाओ" कह कर अपनी तानाशाही का परिचय दे रहे हैं, परन्तु व्यर्थ चर्चा और अप्रासङ्गिक बात कर समुदाय का समय मैं व्यर्थ कर रहा हूँ? ॐNehalDaveND 05:49, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    इस चर्चा को सार्थक बनाने के लिए मैंने अंग्रेजी विकिपीडिया से विकिपीडिया:एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख का निर्माण किया है| सभी सदस्यों को इसके संपादन में आमंत्रित करना चाहूंगा| Capankajsmilyo (वार्ता) 10:59, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    Capankajsmilyo, कुछ लिखने के पहले ही आपने सारांश लिख दिया है। मेरा विचार है कि यह जो चर्चा हो रही है उसी को वहाँ सारांश रूप में लिखना चाहिए। पहले तो आप यह स्पष्ट करें कि 'जिनका विस्तार सम्भव नहीं है' का क्या अर्थ है? कौन निर्धारित करेगा कि किसी लेख का विस्तार सम्भव है या नहीं? क्या विस्तार होने की आशा रखना (अशावादी होना) मूर्खता है? आप ऐसे लेखों को बनाए रखने (न हटाने) से होने वाली केवल एक हानि भी गिना सकते हैं? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:25, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अनुनाद जी अपने प्रश्नो के उत्तर के लिए कृपया en:wikipedia:One sentence does not an article make देखें| Capankajsmilyo (वार्ता) 11:37, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    Capankajsmilyo, बन्धु , अंग्रेजी विकि और हिन्दी विकि की स्थिति में बहुत बड़ा अन्तर है। इतना अन्तर है कि कह सकते हैं कि कुछ बातों में दोनों एक दूसरे के उल्टे हैं। हिन्दी विकि पर लेख बनाने और बढ़ाने वालों के लाले हैं। अंग्रेजी विकि पर वे लेख न हटाये और किसी भी ऐरू-गैरू के सम्पादन को बनाये रखें तो वहाँ अराजकता फैल जायेगी। इसलिए वे जो तर्क कर रहे हैं अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं। हम अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए चर्चा करें और निर्णय लें, दूसरे की अंधी नकल करके नहीं। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:49, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    Capankajsmilyo, इसके अलावा बड़े साफ शब्दों में लिखा है कि वह (लेख/राय) कोई अंग्रेजी विकि की नीति नहीं है बल्कि एक या कुछ लोगों की निजी राय है। अतः आप उसको पढ़ने का क्या लाभ है, स्वयं समझ सकते हैं। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:55, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आपका कथन से मैं कुछ हद तक सहमत हूँ | इसीलिए मैंने केवल शीर्षक अवतरण करके सूचना दी है और यहाँ के समुदाय को अपनी निति स्वयं तय करने के लिए आमंत्रित भी किया है | इस पृष्ठ को निर्मित करने का मेरा मुख कारन है इस चर्चा का सार्थक परिणाम निकलना है | पुराणी बहुत से चर्चाओं में कोई नतीजे का निर्णय नहीं किया गया और बहुत सी चर्चाओं में तो भाग भी नई लिया गया | इससे उत्पन्न होने वाले निरंतर विवादों को काम करने के लिए मैंने इस प्रकार के पृष्ठ के निर्माण की पहल की है | Capankajsmilyo (वार्ता) 12:01, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    Capankajsmilyo, बन्धु, आपकी खुली सोच के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैंने बाद में देखा कि उक्त लेख के वार्ता पृष्ट में लोगों ने बड़ी सफाई से उस विचार का प्रतिकार किया है। वार्ता में लोगों ने कमोबेश वही बातें लिखीं है जो मैं ऊपर हिन्दी में लिख चुका हूँ। अन्त में किसी ने उस लेख को ही हटाने का प्रस्ताव कर दिया है। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:09, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विकिपीडिया:एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख

    इस लेख को प्रथम-दृष्टा तैयार कर दिया गया है| सभी सदस्यों से अनुरोध है की इसमें यदि बदलाव की आवश्यकता हो तो प्रस्तावित करे अन्यथा इसके समर्थन या विरोध में अपने विचार प्रकट करे | Capankajsmilyo (वार्ता) 13:15, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    समर्थन

    विरोध

    टिप्पणी

    @Capankajsmilyo: जी, आप से अनुरोध है कि ये कार्य हिन्दी विकिपीडिया के सक्रिय एवं वरिष्ठ सदस्यों पर छोड़ दें। विरिष्ठ सदस्यों के बदलाव पूर्ववत न करें।--आर्यावर्त (वार्ता) 02:24, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    आपकी अपमानजनक टिप्पणी के लिए धन्येवाद। Capankajsmilyo (वार्ता) 03:38, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    हिंदी विकि पर आकर मैंने एक नई चीज देखी है जो अन्य विकि पर नही है। जिस प्रकार माननीय सदस्य ने विषय की बजाय मुझपर चर्चा करने में अधिक रुचि दिखाई इसी प्रकार यहाँ की अधिकतर चर्चाये हिंदी विकि की बजाय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में अधिक रूप लेती है। यदि कम से कम इस चर्चा को विषय पर केंद्रित रखा जाए तो मेहरबानी होगी। Capankajsmilyo (वार्ता) 03:58, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    कुछ विकिनीतियों की और सभी सदस्यों का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा - विकिपीडिया:शिष्टाचार विकिपीडिया:अच्छी नीयत माने विकिपीडिया:निजी टिप्पणियाँ एवं आक्षेप विकिपीडिया:नए उपयोगकर्ताओ से अच्छा व्यवहार Capankajsmilyo (वार्ता) 04:10, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @Capankajsmilyo: जी, अगर एक वाक्य के सन्दर्भरहित सारे लेख हटा दिये जायेंगे तो भारत के जिलों का तो एक भी लेख नहीं बचेगा। केवल वे लेख जो उल्लेखनीय नहीं हैं वही हटाये जाने चाहिये। धन्यवाद!--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 15:07, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Godric ki Kothri जी, मैं आपकी बात से सहमत हूँ। इसलिए मैंने जो प्रस्ताव रखा है वह कुछ इस प्रकार है Capankajsmilyo (वार्ता) 15:31, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    एक वाक्य वाले सन्दर्भरहित लेख यदि उल्लेखनीय न हो तो उन्हें पृष्ठ हटाने की नीति के अनुसार हटाया जाए। पृष्ठ को बनाये रखने के तर्क देते समय कृपया सत्यापनीयता तथा विशेष रूप से वि:बोझ का ध्यान रखें।
    यदि कोई लेख उल्लेखनीय नहीं हो तो पहले भी हटाया जाता रहा है। इसमें नया क्या है? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 16:51, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    पृथ्वीराज चौहान

    ॐNehalDaveND 04:37, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    महादेवी वर्मा के लेख में सुधार संबंधी

    मैं इस लेख को सुधारना चाहती हूँ। अभी यह सुरक्षित है, यदि संभव हो तो इसे सात दिनों के लिए संपादन हेतु खोल दें। नीलम (वार्ता) 09:44, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    नीलम जी, कृपया प्रतीक्षा करें। @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: गण से कोई न कोई इस निवेदन पर यथाशीघ्र कुछ कार्यवाही करेंगे। धन्यवाद। ॐNehalDaveND 09:50, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @नीलम: जी, महादेवी वर्मा लेख को कोई भी स्वतः स्थापित सदस्य संपादित कर सकता हैं अतः आप भी अवश्य संपादित कर सकते हैं। आपको क्या समस्या आ रही है?--आर्यावर्त (वार्ता) 10:07, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    मानचित्रों में लुआ त्रुटि

    मैं हिन्दी विकिपीडिया पर हाल में बनाये गये सभी मानचित्र सम्बन्धी लेखों में लुआ त्रुटि की समस्या देख रहा हूँ। यदि संभव हो तो कृपया इसका एक स्थायी समाधान किया जाय। अब हर लेख बनने के बाद किसी विशेषज्ञ को कष्ट तो नहीं दिया जा सकता है।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 10:34, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    क्या इस समस्या के कारण के बारे में किसी उत्साही सदस्य ने कुछ पता किया है? इसका समाधान न मिलना या न खोजना हमारी सामूहिक शिथिलता का शायद सबसे बड़ा उदाहरण है। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 14:00, 27 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    वाकई एक समस्या है, हिंदी विकी पर मानचित्र में हमेशा त्रुटि आती है, मुझे लगता था कि संभवतः मैंने कोई भूल की है, मगर ये हर बार होता है, किसी अनुभवी सदस्य को इसपर ध्यान देना चाहिए, संभवतः हिविकी में मानचित्रों के साँचों के कोड में ही कुछ समस्या है, हो सकता है, हिंदी वाले कोड और अंग्रेजी वाले कोड के बीच प्रूफ़रीडिंग करने से समस्या सुलझ जाए। अन्यथा यह भी हो सकता है कि क्योंकि अधिकांश बार मैं ज्ञानसंदूक को अंग्रेज़ी वाले लेख से कॉपी-पेस्ट कर लेता हूँ, और हो सकता है कि हिंदी और अंग्रेजी वाले साँचों के बीच सिण्टैक्स अंतर है, इसीलिए ऐसा हो रहा हो...  Innocentbunny    वार्ता  10:05, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अंग्रेजी विकी पर पहले एक ही मानचित्र रहता था अब एक साथ दो मानचित्र (एक राज्य तथा दूसरा देश) रहते हैं साथ में तीसरा विकल्प Show all भी रहता है जबकि पहले ऐसा नहीं था। शायद इसी कारण कही प्रोग्रामिंग में समस्या आ रही है। हमे भी मौड्यूल व साँचे शायद उसी प्रकार से बदलने पड़े शायद तभी इसका स्थायी हल मिल सकता है।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 13:46, 28 फ़रवरी 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    जी की सहायता से समस्या को दूर कर दिया गया है। फिर भी कहीं समस्या दिखाई देती है तो सूचित करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 05:06, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    धन्यवाद तथा संजीव कुमार जी, अब यह समस्या दूर हो गयी है।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 13:54, 1 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Merging identical categories

    (My apologies for writing in English, and my apologies if I am posting in the wrong place.) I am working to merge items across different language wikis on Wikidata, and I have come to notice many category items with nearly identical names from this wiki. If it is appropriate to do so, within each pair of categories, one category should be deleted and its contents should be migrated to the other category. If it is not appropriate to do so, then feel free to add {{Not done}} next to said pair with some rationale for keeping both—and, if possible, find a Wikidata item with which the category without links to other wikis should be merged. (This list may be expanded as I find more identically named items.) Mahir256 (वार्ता) 07:05, 2 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Some special cases:

    @Mahir256: Except for last one all are now merged in both Wikipedia and Wikidata. You can write on my talk page here or on Wikidata if you find more.--हिंदुस्थान वासी वार्ता 15:45, 2 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Editing News #1—2018

    20:56, 2 मार्च 2018 (UTC)

    वर्तनी के कारण बने नकल पृष्ठ

    हिंदी विकिपीडिया पर अनेक पृष्ठ ऐसे है जो वर्तनी के मामूली अंतर के कारण बन गए है। मैंने ऐसे पृष्ठों मैं से कुछ को तो पुनरप्रेक्षित किया है पर ऐसे बहुत सारे है। क्या ऐसे सभी पृष्ठों की कोई सूची मिल सकती है? Jayprakash12345 आपको हिंदी विकि की काफी तकनीकी जानकारी है। क्या आप इसमें कुछ सहायता कर सकते है? Capankajsmilyo (वार्ता) 08:19, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    पंकज जी, मेरा ज्ञान मे अभी तक ऐसा कोई टूल नहीं है जो वर्तनी के मामूली अंतर से बने पृष्ठ की सूची बनाता हो। और यह कार्य मुश्किल भी हैं। क्यूकी आनंद और आनंद फिल्म मे मामूली अंतर है लेकिन दोनों में तो जमीन आसमान का अंतर है। यह कार्य मैन्युअली करना होगा। इसके लिए विशेष:उपसर्ग अनुसार पृष्ठ मे जाकर सूची मिल सकती है। जैसे आ उपसर्ग के पृष्ठ निकालने पर हमे आनंद और आनंद (फिल्म) एक क्रम मे मिलेंगे।--जयप्रकाश >>> वार्ता 09:10, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    जी मेरा आशय ऑयन और आयन, पाँचाल और पाञ्चाल जैसे पृष्ठों से था जो केवल एक मात्रा या हलंत के कारण बन जाते है। आनंद और आनंद फ़िल्म में तो शब्द जुड़ गए है। Capankajsmilyo (वार्ता) 09:18, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    More examples - [5] [6]Capankajsmilyo (वार्ता) 02:27, 4 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    चित्र प्रेरक अधिकार सदस्य समूह हटाने हेतु अनुरोध

    चित्र प्रेरक अधिकार प्राप्त सदस्य चित्र नामस्थान के पृष्ठों को भी स्थानांतरित कर सकते हैं मतलब की वे किसी भी फ़ाइल का नाम बदल सकते हैं। इसमे कोई दो राय नहीं हैं कि यह सदस्य समूह वाकई मे अच्छा है। लेकिन क्या हिन्दी विकि को सच मे जरूरत हैं? चित्र प्रेरक अधिकार प्राप्त सदस्य को movefile (विशेष:सदस्य समूह अधिकार) अधिकार प्राप्त होता है। जो प्रबन्धको समूह में भी हैं। हाल के परिवर्तन देखने से लगता हैं अगर हम चित्र अपलोड को देखे तो उसका औसत 2 चित्र प्रति दिन से भी कम है इनमे से भी ज़्यादातर सही नाम से अपलोड होती है। तो इस पर एक प्रश्न है कि क्या हमे वाकई मे इस सदस्य समूह की जरूरत है? सदस्यसूची मे देखने से पता चला कि वर्तमान में मुज़म्मिल जी इस समूह के सदस्य हैं। और स्थानान्तरण लॉग से पता चला कि सदस्य मुज़म्मिल जी ने 28 जून 2012 से आज तक केवल 1 स्थानान्तरण किया हैं।

    08:22, 3 सितंबर 2017 Hindustanilanguage (चर्चा | योगदान) ने चित्र वार्ता:Shubh-story 647 042517045349.jpg पृष्ठ चित्र वार्ता:Shubh Mangal Savdhan Poster.jpg पर स्थानांतरित किया (नाम) (पुराने अवतरण पर ले जाएं)
    08:22, 3 सितंबर 2017 Hindustanilanguage (चर्चा | योगदान) ने चित्र:Shubh-story 647 042517045349.jpg पृष्ठ चित्र:Shubh Mangal Savdhan Poster.jpg पर स्थानांतरित किया (नाम) (पुराने अवतरण पर ले जाएं)
    

    सदस्य मुज़म्मिल जी चित्रो के मामले में काफी अनुभवी है। इसमे भी कोई दो राय नहीं हैं। लेकिन जब इस अधिकार की हिन्दी विकि पर कोई जरूरत ही नहीं है तो वह भी कौन से चित्रो का स्थानान्तरण करे। इस पर मैं मुज़म्मिल जी से टिप्पणी चाहूँगा क्यूकी शायद जो मुझे दिख रहा हो परिस्थिति उसके विपरीत हो। वाकई मे हिन्दी को इस अधिकार की जरूरत हो। परंतु अभी मैं अपनी समझ के अनुसार इसे हिन्दी विकि से हटाने का प्रस्ताव देता हूँ

    सदस्यो के भाव
    1. समूह हटाये- ऊपर के तर्क के अनुसार--जयप्रकाश >>> वार्ता 16:03, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    2. कोई काम का नहीं है, और इसके साथ "वरिष्ठ संपादक" वाले सदस्य समूह को भी हटा देना चाहिए। उसका आज तक उपयोग ही नहीं हुआ है और वर्तमान में किसी के पास ये अधिकार भी नहीं है। -- (वार्ता) 16:55, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    3. जी ,दोनों समूह अच्छे होते हुए भी किसी काम के नहीं है या कहे की अभी हिंदी विकी के लिए आवश्यक नहीं और किसी सदस्य के पास इसके अधिकार भी नहीं है ,विलोपित करना अथवा हटाया जाना उचित।:स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 13:47, 7 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    टिप्पणियाँ
    • विशेष रूप से इस अधिकार का मैंने कितनी बार प्रयोग किया है, ये तो स्वयं मुझे भी याद नहीं। आपने आकलन करके बताया है, तो सम्भव है कि ठीक ही हो। मेरी व्यक्तिगत राय ये है कि 1111.jpg या AAAA.jpg जैसे नाम जो चित्र का कोई सही विवरण नहीं देते या फिर कोई आपत्तिजनक नाम जैसेकि fool-laughing.jpg जिसे सम्भवतः laughing-boy.jpg या हँसता-बच्चा.jpg हो तो निरापत्तिजनक हो सकता है - ऐसी विशेष स्थितियों में बदला जा सकता है। पर अगर अन्य सदस्य इस अधिकार को समाप्त करना चाहते हैं तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं क्योंकि प्रश्न इन स्थितियों के आने और अधिकार के प्रयोग का है। इस मामले में प्रबंधकगण उचित राय दे सकते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:00, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    नया विकिपीडिया

    नमस्कार, हरियाणवी विकिपीडिया का प्रस्ताव रखा गया है। इछुक सदस्यो को संपादन का निमंत्रण है। धन्यवाद Capankajsmilyo (वार्ता) 16:52, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    पंकज जी, सच में ऐसा नहीं हैं। meta:Requests_for_new_languages#Wikipedia देखें।--जयप्रकाश >>> वार्ता 16:57, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    Jayprakash12345 वहाँ भी अनुरोध जोड़ दिया गया है। Capankajsmilyo (वार्ता) 17:26, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    जी अच्छा किया। लेकिन आपने जो incubator पर पेज बनाया है उसे भाषा समिति के सदस्य बनाते है। जब परियोजना को eligible कर दिया जाता हैं। हरियाणवी भाषा के लिए विकिपीडिया थोड़ा मुश्किल है। क्यूकी हरियाणवी भाषा के लिए कोड ISO 639-3 हैं। जबकि ISO 639-2 कोड वाली भाषाओ को भी भाषा समिति बहुत मुश्किल से मंजूर करती हैं।--जयप्रकाश >>> वार्ता 17:42, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    पंकज जी, मैथिली को इंकोब्यूटर से निकालने के अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूँ कि आपका ५-१० सक्रिय सदस्यों की आवश्यकता होगी जो कम से कम ६ महीने तक परियोजना में योगदान दें। फिर प्रश्न लेखों की संख्या, सिस्टम मेसेजेज़ और भाषाविदों से प्रमाण लेना कि लेख सामग्री की वही भाषा है जो परियोजना की होना चाहिए - देखी जाएगी। धन्यवाद। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:58, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    कड़िया

    जगसीर सिंह

    --मुज़म्मिल (वार्ता) 19:51, 3 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    दुसाद

    --मुज़म्मिल (वार्ता) 07:58, 4 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विश्व हिन्दी सम्मेलन

    विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी विकिपीडिया की सहभागिता हेतु कल एक हैंगआउट चर्चा हुई जिसमे अनुदान प्रस्ताव व बजट को अंतिम रूप दिया गया। इस विषय में विस्तार से जानने के लिये यहाँ देखें।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 12:54, 5 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    उपरोक्त लेख को निर्वाचन परख में गये एक माह होने को है। निवेदन है कि उसकी समीक्षा शीघ्रातिशीघ्र की जाये, जिससे उन पर कार्रवाई की जा सके। अधिक समय होने से सुधार कार्रवाई का कार्य कठिन हो जाता है, क्योंकि लेख मुख्य स्मृति से उतर जाता है। अतः पुनर्निवेदन है कि उसकी समीक्षा शीघ्र कर निर्णय की ओर अग्रसर किया जाए, जिससे कि हमें एक नया निर्वाचित लेख मिले तथा एक और लेख को इस श्रेणी की ओर तैयार करने का कार्य आरम्भ किया जा सके। साभार:--आशीष भटनागरवार्ता 00:03, 8 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    नागालैंड लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र

    --गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 10:35, 10 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Galicia 15 - 15 Challenge

    Wikipedia:Galicia 15 - 15 Challenge is a public writing competition which will improve improve and translate this list of 15 really important articles into as many languages as possible. Everybody can help in any language to collaborate on writing and/or translating articles related to Galicia. To participate you just need to sign up here. Thank you very much.--Breogan2008 (वार्ता) 14:07, 12 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    अत्यावश्यक लेख

    नमस्कार, अभी अभी विकिपीडिया:अत्यावश्यक लेख/स्तर/१ का गठन किया गया है। किंतु मैं यह नही जानता कि हिंदी विकिएडिया के १० अत्यावश्यक लेख कोनसे है। तो कृपया सूची सही करने के लिए मार्गदर्शन करें। धनयवाद। Capankajsmilyo (वार्ता) 04:34, 13 मार्च 2018 (UTC) सादर अभिवादन विकिपीडिया:अत्यावश्यक लेख/स्तर/१ के बावजूद हम जैसे नए लेखकों को हतोत्साहित करने से उम्दा है कि उनको जोड़े रखने के लिए प्रयास हों। अर्थ हीन पन्नों का बनाया जाना बेहद दुखद स्थिति है। इसमें मैं माला चौबे के [[[[7]]]] को देखिये Girishbilloreoneगिरीशबिल्लोरे 21:36, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिन्दी विकिपीडिया की अक्षमता

    दोस्तों, यह कहते हुये खेद होता है कि अभी तक हिन्दी विकिपीडिया के आलेखों में नाम मात्र की वृद्धि हुयी है। क्या हमारे पास जीव विज्ञानी या वनस्पति शास्त्रियों की कमी है कि हम इन सब में लेख नहीं लिख सकते हैं? कृपया अच्छे लेखक खोजे जायें और उनसे अनुरोध किया जाये कि वो हिन्दी विकिपीडिया में योगदान दें। धन्यवाद Mastmastkalandar (वार्ता) 16:10, 14 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @Mastmastkalandar: जी आपने बहुत अच्छा विषय उठाया कृपया अपने स्तर पर जीव विज्ञानी या वनस्पति शास्त्रियों की खोज जारी रखे एवं उन्हें विकी पर योगदान देने हेतु प्रेरित करें ,समुदाय आपके साथ है।आपकी सक्षमता ही विकी की सक्षमता है। -स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 13:44, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    भारत के राजनीतिक दलों की सूची

    - सायबॉर्ग (वार्ता) 16:23, 14 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    प्रबन्धकों के कार्य का विभाजन

    सामान्यतः विकिपीडिया पर प्रबन्धक कुछ काम बांट लेते हैं तो कार्य आसान हो जाता है। हिन्दी विकिपीडिया पर पिछले कुछ वर्षों में प्रबन्धकों की भारी कमी थी अतः यह कार्य नहीं हो पाया लेकिन वर्तमान में प्रबन्धकों की कुल संख्या 9 (+1 बॉट-प्रबन्धक) है। अतः मुझे लगता है प्रबन्धकों को कार्य का विभाजन कर लेना चाहिये। जिसमें ५ प्रबन्धकों को अलग-अलग कार्य दे दिया जाये बाकी हर जगह प्रबन्धक एक दूसरे की सर्वसम्मति रख सकें। मैंने पिछले ४-५ दिन में एक साथी प्रबन्धक (सदस्य नाम: आर्यावर्त) जी का सन्देश पढ़ा है कि वो मुखपृष्ठ समाचार के लिए प्रबन्धक नहीं बने। मैं चाहता हूँ कि समुदाय यह स्पष्ट कर दे कि उन्हें प्रबन्धक कौनसे कार्य के लिए बनाया है, जिससे उन्हें पिंग (ping) करने के काम में आसानी रहे।

    ऐसा करने से नये प्रबन्धक बनाने की राह भी आसान होगी और कार्य की प्रगति भी होगी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:28, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @Suyash.dwivedi, आशीष भटनागर, अनुनाद सिंह, Godric ki Kothri, Jayprakash12345, और Swapnil.Karambelkar: कृपया स्पष्ट करें कि आपने प्रबन्धक चुनाव को किस उद्देश्य से समझा है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:35, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार: अगर कार्य विभाजन की बात करें तो मैं विशेष कार्य केवल नये प्रबंधकों को ही देने का पक्षधर हूँ। अजीत जी ने शीघ्र हटाने योग्य लेखों को हटाने में उल्लेखनीय कार्य किया है। अगर वे चाहे तो उन्हें स्थायी प्रबंधक बनाने का मैं पक्षधर हूँ। छोटी मोटी खामियों को छोड़ दें तो आर्यावर्त जी को पुनरीक्षण कार्य का अनुभव है अतः उन्हें यह कार्य दिया जा सकता है। अनिरुद्ध जी के अधिक योगदान मुझे पता नहीं हैं अतः मैं उनके बारें में कुछ कह नहीं सकता। बाकी आप, आशीष जी, हिन्दुस्तान वासी जी और अनामदास जी एक अनुभवी प्रबंधक हैं। आपके कार्यों से किसी को कोई समस्या नहीं होगी।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 10:37, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Godric ki Kothri: आपसे सहमत हूँ, लेकिन क्या अजीत जी और आर्यावर्त जी भी सहमत हैं? कुछ प्रबन्धकों को सर्वव्यापी भी रहना पड़ेगा क्योंकि यदि काम का अतिव्यापन (overlapping) नहीं हुआ तो फिर पहले वाली स्थिति ही रहेगी। अनिरुद्ध जी को प्रबन्धक कुछ विशिष्ट कारणों से बनाया गया है। वो हिन्दी विकि के कुछ ऐसे विकारों को ठीक कर सकते हैं जो हम लोग (जो अपने आप को सर्वज्ञानी एवं सम्पूर्ण समझते हैं) नहीं कर सकते। चूँकि अनिरुद्ध जी व्यवसाय से हिन्दी विषय में अच्छे पद पर हैं अतः यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। लेकिन पहले सभी प्रबन्धक अपनी रुचि के विषय बतायेंगे तो ही कार्य का विभाजन हो सकेगा। मैंने आप लोगों को पिंग इसलिए किया था क्योंकि आर्यावर्त जी के कथन (कि मैं इस कार्य के लिए प्रबन्धक नहीं बना) से मुझे समझ नहीं आ रहा कि वो प्रबन्धक क्यों बने हैं। वैसे ये जानना मेरा काम है भी नहीं लेकिन एक प्रबन्धक होने के नाते ऐसा जानने के बाद मैं उन्हें अनावश्यक स्थानों पर पिंग नहीं करूँगा और कुछ स्थानों पर उनके साथ मिलकर काम करना आसान हो जायेगा। अब वो तो इस प्रश्न का उत्तर दे नहीं रहे, अतः मैंने उन सभी लोगों से पूछना उचित समझा जिन्होंने मिलकर प्रबन्धक बनाया है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:43, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार: हालाँकि इस विषय का जवाब @आर्यावर्त: जी ही देते तो बेहतर होता लेकिन फिर भी आप विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन#आर्यावर्त पर देख सकते हैं कि उन्होंने मुख्यतः बर्बरता से लड़ने व् पृष्ठ सुरक्षित करने के लिये यह अधिकार लिया है और मैंने भी उन्हें बर्बरता हटाने में उनके कार्य को देख कर ही समर्थन किया था। लेकिन मुझे यह अंदाजा नहीं था की वे बार बार यह कहेंगे कि मैंने मुखपृष्ठ समाचार अद्यतन के लिये यह पद नहीं लिया है।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 12:30, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार:जी , सदस्य @आर्यावर्त:जी ने उक्त कार्य के लिए प्रबंधक अधिकार मांगे थे - "बर्बरता आदि से लड़ने के लिए बाबा जैसे सदस्यों को प्रतिबंधित करना, अधिक बर्बरता वालें पृष्ठों को सुरक्षित करना या सुरक्षा हटाना, पृष्ठ हटाना आदि टूल मुझे इस कार्य में अधिक उपयोगी हो सकते हैं और इसकी मदद से मेरे कार्यों में वृद्धि होगी।",जिसपर मेरी टिपण्णी ये थी "मेरे विचार से उपरोक्त कार्य हेतु इन्हे टूल्स की पहुंच सुलभ करवाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।" .प्रथम दृष्टया आर्यावर्त जी का ये कहना कि "मैं इस कार्य (मुखपृष्ठ समाचार) के लिए प्रबन्धक नहीं बना" की बजाय ये कहते की "मैं इस कार्य (बर्बरता आदि से लड़ने) के लिए प्रबन्धक बना हु " तो ये ग़लतफ़हमी नहीं रहती।दूसरा, प्रबंधक भी सामान्य सदस्य ही होता है और विकी आनंद के लिए ही कार्य करता है अतः जिसकी जो रूचि हो ,वही कार्य ही अच्छे से और मन लगा कर करे। हां यदि कोई सदस्य /प्रबंधक अपनी रूचि के ना होते हुए भी कोई कार्य करने हेतु आगे आता है तो उनका स्वागत,अभिनन्दन और धन्यवाद। अतः समुदाय ही प्रबंधको की स्वरुचि को ध्यान में रखते हुए कार्य विभाजन/आग्रह करे तो अच्छा (मैं पुनः कहूंगा की ये सदस्य/प्रबंधक की स्वरुचि एवं विशेषज्ञता पर आधारित होना चाहिए ,थोपा नहीं जाना चाहिए ):स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 13:34, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    नमस्कार! मैं ज़रा दिल्ली से बाहर भ्रमण पर गया था, अतएव अनुपस्थिति के कारण कुछ विलम्ब हुआ- क्षमाप्रार्थी हूँ। (और इसी बीच ये विवाद खड़ा हो गया) वैसे तो स्वपनिल जी ने उद्धरण करके सारगर्भित उत्तर दिया है, और मैं भी उसे बढ़ाते हुए यह और कहना चाहूंगा कि:
    • प्रबन्धक नामांकन करते हुए चाहे किसी विशेष या कई कार्य विशेष का उल्लेख किया गया हो, किन्तु अभी तक किसी नामांकन सफ़ल होने को सशर्त नहीं बनाया गया है कि अमुक व्यक्ति अमुक कार्यविशेष हेतु चुना गया है। ये तो अपनी रुचि अनुसार अभ्यास बन जाता है और फिर अनलिखा, अनकहा दायित्व बन जाता है। किन्तु फिर भी अन्य दायित्वों से मुख नहीं मोड़ सकते हैं।
    • आर्य*जी द्वारा कथित वाक्यांश अक्षरशः न देखकर उसके मूल को समझ लेना चाहिये (हालांकि ये बात उनके वाक्यांश के समर्थन में नहीं है, किन्तु कई अन्य सन्देहों का लाभ (benefit of doubt) देते हुए अनदेखा किया जा सकता है बशर्ते कि ये भी ध्यान रखें कि इसकी पुनरावृत्ति न करें व दायित्वों के अतिव्यापन को भी समझें। ये भी भली-भांति समझें कि सभि दायित्व मोटे तौर पर सभी प्रबन्धकों के हैं। वो तो अपनी अपनी सुविधानुसार हमने बांट लिये हैं, किन्तु यदि कोई गलती होती है तो आरोप सभी पर समान रूप से पहुंचता है। मूल दायित्व अवश्य उसी का है जिसने ले रखा है, किन्तु ये सुविधामात्र है, इसे लिखा या बोला नहीं जाना चाहिये- बस समझा जाता है कि अमुक कार्य अमुक प्रबन्धक देखता है। उदाहरण के लिये यदि प्रमुख चित्र संबंधी कार्य में कुछ समस्या है तो मुझे बतायें, किन्तु यदि कोई गलती हो तो अन्य सदस्य
      • किसी भी प्रबन्धक को कह सकते हैं,
      • कोई भी प्रबन्धक उसे सुधार सकता है।
      • किसी भी प्रबन्धक का अन्य सदस्य को ये कहना उचित नहीं होगा कि ये मेरा कार्य नहीं है, अथवा मैं प्रमुख चित्र, आदि के लिये नहीं बना हुं। (वैसे दायित्व मेरा ही है, गलती का दोषी भी मैं ही होऊंगा)
    इसी प्रकार आर्य जी के मूल कार्य जिनका उल्लेख स्वपनिल जी ने किया है, उनमें कहीं कोई कमी नहीं मिली है, बस अपनी लेखनी को थोड़ा बुद्धिदान व धैर्य दान दें कि वो उन्हें इस प्रकार के विवादों से बचा सके। आशा है कि मैंने कुछ ऐसा नहीं लिखा है कि इनके बाद मैं भी किसी ऐसे विवाद में स्वयं को खड़ा पाऊं। शेष सर्वसम्मति एवं स्वविवेक: सादर --आशीष भटनागरवार्ता 23:17, 15 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    ┌──────────────────────────┘
    आशीष जी, स्वप्निल जी और गॉड्रिक की कोठरी जी, आप लोगों के कथनों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि जयप्रकाश जी द्वारा नामांकित लेखों को हटाकर उन्होंने अपनी इच्छा का कार्य नहीं किया। मैं स्वयं भी अतिव्यापन का पक्षधर हूँ लेकिन अतिव्यापन बहुत अधिक मात्रा में नहीं होना चाहिए। फिर भी मोटे तौर पर कार्य का विभाजन आवश्यक है। मेरा सभी प्रबन्धकों से निवेदन है कि अपनी रूचि के अनुरूप अपने कार्यों के बारे में लिखें। मैं मेरे अनुसार एक छोटा सा विभाजन कर रहा हूँ, यदि किसी को समस्या हो तो लिखें :

    • अजीत जी: अस्थायी प्रबन्धक हैं, अतः उनके प्रबन्धन कार्य को विस्तार की आवश्यकता है। नियमावली के 2, 5 और 7 पर काम करेंगे।
    • आर्यावर्त जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। नियमावली के नियम 1 और 3 पर काम करेंगे।
    • आशीष जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। नियम 2, 4 और मुखपृष्ठ से सम्बंधित बदलाव, जैसे मुखपृष्ठ चित्र, निर्वाचित लेख आदि।
    • हिंदुस्थान वासी जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। नियम 1, 3, 5, 7 पर काम करेंगे।
    • अनिरुद्ध जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। नियम: इन्ण्टरफेस सुधार से सम्बंधित सुधार, सामान्यतः वो सुधार जो हम अन्य प्रबन्धक नहीं कर सकते।
    • अनामदास जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। नियम 4, 5 और मुखपृष्ठ से सम्बंधित बदलाव, जिनमें समाचार, क्या आप जानते हैं आदि हैं।
    • संजीव कुमार (मैं स्वयं): स्थायी प्रबन्धक। नियम 2, 3, 5 पर सीधे काम करता हूँ। नियम 6 पर कुछ साथियों की मदद से काम कर सकता हूँ जिनमें SM7 जी, स जी और जयप्रकाश जी शामिल हैं। चूँकि SM7 जी ने प्रबन्धन दायित्वों से सेवानिवृत्ति ली है अतः यदि वो कभी भी वापसी चाहें तो उन्हें नियम 6 पर काम करने के लिए दिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि स जी को भी इस कार्य हेतु लगाया जाना चाहिए।
    • माला जी: स्थायी प्रबन्धक हैं लेकिन सक्रियता नगण्य होने के कारण कुछ विशेष कार्य नहीं दिया जा सकता और उन्हें सभी कार्यों पर अतिव्यापित रखा जाये।
    • चक्रपाणी जी: स्थायी प्रबन्धक हैं। मुझे इनका भी नहीं पता कि प्रबन्धक क्यों बने लेकिन जहाँ तक ज्ञात है, मुखपृष्ठ को चलायमान बनाने के लिए प्रबन्धक बने थे तो उन्हें भी निर्वाचित लेख बनाना और अन्य मुखपृष्ठ से सम्बंधित कार्य दे दिये जाने चाहियें।
    • Sanjeev bot (मतलब मेरा बॉट खाता): स्थायी बॉट-प्रबन्धन खाता। कोई भी प्रबन्धन कार्य जो बॉट से करना आसान हो। उदाहरण के लिए बड़ी मात्रा में लेखों को हटाना। बड़ी मात्रा में लेखों को सुरक्षित करना आदि।

    मैंने ये अन्तिम विभाजन नहीं है केवल मेरे अनुमान हैं। यदि किसी को इससे ऐतराज हो तो वो भी नीचे लिखें। इसके अतिरिक्त कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में थोड़ा इधर-उधर भी काम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोई भी काम करने में अन्य प्रबन्धकों से राय ली जा सकती है। कुछ अन्य कार्यों से भी (समय के साथ) दक्षता प्राप्त करने के बाद हाथ बंटाया जा सकता है। यदि उपरोक्त कार्य किसी परिणाम तक पहुँचता है तो सम्बंधित सूची भी अद्यतन कर दी जायेगी। इसके अतिरिक्त यदि कोई नियम नियमावली में शामिल नहीं है और प्रबन्धकों को लगता है कि शामिल होना चाहिए तो उसे भी नियमावली में शामिल कर लिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 03:57, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    • मुझे इस तरह के वक्तव्य और विभाजन दोनों पर आपत्ति है। हमारे सर्वप्रिय प्रबंधक अनामदास जी कई बार चर्चाओं में (कम से कम एक बार विकिपीडिया पर और कई बार बाहर) कह चुके हैं कि वे मुखपृष्ठ के लिए प्रबंधक हैं। मुझे आज तक इसका मतलब समझ में नहीं आया। "मुखपृष्ठ को चलायमान बनाने के लिए प्रबन्धक" जैसा कुछ पहले भी कहा गया था और मैंने तब भी पूछा था कि प्रबंधक कम होने से इसमें किस प्रकार बाधा पड़ती है, या ख़ास इसी के लिए प्रबंधक बना दिए जाएँ तो कैसे यह चलायमान रहेगा? अनामदास जी से चाहूँगा कि वे भी यह उक्ति थोड़ा स्पष्ट करें। आर्यावर्त जी से भी अनुरोध है कि वे थोड़ा प्रकाश डालें कि उनके वक्तव्य का क्या आशय है कि वे मुखपृष्ठ के लिए प्रबंधक नहीं बने। इसके बाद ही ऊपर के प्रस्ताव पर राय दे पाऊँगा, क्योंकि इस तरह के वक्तव्यों को थोड़ा और समझना चाहता हूँ।--SM7--बातचीत-- 04:14, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    • चूँकि, ऊपर मेरे प्रश्न का उत्तर दोनों प्रबंधकों ने नहीं दिया है, जितना मुझे इस चर्चा का उद्देश्य समझ में आया मैं अपनी आपत्ति आगे रखता हूँ। इस विभाजन पर मुझे पहली आपत्ति तो यही है कि यह प्रबंधक दायित्व को सीमित करने का एक ऐसा विकल्प चुना जा रहा जिसे लागू कैसे करवाया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। उदाहरणार्थ, यदि कोई व्यक्ति तकनीकी कार्य हेतु प्रबंधक बनाया जाता है और वह बाद में किसी सदस्य को प्रतिबंधित कर देता है, अथवा किसी अवरोधित सदस्य पर से, अवरोध लगाने वाले प्रबंधक से बिना चर्चा किये अवरोध हटा देता है, तो क्या इसे प्रबंधक दायित्व का दुरुपयोग माना जाएगा? क्योंकि एक बार प्रबंधक बनने पर सभी उपकरण उसे स्वतः ही उपलब्ध होंगे। दूसरे, यदि कोई प्रबंधक एक या दो कार्य चुनता है, छह महीने तक वह कार्य कुशलता पूर्वक करता है, उसके बाद कोई और कार्य भी करने का इच्छुक होता है - तो क्या ऐसी दशा में उसे नए दायित्व हेतु पुनः नामांकन करना होगा? तीसरे जैसा कि इस चर्चा में कुछ लोगों ने इंगित किया है, प्रबंधक यहाँ पद के रूप में देखा जाता है, कई जगह नामांकनों पर चर्चा, स्वतः परीक्षित और पुनरीक्षक अधिकारों को प्रदान करने, हहेच में भाग लेने इत्यादि में प्रबंधक की राय को कुछ अधिक महत्व देने की परंपरा भी है। या तो यह परंपरा उचित/अनुचित है इस पर चर्चा कर लें और प्रबंधक को इन दशाओं में आम सदस्य जैसा ही मानें, या फिर यह तय करना पड़ेगा कि ऊपर के कार्य विभाजन के बाद किस कार्य करने वाले प्रबंधक की राय किस चीज में अधिक महत्व वाली मानी जायेगी। अगर इन चीजों को विभाजन में ही स्पष्ट नहीं किया जाता तो यह विभाजन बाद में और विवादों को जन्म देगा। वर्तमान रूप में मैं ऐसे विभाजन से असहमत हूँ। --SM7--बातचीत-- 10:31, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @SM7: आपने जो विचार व्यक्त किये हैं, वैसे विचारों से ही हिन्दी विकिपीडिया का विकास अटका पड़ा है। वास्तव में यहाँ उद्देश ये है कि सब लोग मिल कर कार्य करे। पर ऐसे विचारो से तो कभी एकता होने ही नहीं वाली। यहाँ आप दायित्व सीमित करने का तर्क दे रहे हैं। क्योंकि आपको लचिलापन चाहिये। परन्तु जब मैं शब्दों के प्रयोग, अंको के प्रयोग में लचिलापन चाहता हूँ, तो आप अनिवार्यता (अपने मतानुसार) ला देते हैं। अर्थात् जहाँ आपको लगे वहाँ सब लचिले नियम बनाए और अन्यत्र अनिवार्य? अंग्रेजी और अन्य विकिपीडिया में भी ऐसे कार्य होते हैं। कुछ लोग केवल चौपाल, नये पृष्ठ, बर्बरता, सहायता, प्रौद्योगिक सहायता इत्यादि में अपना कार्यक्षेत्र बना कर मिल कर कार्य करते हैं। अतः उनको बार्नस्टार भी वैसे ही देने की प्रथा है। जिस क्षेत्र में कार्य किया उसके लिये बार्नस्टार। इसका अर्थ ये नहीं कि चौपाल वाला बर्बरता दूर नहीं कर सकता। इसका अर्थ ये है कि, पहले आप अपना देखो और यदि समय है और लेख नहीं बना रहे हैं, तो अन्यत्र भी देखो। या आप बर्बरता में है और आपके दृष्टिपथ में सहायता के लिये कुछ आवेदन दिखे, तो वो न करने की बात नहीं है। विवाद तब होता है, जब आप अपने को ही उचित और सामने वाले को अनुचित घोषित करते हैं। जब दोनों उचित (दो शब्द, दो अंक, दो प्रबन्धक) हों, तो मात्र विचारों का भेद मानकर आगे बढ़ जाना चाहिये और एक दूसरे के विचारों पर आक्रमण नहीं करना चाहिये। अतः प्रस्तावक ने रुचि और क्षमता के अनुसार कार्यविभाजन की बात की है। न की अनिवार्यता के आधार पर। यहाँ विधान किसी बात को स्वीकारने का है परन्तु किसी बात को अस्वीकारने का नहीं। अतः कृपया विकास होने देवें। तब ही नये सदस्य आयेंगे और अच्छे प्रबन्धक बनेंगे। ॐNehalDaveND 14:45, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    NehalDaveND अभी आपको क्या लगता है, लचीलेपन के कारण विकास रुकता है या लचीलापन समाप्त करने के प्रयासों से? अंकों शब्दों पर यहाँ चर्चा नहीं हो रही लेकिन आप बार बार वहीँ घूम रहे। वर्तमान व्यवस्था ज़्यादा लचीली है या मुहीम चला कर देवनागरी अंक स्थापित करवाने या नीयत बाँध कर हिंदी में से उर्दू दिखने वाले शब्द बाहर निकालने के प्रयास लचीलापन हैं? हर तीसरे महीने एक बार अंक का मुद्दा उठा के समय नष्ट करना, इसके लिए विकिपीडिया से बाहर समूहों में लामबंदी करना, पूरे हिंदी प्रदेश में जिस अंक का प्रचलन अधिक है उसे दरकिनार करके "हिंदी की लिपि देवनागरी लिपि है" का तर्क देकर बार-बार एक अंक स्थापित करवाने का प्रयास करना, विकिपीडिया पर वर्तमान चर्चा प्रणाली को किनारे करके वाट्सएप पर समर्थकों का झुंड इकठ्ठा करना; इनमें से क्या आपको अधिक लचीला लगता है? ख़ुद हिंदी के विकास से संबंधित कोई संकीर्ण सोच को असली विकास के रूप में बार-बार प्रोजेक्ट करना और कोई आपसे असहमत हो तो उसे हिंदी विकिपीडिया के लिए कमनसीबी मानना, कौन सा कार्य लचीलेपन वाला है आपकी नज़र में? हर चर्चा में, चाहे जिस विषय पर चर्चा हो, अंक और शब्द रुपी तथाकथित विकास ले के पहुँच जाना और कुछ लोगों द्वारा सारा विकास न होना इसी कारण मानना, कुछ न समझ में आये तो आप कठपुतली किसकी हो पूछने लगना, इनमें से किससे चर्चा में व्यवधान होता है? मुद्दे पर बात करने की बजाय अपनी या अपने सामान विचार वालों की कुछ चाहतों मात्र को "विकास" कहकर हर मुद्दे में घुसेड़ने से चर्चा में निर्णय पर पहुँचना आसान होता है या मुद्दे पर बात करने से? क्या लगता है आपको दोनों तरह के लचीलेपन फायदेमंद ही हैं?
    जहाँ तक उक्त प्रस्ताव से असहमत होने की बात है, मैं लचीलापन चाहता नहीं हूँ, यह है। वर्तमान प्रस्तावित विभाजन इसे कम करेगा, जिसकी शुरूआत ही इस कारण हुई है कि "मैं फलां काम के लिए प्रबंधक नहीं हूँ"। रूचि और क्षमता के आधार पर कार्य करने की स्वतंत्रता पहले से ही थी; "मैं अमुक काम के लिए प्रबंधक हूँ" और और "मैं अमुक काम के लिए प्रबंधक नहीं बना हूँ" जैसे वक्तव्यों का नतीजा यह कि अब हम घोषित विभाजन पर उतर आये हैं; आप खुद सोच लें कि क्या अधिक लचीला था। --SM7--बातचीत-- 16:48, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    User:SM7, "देवनागरी अंक स्थापित करवाने या नीयत बाँध कर हिंदी में से उर्दू दिखने वाले शब्द बाहर निकालने के प्रयास लचीलापन हैं? " यहाँ भी आपने दो मुह वाली बात कर दी है। अन्य स्थान पर आपने कहा था कि कोई देवनागरी अंक के प्रयोग पर किसी को रोकता नहीं है। परन्तु वास्तविरता ये है कि देखों में देवनागरी के अंको को परिवर्तित कर दिया जाता है। उर्दू शब्दों के विषय में भी आपने अत्यन्त असत्य बोला है। मैंने कुछ लेखों के शीर्षक परिवर्तिक किये थे, क्योंकि मेरा उद्देश मात्र दोनों शब्दों के उपयोग पर था। परन्तु आप उसे विपरीत मार्ग पर ले गये। ये देकर मैंने क्षमा याचना भी की और कहा कि वो आप जो उद्देश से शीर्षक परिवर्तन समझ रहे हैं, वैसा नहीं है। मेरा उद्देश मात्र शब्दों के समान उपयोग पर था। फिर भी आपने उसे बहुत महान् क्षति के रूप में प्रदर्शित कर अपने प्रबन्धक होने का लाभ उठाया। मैं किसी भाषा, शब्द, अंक का विरोधी नहीं हूँ, ये मेरे मत से ही स्पष्ट है। मैंने शीर्षक परिवर्तिक किये उस पर क्षमा याचना की और उसके पश्चात् कभी विवाद हो ऐसा नहीं किया। परन्तु पीयूषजी और आप दोनों बारंबार अपने मत को प्रस्थापिकत करने के लिये शब्दों और अंको की राजनीति कर रहे हैं। मैं किसी के लेख में जाकर अपने रुचिकर शब्दों या अंको से परिवर्तन नहीं करता हूँ। में दोनों चाहता हूँ। जिसे जो प्रयोग करना है, वो करे, मात्र अशुद्ध प्रयोग न हो ये मेरा आग्रह है। आप अपने स्वार्थ के लिये यहाँ के वास्तविक स्वयंसेवक (आप के जैसे अपने मत को स्थापित करने वाले नहीं) का समय व्यर्थ कर देते हैं। विपरीत रूप से आप मुझ पर किसी एक पक्ष के प्रचार का और स्थापित करने का आरोप लगा देते हैं। वास्तविकता ये है कि, मैं अपने रुचिकर (परन्तु शुद्ध) शब्दों का प्रयोग करता हूँ और अन्यों के उर्दू, फारसी, अंग्रेजी या किसी अन्य शब्दों और अंको को परिवर्तित करने के विषय में सोचता भी नहीं हूँ। अतः आपके आरोप वहीं है जो मैंने आप पर सिद्ध किये हैं और आपके पास उसका उत्तर नहीं अतः आप वो मुझ पर लगा रहे हैं। ॐNehalDaveND 05:11, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    • मैं इस चर्चा का हिस्सा नहीं हूँ और ना ही सहमत। जिसे जो रुचि हो वहीं कार्य करते हैं। किसी को न तो बाध्य कर सकते हैं और न ही किसी कार्य को न करने पर स्पष्टता देने के लिए बाध्य कर सकते हैं। यहाँ पर सभी स्वयंसेवक हैं। चर्चाओं के बदले मैं अपने कार्य में ध्यान देना चाहूंगा। मेरी और से चर्चा समाप्ति की घोषणा करता हूँ।--आर्यावर्त (वार्ता) 04:30, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    चर्चा आपके नहीं आपके वक्तव्य के ऊपर है। स्वयंसेवक होने का तात्पर्य यह नहीं कि आप कुछ बोलें और उसके बाद कह दें कि आप आगे व्यस्त हैं और अपना कार्य कर रहे, चर्चा समाप्त। कम से कम अपने वक्तव्य को स्पष्ट तो कर ही सकते हैं थोड़ा समय निकाल कर। --SM7--बातचीत-- 04:38, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @SM7:कैसे दूसरों से प्रत्युत्तर पाने के लिये इतने तड़प रहे हैं आप? यहाँ दूसरों को भी प्रत्युत्तर दे देते, तो अच्छा था। ये विकि किसी ने अतिक्रान्त अवश्य कर रक्खा हो। परन्तु कभी न कभी ये अपने विशाल स्वरूप को अवश्य धारण करेगा। आर्यावर्तजी से प्रत्युत्तर पाने से पूर्व आपको उस प्रश्न का प्रत्युत्तर देना चाहिये। ॐNehalDaveND 02:22, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    NehalDaveND जी इतना तड़प तो नहीं रहा जितना आपको प्रतीत हो रहा है, हाँ इस तरह के वक्तव्यों को समझने की कोशिस ज़रूर कर रहा। नीचे आपकी टिप्पणी भी कुछ ख़ास समझ में नहीं आई, न ही यह कि अचानक आप किस कारण इधर-उधर हर जगह मुझे लक्ष्य करके बयानबाजी कर रहे। एक निंदा प्रस्ताव यहीं चौपाल पर अलग से लिख डालें मेरे बारे में और एक साथ ही आप और आप के साथीगण जो मुझसे बहुत परेशान हों अपने सभी गिले-शिकवे लिख डालें। समुदाय एक साथ आम सहमति से तय कर ले कि मुझे अवरोधित करना चाहता है या मेरे कार्यों के किन्ही उदाहरणों के आधार पर नए बनने वाले प्रबंधकों को कोई विशेष छूट देना चाहता। बाक़ी अगर उक्त दोनों प्रबंधक उत्तर नहीं देते तो जितना उनका वक्तव्य समझ में आया फिर उसी आधार पर चर्चा में आगे बढूँगा, आपकी तरह प्रत्युत्तर पाने के लिए अटके रहने का कोई इरादा नहीं है।--SM7--बातचीत-- 02:49, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @SM7: प्रत्येक बार एक बात को इधर-उधर घुमाना कोई आप से सीखें। मैंने ऐसा कोई कार्य नहीं किया था, न कर रहा हूँ, जो किसी को आहत करे। परन्तु बारंबार प्रश्न को टालने पर भी प्रत्युत्तर न मिले तो सामने वाले की मनसा पर प्रश्न उठता है। कैसे आप यहाँ "अपने वक्तव्य को स्पष्ट तो कर ही सकते हैं थोड़ा समय निकाल कर।" आर्यावर्तजी को कह रहे हैं। तब मैं भी आप से और संजीवजी से यही कह रहा था। परन्तु तब तो आप भिन्न बातें कर रहे थे। अब भिन्न बात कर रहे हैं। मुझे किसी के विरुद्ध निन्दा प्रस्ताव पारित करवाने की आवश्यकता नहीं है। वो तो सदस्य ही निश्चित करेंगे। मैं सही से सम्पादन कर रहा था, मेरी क्षति क्या थी? मैंने कौन सा नकारात्मक कार्य किया था? त्रुटि सब से होती है और उसे सुधारने का भी प्रयास किया था मैंने। परन्तु बारंबार प्रबन्धक के रूप में आप से सहायता मांगने पर भी आप और संजीवजी टालते रहे। अभी भी यही कर रहे हैं। ॐNehalDaveND 05:57, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    [[NehalDaveND जी, मैंने कोई वक्तव्य नहीं दिया था जिस पर आपने स्पष्टीकरण माँगा हो। आपके प्रश्नों का उत्तर क्यों कदापि नहीं दूँगा यह भी स्पष्ट रूप से लिखा था। आप अपने को सही साबित करने के लिए पुनरीक्षक पद छोड़ने का जो नाटक कर रहे थे हो सके तो उसे भी पुनः स्थापित कर लें जिस तरह आपने पुरानी चर्चा को पुरालेख से निकाला है, शायद समुदाय को बेहतर निर्णय तक पहुँचने में मदद हो जाए। मैं ऐसे दबावों के कारण आपके किसी सवाल का ज़वाब दूँ यह अब भी नहीं उचित समझता। नीचे की चर्चा में आप चाहें तो इसे उद्धृत कर लें और समुदाय से कार्रवाई करवा लें। और बेहतर होगा कि मुझे इधर-उधर न घुमाने का आदेश देने की बजाय खुद चिंतन करें कि आप इस चर्चा में इधर-उधर की बातें क्यों घुसेड़ रहे (आपने प्रबंधक नामांकन में अपने समर्थन में भी प्रस्तावक को पक्षपाती कहा है, कौन हर जगह एक ही मुद्दा ले के अटका हुआ है आप ही सोच लें)। यहाँ, इस अनुभाग में, इस चर्चा तक ही बातें करें। --SM7--बातचीत-- 10:01, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    ┌──────────────────────────┘
    :आदरणीय श्री @NehalDaveND: जी एवं @SM7: जी, कृपया इस चर्चा को कार्यविभाजन तक ही सीमित रहने दें तो बेहतर होगा। नेहल जी ने एकाधिक जगहों पर संपादन पूर्ववत किए जाने को लेकर अपनी चिंताएं और सवाल रखे हैंं। संबंधित सदस्यों को उनके जवाब जरूर देने चाहिए। साथ ही नेहल जी व्यक्तिगत आक्षेप की मुद्रा में जब तक बने रहेंगे तब तक स्वस्थ चर्चा संंभव नहीं है। पूर्वग्रह छोड़कर ही आपस में चर्चा की जानी चाहिए। मुझे संजीव जी का यह प्रस्ताव तब तक स्वीकार्य और सुविधाजनक लगता है जब तक कि किसी को अन्य कार्यों के लिए सीमित या अवरोधित न कर दिया जाय। मुझे किसी कार्य विशेष को करने में न तो अतिरिक्त रूचि है और न ही कार्यविशेष को लेकर कोई अनमयस्कता। जब जो भी कार्य आवश्यक लगेगा उसके लिए तत्पर रहूंगा। किसी भी सदस्य का यह कहना कि मैंने अमुक कार्य के लिए यह दायित्व नहीं लिया है एक चिंताजनक वक्तव्य है। आप भले ही उस कार्य में रुचि न रखते हों लेकिन आपका यह कहना आपके दायित्वबोध पर प्रश्नचिह्न लगाता है। तब जबकि आपने उक्त स्थल पर समीक्षा भी की हो। कार्यविभाजन यदि सुविधा और कार्यविशेष मेंं सदस्य की रुचि और दक्षता के आधार पर है तब तक स्वीकार्य है अन्यथा यथास्थिति रखी जाय और निर्णय सदस्य के विवेक पर छोड़ दिया जाय। धन्यवाद। (यहाँ के कुछ संपादन गलती से पूर्ववत हो गए थे उसके लिए क्षमा चाहूँगा।) -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 03:46, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    अजीत कुमार तिवारी जी, कृपया अपनी टिप्पणी से उस हिस्से को अलग से तारांकित (* ....) करके नीचे लिखे जिसमें आप ने मूल प्रस्ताव पर अपना मत दिया है। इससे स्पष्ट रहेगा कि आपने अपना मत कहाँ लिखा है और किसी अन्य व्यक्ति के मत पर टिप्पणी कहाँ लिखी। --SM7--बातचीत-- 04:39, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    • प्रबन्धक पद यहाँ कोई मन्त्री पद जैसा प्रतीत होता है। विपक्ष में आते ही मन्त्री किसी भी प्रकार अपने को उचित और सामने वाले को अनुचित घोषित करने के लिये प्रयत्नशील हो जाता है। उस समय उसे जनता (सामान्य सदस्यों, विकिनियमों) की सब से अधिक चिन्ता होने लगती है। स्वयं मन्त्री पद पर रह कर कितने सक्रिय होते हैं और कितने काम करते हैं, ये सब जानते हैं। उक्त प्रबन्धकों में अधिकांश ऐसे हैं, जो प्रबन्धक पद (लाल बत्ती) को धारण कर फिरते तो हैं, परन्तु इस लिये कि लाल बत्ती पर रुकना न पड़े। जब तक पद नहीं मिला, तब तक सक्रिय रहो, उसके पश्चात् निष्क्रिय हो जाओ। (कभी कभी आओ और नीकल लो) विकिपीडिया का नियम (संविधान) है, जितना हो सके उतना करो। ये नियम प्रबन्धक बनने के पश्चात् ही उपयोग में लिया जाता है अधिकांश द्वारा। कुछ लोग बोलते अधिक है, करते कुछ नहीं। नाम के प्रबन्धक। ऐसे में कार्य विभाजन करना अत्यन्त आवश्यक है। इसलिये नहीं कि एक कार्य अन्य नहीं कर सकता। अपि तु इस लिये कि लाल बत्ती वाले यान में बैठने के योग्यता है या नहीं। यहाँ कोई जनता तो है नहीं कि मत देकर अन्य को मन्त्री बना देगी। एक बार चयन हुआ तो वर्षो तक कार्य करो या न करो। सब कभी न कभी व्यस्त हो जी जाते हैं जीवन में, अतः अनिवार्य कुछ भी नहीं कर सकते हैं। परन्तु परस्पर सौहार्द से तो ये कार्य विभाजन करना ही चाहिये। इससे वास्तविक प्रबन्धक और नाम के प्रबन्धक का चित्र स्पष्ट हो जाएगा। वास्तव में अभी भी स्पष्ट ही है, परन्तु प्रमाण सहित बोल नहीं सकते। तो प्रमाण सहित विकिपीडिया के नियमानुसार बोलने का अवसर मिलेगा। चूंकि यहाँ मतदान कर पुनः चयन करने की व्यवस्था नहीं है, तो जनता (सामान्य सदस्य) को इतना अधिकार तो देना ही चाहिये। ये लोकतन्त्र नहीं, ये बहुत अच्छा है। परन्तु लोगों से चले ये आवश्यक है। कोई माने या न माने परन्तु यहाँ प्रबन्धक का अधिकार विशिष्टता का बोध तो करवाता ही है। अन्यथा कोई बिना कारण बताए, कुछ कर दे और बारंबार विरोध करने पर कुछ बोला न जाए किसी अन्य प्रबन्धक या सदस्य द्वारा, ये शक्य नहीं है। तो उस विशिष्ट दायित्व के लिये योग्यता तो अविरत सिद्ध करते ही रहना चाहिये। प्रबन्धक बनने से पूर्व यदि कोई संस्कृतीकरण और उदूकरण के विरोधी या समर्थक हो, परन्तु जब वो प्रबन्धक बनता है, तो वो समर्थकों के लिये नहीं अपि तु हिन्दी विकिपीडिया के लिये प्रबन्धक बनता है। और हिन्दी विकिपीडिया हिन्दी भाषा पर निर्भर है। हिन्दी भाषा किसी एक प्रान्त में नहीं बोली जाती। अतः सब की भिन्न भिन्न पद्धति है। ऐसे मैं एक ही पद्धति उचित है (जौ मैं जानता हूँ, मानता हूँ और समझता हूँ) ये सोचना "कूप मंडूक" नीति होगी। व्याकरण के अनुसार, भाषा दृष्टि से और प्रायोगिक रूप से उचित है, तो वो उचित ही होगा। वहाँ आप किसी बात के विरोधी हैं, उसका प्रभाव डालना न केवल प्रबन्धक पद के लिये, अपि तु हिन्दी विकिपीडिया के लिये (यदि वास्तव में अपने मत का विस्तार नहीं करने आये तो) हानि कारक होगा और हो रहा है। अस्तु। ॐNehalDaveND 05:45, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: लगता है आप यह समझ पाये कि यह चर्चा हो क्यों रही है। वैसे कोई बात नहीं मैं भी प्रारम्भ में नहीं समझ पाया था। पहले तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आर्यावर्त जी ने पिछले दो समाचारों के नामांकन में बार बार यह कहा कि वे मुखपृष्ठ अद्यतन के लिये प्रबंधक नहीं बनें। जब प्रबंधक से कोई गलत कार्य होता है तो जवाबदेही सभी प्रबंधकों की होती है। अगर उन्हें मुखपृष्ठ अद्यतन में रूचि नहीं है तो कम से कम वहाँ बिना नियमावली पढ़े अपनी निजी राय नहीं देनी चाहिये। मेरे बिप्लब कुमार देब, नेफियू रियो तथा कॉनराड संगमा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले समाचार अद्यतन के समय व्हाट्सएप्प सदस्य दल पर उन्होंने लेख में 3-4 लाल कड़ीयों का हवाला दिया और इसे मुखपृष्ठ पर लाने का विरोध किया और फिर कहा कि नियम मैं नहीं जानता मगर यह मेरी राय है।(आप स्वयं यहाँ नियम पढ़ सकते हैं) मैंने उन्हें सुझाव भी दिया कि अगर वे अपने राय को नियम में लाना चाहते हैं तो चौपाल पर प्रस्ताव रखें मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।(हालाँकि समाचार में आने वाले लेख में अत्यधिक लाल कड़ीयों मैं भी विरोधी हूँ) फिर वहाँ यह भी कहने मैं मुखपृष्ठ अद्यतन के लिये प्रबंधक नहीं बना। एक बार फिर से स्टीफन हॉकिंग की खबर पर यही कहा और साथ में यह भी कहा मैं मुखपृष्ठ अद्यतन के लिये प्रबंधक नहीं बना। इसीलिये संजीव जी को कार्य विभाजन का मुद्दा उठाना पड़ रहा है। उम्मीद है आप समझ गये होंगे कि यह लाल बत्ती और विधायकों की चर्चा नहीं है। अब साथ में यह भी उम्मीद करता हूँ कि आर्यावर्त जी अपनी चूक को सुधारेंगे। हम सभी उनके शुभ चिन्तक ही हैं। सादर!--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 10:31, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Godric ki Kothri: किसको, क्यों, कौनसा मुद्दा उठाना पड़ा ये मुझे पता है। अब आप किसकी कठपूतली हैं, ये कृपया बता देवें। या ये बता देवें आप क्यों अनावश्यक मुझे नासमझ सिद्ध करना चाहते हैं? यहाँ जो अंश लिखे हैं, उसमें स्पष्ट है कि कार्य विभाजन की चर्चा हो रही है और मैंने कार्य विभाजन पर ही बात की है, उसके साथ साथ मेरे मत का कारण भी लिखा है। अभी आप अच्छे शुभचिन्तक बने हैं। बने रहें, परन्तु कभी वास्तविक अन्याय होता है, तब भी शुभचिन्तक बनें, तो हिन्दी विकिपीडिया के शुभचिन्तक माने जाएँगे। यहाँ, यहां भी थोड़ा शुभचिन्तक बनें। @Hindustanilanguage: जी ने किसी अन्य प्रबन्धक के शब्दों को तोड़ मरोड़ कर मार्गान्तरण देने का प्रयास किया और वहीं मैंने उनका प्रयास निरस्त कर दिया। फिर भी वो कहते हैं कि विषयान्तर हो रहा है। उसके पश्चात् वो "अदर्शनं लोपः" हो गये। अब आप शुभचिन्तक जी मैं मुद्दा समझा नहीं करके मेरे विचारों पर ही प्रश्नार्थ लगा कर विषान्तर का (अप्रत्यक्ष) आरोप लगा रहे हैं। मैंने तो जो संजीवजी ने प्रस्ताव किया उस पर ही मत दिया, जिस में कुछ विषयान्तर नहीं है। अतः शुभचिन्तक महोदय आप किसी नवीन प्रबन्धक के कुछ कहने पर उन पर मित्र बनकर आक्रमण करने से बचें। आर्यावर्त जी की त्रुटि जो भी रही हो या उनको भी लपेटने का प्रयोस हो रहा हो, वो परिष्कार और प्रतिकार के लिये सक्षम हैं। आशा करता हूँ आप मेरे विचारों को इस बार अच्छे से समझ पाएंगे। अस्तु। ॐNehalDaveND 12:43, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: धन्यवाद आपके उत्तर का! वैसे जब आपका Hindustanilanguage जी के साथ यह विवाद हुआ था तब मैं विकिपीडिया पर सक्रीय नहीं था। अगर सक्रीय होता तो शत प्रतिशत इस मुद्दे पर आपको समर्थन देता। किसी प्रबंधक की कुछ कमी है तो इंगित करना सदस्यों का कर्तव्य है ताकी आगे जाकर यह बड़ा विवाद न बनें। अगर आप इसे कठपुतली व्यवहार कहेंगे तो कहिये। और हाँ, आर्यावर्त जी इसे सुधार लेंगें मेरा ऐसा विश्वास है। और आप किसे नया प्रबंधक कह रहें है संजीव जी तब से प्रबंधक हैं जबसे मैंने २०१३ में संपादन करना प्रारम्भ किया था। संजीव जी ने मुझसे इस चर्चा में उत्तर मांगा था क्योंकि मैंने स्वयं आर्यावर्त जी का प्रबंधक पद के लिये समर्थन किया था।--गॉड्रिक की कोठरी (वार्ता) 13:10, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार:जी पुरातन प्रबन्धक और सदस्य है, मैं उनकी बात नहीं कर रहा था। जैसे आर्यावर्तजी के लिये संजीवकुमारजी इतना कष्ट उठा रहे हैं, कदाचित् वो पीयूषजी के लिये भी उठा लेते, तो अच्छा था। स्मजी हो या अनामजी सब अन्यों के वर्तन में परिष्कार चाहते हैं, परन्तु अपने "कूप मंडूक" नीति के लिये मौन धारण कर लेते हैं। क्या उनको पता नहीं कि हिन्दी विकिपीडिया में विवाद क्यों हो रहा है? परन्तु ये सब तब ही सक्रिय हो जाते हैं, जब उनकी विचारधारा के विपरीत कोई कार्य हो रहा हो, चाहे वो हिन्दी विकि के अनुसार ही क्यों न हो रहा हो। निर्वाचित लेख के लिये कोई व्यक्ति बारंबार निवेदन करता है कि समीक्षा कर लेवें कृपया। तब नहीं आते, परन्तु जैसे ही उस लेख को निर्वाचित घोषित करो, ये जागृत हो जाते हैं। तब संजीवकुमारजी कहाँ थे? क्या अब सक्रिय हो कर ये आर्यावर्तजी को प्रबन्धक बनने का अप्रत्यक्ष पाठ पढा रहे हैं? तो पीयूषजी ने जब बिना कारण दिये सन्दर्भों, श्रेणीयों, शीर्षकों को हटाया तो वे कहाँ थे? क्या केवल एक प्रान्त के लोगों को हिन्दी लिखने का अधिकार है? जहाँ प्रबन्धक रहते हैं, क्या उसी प्रान्त के लोगों को विकिपीडिया में सक्रिय रहना चाहिये? बाकि सब क्या करे? इसे चाहे कोई विषयान्तर कहे परन्तु वास्तविकता ये है कि, नवीन प्रबन्धक की त्रुटि को व्यक्तिगत रूप से समझाने के स्थान पर उसे विस्तार दे कर ये सिद्ध किया जा रहा है कि वो इस पद के लिये योग्य नहीं है। अतः मेरा कहना कहीं से भी विषयान्तर नहीं है। यदि यहाँ बोल रहे हैं, तो वहाँ भी बोलना चाहिये था। इतना भी पक्षपात क्यों? ॐNehalDaveND 14:27, 16 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: आप शायद एक सकारात्मक चर्चा करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में यह मूल विषय से हटकर है। आपको हमला/आक्रमण पर अथवा आतंकी हमले और अन्य हमले पर चर्चा चाहिये तो नया अनुभाग निर्मित करें। आपको वहाँ उत्तर अवश्य मिलेग।☆★संजीव कुमार (✉✉) 05:56, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार:जी, आप से प्रत्युत्तर की आशा है। उसके साथ साथ कार्यवाही की भी आशा है। निम्न अनुभाग में चर्चा अविरत कर सकते हैं, क्योंकि वो चर्चा अपूर्ण थी और उसे पुरालेख में डाल दिया गया था, जो अनुचित ही था। अस्तु। ॐNehalDaveND 06:06, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    चर्चा भाग २

    उपरोक्त विषय पर सभी प्रबन्धकों (अन्तिम सम्पादन के क्रम में: आर्यावर्त जी, अजीत जी, पीयूष जी, आशीष जी, अनिरुद्ध जी, माला जी, अनाम जी और चक्रपाणी जी) से अनुरोध है कि अपना पक्ष रखें। ध्यान रहे, आपका कथन लघु और सारगर्भित हो तो लाभदायक होगा। यदि कोई प्रबन्धक इसमें अपना मत नहीं रखना चाहे तो कृपया उसका भी कारण दें जिससे स्थिति को स्पष्ट करने में आसानी रहे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 05:56, 17 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    SM7 जी, आपके उपरोक्त अनुभाग के प्रश्नों के मैं उत्तर दे रहा हूँ:
    1. ये विभाजन किसी तरह की दृढ़ सीमा अंकित नहीं करता और इसके लिए उपर टिप्पणियों में लिखा हुआ भी है।
    2. उदाहरण का उत्तर: यदि कोई प्रबन्धक ऐसा करता है तो उनके पास इसका उचित कारण होगा। कई बार वैश्विक प्रबन्धक भी ऐसा काम करते हैं जबकि विशिष्ट विकि पर वो ऐसे नहीं करते। किसी भी सदस्य को प्रतिबन्धित करने का कारण होना आवश्यक है।
    3. यदि प्रबन्धक आपस में चर्चा के बिना एक दूसरे के फैसले को बदलेंगे तो अवश्य ही यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा लेकिन केवल ऐसे एक-दो फैसलों को दुरुपयोग की श्रेणी में रखना उचित नहीं है। बार-बार ऐसा करना प्रबन्धन अधिकारों के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है।
    4. प्रबन्धन अधिकारों में अपने कार्य क्षेत्र को बढ़ाने के लिए किसी तरह के नामांकन की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए बस अन्य प्रबन्धकों के साथ सलाह अथवा प्रबन्धक सूचनापट पर सन्देश छोड़ना पर्याप्त होगा।
    5. जो प्रबन्धक जिस क्षेत्र में काम करेगा, उसको उसके लिए विशिष्ट माना जाना चाहिये लेकिन इसकी भी कोई दृढ़ सीमा निर्धारित नहीं हो सकती।
    उपरोक्त में सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उपरोक्त विभाजन किसी प्रबन्धक को किसी काम तक सीमित रखने के लिए नहीं है बल्कि किसी विशेष स्थिति में आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रबन्धक से बात करना आसान रहे। अब जैसे शुभम जी के प्रबन्धनकाल में मैं बेहिचक हर विषय पर उनसे सलाह ले लेता था क्योंकि वो कभी भी किसी विषय पर ऐसा नहीं कहते थे कि वो इस कार्य के लिए प्रबन्धक नहीं बने। आपके प्रबन्धनकाल में भी मुझे आपसे कभी ऐसा सुनने में नहीं मिला (शायद)। लेकिन वर्तमान में यह बहुत सुनने में आ रहा है। अतः कार्य विभाजन के पश्चात् यह स्पष्ट हो जायेगा कि उक्त कार्य के लिए सबसे उपयुक्त प्रबन्धक कौन है और ऐसे में सभी प्रबन्धकों के मुह की तरफ नहीं देखना पड़ेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:10, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: आपके उपरोक्त चर्चा में तर्क चर्चा से मेल नहीं खाते। आप एक तरफ लचीलेपन की बात करते हो और अपने ही कार्य पर आप कुछ शब्दों के साथ बन्धे हुये हो। आपने पुरालेख की चर्चा को चौपाल पर सीधे डालकर किसी भी तरह की विद्वता का परिचय नहीं दिया। आप इसके स्थान पर उस चर्चा की कड़ी देकर नयी चर्चा आरम्भ करते तो अच्छा होता। इसके अतिरिक्त आप व्यक्तिगत टिप्पणियों (जिन्हें व्यक्तिगत हमले भी कहा जा सकता है) पर आ गये हो जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कृपया ठण्डे दिमाग से सोचें और निर्णय लें। आप बार-बार कूप-मंडूक की बात कर रहे हो लेकिन हमने तो हिन्दी में आजतक कूप-मंडूक नहीं सुना। अब आप यदि इसे हिन्दी कहकर इसी चर्चा को बर्बाद करने पर आ गये हो तो फिर मैं क्या कह सकता हूँ!☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:20, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    संजीव जी के 10:40 बजे वाले उपरोक्त कथन में बिंदु 1 से 5 तक मैं पूर्णरूपेण सहमत हूँ व आभारी भी की मुझे अब कुछ विशेष लिखने की आवश्यकता नहीं रही।
    हाँ, एक विचार है कि यदि भोपाल सम्मेलन में एक ताजी मिट्टी खोदकर अखाड़े के भी प्रबन्ध कर पाते तो... खैर छोड़े। मूल बात इतनी है कि अभी भी प्र.गण कार्य बिनकहे आवंटन पर ही रुचिनुसार कर रहे हैं, और कोई पक्की सीमा निश्चित नहीं है। तो मोटा मोटा यदि तय ही किया जाए, तो क्या बुराई है। कम से कम किसी को समस्या हो यो सम्बन्धित प्रबन्धक को ही सूचित करें। दूसरे ऐसे वक्तव्य देने से बचें की अमुक कार्य हेतु हूँ या नहीं हूं।
    मेरे विचार से, यदि सब सहमत हो🤗 तो चर्चा को विराम दें। --आशीष भटनागरवार्ता 04:07, 19 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @आर्यावर्त: चर्चा का मूल कारण ही आप ही हैं जो जगह-जगह कह देते हो कि मैं इस कार्य के लिए प्रबन्धक नहीं बना। स्वयंसेवक होना एक अलग बात है लेकिन आपको यदि प्रबन्धकीय कार्यों में कोई रूचि नहीं है तो उन अधिकारों के बिना भी स्वयंसेवक बने रह सकते हो। प्रबन्धक के रूप में एक जवाबदेही बनती है और आपको कोई भी काम करने से पहले उसके बारे में अच्छी निर्णय शक्ति का प्रदर्शन करना होता है। चूँकि प्रबन्धकों द्वारा किये गये कार्य नियम-स्थापना जैसे होते हैं अतः उनमें एक छोटी सी गलती समुदाय के लिए घातक होती है। अतः ऐसे लिखने का कोई तात्पर्य नहीं है कि आप इस चर्चा के भाग नहीं हो। हाँ, इसके आगे आपका मौन, आपकी स्वीकृति माना जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 03:29, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आश्चर्य है संजीवजी कि आप किसी को बोलने के लिये इतना विवश कर रहे हैं। जब मैंने आपको कहा था कि कृपया इसका स्पष्ट समाधान करें, तो आप तो मौन रहे थे। आपका मत भी था कि ऐसा नहीं करना चाहिये, फिर भी तब आप बहुत दूर होने की बात करके मौन रहे थे। तब स्वयंसेवक (व्यस्त) के रूप में आप कुछ न बोले और आज कोई स्वयंसेवक चर्चा नहीं करना चाहता या "व्यस्त" है, तो उसे विवश कर रहे हैं? आपने कहा कि, "आपके उपरोक्त चर्चा में तर्क चर्चा से मेल नहीं खाते। आप एक तरफ लचीलेपन की बात करते हो और अपने ही कार्य पर आप कुछ शब्दों के साथ बन्धे हुये हो। " बान्ध तो आप मुझे रहे हैं। मैं तो दोनों शब्दों के उपयोग में मानता हूँ। (प्रमाण) आप ही हैं, जो कह रहे हैं। नहीं एक जो प्रचलित शब्द है या आपको पता है वैसे शब्दों का प्रयोग करो। मैंने कही ऐसा नहीं कहा कि अमुक शब्द का ही प्रयोग करो। आपने कहा कि "आप बार-बार कूप-मंडूक की बात कर रहे हो लेकिन हमने तो हिन्दी में आजतक कूप-मंडूक नहीं सुना। अब आप यदि इसे हिन्दी कहकर इसी चर्चा को बर्बाद करने पर आ गये हो तो फिर मैं क्या कह सकता हूँ!" चर्चा आप अनिर्णित कर रहे हैं। आप वो ही चर्चा करना चाहिये हैं, जहाँ आपको लगता है कि आप लोगों के मन की बता होगी। अतः में चर्चा को व्यर्थ नहीं कर रहा। आप सर्वदा एक बात समझते हैं कि आप जो आपने नहीं सुना या नहीं किया वो दूसरा भी न करे। परन्तु आप भूल जाते हैं कि आप हिन्दी के सर्वज्ञ नहीं है। आपने कूप मंडूक नहीं सूना इसका अर्थ ये नहीं कि वो हिन्दी का भाग नहीं है। अनेको उदाहरण हैं यहाँ यहाँ और अनेके हैं। कुछ अच्छा न लगे तो कृपया इस बच्ची से तो सीख ही लेवें। अब ये न कहना कि विडियो में जो बोलो जाता है, वो प्रमाण नहीं होता है। अभ्यासक्रम बहुत होते हैं और उस बच्ची के हिन्दी के अभ्यासक्रम में ही कूप मंडूक की कविता है। वो हिन्दी ही बोल रही है। और आपने कहा कि "आपने पुरालेख की चर्चा को चौपाल पर सीधे डालकर किसी भी तरह की विद्वता का परिचय नहीं दिया। आप इसके स्थान पर उस चर्चा की कड़ी देकर नयी चर्चा आरम्भ करते तो अच्छा होता।" आप को जितना ज्ञान है उस पर आप सब सदस्यों के शब्द और अंक प्रयोग निर्धारित कर रहे हैं, विद्वत्ता तो आप दिखा रहे हैं। मेरा कार्य तो मात्र अनुभवहीनता का प्रतीक है। आप ये मानना छोडे की आपको जो ज्ञात नहीं, वो भी हिन्दी में हो सकता है, तब आप भी विद्वत्ता प्रदर्शित कर पाएंगे। ॐNehalDaveND 05:36, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: क्योंकि वहाँ पर चर्चा का कारण मैं नहीं था अतः मैं इस कारण चुप था क्योंकि मैं ऐसे विषयों कि अधिक जानकारी नहीं रखता तथा उसमें अन्य विकिपीडिया प्रकल्पों पर देखें तो "आतंकी" के किसी भी पर्याय को काम में नहीं लिया। इसके यदि आपको इस बारे में चर्चा चाहिये तो आप नीचे नया अनुभाग आरम्भ करें। यहाँ मैं आर्यावर्त जी को बार-बार चर्चा में लाने का प्रयास इसलिये कर रहा हूँ क्योंकि उन्ही के कथनों के कारण मुझे यह चर्चा आरम्भ करनी पड़ी अतः उनका विचार रखा जाना आवश्यक है और उसपर तार्किक बहस भी जरुरी है अन्यथा इसपर बनी नियमावली उनके विरोध में हो सकती है। वहाँ आपकी चर्चा में आपको हिन्दी के विशेषज्ञों से सहायता लेनी थी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:24, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार: "अन्यथा इसपर बनी नियमावली उनके विरोध में हो सकती है।" ये धमकी देकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? जैसे अङ्कों का विषय समुदाय के आम-सहमति से अभी तक अनिर्णित है, वैसे ही इसके भी अनिर्णित रहने से क्या हानि है? जैसी शीघ्रता आप इस विषय पर बता रहे हैं, जब कि यहाँ भी आम-सहमति नहीं बनती दिख रही, तो क्यों आप नियमावली की धमकी दे रहे हैं? क्या आपने आरम्भ की है चर्चा तो सदस्यों को अनिवार्य रूप से चर्चा करना अनिवार्य हो जाता है? और दूसरों की चर्चा का कोई महत्त्व नहीं है? ॐNehalDaveND 11:36, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: आप समझने का प्रयास किये बिना ही विवाद पैदा करने की इच्छा रखो तो उसका कोई मूल्य नहीं है। चर्चा किसने आरम्भ की, इसका महत्त्व नहीं होता। चर्चा तार्किक ढ़ंग से चल रही है या नहीं। उस पर सर्वसम्मति बन रही है या नहीं? इस पर निर्भर करता है। यदि कोई सदस्य चर्चा में भाग नहीं लेता है तो उसके लिए नियमावली बनने से नहीं रुकेगी लेकिन यदि अंको की चर्चा पर सदस्य अपना मत रख रहे हैं और उन सभी में भिन्नता है तो उसका महत्त्व है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 18:55, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @संजीव कुमार: जी, "यदि कोई सदस्य चर्चा में भाग नहीं लेता है तो उसके लिए नियमावली बनने से नहीं रुकेगी" आपने प्रबन्धक पद का जो दुरुपयोग किया है, बॉट को अनेकों बार अपने मत के विस्तार के लिये चालाकर सम्पूर्णतः विकिपीडिया को अपने (सीमित ज्ञान के) अनुकूल बना दिया है। उसके सन्दर्भ में नियमावली तो अब बनने से रही। क्योंकि मुझे यहाँ से धकेलने के लिये सम्पूर्ण समुदाय सज्ज है,(अतः मौन है) परन्तु आपको तो सब इतना प्रेम करते हैं कि आपकी त्रुटि को ईङ्गित करना तो छोड़ो, कुछ चर्चा के लिये भी नहीं आ रहे। अब आपने सहमति दे दी है कि अधिकार हटाया जाए और सब मौन रहे तो क्या मैं नियमावली बना दूं कि आप पद त्याग कर त्रुटिपूर्ण सम्पादनों के लिये सज्ज हैं और मौन समुदाय भी? ॐNehalDaveND 11:46, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    मुझे लगता है उपरोक्त विभाजन पर किसी भी प्रबन्धक को कोई ऐतराज नहीं है। अतः चर्चा को जल्दी ही समाप्त करके प्रबंधक नियम और दायित्व पर अद्यतन कर दिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:15, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    SM7 को प्रश्न

    यह चर्चा पुरालेख से यहाँ पर लायी गयी थी। लाने वाले सदस्य ने कोई कारण नहीं दिया था। इस अनुभाग को लाने के लिये किया गया सम्पादन इस कड़ी से देखा जा सकता है। सदस्य ने यह चर्चा 06:03, 17 मार्च 2018 (UTC) को स्थापित की लेकिन स्वयं ने अब तक (अर्थात् चर्चा स्थापित करने के १० दिन बाद तक) इसका कोई कारण नहीं बताया अतः चर्चा को मूल पुरालेख में अपने पुराने स्वरूप में पुनः स्थापित किया गया है। पुरालेख में चर्चा की कड़ी पुरालेख ५० पर देखी जा सकती है। चर्चा स्थापित करने वाले सदस्य का सदस्य नाम NehalDaveND है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 03:59, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    आपकी कार्यवाही से सहमत। त्रुटि स्वीकारता हूँ कि केवल कड़ी देनी थी। परन्तु आशा है आप जो प्रत्युत्र देने वाले थे, वो अब यहाँ इस अनुभाग में देंगे। ॐNehalDaveND 04:05, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    कर्नूल जिला

    --हिंदुस्थान वासी वार्ता 17:39, 18 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला

    तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशालाओं की कड़ी में (जयपुर कार्यशाला २०१७ के बाद) भोपाल ,मध्य प्रदेश द्वितीय कार्यशाला प्रस्तावित है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ देखें,प्रतिभागिता एवं प्रशिक्षण देने हेतु यहाँ देखे .मेटा पर प्रस्ताव हेतु यहाँ देखे।-स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 14:54, 20 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    चित्र:पेंच_नदी1.jpeg पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन के विषय मे जानकारी वा कारण प्रदान करे l

    महोदय जी मैने " पेंच नदी " हिन्दी विकिपीडिया पृस्ठ के नाम से एक फोटो पेंच नदी उपलोड़ की थी जिसमे आप की ओर से आपत्ति आई है कृपया कारण बताए मैने फोटो के लिए Licence का use किया था फिर फोटो क्यों हटाई गयीl— इस अहस्ताक्षरित संदेश के लेखक हैं -Prakash Satnami (वार्तायोगदान) 14:11, 21 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हटाने का कारण लाइसेंस न होना ही दिया गया है। बाकी हटाने वाले प्रबंधक @आर्यावर्त: आपको और जानकारी दे पाएंगे।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 15:52, 21 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Prakash Satnami: जी, नमस्ते। 14 दिन से अधिक समय के बाद भी लायसन्स की जानकारी न होने के कारण इसे नामांकन के बाद हटा दिया गया था। आपने लिखा है कि आपने लायसन्स की जानकारी जोड़ी थी परंतु चित्र में किसी भी लायसन्स की जानकारी नहीं थी, हो सकता है कि सही तरह से लायसन्स की जानकारी कैसे जोड़नी होती है ये आपको ज्ञात न हो। क्रिएटिव कॉमन्स लायसन्स के तहत उचित साँचे के साथ Creative Commans 3.0, 4.0 या किसी भी लायसन्स की जानकारी जोड़नी होती है। यदि कृति आपकी नहीं है तो उचित उपयोग औचित्य जोड़ना होता है। इस विषय में आपको अधिक जानकारी चाहिए या कुछ भी पूछना हो तो आप किसी भी प्रकार की सहायता हेतु मेरे वार्तापृष्ठ अथवा यहाँ संपर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।--आर्यावर्त (वार्ता) 02:57, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    रोमन बनाम देवनागरी अंक विवाद

    सभी को नमस्कार!

    ये विवाद बहुत बार उठ चुका है और अन्तिम बार इसे गत फ़रवरी माह में अन्तिम रूप देने व नीतिगत करने हेतु एक बहुमत निर्णय लेकर विकिपीडिया:अंकों की लिपि को बनाया गया था। अब इस विषय में पुनः कोई संशय नहीं रहना चाहिये, किसी को भी और कभी भी कि यथा संभव देवनागरी अंक ही प्रयोग किये जायेंगे, एवं सांचों में जहाम गणना हेतु रोमन अंकों की बाध्यता है, केवल वहां ही रोमन अंकों का प्रयोग किया जायेगा। इस बारे में कोई संशय नहीं रहना चाहिये और विशेषकर मुखपृष्ठ पर तो रोमन अंकों को वर्जित ही किया जाना चाहिये क्योंकि ये तो हिन्दी विकिपीडिया की पहचान है। किन्तु वर्तमान मुखपृष्ठ निर्वाचित लेख एवं समाचारों में रोमन अंकों का धड़ल्ले से प्रयोग हुआ है। इन अंकों को देवनागरी में बदलने पर पूर्ववत कर दिया गया और कारण एकतरफ़ा निर्णय बताया गया है।

    मुझे इसका आशय समझ नहीं आया और न ही तरीका। क्या बार बार और हर बार ये नीति प्रत्येक के कान में फ़ूंकनी होगी? इस बारे में गंभीर एवं अन्तिमतम निर्णय लिया जाये। वैसे तो निर्णय पहले ही लित्या जा चुका है किन्तु उक्त प्रबन्धक शायद इस नीति से अनभिज्ञ हैं। अब संभव है कि उनके बारे में (बिना नाम के) यहां सन्दर्भ हुआ हो तो एक अन्य पूर्व प्रबन्धक पुनः उठ खड़े हों, इस आपत्ति के साथ कि मैंने ये सन्देश उक्त प्रबन्धक के निजी वार्ता पर क्यों नहीं डाला। जबकि इस बात का उत्तर भी पिछली बार दे चुका हूं, और इस बार सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाना मेरा आशय था, जिससे कि यह नीति स्पष्ट रूप से सभी ध्यान में रख लें और आगे कोई संशय की संभावना न रहे। अन्यथा दोगली नीति के साथ कार्यकलाप मुश्किल होंगे।

    कुछ उर्दु के हिन्दुस्तानि बोली में प्रयुक्त शब्दों के बारे में हम ढील बरत सकते हैं, किन्तु देवनागरी अंकों के स्थान पर रोमन अंक का प्रयोग तो एकदम ही त्याज्य होना चाहिये। इसका कारण उर्दु हिन्दी की सहोदरी भाषा होना एवं हिन्दुस्तानी बोली में आम बोलचाल में बहुप्रयौक्त होना है। किन्तु रोमन का प्रयोग देवनागरी की हत्या के समान होगा। ऐसा मेरा मानना है। शेष सर्वसम्मति। अतः निवेदन है कि अधिकतम प्रबन्धकगण इस बारे में मंशा व्यक्त कर एकसमय निर्णय पर मुहर लगा दें जिससे आगे किसी प्रकार की कोई सन्देह की संभावना न रहे। आशीष भटनागरवार्ता 07:01, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिंदुस्थान वासी जी, इस oldid=3685851 के बारे में आपका क्या ख्याल हैं। क्या यह एक तरफ था? आपसे अनुरोध हैं कि उत्तर हाँ या ना में मिलेगा तो स्पष्ट रहेगा।-जयप्रकाश >>> वार्ता 07:11, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Jayprakash12345: वहाँ सारांश में सबकुछ लिखा हुआ है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:18, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुझे नहीं लगता कि अंक-विवाद जैसा कोई विवाद हमारे यहाँ है। ये वैसा ही है जैसे कुछ राजनीतिक दल विपक्ष में होने पर सता पक्ष के लिये और सता पक्ष में होने पर विपक्ष के लिए मुद्दों को गलत तरिके से प्रस्तुत करते रहते हैं जिससे आम जनता का ध्यान भटका रहे और वो अपने मूलभूत अधिकारों को भी भूलते रहें। यहाँ पर अंक समस्या का समाधान बहुत पहले ही हो चुका है और प्रदर्शन में दोनों तरह के अंक प्रदर्शितकिये जाते हैं। विकिपीडिया के मुखपृष्ठ पर ०-९ वाली कड़ी को छोड़कर सभी स्थानों पर अरबी अंक प्रदर्शित होंगे। यदि किसी लेख में सम्पादकों को महसूस होता है कि वहाँ पर नागरी अंक प्रदर्शित किये जा सकते हैं और ऐसा ही हाल रोमन अंकों का है। मुझे नहीं लगता कि रोमन अंक हिन्दी विकिपीडिया पर प्रदर्शित करने की कभी परम्परा रही है अतः रोमन अंकों को बीच में लाने पर अपभ्रष्टता और अधिक फैलने लगेगी और उन्हें सामान्य रूप में पढ़ने में भी समस्या रहेगी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:26, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    संजीव कुमार जी, उत्तर स्पष्ट नहीं नहीं। क्या एकरूपकता लाने के लिए मैं भी अंक बदल सकता हूँ। अगर यह सच है तो बहुत अच्छी बात हैं।--जयप्रकाश >>> वार्ता 10:36, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    इसमे मेरा मत यह है कि ज्ञानसन्दूक, साँचो तथा उन सभी जगहों छोड़कर जहाँ गणितीय गणनाये होती हैं, यथासम्भव नागरी अंक ही इस्तेमाल करने चाहिये। हाँ अगर किसी को यह लगता है कि नागरी अंक पढ़ने में पाठकों को समस्या आयेगी तो उसके लिये हम अंक परिवर्तक का विकल्प बड़े आकर में दर्शा सकते हैं, या वहाँ पर बड़ा बड़ा अंक परिवर्तन हेतु यहाँ क्लिक करें जैसा कुछ विकल्प डाल सकते हैं।-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 10:38, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिंदी विकिपीडिया में लिखे जाने वाले लेखो की लिपि यदि देवनागरी है तो अक्षर/शब्द और अंक दोनों में वही लिपि प्रयुक्त होनी चाहिए। "प्रचलन" का तर्क देकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जाता रहा है। गणना के भागो को छोड़कर अन्य सभी जगह नागरी अंक प्रयुक्त किये जाने चाहिए और उन्हें किसी भी सूरत में रोमन में बदलने का प्रयास तो होना ही नहीं चाहिए।और गणना वाले भाग के लिए भी सम्मिलित रूप से फैब्रीकेटर पर आवेदन दिया जाना चाहिए।बाकी जिन्हे नागरी अंक पढ़ने अथवा लिखने में परेशानी होती है उनके लिए अंक परिवर्तक की सुविधा है ही।हमारा सम्मिलित प्रयास होना चाहिए की रोमन अंको को नागरी में परिवर्तित करे ,यदि किसी कारण ऐसा ना भी हो पा रहा हो तो कम से कम नागरी के अंको को रोमन में करने का प्रयास तो कतई नहीं होना चाहिए।इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न ना बनाया जाये ऐसी आशा। :स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 11:13, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Jayprakash12345: एकरूपता की बात केवल मुखपृष्ठ (अरबी अंक) और निर्वाचित लेखों (लेख लिखने वाले सदस्यों की इच्छा अथवा कुछ विशेष कारणों के अनुसार निर्धारण) पर होती है। अन्य लेखों में भी यह एकरूपता हो कि उस लेख में सभी अंक एक जैसे हों। यहाँ तक मुझे नहीं लगता किसी को भी समस्या होगी लेकिन सर्वत्र समानता करना मुश्किल है। इसको और अधिक स्पष्ट करने के लिए मैं कुछ और उदाहरण दे देता हूँ: हम iPad को तो आइपैड अथवा ऐसे ही नागरी अक्षरों में लिख लेंगे लेकिन यदि मिथेन के राशायनिक सूत्र को देवनागरी लिपि में कैसे लिखोगे? हमने तो सदैव CH4 ही पढ़ा है। अब आप इसका उच्चारण जरूर दे सकते हैं कि मिथेन एक कार्बनिक योगिक है जिसका राशायनिक सूत्र CH4 है जिसे सीऍचफोर पढ़ते हैं लेकिन राशायनिक सूत्र को सीऍचफोर नहीं लिख सकते। जब हम केवल हिन्दी वर्णमाला से ही सभी काम नहीं कर सकते तो अंको पर बहस करने से पहले कृपया इन राशायनिक सूत्रों की पहेली को हल करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:18, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    वैसे सीएच अथवा कओ को भी विकल्प के रूप में देखने में बुराई नहीं है। लेकिन ऐसा करने से पहले कार्बनिक रसायनों की आईयूपीएसी नामपद्धति के बारे में जान लेना अच्छा रहेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:21, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार: जी, कार्बनिक रसायनों की आईयूपीएसी नामपद्धति का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है कि आप सीएच लिखते हैं अथवा सीएच4 अथवा CH4 । एक ही यौगिक का अंग्रेजी, फ्रेञ्च और जर्मन में नाम अलग-अलग होते हैं और फिर भी IUPAC के नियमों के अनुरूप होते हैं। यह देखें - Lost in Nomenclature Translation । --अनुनाद सिंह (वार्ता) 16:43, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    संजीव जी क्षमा चाहूंगा परन्तु यहाँ विषय का भटकाव हो रहा है ,सभी सदस्य जानते है की मूल अंग्रेजी शब्द जैसे मीथेन,फैब्रीकेटर,विकिपीडिया,सर्वर आदि अथवा रासायनिक सूत्र जैसे CH4 का देवनागरीकरण नहीं होगा ,न कोई करेगा।मुद्दा मात्र अंको का है। "केवल हिन्दी वर्णमाला प्रयुक्त हो " ऐसा भी किसी का हठ नहीं है,इतना लचीलापन हिंदी में सदैव से है। कोई भी "मात्र देवनागरी प्रयुक्त हो " ऐसा नहीं कह रहा है,अपवाद उसमे भी है। परन्तु जो मूल रूप से नागरी में है उसे बदल कर रोमन हो ये भी ठीक नहीं।वैसे आपका प्रश्न जय जी को था ,जिसपर मैंने अपने विचार रखे अतः क्षमा चाहूंगा । स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 12:51, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुखपृष्ठ पर अंको में एकरूपता लानी ही हो तो इसे बदलकर देवनागरी में रखना चाहिए न कि इसे अरबी अंको में बदल दिया जाए। मुखपृष्ठ हिन्दी विकि का मुख है, मुख से ही पहचान होती है। जब तक हिन्दी देवनागरी में लिखी जाती है तब तक अंक भी लिखे जाते हैं। जिसको अंक समझ में नहीं आते उनके लिए अंक परिवर्तक का निर्माण किया गया है। जहाँ तक अंको की समस्या थी वो ये थी कि साँचे में गणना आदि में देवनागरी कार्य नहीं कर रहे थे और दूसरा कोई विकल्प न होने के कारण विवश होकर अरबी अंको का प्रयोग करना पड़ रहा था। किन्तु हिन्दी विकि में जिस देवनागरी लिपि में हिन्दी लिखी जाती है उसी के अंक को देवनागरी से अरबी में बदलने हेतु संपादन किया जाए वो भी एक प्रबंधक के द्वारा ऐसा कार्य हो तो निश्वित रूप से हिन्दी विकि के लिए खतरनाक है। विरिष्ठ प्रबंधक द्वारा कार्य को ठीक करने पर एक और प्रबंधक आकर इसे एक तरफा निर्णय लिखकर वरिष्ठ प्रबंधक (यहाँ सभी सामान ही है किन्तु अनुभव की दृष्टि से वरिष्ठ) का संपादन पूर्ववत कर दिया जाए ये और भी खतरनाक है। अरबी अंको का समर्थन हिन्दी विकि में करना खतरनाक है। प्रबंधक स्वयं यदि ऐसा करते हैं तो औरों को भी प्रेरणा मिलती है। ये हिन्दी विकिपीडिया के हित में नहीं है।--आर्यावर्त (वार्ता) 14:51, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    इस विवाद के समापन के लिए निर्मित पृष्ठ पर देवनागरी अंको के समर्थन में लिखे गए शब्दो को इस संपादन द्वारा हटा दिया गया है। कृपया पुरानी चर्चाओ मैं हुए निर्णय के आधार पर उचित भावार्थ वाली नीति को वहां जोड़ें। Capankajsmilyo (वार्ता) 17:09, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    • बजाय इसे विवाद कहने अथवा दोगली नीति कहने के, भूतपूर्व प्रशासक महोदय कृपया इसे ऐसे मुद्दे के रूप में देखें जिस पर समुदाय में आम सहमति नहीं है। ऊपर जिस अंतिम नीति का हवाला दिया गया है वो भी किसी आम सहमति का निर्णय नहीं है, बहुमत से अथवा मतदान से विकिपीडिया पर यदि नीति नहीं लागू होती, आम सहमति से होती है, जो इस मुद्दे पर नहीं है; जिस नीति का हवाला दिया गया वह इसपर खरी नहीं उतरती। जिस तरह उसे स्थापित किया गया (और अभी संपादित किया जा रहा) दोनों उचित नहीं, जबतक ऐसी कोई आम सहमति नहीं ऐसे नीतियों के पन्ने रखना भी लोगों को भ्रमित कर सकता है।
    रोमन अंक और अरबी अंक में शायद महोदय को कुछ कन्फ्यूजन है। अंगरेजी, स्पेनी, फ्रांसीसी इत्यादि भाषाएँ रोमन लिपि और विस्तारित लातिनी लिपि इत्यादि का प्रयोग करते हुए लिखी जाती हैं पर अंक गैर-रोमन और गैर-लातीन प्रयोग में लाये जाते। कृपया रोमन को अलग रखें। जो इसे तर्क मानते हैं कि हिंदी कि लिपि देवनागरी है इसलिए इसके अंक भी देवनागरी होने चाहियें उन्हें यह बिंदु ध्यान में रखना चाहिए।
    रही बात कुछ सदस्यों द्वारा देवनागरी अंक चाहने की तो सदस्यों को लेख में इनके प्रयोग से कोई नहीं रोकता। सीधी सी बात है, जिस चीज पर आम सहमति नहीं है केवल उसे लागू करने के लिए, जबकि कोई अन्य विशेष कारण न हो, संपादन करना उचित नहीं। यदि अंक बदलने के लिए संपादन किया जाता है तो यह बिलकुल उचित नहीं, आप जो खुद लिख रहे उसमें चाहे जो इस्तेमाल करें, पुराने लिखे वाले में अंक बदलाव करना कहीं से उचित नहीं ठहरा सकते। श्रेणी साँचे इत्यादि में जहाँ एक स्पष्ट एकरूपता है और देवनागरी अथवा अरबी (उस तरह के कार्य के लिए जिस भी) अंक का प्रयोग हो रहा उससे अलग हटके नई श्रेणियाँ साँचे निर्मित करना भी उचित नहीं। जिस बारे में आम सहमति नहीं है, उसे अपनी चाहत अनुसार बदलना विकि के सामान्य आचार-व्यवहार के ख़िलाफ़ है; अगर यह हरेक के कान में फूँक के भी समझाना पड़े तो समझाया जाना चाहिए।
    जहाँ तक अंतिम निर्णय तक पहुँचने का सवाल है, कई बार चर्चा हो चुकी है, उक्त चर्चाओं में जो तर्क दिए गए थे, जो स्थितियाँ गिनाई गयी थीं यदि उनमें कोई नया इज़ाफा, कोई नया बदलाव हुआ है तो बताएँ। अन्यथा बेकार में बार-बार इस पर चर्चा और उन्ही तर्कों का दुहराव करना केवल समय नष्ट करने जैसा है। --SM7--बातचीत-- 17:31, 22 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    भूतपूर्व महाप्रबंधक महोदय द्वारा यह लिखना कि "यदि अंक बदलने के लिए संपादन किया जाता है तो यह बिलकुल उचित नहीं, आप जो खुद लिख रहे उसमें चाहे जो इस्तेमाल करें, पुराने लिखे वाले में अंक बदलाव करना कहीं से उचित नहीं ठहरा सकते। " अपने आप मे स्वागतयोग्य है क्योंकि पूरा विवाद इसी पर आधारित था,बस ध्यान देने वाली बात ये है हर बार शुरुवात इससे होती है कि कोई नागरी के अंको को रोमन में बदल देता है।इसबार के वरिष्ठ प्रबंधक द्वारा किया गया तो चौपाल पर भी आया अन्यथा----.खैर पूर्व प्रशासक महोदय का धन्यवाद की इस विषय को चौपाल पर लाये।आगे भी यदि ऐसा प्रयास होता है तो समुदाय की जानकारी हेतु इसे चौपाल पर उठाना उचित एवं अनिवार्य।स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 03:35, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @SM7:, दो मुह वाली बातें करना कोई आप से सिखे। यहाँ आप कह रहे हैं कि, "कुछ सदस्यों द्वारा देवनागरी अंक चाहने की तो सदस्यों को लेख में इनके प्रयोग से कोई नहीं रोकता। सीधी सी बात है, जिस चीज पर आम सहमति नहीं है केवल उसे लागू करने के लिए, जबकि कोई अन्य विशेष कारण न हो, संपादन करना उचित नहीं।" जब कि अनेकों अवसरों (उदाहरण) पर आप देवनागरी अंक के उपयोग पर आपत्ति जता चुके हैं। जब देवनागरी से अरबी में अंक परिवर्तन होता है, तब आप स्वयंसेवक (व्यस्त) बन जाते हैं (उदाहरण १, उदाहरण २) और अरबी से देवनगारी में होता है, तो आरोप लागेने लगते हैं। इतनी दो मुही बात क्यों करते हैं आप? वास्तविकता ये है कि, आपने सर्वदा अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पक्षों के युद्ध को बढाया है। प्रबन्धक रहते और अब चहिते बनकर। समस्या का समाधान स्पष्ट है कि, देवनागरी के प्रयोग को अरबी में परिवर्तित न किया जाए और उससे विपरीत भी न किया जाए। परन्तु अपने स्वार्थ के चलते, आप बारंबार अंको की चर्चा को अनिर्णित कर देते हैं, जिससे आप अपना मन चाहा कार्य कर सकें। जब कोई विरोध करता है, तो उस पर ही आक्षेप लगा कर चुप करा दिया जाता है। वास्तव में आपको हिन्दी विकिपीडिया के विकास के लिये निवृत्ति ले लेनी चाहिये। यहाँ सभी दोनों चाहते हैं और आप ही केवल दो मुही बातें करके चर्चा को मार्गान्तरित करते हैं। सबका मत ये है कि गणितीय स्थानों पर अरबी और अन्यत्र देवनागरी का प्रयोग करना चाहिये। परन्तु आप सर्वदा समस्या उत्पन्न कर समुदाय को अनिर्णय की अवस्था में धकेल देते हैं। अब सब को वास्तविकता जानकर इस बार निर्णय ले ही लेना चाहिये। किसी को इतना सम्मान न दो कि वो उसका लाभ उठाकर हमारे विरुद्ध ही प्रयोग करे। समुदाय इसबार अनिर्णय की अवस्था में रहा तो सम्पादन चर्चा पृष्ठ पर ही होंगे, लेखों में नहीं। ॐNehalDaveND 04:54, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @स्वप्निल जी, आपका उपरोक्त कथन मैं नहीं समझ पाया: "कि कोई नागरी के अंको को रोमन में बदल देता है।" कृपया समझने का प्रयास करें, हम हिन्दी विकिपीडिया पर कहीं भी रोमन अंक काम में नहीं लेते और शायद इस पर सभी सर्वसम्मत हैं कि हिन्दी विकिपीडिया पर रोमन अंक काम में नहीं लेंगे। झगड़ा केवल अरबी और नागरी अंको का है जिनमें सर्वसम्मति नहीं होने के कारण एक तरह के अंक नहीं किये जा रहे। इस बार भी मुखपृष्ठ पर आशीष जी ने पहले अरबी अंको को नागरी में बदला जिन्हें दूसरे सदस्य ने पूर्ववत कर दिया जिसका कारण था कि मुखपृष्ठ पर किसी भी तरह के बदलाव से पहले चर्चा होती है और उसी के अनुसार बदलाव होते हैं अतः उसमें प्रथम कदम ही अनुचित था।
    @नेहल जी, शायद आप व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं। SM7 जी के किसी भी कथन से मुझे नहीं लगा कि वो नागरी अंको के पक्ष में हैं। लेकिन उन्होंने हमेशा यह भी कहा है कि सर्वसम्मति बनने पर वो नागरी का भी विरोध नहीं करेंगे लेकिन वो अरबी अंको के पक्ष में अपने विचार खुलकर रखेंगे जो तार्किक भी हैं। अतः बात को गलत अर्थों में समझने का प्रयास न करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:19, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार:जी, "मुखपृष्ठ पर आशीष जी ने पहले अरबी अंको को नागरी में बदला जिन्हें दूसरे सदस्य ने पूर्ववत कर दिया जिसका कारण था कि मुखपृष्ठ पर किसी भी तरह के बदलाव से पहले चर्चा होती है और उसी के अनुसार बदलाव होते हैं अतः उसमें प्रथम कदम ही अनुचित था।" ये आपका कथन यहाँ और यहाँ के सन्दर्भ में भी माना जाएँ? जहाँ देवनागरी से अरबी हुआ वहाँ व्यर्थ विवाद हो जाता है, और अरबी से देवनागरी होते ही हिन्दी विकिपीडिया में मत प्रसारित करना हो जा है। प्रत्युत्तर मांगने पर मैं सब जानता हूँ और प्रत्युत्तर देने के समय मैं सब नहीं जानता। कुछ न मिले तो मैं आपकी बात समझा नहीं करके विषयान्तर कर दिया जाता है। अप्रत्यक्ष व्यक्तिगत प्रहार को समझ लेते हैं औप परन्तु स्पष्ट लिखे समाधान की अवगणना कर देते हैं। आपके कथनानुसार मैंने ऊपर भिन्न विभाग जोड़ा है, जिसे आपने विद्वत्ता का प्रदर्शन कहा था, अब जैसा भी कृपया एकबार वहाँ भी चर्चा करेंगे तो अच्छा होगा। अस्तु। ॐNehalDaveND 11:10, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    शायद इस चर्चा का शीर्षक (रोमन बनाम देवनागरी अंक विवाद) गलत है किन्तु जो लोग यहाँ सम्पादन कर रहे हैं अधिकांश को पता है कि बात देवनागरी अंकों और तथाकथित 'अरबी अंकों' की हो रही है।
    संजीव कुमार जी, कृपया मुझे यह बताइए कि 'सर्वसम्मति' किसे कहा जाता है? क्या इसका मतलब यह है कि किसी प्रस्ताव के पक्ष में सभी लोग 'हाँ' कहें या सभी लोग 'ना' कहें? ऐसा कितनी बार सम्भव है? क्या किसी महत्वपूर्ण विषय पर 'सर्वसम्मति' न बने तो वहाँ अराजकता की स्थिति बनाए रखा जाएगा?

    -- अनुनाद सिंह (वार्ता) 11:18, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुझे लगता है कि यहाँ जानकारी को लेकर कुछ भ्रम फैला हुआ है। एक सदस्य ने बताया कि आशीष जी ने पहले अरबी अंक को नागरी में बदला जिसे दूसरे सदस्य (हिन्दुस्तानवासी जी) ने पूर्ववत कर दिया। ऐसा बिलकुल भी नहीं है। सीआईडी वाले मूल निर्वाचित लेख में भी देवनागरी अंक है और लेख को मुखपृष्ठ पर लाते समय भी देवनागरी अंक ही थे। बदल ने का आरंभ "यहाँ प्रबंधक अजित जी ने किया था, कारण दिया गया कि केवल मुखपृष्ठ में एकरूपता हेतु अंको को बदल दिया जा रहा है। उन्होंने देवनागरी को अरबी में बदल दिए। ये संपादन केवल अंको को बदलने के लिए किया गया था और वो भी मुखपृष्ठ जैसे संवेदनशील एवं सब से अधिक देखे जाने वाले पृष्ठ पर एक प्रबंधक के द्वारा किया गया था। आशीष जी ने सहप्रबंधक का सम्मान करते हुए उनके संपादन को पूर्ववत नहीं किया परंतु इस संपादन द्वारा बदले गए अंको को पुनः देवनागरी में स्थापित कर दिया। साथी प्रबंधक हिन्दुस्तानवासी जी ने इस संपादन द्वारा आशीष जी के बदलावों को पूर्ववत कर दिया और 'बिना चर्चा एक तरफा निर्णय' ये कारण दिया गया। वास्तविकता ये है कि बिना किसी चर्चा मुखपृष्ठ पे देवनागरी अंको को बदलने का निर्णय एकतरफा था। प्रबंधक नियमावली के अनुसार प्रबंधकों को एक दूसरे की गलतियाँ निकालकर स्वयं को श्रेष्ठ, सच्चा और दूसरे को गलत स्थापित करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए और आपस में मिलकर कार्य करना होता है। यहाँ बदलाव पूर्ववत करने से पूर्व आशीष जी से चर्चा करनी चाहिए थी। फिर भी आशीष ने अत्यंत समझदारी का कार्य किया है और इस समस्या को चौपाल पे समुदाय के समक्ष स्थापित करने के समय किसी का भी नाम नहीं लिखा, न उसे निशाना बनाया, न उक्त दोनों प्रबंधकों को मत देने वालों को पूछा और न ही किसी का नाम बार बार उछाला, न ही उनके वार्तापृष्ठ पर डांटने की भाषा में संदेश भेजा, न तो उन्होंने किसी एक की अनेकों गलतियों को नजरअंदाज किया और न ही उन्होंने किसी की गलतियाँ ढूंढकर बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया। क्योंकि आशीष जी वरिष्ठ है और उन्होंने स्वयं की गरिमा के अनुसार कार्य किया है।

    दूसरी बात यहाँ पर देवनागरी अंक हिन्दी भाषा के साथ ही स्थापित है। अरबी अंको को लागू करने के लिए प्रयत्न होते रहे किन्तु सफलता नहीं मिली। अब जिस प्रकार मुखपृष्ठ पे भी देवनागरी को हटाने और देवनागरी के समर्थकों को निशाने बनाने का अभियान आजकल चल रहा है, अब इस पर ठोस नीति बननी चाहिए अन्यथा इस प्रकार देवनागरी अंको को अरबी में बदलने का कार्य होता रहेगा और विवादों को जन्म देगा जो हिन्दी विकि के हित में नहीं है।--आर्यावर्त (वार्ता) 12:10, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @अनुनाद सिंह और आर्यावर्त: आपको कुछ पुरानी चर्चायें पढ़ने का आग्रह करता हूँ: पुरालेख १७ (सर्वसम्मति नागरी के पक्ष में ही रही), पुरालेख २४ (काफी लम्बी चर्चा, सर्वसम्मति अरबी अंको के पक्ष में लेकिन मुखपृष्ठ पर नागरी अंको की सहमति), वार्ता:मुखपृष्ठ/पुरालेख १ (जब नया मुखपृष्ठ बना तब किसी ने अरबी अंको का विरोध नहीं किया)। सर्वसम्मति किसे कहते हैं: जो आर्यावर्त जी को प्रबन्धक बनाने के लिए बहुमत मिला उसको सर्वसम्मति नहीं बहुमत कहते हैं। सर्वसम्मति देखनी है तो उपर दी गयी कड़ियों की चर्चा पढ़ो। आशीष जी ने अपने तर्क रखे और वो भी एकदम दृढ़ता के साथ। उनमें साफ तौर पर तर्क दिखाई दे रहे थे। लेकिन उनको तर्कों के आधार पर ही इसकी कमियाँ दिखाई गयी। ध्यान रहे मैं नागरी का विरोधी नहीं हूँ लेकिन जो परम्परा चली आ रही है उसे बिना सर्वसम्मति के तोड़ने का विरोधी हूँ। आपको जो उचित लगे उनपर चर्चा करें और जिनका विरोध हो उनको व्यक्तिगत हमलों के स्थान पर तार्किक आधार पर स्पष्ट करें कि कौनसे अंक और क्यों काम में लेने हैं। यदि एक पक्ष के पास तर्क समाप्त हो जायें तो उसे सर्वसम्मति माना जा सकता है। जैसे उपर की चर्चा में आर्यावर्त जी ने सर्वसम्मति में अपने आप को तर्क रखने से दूर कर लिया है। इसके बाद मैं @NehalDaveND: नेहल जी के प्रश्नों का लघु उत्तर देना चाहूँगा: आपने जो कड़ियाँ दी हैं उनसे स्पष्ट होता है कि आप भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं। अजीत जी ने ही सम्बंधित लेख को निर्वाचित घोषित किया था और उन्होंने एक साथ पूरा कार्य करने के स्थान पर उसे ३-४ बार में किया। नये प्रबन्धकों के साथ ऐसा होता है अतः इसमें कोई बुराई भी नहीं है। इससे पहले भी ऐसा हो चुका है। हमारे समुदाय ने १ − २ + ३ − ४ + · · · लेख को तो निर्वाचित भी बना दिया जबकि इस लेख का शीर्षक नागरी में है और अन्दर के सभी अंक अरबी में। ये देखो मेरे द्वारा किया गया बदलाव। इससे पहले के उदाहरण भी आसानी से मिल जायेंगे। अतः बात मुद्दे पर और तर्कों पर करो। छलावे वाली कड़ियाँ देकर नहीं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:05, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार: जी, आपके द्वारा कथित पुरावार्ताएँ पढ़ने के बाद भी समझ में नहीं आया कि आप किसे 'सर्वसम्मति' कहते हैं। यदि आप शब्दों में इसे स्पष्ट कर सकें तो कृपया कष्ट कीजिए। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 15:41, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @SM7: जी, आपसे आम सहमति और बहुमत के बीच अन्तर बताने की आशा है। आप कह रहे हैं कि इस बारे में आम सहमति नहीं है, केवल बहुमत लेने से कुछ नहीं होता। अब ये आम सहमति क्या होती है? ये बहुमत से अलग होती है। विकिपीडिया पर मतदान से कुछ नहीं होता तो फिर नीतियां किस प्रकार लागू होती हैं? तानाशाही से या मेरा वचन ही है शासन! से। आप पिछली बहुत सी चर्चाओं में देख चुके हैं कि देवनागरी अंकों के बारे में सहमति बन चुकी है फिर भी अपना राग आलापते रहते हैं। यहां ये कहना उचित नहीं समझता कि शायद किसी व्यक्तिविशेष को ही देवनागरी अंकों को पढ़ना आता ही नहीं या पढ़ने से चिढ़ है।

    एक सीधी सादी बात कही थी कि मुखपृष्ठ पर अंग्रेज़ी अंकों को हटाकर (निर्वाचित लेख स्तंभ एवं समाचार स्तंभ में) देवनागरी में बदला था, जिसे बिना कोई सही कारण बताये पूर्ववत कर दिया गया। यदि इसका उलटा होता, तो शायद मैं भी उसे सही कहता, किन्तु इस स्थिति में (अंग्रेज़ी से रोमन को वापस बदलने को पूर्ववत करना) तो सर्वथा अनुचित ही है। जब देवनागरी लिपि हिन्दी की अपनी लिपि एक अत्यन्त उन्नत लिपि उपलब्ध है तो हम हिन्दी विकिपीडिया पर कोई विदेशि लिपि क्यों लिखें? यहां कोई भी रासायनिक सूत्रों, साँचों में आकलन हेतु प्रयोक्त अंग्रेज़ी अंकों का विरोध नहीं कर रहा है) और वह भी तब जब इस बारे में अनेकों बार चर्चाएं भी हो चुकी हैं और बहुमत भी प्राप्त कर लिय़ा गया है। --आशीष भटनागरवार्ता 17:02, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @अनुनाद सिंह और आशीष भटनागर: आप लोगों की ये अदा बहुत बढ़िया है, अब आप लोग शब्दों में आम सहमति का अर्थ पूछेंगे और बाल की खाल निकालेंगे। यानी चर्चा की अनंतकालीन मुद्रा धारण कर लेंगे। इतने दिन से विकिपीडिया पर हैं विकिपीडिया:नहीं में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यहाँ मतदान नहीं होता संपादन और संवाद द्वारा निर्णय पर पहुँचा जाता, लेकिन आप साफ़ मुकर जायेंगे कि यह तो हमने कभी देखा ही नहीं। वि:पंचशील विकिपीडिया की परंपरा के मूल आधार हैं जिनका पालन करने की अपेक्षा हर किसी विकिपीडियन से की जाती है, इसे आपने कभी पढ़ा नहीं होगा, क्योंकि आपलो स्वयं को इतना ऊपर मानने लगे हैं कि जो आप सोचते वही सही है; पंचशील में स्पष्ट रूप से "दूसरों के साथ मिल कर आम सहमति हासिल करने का प्रयत्न कीजिये" लिखा हुआ है और आम सहमति की अंगरेजी विकि की कड़ी भी दी हुई हैं। एक बार पढ़ ही लें। वैसे अनुनाद जी तुरंत तड़प के (यह शब्द नया-नया इसी चौपाल पे हाल ही में सीखा है, प्रयोगलोभसंवरण नहीं कर पाया) उतर आयेंगे कि अंगरेजी की नीति का हवाला क्यों दिया जा रहा। कम से कम विकिपीडिया की मूल भावना और परंपरा का अंदाजा लगाने के लिए ही पढ़ लें एक बार फिर आगे बात करते हैं। --SM7--बातचीत-- 17:26, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND: जी, समुदाय इसबार अनिर्णय की अवस्था में रहा तो सम्पादन चर्चा पृष्ठ पर ही होंगे, लेखों में नहीं। - यह किस प्रकार की धमकी दे रहे हैं? और हम सेवा निवृत हो जायँ यह सलाह है या धमकी? हो सके तो एक प्रतिबन्ध अनुरोध मेरे लिए भी लिख डालिए जैसे संजीव कुमार के लिए लिखा है। आप की और आर्यावर्त जी की बातों से तो लग रहा कि असली हालमार्क हिंदी हितैषी आप दो ही लोग बचें हैं शायद हिंदी विकिपीडिया पर। --SM7--बातचीत-- 17:53, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    "लेकिन आप साफ़ मुकर जायेंगे कि यह तो हमने कभी देखा ही नहीं।" अभी पञ्चमाक्षर के सन्दर्भ में यही तो तर्क दिया जा रहा है, तो क्या उस सन्दर्भ में भी इस वाक्य का प्रयोग अनुचित माना जाए? "इसे आपने कभी पढ़ा नहीं होगा, क्योंकि आपलो स्वयं को इतना ऊपर मानने लगे हैं कि जो आप सोचते वही सही है" ये पञ्चाक्षरों के सन्दर्भ में सन्दर्भ और तर्क देने के पश्चात् भी हो रहा है। तो क्या किया जाए? समुदाय इसबार अनिर्णय की अवस्था में रहा तो सम्पादन चर्चा पृष्ठ पर ही होंगे, लेखों में नहीं। इसे आप धमकी कह रहे हैं? क्या चर्चा पृष्ठों में सम्पादन करना अनुचित है? यहाँ बात ये है कि यदि इस विवाद को समाप्त न किया गया, तो विवादों के चलते चर्चा पृष्ठों पर ही सब का सम्पादन होगा, लेखों में नहीं। "हम सेवा निवृत हो जायँ यह सलाह है या धमकी?" जब मुझे "उखड़ जाना चाहिये", "अन्य विकिपीडिया पर चले जाना चाहिये", "नये विकिपीडिया के लिये आवेदन करना चाहिये" इत्यादि को परामर्श के रूप में ले सकते हैं, तो अब मेरे परामर्श को धमकी कैसे गिन रहे हैं आप? मैंने भी तो परामर्श दिया है। "हो सके तो एक प्रतिबन्ध अनुरोध मेरे लिए भी लिख डालिए जैसे संजीव कुमार के लिए लिखा है।" आपने भी यदि कहीं मनमानी की है, तो आपके विरुद्ध भी अधिकार के दुरुपयोग की सूचना समुदाय को करुंगा। अतः निश्चिन्त रहें और हो सके तो अपने मनमानी के प्रमाण भेज देवें, जिससे में लिख सकूं, यदि आपको इतना ही लिखवाने की इच्छा है। ॐNehalDaveND 04:11, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    प्रबन्धक और बॉट अधिकार का दुरुपयोग की सूचना

    नमस्ते समुदाय और @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी:, वार्ता:पृथ्वीराज चौहान पर संजीवजी के द्वारा बॉट और प्रबन्धक अधिकारों का दुरुपयोग करने का मैंने स्पष्ट प्रमाण प्रस्थापित किया है। अतः मेरा निवेदन है कि समुदाय और प्रबन्धक यथाशीघ्र इस पर अपना मत देवें और उचित कार्यवाही करें। ॐNehalDaveND 13:52, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    1. सहमत: तुरन्त प्रभाव से सभी खातों से सभी अधिकार ले लिए जायें और आवश्यक हो तो प्रतिबन्धित कर दिया जाये।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:34, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    समर्थन

    असमर्थन

    टिप्पणी

    प्रबन्धक ने स्वयं अपने दुरुपोयग की बात को स्वीकार कर अधिकार ले लेने को समर्थन दिया है। अब समुदाय भावनाओं में बह कर निर्णय न करे। क्योंकि एक समय मयूर जी जैसे सक्रियतम प्रबन्धक या प्रशासक को भी अधिकारों के दुरुपयोग करने पर अधिकार त्यागना पड़ा था। उनके जाने के पश्चात् भी विकिपिडिया चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा। ॐNehalDaveND 14:52, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आदरणीय नेहल जी अब आप बहुत गलत रास्ता पकड़ रहे हैं। आवेश में आकर इतना भी आगे मत बढ़ जाइए कि बाद में पीछे लौटना मुश्किल हो जाय। विगत कुछ दिनों में जितनी ऊर्जा आपने विवादों में बरबाद की है उतने में आप बहुत सकारात्मक योगदान कर सकते थे। मित्रवर अंक, लिपि या भाषा को लेकर मानदंड इतने कड़े कभी न करें कि उन मानदंडों पर कॉपी जाँच दी जाने पर स्वनामधन्य हिंदी प्रेमी ही उत्तीर्ण न हो पाएं। अतएव हे मित्र चर्चा को व्यक्तिगत न बनाइए। अब इसे विराम दीजिए। -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 16:55, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @अजीत कुमार तिवारी और संजीव कुमार: जी, मैं अत्यन्त क्षमाप्रार्थी हूँ कि, जिन्होंने मुझे हिन्दी और संस्कृत विकिपीडिया में क ख सिखाया है, आज उनके ही विरुद्ध मुझे बोलना पड़ रहा है। पञ्चमाक्षर के लिये मैंने कितने ही प्रमाण दिये है कि वो हिन्दी भाषा का भाग और अब तो मैंने ये देख लिया कि वो हिन्दी विकिपीडिया का भी भाग था। परन्तु उसे महोदय के द्वारा दूर किया गया। वो प्रबन्धक रहे न रहे और समुदाय मेरे साथ रहे न रहे मुझे अन्तर नहीं है। क्योंकि मैंने नकारात्मक सम्पादन नहीं किया और जहाँ क्षति हुई वहाँ उसके परिष्कार का पूर्ण प्रयास किया है। मैंने किसी का क्या बिगाडा था? मैं एक निर्वाचित लेख ही तो बनाने का प्रयास कर रहा था। पृथ्वीराज चौहान इस लेख में क्या आपको मेरा परिश्रम नहीं दिख रहा? जब मेरे लिखने की स्वतन्त्रता पर आघात किया गया, तब मुझे अपनी सीमा को लाङ्घना पड़ा। आप दोनों को अन्तर्भूत करते हुए आज तक सभी प्रबन्धकों और सदस्यों से मैंने विनति और दास भाव से सहायता मांगी है कि इस सम्पादन में हुए अन्याय के सन्दर्भ में कुछ कार्यवाही करें। यद्यपि मेरी कोई त्रुटि नहीं है, तथापि दास भाव से और क्षमा याचना करते हुए सब से चर्चा की है। परन्तु किसी ने कुछ नहीं किया। मैंने कुछ शीर्षकों को परिवर्तित किया, जिसके मूल कारण के सन्दर्भ में विपरीत कारण स्वीकार किया गया। अतः मैंने भी स्वीकार किया कि मेरी त्रुटि थी और पूर्ववत् कार्य में सहमत हुआ। मैं अनावश्यक विवाद नहीं चाहता था। मैंने किस लेख में जाकर उर्दू शब्दों को हिन्दी शब्दों से परिवर्तित नहीं किया है। कहीं भी अरबी अंको को देवनागरी में नहीं परिवर्तित किया है। क्योंकि मैं विवाद नहीं चाहता और ये भी मानता हूँ कि सब को अपने अपने अनुसार शब्दों इत्यादि के प्रयोग की स्वतन्त्रता है। आप ही कहें जब आक्रमण नाम से लेख हो सकता है, परन्तु आक्रमण नाम से दूसरा लेख नहीं बन सकता? संजीवजी पूर्णसहमति की बात करते हैं कि सामने वाले के पास तर्क समाप्त हो जाए, तब तक चर्चा करो, परन्तु यहाँ तो उन्होंने स्वयं बारं बार वास्तविक तर्क की अवगणना की है। मैं कहाँ ये कह रहा हूँ कि सभी लेखों में पञ्चमाक्षर हो या मेरे कहे शब्द हों। मैं तो वही कह रहा हूँ कि जैसे सब को अपने अपने शब्द चयन की स्वतन्त्रता है, वैसे मुझे भी हो। एस.एम.७ जी, संजीवजी, सलमा मसूद जी हो या मुझम्मिल जी मैं ना ही किसी को अपना विरोधी मानता हूँ और न ही किसी से विवाद चाहता हूँ। वो अपने अनुसार कार्य करें और मैं अपने अनुसार कार्य करूँ। हमारे कार्यों में समानता एक होनी चाहिये कि हिन्दी की दृष्टि से शुद्ध लिखें। यहाँ विषय समाप्त हो जाता है। वें स्वयंसेवक हैं तो मैं भी तो हूँ। परन्तु मुझे अन्य विकिपीडिया पर जाने के लिये बोला जाता है और मैं तो केवल अधिकार त्याग की बात कर रहा हूँ, वो भी हृदय से नहीं। मुझे इतना यहाँ से वहाँ घुमाया गया कि पहले वो करो, फिर ये करो। फिर बाद में कुछ करो, तो कहते हैं, ये पहले क्यों नहीं किया? जाओ मैं प्रत्युत्तर नहीं दुंगा। अब मैं यहाँ कोई विकिपीडिया का प्रबन्धक बनने नहीं आया था कि सभी नियमों को ध्यान में रक्खूं। मुझे तो निर्वाचित लेख बनाने तक सीमित रहना था, तो उस लेख को बनता समय जितने अनुभव हो जाए, उतना ही मेरा हिन्दी विकिपीडिया पर नियमों का ज्ञान रखना चाहता था और चाहता हूँ। कृपया इस अनुभाग को गम्भीरता से ही लेवें क्योंकि भले ही में हृदय से मृदु स्वभाव का हूँ परन्तु अन्याय सह नहीं सकता। मेरे साथ हुए दोनों अन्यायों पर मुझे न्याय चाहिये।
    1. इस सम्पादन पर कार्यवाही चाहता हूँ। आतंकी शब्द शीर्षक में हो न हो पर लेख में तो उचित ही था। हमलावर क्यों नहीं और आतंकवादी क्यों लिखना है, उसका सन्दर्भ सहित तर्क मैंने दिया है। हुमला शब्द और आक्रमण शब्द समान है, तो आक्रमण शब्द के प्रयोग में भी स्वतन्त्रता होनी चाहिये। सन्दर्भ तक हटा दिये गये हैं, उनको भी वापस लाना चाहिये। अङ्कों और अन्य शब्दों को भी अनावश्यक रूप से परिवर्तित किया गया है, उनको भी वापस लाना है।
    2. हिन्दी विकिपीडिया में पहले भी पञ्चमाक्षर का प्रयोग किया जाता रहा है। परन्तु किसी प्रचीन और आधुनिक मान्यता के चलते उसे बॉट का उपयोग करके अपाकृत किया गया, जो अनुचित है। मैं केवल पृथ्वीराज चौहान लेख के पञ्चमाक्षर नहीं, अपि तु उन सभी लेखों के पञ्चमाक्षर को पुनः प्रस्थापित करना चाहता हूँ। क्योंकि वो एक अल्प ज्ञान के कारण लिया गया निर्णय है।

    संजीवजी को अच्छे से तर्क दिये हैं अब मेरा निवेदन है कि अधिक विवाद को जन्म न देकर इन दोनों अंशों पर कार्यवाही करके विवाद समाप्त किया जाए। ॐNehalDaveND 03:37, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    मित्र नेहल जी, कृपया दासभाव और दाताभाव दोनों को त्याग कर साथी भाव से योगदान करें। पंचमाक्षर पर चर्चा की जा सकती है किंतु ध्यान रहे कि मानकीकरण में बिंदु लगाने की संस्तुति को सर्वमान्य रूप में स्वीकार कर लिया गया है। यथासंभव एवं यथास्थान पंचमाक्षर (जैसे संबंध-सम्बन्ध) का प्रयोग किया ही जाता है। किंतु गङ्गा और पञ्चम लिखने के आग्रह में किंचित पन्डित (पंडित-पण्डित) भी गच्चा खा जाते हैं। रही बात आपके द्वारा बताए संपादन परिवर्तनों को तो उन पर अधिक चर्चा करना अब ऊर्जा व्यर्थ करना है। आगे से इसका ध्यान रखा जाएगा कि कोई सायास ऐसे संपादन न करे। आपका पृथ्वीराज चौहान को निर्वाचित लेख बनाने का प्रयास अवश्य सफल होगा। अगर यह आपकी भावनाओं से इतना जुड़ चुका है तो इस लेख को निर्वाचित स्तर तक पहुंचाने में मैं पूरा सहयोग करूंगा। हम संजीव जी के साथ उन सभी लोगों से सहायता लेंगे जिन्हें आप अपना लगभग विरोधी ही मान चुके हैं। वर्ष २०१८ के समाप्त होने के पूर्व मैं पृथ्वीराज चौहान लेख को निर्वाचित लेख बनाने का वचन देता हूँ। आप भी ऐसे अयाचित और अनावश्यक विवाद को समाप्त कर मनभेद बन चुके मतभेद को समाप्त करें। धन्यवाद।-- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 04:24, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आदरणीय अजीतजी, पंडित-पन्डित-पण्डित लिखने में किसी को समस्या हो सकती है, ये मान भी लूँ, परन्तु मैं यहाँ किसी अन्य को लिखने की बात ही नहीं कर रहा। मैं प्रयुक्त शब्द को परिवर्तित न करने के सन्दर्भ में कह रहा हूँ। समझ तो हरकोई सकता है, क्योंकि पढाया तो ९ वीं कक्षा में ही जाता है। उसके पश्चात् भी उसका उपयोग समझताया जाता हैं। तथापि कोई प्रयोग न करें मुझे उससे कोई चिन्ता नहीं परन्तु जिन्होंने कक्षा में ध्यान से पढाई की है और वो उपयोग कर रहे हैं तो उनको भी कहना की जाओ तुम अनुत्तिर्ण हो क्योंकि सब अनुत्तिर्ण है, ये उचित नहीं। पञ्चमाक्षर के सन्दर्भ मैं मैंने कोई विवाद आरम्भ नहीं किया था और अभी भी बॉट द्वारा किया वो कार्य पूर्ववत् होता है, तो मुझे कोई समस्या नहीं। अस्तु। ॐNehalDaveND 05:11, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Buddhdeo Vibhakar: द्वारा भी यहाँ सूचना दी गई है। मैंने देखा वो नेट और पीएचडी उत्तीर्ण हैं और हिन्दी में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। वो तो किञ्चित् बोल भी पाएं। अन्यों ने कुछ बोला भी नहीं अतः ये आगे बढ पाए। अब मैं आदार और मित्रता के आवरण में "नरो वा कुञ्जरो वा" नहीं कह सकता। अब मेरे मृत्यु पर्यन्त मैं विरोध के स्वर में दोनों विकल्पों के विषय में बात करूंगा। या तो स्वयं पूर्ववत् करो और विवाद समाप्त करो या अधिकार त्याग कर अन्य को पूर्ववत् करने का अवसर दो। मृत्यु पर्यन्त किसी भावना में बह कर नहीं कह रहा, अन्याय की परिसीमा को ध्यान में रखते हुए कह रहा हूँ। अस्तु। ॐNehalDaveND 07:25, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    श्री अजीत कुमार एवं SM7 जबलपुर पन्ने पर मेरे द्वारा जोड़ी जा रही सामग्री पर अनावश्यक बदलाव को विलोपित किया जा रहा है. अनाधिकृत चेष्टा एवं दायित्व का दुरुपयोग न करें . मेरे द्वारा कोई असंदर्भित जानकारी नहीं दी जा रही है . भविष्य के लिए सचेत कर रहा हूँ . गिरीशबिल्लोरे 21:29, 1 अप्रैल 2018 (UTC)गिरीशबिल्लोरेगिरीशबिल्लोरे 21:29, 1 अप्रैल 2018 (UTC)

    टिप्पणी २ संगणक का कंप्यूटर

    @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी:, Sanjeev bot की अति हो रही है। ये बॉट् समुदाय के से भी ऊपर अधिकार रखते हुए, मनमाने रूप से आगे बढ़ रहा है। अब पहले तो ये बॉट के अधिकार वापस लेने चाहिये फिर ही आगे चर्चा करनी चाहिये। अन्यथा हम चर्चा करते रह जाएंगे और बॉट द्वारा असङ्ख्य मनमानी हो जाएगी। अब मैं मेटा पर जाने को प्रस्तुत हूँ इस सन्दर्भ में। पहले बॉट अधिकार वापस हो फिर चर्चा हो। इतनी मनमानी के पश्चात् भी समुदाय चुप रहेगा, तो हिन्दी विकिपीडिया मात्र एक पक्ष के समर्थकों की दासी हो जाएगी। प्रमाण, प्रमाण, प्रमाणवार्ता:कंप्यूटर पर चर्चा पूर्ण नहीं हुई है और इन्होंने परिवर्तन कर दिया। समुदाय मौन क्यों है? ॐNehalDaveND 13:57, 20 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    3 साल पुरानी चर्चा निकालकर आप कह रहे है कि चर्चा पूरी नहीं हुई थी। नेहल जी वो चर्चा पूरी भी हुई थी और उसी वक्त नाम भी बदला गया था। अब सिर्फ श्रेणी में लेख अनुसार सुधार किया गया है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:04, 20 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    महोदय, तो [[श्रेणी:संगणक अभियान्त्रिकी]] इस श्रेणी का क्या करेंगे? समुदाय के सदस्य पूरी निष्ठा से कहें कि, क्या आपको पता है कि, राष्ट्रमण्डल खेल क्या है? यदि नहीं, तो क्या उसके प्रचलित नाम को शीर्षक के रूप में स्थापित करना स्वीकर करेंगे? क्यों ये प्रचिलत, सरल, सुना नहीं, पढा नहीं के नाम पर हिन्दी भाषा में लिखने की स्वतन्त्रता पर आक्रमण हो रहा है? किसी सदस्य ने कहा था कि, बहुत से राज्य हैं, जहाँ नुक्ता का प्रयोग नहीं होता। अब उस राज्य का कोई व्यक्ति प्रबन्धक बन कर बॉट अधिकार से सभी नुक्ता हटा दे, ये कह कर कि मैंने नहीं पढा, प्रसिद्ध नहीं, सरल होगा नुक्ता के बिना प्रयोग करना। क्या वो उचित होगा? पता नहीं कितने लोग भारत के इतिहास को पढ़ कर सम्पादन करते हैं, परन्तु मैं बता दूँ कि बहुत से वैज्ञानिक थे, जो चाहते थे कि आधुनिक ज्ञान हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो। वो लोग हिन्दी को बढ़ावा देने के लिये नहीं परन्तु जो भाषा में अधिक बुद्धि विकास हो सकता है, उस भाषा में शब्दावली की रचना चाहते थे। उसके लिये एक विभाग भी बनाया गया था और शब्दकोश भी प्रकाशित होते हैं। वो कोई बढावा नहीं दे रहे किसी शब्द को। वो मात्र और मात्र हिन्दी के शब्दकोश में आधुनिकता उत्पन्न कर हिन्दी भाषा को प्रयोग करने वालों के लिये विज्ञान के और आधुनिकता के मार्ग को खोलना चाहते थे। जो विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में ध्यान से न पढ़े क्या उनके लिये ही ये विकिपीडिया है? जो चलचित्रों की अपनको, मेरे को, भीडू, आ रेला है, जा रेला है इत्यादि को भाषा समझते हैं क्या उनके लिये ही विकिपीडिया है? अङ्कुो में आवश्यकता पड़ती है, तो भारत सरकार ने अमुक अङ्कों को स्वीकारा है, ये तर्क दे देते हैं। फिर जैसे यहाँ भारत सरकार ने ही हिन्दी के लिये शब्दावली सज्ज की है, उसे क्यों नहीं स्वीकारते? देवनागरी में लिपि में लिखना आ सकता है परन्तु देवनागरी के अङ्क नहीं आ सकते, ये लोग किस विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़े हैं? वास्तविकता ये है कि, केवल अपने मत को सिद्ध करना और कुछ नहीं। क्या समुदाय के सदस्यों का भोजन किसी प्रबन्धक पर निर्भर है? यदि हाँ तो चाटुकारिता में मौन रहें। परन्तु यहाँ आप ज्ञानकोश का विकास करने आते हैं, और सेवाभाव से आते हैं, तो वास्तविकता पर बोलना चाहिये। स्मरण रहे, आपको अधिकार समुदाय देता है कोई प्रबन्धक या वरिष्ठ सदस्य नहीं। अतः निर्भय हो कर हिन्दी भाषा का पक्ष लेवें। अस्तु। ॐNehalDaveND 17:21, 20 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    जिसका आपने उदाहरण दिया है उसमें भी सुधार किया जाएगा। बाकी आपने बहुत कुछ सही लिखा है। लेकिन मैं समझता हूँ कि समुदाय इतना समझदार है कि वो ऐसे बदलाव नहीं करेगा जिसकी ओर आप इंगित कर रहे है। संजीव जी ने भी गलत सम्पादन सारांश लिखा है। उन्हें ये लिखना चाहिए था कि लेख के नाम अनुसार श्रेणी में सुधार किया।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 17:50, 20 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    "No bot may automatically correct spelling mistakes without explicit community approval, particularly in the main content namespace." ये तो सब को ज्ञात ही होगा। कृपया उत्तर देवें। अस्तु। ॐNehalDaveND 10:32, 21 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    संजीव-बॉट की लेखा को एक गुप्त सूचना मेरी ओर से। यहाँ भी परिवर्तन करने के लिये बॉट चला देवें, अन्यथा सब को सत्य ज्ञात हो जाएगा कि, हिन्दी में संगणक शब्द है और प्रचलित भी। (ऊपर से पञ्चमाक्षर भी) ॐNehalDaveND 10:45, 21 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    क्या नेहल जी आप बहस करने के लिये बहस करते है? अगर ऐसा है तो माफ़ करें, हिन्दी विकि की दुर्दशा सुधारने के लिये लगे हुए हैं। समय नहीं है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:18, 21 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    तात्कालिक चर्चा विराम एवं समाधान प्रस्ताव

    ऊपर हुई लंबी एवं अनिर्णीत चर्चा के समाधान हेतु कृपया नीचे सुझाये गए बिंदुओं पर केवल सहमत/असहमत लिखकर अपने विचार प्रस्तुत करें।और यदि "आमसहमति" होती है तो नीति के रूप में "लिखित रूप में" स्थापित की जाए।उत्तर प्रतिउत्तर टिप्पणियां ऊपर बहुत हो चुके।

    • 1.हर सदस्य को यह अधिकार होगा कि वो नागरी अथवा अरबी किसी भी अंक का प्रयोग कर सकता है परंतु वो किसी भी सूरत में ,तब तक कि जब तक अत्यावश्यक न हो जैसे मुखपृष्ठ,दूसरे सदस्य के अंको को नही बदलेगा।ये बात सब पर समान रूप से लागू होगी।
    • 2.बदलना आवश्यक हो तो चौपाल पर सूचना एवं कारण देकर और सहमति पाकर बदल सकते है।
    • 3.शब्दो के मामले में भी यही नीति अपनाई जाए उदाहरण यदि एक सदस्य विष लिखता है और दूसरा ज़हर ,तो कोई भी उसे एकदूसरे बदलेगा नही अर्थात समानार्थी शब्दों में बदलाव नही चाहे वो संस्कृतनिष्ठ हो ,हिंदीनिष्ठ या उर्दुनिष्ठ।:स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 18:18, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    स्वप्निल जी, उक्त के लिए केवल सहमत/असहमत लिखकर कर मतदान कराने की आवश्यकता नहीं। यह सामान्य विकि व्यवहार है कि ऐसे संपादन (बिंदु 1 और 3 जैसे) न किये जाएँ। बिंदु 2, यानि ऐसे मुद्दे हर बार चौपाल पर लाना, उचित नहीं, चौपाल तब के लिए है जब संबंधित वार्ता पृष्ठ पर चर्चा, संबंधित सदस्य से उसके सदस्य वार्ता पृष्ठ पर चर्चा, संबंधित वार्ता पृष्ठ पर अन्य सदस्यों को वार्ता हेतु आमंत्रित करके चर्चा - ये सभी विफल हो जायँ। कृपया ऐसे विषय पर नया मतदान न शुरू करें। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 19:19, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @SM7:जी , सही कहा आपने परन्तु स्पष्ट लिखित में न होने के कारण गलत अर्थ निकले जाते रहे है ,उपरोक्त २ बिन्दुओ पर आपकी भी सहमति है कदाचित (गलत हूँ तो सही कीजियेगा ),एक बिंदु पर नहीं है ,उसे छोड़ देते है। जब लक्ष्य (मंजिल) एक है तो कही न कही आकर राहें मिलानी ही पड़ेगी।मतदान भी ना कराइये ,इच्छा या सहमति जान लीजिये। १० लेख बन सकते थे ,इतनी चर्चा तो हो चुकी।उपरोक्त बिंदु १ एवं ३ पर सबकी सहमति हो तो स्थापित जो जाए ,इससे अच्छा क्या हो सकता है।आपने अपनी राय दे दी ,इस सन्दर्भ में अन्य सदस्यों @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: की राय भी ले ली जाए। : स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 13:08, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    अंको की लिपि की नीति

    लगातार होते विवादों से यह स्पष्ट है कि इस बारे में नीति पर चर्चा होनी चाहिए। अतः इस विषय से संबंधित नीतिगत सुझाव यहां दिए जा सकते है।

    सुझाव १

    उदहारण के लिए मेरा सुझाव है कि निम्न वाक्य को विकिपीडिया:शैली मार्गदर्शक#लेख शीर्षक में जोड़ा जाए।
    "शीर्षक में देवनागरी अंको का प्रयोग होना चाहिए।"

    समर्थन

    •  समर्थन इससे हिंदी विकि पर अंक लिपि में एकरूपता लेन में सहायता होगी। Capankajsmilyo (वार्ता) 17:55, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    •  समर्थन यह नियम शीर्षक ही नहीं पूरे पाठ पर लागू होना चाहिये, केवल सांचों में आकलन, गणना एवं रासायनिक एवं भौतिक सूत्रों, आदि को छोड़कर।--आशीष भटनागरवार्ता 09:35, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    •  समर्थन प्रारम्भ से ही ये समुदाय का मत रहा है कि, जहाँ गणना सम्मिलित है, उस स्थान को छोड़ कर सभी स्थानों पर अङ्को को देवनागरी में ही होना चाहिये। मैंने भी जहाँ जहाँ चर्चा की वहाँ यही बात को प्रस्थापित किया है। साथ ही में देवनागरी अङ्कों को अरबी अङ्कों से या रोमन अङ्कों से किसी भी स्थिति में परिवर्तित न किया जाए। क्योंकि गणना के अतिरिक्त हमें अरबी अङ्कों की आवश्यकता नहीं है। शीर्षक हो, श्रेणी हो या साँचा जहाँ गणना प्रभाव नहीं, वहाँ देवनागरी अङ्कों का होना इसीलिये आवश्यक है क्योंकि देवनागरी के अपने अङ्क हैं। अरबी अङ्कों का प्रयोग भी देखने को मिलता है क्योंकि कुछ कुछ तन्त्रांशों में देवनागरी, पञ्चमाक्षर इत्यादि लिखने में समस्या थी और लिखने के पश्चात् भी समस्याएँ दिखती थीं। परन्तु हिन्दी के सन्दर्भ में अब बहुत से उपकरण उपलब्ध हैं, जो ये सुविधा देते हैं। उनमें से एक विकिपीडिया भी है। अतः किसी मुद्रण के लिये गौण रूप से विकसित सुविधा को अनिवार्य करना अनुचित होगा और वास्तविकता को देखते हुए भी किसी का अन्धानुकरण भी। बारं बार भारत सरकार ने स्वीकारा है, ये तर्क दिया गया परन्तु वहाँ स्पष्ट लिखा है कि ये मात्र मुद्रण सुविधा के लिये ही किया गया परामर्श है। आशा है इतने तर्क पर्याप्त हैं। कुतर्कों का कोई तर्क नहीं हो सकता, परन्तु जहाँ तर्क के आधार पर आम-सहमति की बात हो, तो तर्क देना फलदायी भी होता है। अस्तु। ॐNehalDaveND 03:56, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    •  समर्थन -- देवनागरी के अंक हर दृष्टि से अन्तरराष्ट्रीय अंकों के तुल्य हैं। इनमें विशेष बात यह है कि इनमें अपनी माटी की गन्ध भी है। -- अनुनाद सिंह (वार्ता) 05:54, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विरोध

    टिप्पणी

    अंग्रेजी विकिपीडिया में हमें एक ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा था, की क्या लेखन और लेखन शैली ब्रिटिश या अमेरिकी अंग्रेजी हो। उन्होंने फैसला किया है कि इसे वैसा ही छोड़ देना चाहिए, जैसा कि लिखा गया है, जब तक कि पूरी तरह बदलना आवश्यक नहीं है। शायद हम भी ऐसा कुछ कर सकें। वैसे मैने कई लोग देखे है जो देवनागरी में अंक नही समझते|

    Navinsingh133 (वार्ता) 20:19, 23 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    
    आपकी बात सही है,और तो और मैंने तो ऐसे लोग भी देखे है जो हिंदी ही नही समझते।स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता)
    अंग्रेज़ी में ब्रिटिश या अमेरिकी शैलियां कम से कम समानांतर तो हैं, हिन्दी में तो जब हम लिपि देवनागरी लिखते हैं तो अंक क्यों अंग्रेज़ी लिखें? यहां तो समांनान्तर जैसी कोई बात ही नहीं है। अमेरिकी या ब्रिटिष - दोनों ही कम से कम अंग्रेज़ी तो हैं न। ये समस्या तब आती जब कोई अंग्रेज़ी अंक या रोमन अंक या देवनागरी अंक जैसी तुलना कर उसका समर्थन करता, किन्तु वहां ऐसी कोई बात नहीं है।
    हिन्दी में तो देवनागरी लिपि सर्वमान्य एवं बाध्य है। सभी स्थानों पर अनिवार्य रूप से देवनागरी लिपि का ही प्रयोग किया जाता है, केवल सांचों में, सूत्रों में एवं कुछ स्थानों पर जहां अंग्रेस्ज़ी या पाठ को यथारूप रखना ही अनिवार्य न होता हो।
    तो यही नीति देवनागरी अंकों पर भी लागू होनी चाहोये और मेरे विचार से होती भी है। इसमें कुछ लिखा होने जैसी आवश्यकता भी नहीं है।
    क्या कहीं लिखा है कि हिन्दी में देवनागरी लिपि का ही प्रयोग करें। कल को कुछ लोग फ़ीजी हिन्दी की भांति ही इसे भी रोमन लिपि में लिखने लगे और कहेंगे कि यह भी सही है - तो क्या मान्य होगा?
    यदि नहीं तो अंक भी अनिवार्य रूप से ही देवनागरी लिपि में ही होने चाहिये। (बार बार लिखने की आवश्यकता नहीं समझता कि गणना हेतु सांचों, सूत्रों आदि कई स्थानों को छोड़कर)
    इसमें आम सहमति की क्या आवश्यकता है? कम को प्रचलन का हवाला देते हुए भाषा में भी अंग्रेज़ी शब्दों के आधिक्य को समर्थन देने लग सकते हैं लोग और: मेरी डॉटर का सन डेली स्कूल जाता है। जैसे वाक्यों को आम बोलचाल की भाषा कहकर हिन्दी विकिपीडिया में प्रयोग करने का समर्थन करेंगे। तो क्या उसे मान लिया जायेगा?

    यदि इन सबका उत्तर नहीं है तो अंग्रेज़ी अंकों के प्रयोग का भी उत्तर नहीं ही होना चाहिये। हां इतनी छूट अवश्य दी जा सकती है कि यदि कोई सम्पादन में अंग्रेज़ी अंकों का प्रयोग करता है, तो वह मान्य होगा, किन्तु कालान्तर में कोई अन्य सदस्य उन अंकों को देवनागरी में बदल दे तो वह भी मान्य ही होगा। आप नहीं बदल सकते तो मत बदलिये, किन्तु यदि कोई अन्य सदस्य अंग्रेज़ी अंकों को देवनागरी में बदलता है तो वह भी सही ही होगा। और देवनागरी अंकों को बदलकर अंग्रेज़ी अंकों का प्रयोग तो सर्वथा अमान्य ही रहे, (पुनः सूत्रों, सांचों आदि को छोड़कर)। समय आ गया है कि हमें अपनी नीति तय कर लेनी चाहिये, और सहमति प्राप्त कर लेनी चाहिये एवं इसे विकिपीडिया:लेखन शैली में भी लिख कर सहेज लेना चाहिये। वैसे वहां तो पहले भी लिखा है कि अंग्रेज़ी का उपयोग आवश्यक होने पर ही करना चाहिये यदि उसके समकक्ष शुद्ध हिन्दी शब्द उपलब्ध न हो... किन्तु कई लोगों की समझ में यह आता नहीं है। अतः समय असमय के विवाद से बचने हेतु विकिपीडिया:लेखन शैली को अद्यतित कर लेना ही चाहिये।--आशीष भटनागरवार्ता 23:15, 23 मार्च 2018 (UTC) अब क्या इस प्रकरण को भी लिग मानेंगे या इसे मतदान कहकर फिर अनदेखा कर दिया जायेगा?[उत्तर दें]

    यदि इन सबका उत्तर नहीं है से क्या अभिप्राय है? यह कपोल कल्पना पूर्वाधार मान के तर्क करेंगे आप? --SM7--बातचीत-- 07:11, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आप 'कपोल कल्पना' की बात कर रहे हैं? अभी तक 'आम सहमति' 'आम सहमति' कर रहे थे। पूछ दिया कि इसकी परिभाषा क्या है, तो पता चला कि इसकी परिभाषा ही पता नहीं है। कितनी बार आपने तर्क का सम्मान किया है? कितनी बार तर्कहीन होकर भी १८० डिग्री नाच गये हैं? आप यहाँ हिन्दी और देवनागरी के विरुद्ध जिहाद करने के लिए ही सक्रिय हैं, इसके कितने सारे उदाहरण दिए जा चुके हैं!!-- अनुनाद सिंह (वार्ता) 13:18, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अनुनाद सिंह जी ग़नीमत है, पिछली बार तो आप 360 डिग्री कह रहे थे कभी। कैसे पता चला आपको कि हमें "आम सहमति" की परिभाषा नहीं पता, यह तो आप और भूतपूर्व प्रशासक महोदय मासूमियात बरपा रहे हैं कि आम सहमति क्या होती है? यह तो आप लोग हैं जो बिना यह बताये कि पिछली चर्चाओं के बाद से अब नया क्या हो गया है जो फिर मतदान कराने में इतने मन से जुटे हुए हैं।
    देवनागरी के अंक हर दृष्टि से अन्तरराष्ट्रीय अंकों के तुल्य हैं। जबकि आप अभी तक कोई समाधान नहीं सुझा पाए हैं कि इनमें गणना कैसे कराई जाय, पिछली बार लंबी-लंबी फेंकने में आप सभी चीजों के ज़ीरो-वन और अंत में विद्युत् धारा में बदल जाने तक अवश्य पहुँच गए थे, समाधान आज तक नहीं सुझाए।
    आपका भावुकतापूर्ण तर्क (?), अपनी माटी की गन्ध, यह तो आपने सूँघ लिया, हिंदी प्रदेश की एक बड़ी संख्या देवनागरी अंको के जिन रूपों को पहचानती है उनमें लगभग पचास प्रतिशत अंक इस रूप में नहीं लिखे जाते जैसे यूनीकोड में उपलब्ध कराया गया है, उनकी माटी का क्या होगा? बयानवीर बनने के लिए आप ज़रूर फ़रमा सकते कि यह अंतर्राष्ट्रीय के तुल्य है, वास्तविकता आप भी जानते हैं कि यह अपने आप में ही एकरूप नहीं है।
    जिहाद के उदाहरण ही देते रहेंगे या कुछ करेंगे भी, केवल उदाहरण देकर और अपना अंतिम हथियार आज़मा कर केवल नीचा दिखाने का ही प्रयास कर पाए हैं आप।
    ऊपर एक मित्र कह रहे कि इससे एकरूपता आएगी, जबकि बाकी लोग गणना के अलावा बाकी जगह इसे सर्वत्र लागू कराने के प्रयास में हैं, वास्तव में एकरूपता इतनी प्रिय होती तो कब के आप लोग अरबी अंक लागू करवा चुके होते। वास्तविकता यही है कि आप लोग मनमानी पहले तय कर चुके हैं कि देवनागरी चाहिए और बाद में तर्क खोज रहे हैं। प्रचलन किसका अधिक है यह पूछते ही रेत में सिर घुसा लेते की "हिंदी की लिपि देवनागरी" है। वास्तविकता से आँख मूँद कर, अंधभक्त की तरह तथाकथित देवनागरी अंक लागू करवाने का हर संभव प्रयास आप लोग कर रहे, असहमत होने वालों पर निजी हमले तक कर रहे, इस तरह के कृत्यों को धर्मयुद्ध मानकर आप लोग चल रहे या हम? --SM7--बातचीत-- 06:29, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @SM7: जी, जिसको रेगिस्तान के सूखी रेत प्यारी हो उसे माटी की गन्ध कैसी लगेगी, हम सब कल्पना कर सकते हैं। आपको फॉण्ट में और यूनिकोड में अन्तर नहीं पता है इसीलिए कहे जा रहे हैं कि हिंदी प्रदेश की एक बड़ी संख्या देवनागरी अंको के जिन रूपों को पहचानती है उनमें लगभग पचास प्रतिशत अंक इस रूप में नहीं लिखे जाते जैसे यूनीकोड में उपलब्ध कराया गया है। यह सत्य से उतना ही दूर है जितना प्रयाग से मक्का-मदीना। फेंकने की बात में भी आप कम माहिर नहीं है। याद होगा आपने फेंका था कि मजीद भाई की किताब भूगोल की सबसे बढ़िया किताब है। उसमें तो 'चट्टान' ही देखा है, शैल नहीं। उसके बाद मैने 'शैल' का साक्षात दर्शन करा दिया था जिसके बाद आप चुप्पी साध गये थे। मियाँ, आप एक कठमुल्ला की भांति देवनागरी और हिन्दी के विरुद्ध अपना जिहाद जारी रखे हुए हैं। केवल हिन्दी विकी पर नहीं, भोजपुरी विकी पर भी। एक बार फिर याद दिला दूँ कि आपको 'आम सहमति' की परिभाषा पता नहीं है, लेकिन उसी को अब भी नमाज की तरह पढे जा रहे हैं। -- अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:47, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    • @NehalDaveND: जी आप ही लिख रहे हैं - आशा है इतने तर्क पर्याप्त हैं। क्या आप बताएँगे कि ऊपर प्रस्ताव रखते वक़्त कौन से तर्क रखे गए हैं? प्रस्ताव कोई और रख रहा और तर्क आप दे रहे। बाकी लोग वोट देने कूद पड़े। कुतर्कों का कोई तर्क नहीं हो सकता, परन्तु जहाँ तर्क के आधार पर आम-सहमति की बात हो, तो तर्क देना फलदायी भी होता है। आप भी बता दें कि तर्कों के अलावा और कुन सा तरीका आम सहमति का पता है आपको?--SM7--बातचीत-- 07:07, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    एस.एम.७ जी आप महान् तार्किक और हिन्दी विकिपीडिया के हित चिन्तक हैं और आप ही ईश्वर हैं। ईश्वर के सामने तर्क नहीं चलता, अतः मैं केवल निवेदन करूंगा कि, आप अपना मत प्रदर्शित करें और हमें कृतार्थ करें। अस्तु।
    क्यों? आपके तर्कों का क्या होगा? ऊपर जो लोग "बिना तर्क के प्रस्ताव" में समर्थन देने कूद पड़े उनके मत का क्या होगा? या बस यही संवाद शैली आती है आपको?--SM7--बातचीत-- 07:52, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    प्रचलन किसका अधिक है यह पूछते ही रेत में सिर घुसा लेते ... - प्रचलन तो अंग्रेज़ी लिपि का भी देवनागरी लिपि से कहीं अधिक है, तो क्या आपके अनुसार हिन्दी विकिपीडिया पर फ़ीजी हिन्दी की भांति देवनागरी छोड़कर अंग्रेज़ी लिपि का ही प्रयोग आरम्भ कर दिया जाए। यदि आपको देवनागरी अंकों की समझ नहीं है (जैसा कि प्रतीत होता है) तो निवेदन है कि कृपया ०-९ तक के अंक सीख लें, बजाय यहाम हिन्दी विकिपीडिया का संकरीकरण (हाइब्रिडाइज़ेशन) प्रयास करने के। देवनागरी लिपि में किस अंक का प्रचलन है - इसका सीधासादा उत्तर है देवनागरी अंक, और हिन्दी की लिपि क्या है इसका भी सीधा सादा उत्तर है देवनागरी लिपि। इसमें किसी को कोई सन्देह है तो बताये। और जब सन्देह ही नहीं है तो दो प्रकार के लोग बच जाते हैं:
    * जो देवनागरी अंकों को पढ़ नहीं पाते - उनके लिये अंक परिवर्तक उपलब्ध है।
    * जो देवनागरी अंक टाइप भी नहीं कर पाते - उनके लिये रोमन अंक टाइप करने का प्रावधान है।
    अब ये कौन से लोग हैं जो इन दोनों ही श्रेणी में नहीं आते हैं और फ़िर भी अंग्रेज़ी अंकों के समर्थक हैं? ऐसे लोगों का कोई औचित्य समझ नहीं आता। बस बिना मतलब की चर्चाओं को कर के सम्पादन से विमुख कर अन्य लोगों का ध्यान बंटाना। तो जब कोई औचित्य ही नहीं है तो फ़िर क्यों हम इस बिना बात की चर्चा को किये जा रहे हैं? शास्त्रों में कहा गया है कि अपात्र और कुपात्र को समझाना व्यर्थ होता है, अतः छोड़ ही देना चाहिये। --आशीष भटनागरवार्ता 11:31, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आशीष जी इसी को उल्टा भी कहा जा सकता:-
    * जो अंतर्राष्ट्रीय अंकों को पढ़ नहीं पाते - उनके लिये अंक परिवर्तक उपलब्ध है।
    * जो अंतर्राष्ट्रीय अंक टाइप भी नहीं कर पाते - उनके लिये देवनागरी अंक टाइप करने का प्रावधान है।
    तो क्यों न ऐसा किया जाए।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 13:46, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    प्रत्येक बार आज जो उलटा पाठ पढाएँगे वही सब नहीं पढ सकते हैं न? उखड़जाना तो उन लोगो को चाहिये, जो तानाशाही के आधार पर दूसरों पर अपनी मान्यता थोपते हैं उसके साथ साथ उस पर कोई न कोई आरोप लगा कर नीकल लेते हैं। देवनागरी पढ़ सकते हैं परन्तु देवनागरी अङ्क समझ नहीं सकते हैं? ऐसे कौन से प्रदेश में रहते हैं आप? दिल्ली, बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कनार्टका इत्यादि सभी राज्यों में जहाँ हिन्दी पढ़ाई जाती है, वहाँ हिन्दी देवनागरी में पढ़ाई जाती है और देवनागरी में मात्र अक्षर नहीं अङ्क भी पढ़ाए जाते हैं। हाँ ये बात भिन्न है, जो लोग शाला में या महाविद्यालय में ध्यान देकर नहीं पढ़े और अङ्क के पाठ के दिन अनुपस्थित थे, उन लोगों के लिये प्रौढ शिक्षण की व्यवस्था सरकार ने की है। तो उन लोगों को अपने वय से लज्जित न होकर अङ्क की शिक्षा प्राप्त कर लेनी चाहिये या उखड़कर फीजी हिन्दी को चले जाना चाहिये। लिपि भी सरल और अङ्क भी और वहाँ आपको कोई पञ्चमाक्षर का उपयोग करने वाला नहीं मिलेगा, तो निर्विरोध बॉट, प्रबन्धक इत्यादि कार्य करों। परन्तु यहाँ नहीं। ॐNehalDaveND 13:58, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    लिखेंगे बिल्कुल लिखेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ही लिखेंगे।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 15:10, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    यही प्रत्युत्तर यदि मैं दूँ कि आक्रमण शब्द और देवनागरी अङ्क ही लिखेंगे। तो ये "सत्य" में बन्धना हो जाता। या बड़बडाना या सुशील मिश्रा जी जैसा बोलना हो जाता। परन्तु स्वयं तानाशाह श्री प्रबन्धक ऐसा कहे तो सहना ही पड़ेगा न? वैसे आपने जयप्रकशजी को जैसे प्रतिबन्धित किया, वैसे मुझे भी क्यों नहीं कर देते हैं? ये वैसा ही प्रश्न है, जो आपने अधिकार दूर करने के सन्दर्भ में मुझ से पुछा था। आशा है आपके पास कोई उत्तर अवश्य होगा। ॐNehalDaveND 15:22, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अगर शैली मार्गदर्शन पे ध्यान दिया जाये तो इसे बहुत समय से अद्यतित नहीं किया गया है। यदि इसे इसके अंग्रेजी प्रतिरूप से तुलना की जाये तो इसमें बहुत सी बाते के बारे में कुछ नई है और ये अंग्रेजी वाले शैली मार्गदर्शक का आधा भी नहीं है। अंको की लिपि के बारे में एक स्पष्ट निति को इसमें जोड़ना एक अछि शुरुआत हो सकती है। कृपया इस चर्चा पे उच्च निर्णय लेकर समुदाय की सहायता करे। धन्यवाद्। Capankajsmilyo (वार्ता) 07:55, 29 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    ध्यानाकर्षण

    मित्र नेहल जी ने २०१७ अमरनाथ यात्रा आक्रमण में अपने पसंदीदा अंक लगाए, इसको अपने मन मुताबिक़ स्थानांतरित किया और सुरक्षा हेतु अनुरोध किया, और प्रबंधक आर्यावर्त जी ने सुरक्षित भी कर दिया, जबकि महीने भर से लेख में कोई संपादन ही नहीं हुआ था। यह इन लोगों की किस प्रकार की नीयत प्रदर्शित कर रहा? हो क्या रहा है ये? --SM7--बातचीत-- 07:57, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    साफ़ विकिपीडिया:बात समझाने के लिये विकिकार्य बाधित न करें में उल्लेखित वर्णन। नेहल जी का कार्य अब विकिपीडिया को बढ़ाने का नहीं बल्कि उत्पात मचाने तक सीमित रह गया है। जल्द ही इस पर कार्यवाही करनी चाहिए। उक्त प्रबंधक का भी ग़लत आचरण।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 08:18, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @हिंदुस्थान वासी: इस विषय पर आपका आचरण तो अनुचिततम था। क्योंकि आर्यावर्तजी, आशीष भटनागरजी, Teacher1943 जी और स्वप्नीलजी, अनुनादजी ने आक्रमण शब्द के सन्दर्भ में मत दिया था परन्तु आपने अपने प्रबन्धक अधिकार का दुरुपयोग किया। आपने मुझे नाशात्मक कार्य करने वाला कहा है परन्तु आपके द्वारा उत्पन्न विवाद से पूर्व मैंने एक पृथ्वीराज चौहान जैसा लम्बा लेख लिखा था और उसे २०१७ में ही पूर्ण करने का लक्ष्य भी था, जो आपके कारण पूर्ण न हो सका। अतः कार्यवाही तो आप पर होनी चाहिये बिना तर्क दिये प्रबन्धक अधिकार का उपयोग कर सदस्य को प्रताडित करने के लिये। ॐNehalDaveND 08:52, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    पृथ्वीराज चौहान पन्ना निर्वाचित होने लायक है? बड़ी हास्यास्पद बात है। उसे ठीक-ठाक नियम अनुसार निर्वाचित करने में कई महीनों और सैकड़ों घंटे लगेगे। उसके लिये उसमें आपको सम्पादन करने से रोकना भी पड़ेगा। तभी मुमकिन होगा। वर्ना आपका पूर्वाग्रह सामने आ जाएगा (जैसे की अभी है लेख में)। आपको विकिपीडिया के नियमों की तनिक भी समझ नहीं है। आप अपनी विचारधारा के प्रति बहुत भावुक इंसान है। इसमें कोई बुराई नहीं है पर ऐसी चीजे विकिपीडिया से बाहर रखी जानी चाहिए। दुखद तो ये है आपके इस गैर-पेशेवराना व्यवहार को कई लोगों की सहमति मिली हुई है। अमूल्य समय आपके साथ चर्चा में नष्ट किया जा रहा है। आप में और सुशील मिश्र नामक सदस्य में कोई फर्क नहीं रहा है और आप बस एक ट्रॉल बनकर रह गए हैं।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 14:56, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    किसी को नीचा दिखाने के अतिरिक्त आपने कोई काम किया है? जो कार्य आप बात करके कर सकते थे, उसको आपने पूर्ववत् कर दिया। हास्यस्पद तो वो सभी लोग बन गये हैं, जिन्होंने आपको प्रबन्धक पद के योग्य माना। ये सोच कर कि पुनरीक्षण कार्य में व्यक्ति थोड़ा बहुत अशिष्ट हो जाता है। परन्तु आपको चर्चा करने की शिष्टा तो पहले शीख लेनी चाहिये। कोई कार्य यदि चर्चा से समाप्त हो जाता हो, तो उस में विवाद उत्पन्न करने वाला कार्य नहीं करना चाहिये। जिन सुशील मिश्र से आप मेरी तुलना कर रहे हैं, वो प्रबन्धक नहीं थे अन्यथा आप में और उनमें उद्धतता में कोई अन्तर नहीं है। मैंने बिना कारण के और बिना तर्क के एक भी चर्चा नहीं की। चर्चा चल भी रही थी, तब आप केवल ये कह कर नीकल गये कि मुझे उखड़ जाना चाहिये, जब की बहुत सदस्यों ने आक्रमण शब्द के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। विवेकिता तब नष्ट हो जाती है, जब व्यक्ति को शक्ति ता मद चढ़ जाता है। मैंने पञ्चाक्षर, अङ्कों, शुद्ध शब्द और सन्दर्भ वापस लाने के अतिरिक्त कोई चर्चा नहीं की है। और ये सभी विषय हिन्दी भाषा और हिन्दी विकिपीडिया के अन्तर्भूत हैं। मुझे सम्पादन से रोकने का प्रयास आपने किया और आप सफल भी रहे, क्योंकि आप प्रबन्धक हैं। अपने पद का दुरुपयोग करना अच्छी प्रकार जानते हैं। अतः बिना तर्क दिये, मुझे सही लगा कह कर समुदाय के अन्य सदस्यों द्वारा की टिप्पणी की अवगणना करके नीकल गये। आज भी मैं आपके पास अनाधारित आरोप करने के अतिरिक्त और मुझे जाने के लिये कहने के अतिरिक्त कोई तर्क नहीं है। अब तक आप इसलीये कुछ नहीं बोले क्योंकि आपने अपना मन चाहा कर दिया था और प्रबन्धक के रूप में आपको कोई कहने वाला भी नहीं था। परन्तु आज इसीलिये आप बोल रहे हैं कि आपकी विचाराधारा पर आघात हुआ है। आप जो संस्कृतीकरण के विरोध में हूँ गर्व से बोल कर ये नहीं सोचते कि बहुत सी भाषा के शब्दों से हिन्दी बनी है और सब को प्रयोग करने का अधिकार है, अब विरोध के लिये सज्ज हैं। वहीं आप सामने वाले को उर्दू या अन्य भाषा विरोधी घोषित कर देते हैं । जब कि मैं किसी शब्द का विरोधी नहीं हूँ। आप ही संस्कृतनिष्ठ शब्दों को अपाकृत कर अपनी विचारधारा को लागू कर रहे हैं और मुझे किसी विचारधारा से जोड़ रहे हैं। अतः पहले चर्चा करना शीखिये आप अब प्रबन्धक हैं और यहाँ पुननिर्वाचन नहीं होता अतः कदाचित् आप कुछ भी कर और बोल देते हैं। अभी भी समय है, तर्क देवें। मैंने नहीं सुना, नहीं पढा, मैं नहीं जानता और सरल किया इत्यादि कुतर्क हैं क्योंकि वे किसी एक व्यक्ति के सीमित ज्ञान को चिह्नित करते हैं। जितनी भद्र भाषा का आप प्रयोग करेंगे उतनी ही भद्र भाषा का मैं प्रयोग करूंगा अतः लिखते समय भाषा चयन में ध्यार करें। ॐNehalDaveND 15:28, 24 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मेरे खिलाफ़ भी अधिकार हटाने का प्रस्ताव ले आइये। अपना अहंकार पूरा कीजिए। मैंने ऊपर जो लिखा है वो सच है। आप विकिपीडिया पर किसी कार्य योग्य नहीं है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 05:48, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @हिंदुस्थान वासी: जी मैं किसी काम का इसीलिये नहीं हूँ क्योंकि आपने मेरे प्रत्येक सम्पादन को अयोग्य सिद्ध करके परिवर्तित कर अपनी विचारधारा प्रस्थापित करने का प्रयास किया। आप के कृत्यों से स्पष्ट है कि, आप अपने मत के विरुद्ध कार्य करने वालों को लक्ष्य बना कर उनको हतोत्साहित करने का प्रयास करते हैं। ऊपर से किसी विचारधारा से जुड़े होने का आक्षेप लगा कर स्वयं किसी अन्य को प्रताडित करने के लिये नीकल पड़ते हैं। कोई सामान्य सदस्य तो अन्याय को पचा नहीं पाएगा, तो या मेरे जैसे असक्रिय हो जाएगा या विकिपीडिया छोड़ देगा। दोनों स्थितियोँ में आप तो अपना कार्य करते ही रहेंगे। बिना चर्चा के निर्णय लेने का अधिकार अर्थात् प्रबन्धक अधिकार ये आप अपने वर्तन से सिद्ध कर रहे हैं। कोई छोटी सी बात हो परन्तु आप पूर्ववत् कर उसे विवाद बना देते हैं। @संजीव कुमार: जी भी कुछ नहीं बोलते हैं, अतः आश्चर्य होता है और यदि आप ये समझ रहे हैं कि संजीवजी के विरुद्ध बोल कर मैं उनका कोई शत्रु बन गया हूँ या मैं उनको अपन शत्रु मानता हूँ तो आप भ्रम में है। हमारा विवाद है एक अंश पर और वो चर्चा कर रहे हैं। आपको चर्चा करना ही पहले सिखना चाहिये, जो बारं बार मुझे कह रहे हैं कि, मेरे विरुद्ध भी अधिकार हटाने का प्रस्ताव लाओ। यदि इतने ही तर्क हैं आपके पास इतने ही निष्पक्ष हैं आप?, तो तर्क प्रस्थापित क्यों नहीं करते हैं? बारं बार तानाशाही क्यों करते हैं? ॐNehalDaveND 07:34, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आपसे तर्क वितर्क करना मैं समय की बर्बादी मानता हूँ। आप अपने "सत्य" में इतना खो गए हैं कि आप बस अब बड़बड़ा रहे हैं।--हिंदुस्थान वासी वार्ता
    जो भी हो परन्तु आपके जैसे बिना तर्क के बात और तानाशाही तो नहीं कर रहा। बारं बार प्रत्युत्तर मांगना यदि बड़बड़ाना है, तो ये प्रत्युत्तर मिलने पर्यन्त चलेगा। अपनी तानाशाही को आप छुपाने के लिये आप समय व्यर्थ करना नहीं चाहते ये कारण दे रहे हैं। पाँच लोगों ने मतन्तव्य प्रदर्शित किया था और आपने किसी की नहीं सुनी। यदि आपको तर्क देना नहीं है और संवाद नहीं करना है, तो प्रबन्धक अधिकार को मलिन क्यों कर रहे हैं? ॐNehalDaveND 08:49, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    आमेर दुर्ग निर्वाचन

    आमेर दुर्ग लेख कोनिर्वाचन हेतु रखे हुए काफ़ी समय हो चुका है। सदस्यों से निवेदन है कि उसके बारे में समीक्षा एवं विचार अगले १५ दिनों के भीतर वार्ता:आमेर दुर्ग पर दे देवें, अन्यथा १० अप्रैल से यह लेख निर्विरोध रूप से निर्वाचित घोषित किया जा सकता है। इस बारे में प्रबन्धक स्तर पर चर्चा हो चुकी है। आशीष भटनागरवार्ता 08:42, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    कृपया प्रबन्धक स्तर की उस चर्चा का लिंक प्रदान करें। यदि आप हमारी फोन आदि पर चर्चा की बात कर रहे हैं तो कृपया विस्मरण न करें कि जबतक उस चर्चा को यहाँ स्थापित न किया जाए, तब तक उसकी मान्यता नहीं है। उसके लिए मैं स्पष्ट कर दूँ कि मेरा विचार है कि आप भी एक वरिष्ठ सदस्य हैं, यदि लेख आपने लिखा है और आपने उसकी समीक्षा कर ली है तो किसी अन्य की समीक्षा के लिए अनंत काल तक प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। सामान्यतः हम लोग चर्चाओं आदि के लिए ७ दिन का समय रखते हैं, लेकिन निर्वाचित लेख के लिए इसे कम से कम १५ दिन तो करना ही चाहिए। अतः आपके इस प्रस्ताव को मेरा समर्थन है। यदि एक निश्चित समय तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई जाती तो किसी भी प्रबंधक/पुनरीक्षक को (चाहे स्वयं लेखक हो) निर्विरोध निर्वाचन का निर्णय ले लेना चाहिए। --अनामदास 17:00, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    आशीष जी यदि सारी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हो एवं समयावधि का पालन हो गया हो तो कृपया निर्वाचित लेख घोषित कर स्थापित करें, किसी काम को अनंत काल तक नही टाला जाना चाहिए।समीक्षा की इच्छा रखने वाले सदस्यों से आग्रह है कि अपनी व्यस्तताओं के बीच समयावधि का भी ध्यान रखें।स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 05:07, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    तानाशाही के विरोध में

    @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: क्या ये कार्य नीतियों के अन्तर्गत किया गया हैं? ऐसे प्रबन्धक, जो तानाशाही के चलते दूसरों के सम्पादन को तो पूर्ववत् करने से नहीं चुकते परन्तु अपने आचरण के अनुसार प्रत्युत्तर पाकर क्रोधिक हो जााते हैं। ऊपर से सामने वाले पर आरोप लगा लेते हैं कि शान्त हो जाने के पश्चात् चर्चा करना। यदि स्वयं ने पहले चर्चा कर ली होती, तो ये अवसर नहीं आता। क्यों सब मौन है, तानाशाही के विरुद्ध? वैसे तो सब स्वयंसेवक बनते हैं। स्वयंसेवक को सत्य का साथ देने में किसी का भय नहीं होता। क्या इस विषय पर कोई अपना मत देना चाहेगा? या ये चर्चा भी अन्य चर्चाओँ के जैसे अनिर्णित ही रह जाएगी? ॐNehalDaveND 14:23, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    मैंने अभी तक इस तरह की चर्चाओं में भाग नहीं लिया क्योंकि मैं अपने कार्यों पर ध्यान देता हूँ लेकिन अब स्थिति कुछ गंभीर हो गई है जैसे में देख रहा हूँ कुछ प्रबंधक बहुत ज्यादा अधिकारों का खेल की तरह उपयोग कर रहे हैं।

    -जे. अंसारी वार्ता 15:50, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @J ansari: आपके द्वारा की गई नारेबाजी मैं हटा दे रहा हूँ, क्योंकि आापने सही कहा है कि आपको कभी इस प्रकार के अनुचित कार्यों में मैंने संलग्न नहीं पाया है। आशा है आप आगे भी इसका ध्यान रखेंगे। अपने तर्क अवश्य दें किंतु अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से बचें। @NehalDaveND और J ansari::कृपया शब्दों के चयन में सावधानी बरतें और नारेबाजी जैसी स्थितियों से बचें। बिना चर्चा किए मेरे संपादन को पूर्ववत किया गया है तो मैंने भी विरोध किया है, किंतु मैंने कारण जानना चाहा है कि शायद उनके पास भी कोई तर्क हो, बाकी गलती सुधार किया जा सकता है। जयप्रकाश जी को प्रतिबंधित करना भी मुझे अनुचित लग रहा है, और मैं @हिंदुस्थान वासी: जी से जानना चाहूंगा कि विवाद/संपादन युद्ध में स्वयं के सम्मिलित होने पर स्वयं ही दूसरे पक्ष पर प्रतिबंध जैसा एक्शन लेना क्या ठीक है? क्या किसी तटस्थ प्रबंधक की प्रतीक्षा करना बेहतर नहीं होता? दूसरे को चुप कराने की बजाय क्या स्वयं दो घंटे के लिए चुप नहीं हुआ जा सकता था? फिलहाल मेरे संपादन को पूर्ववत करने की सफाई हिन्दुस्थानवासी जी ने दे दी है, सो मैं सहमत हूँ कि इतिहास विलय की जानकारी मुझे अभी नहीं है तो इन्होंने कर दिया तो ठीक ही होगा, हालाँकि पहले चर्चा कर लेते तो मैं उन्हें बता सकता था कि सही शीर्षक वाला लेख कौन सा है। लेकिन जयप्रकाश जी के विरुद्ध की गई एकतरफा कार्यवाही मुझे अनुचित लग रही है, और इस पर मैं आपत्ति दर्ज कराना चाहूँगा। @Jayprakash12345: द्वारा इस अनुभाग में असंसदीय भाषा का प्रयोग भी मैं गलत मानता हूँ चाहे उन्होंने सांकेतिक शब्दों का प्रयोग किया है, लेकिन फिर भी मैं इस भाषा को किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं मानता, चाहे कितने ही अनुचित कार्य के विरोध में हो। --अनामदास 16:39, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Anamdas: जी आपके लिये कितना सरल है, जो आप समाधान के स्वर में बात कर रहे हैं। आप एक प्रबन्धक हैं, तो आपको प्रत्युत्तर मिल भी गया और आपने कहा कि "इतिहास विलय की जानकारी मुझे अभी नहीं है" परन्तु आप इस बात को नहीं कह रहे हैं कि प्रबन्धक होते हुए, बिना चर्चा के अन्य प्रबन्धक के कार्य को पूर्ववत् करने की धृष्टता करने पर क्या किया जाए। अन्य प्रबन्धक के साथ भी यही किया। मेरे स्वयं के साथ भी यही किया गया है और बारं बार प्रत्युत्तर मांगने पर भी आज तक कोई तर्क संगत प्रत्युत्तर नहीं मिला है। पाँच लोग बोलते रह गये मत देते रह गये परन्तु इन्होंने एक नहीं सुनी। केवल आरोप लगा कर नीचा दिखा कर चले जाते हैं। तब आप निर्विकारी हो जाते हैं। मुझे कोई नारेबाजी में रुचि नहीं है। वास्तव में इनका ये क्रोध हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को प्रताडित कर रहा है। अंसारी जी ने भी ये समझा और अपना मत दिया। प्रबन्धक स्वयं क्रोध में है और आरोप सामने वाले पर लगा कर कार्यवाही कर देते हैं। ये कितना उचित है? ॐNehalDaveND 16:58, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND:मैंने भी इसे अनुचित ही कहा है। लेकिन उत्तेजित होने से क्या अंतर पड़ने वाला है? कृपया अन्य वरिष्ठ सदस्यों के मत की भी प्रतीक्षा करें। --अनामदास 17:04, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Anamdas:जी मैं प्रतीक्षा तो कर ही लेता हूँ। परन्तु आप मुझे बतावें कि, कहाँ उन्होंने आपको प्रत्युत्तर दिया? और क्या प्रत्युत्तर दिया? मेरे ज्ञान में किञ्चित् वृद्धि हो जाएगी। ॐNehalDaveND 17:18, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मेरी यह टिप्पणी एक आमंत्रण के उत्तर में है। कुछ हद्द तक मैं भी सहमत हूँ कि हिंदी विकि पर कुछ हद तक प्रतारण होता है। यहाँ पर कुछ सदस्य (जिसमें कुछ प्रबंधक भी शामिल है) मुद्दे की बजाय आरोप प्रत्यारोप पे ध्यान देते है। और कुछ प्रबंधक अधिकार का मनमाना प्रयोग करते है। इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि यहां नीति बनाने या बदलने पर चर्चा तक करने को कुछ लोग गलत मानते है और मतदान को बिल्कुल भी महत्व नही देते। मेरे विचार से ऊपर प्रस्तावित प्रबंधको के कार्य का विभाजन का सुझाव अतिउत्तम है। प्रबंधको को आपस में तय कर लेना चाहिए को सदस्य के आचरण पर निर्णय लेने का अधिकार किसे होगा और अन्य विषय पर निर्णय लेने का किसे। इसके अतिरिक्त एक लघु समिति की गठन भी किया जा सकता है जो प्रबंधक के आचरण पर निर्णय ले सके। बाकी मैं हिंदी विकि की परंपराओं का अधिक जानकर नही हूँ। यह टिप्पणी मैन अंग्रेजी विकि के अनुभव के आधार पर करी है। अतः जो यहाँ के वरिष्ठ ओर सत्ताधारी लोगो को सही लगे वो करे क्योंकि चलेगी तो उन्ही की। Capankajsmilyo (वार्ता) 18:00, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अनामदास जी, आप हिंदुस्थान वासी जी के कौन से उत्तर से संतुष्ट हैं? कभी आपने हिंदुस्थान वासी जी के योगदान में जाकर देखा? आज तक उन्होने कोई इतिहास विलय नहीं किया था और न ही उन्हे करना आता था। और और आप गैलिलेयो (अंतरिक्ष यान) पेज के इतिहास में जाकर देखें 13 मार्च 2018‎ को आपके सम्पादन को रोलबैक करके के बाद कोई क्रिया नहीं की गई थी। अगर सदस्य को इतिहास विलय करना होता तो वह 13 मार्च से अब तक कर देता। और सुने 2009 में बने लेख को 2012 पर redirect करने का और इतिहास विलय का कोई संबंध नहीं हैं। फिर भी पुराने लेख को नए लेख पर redirect करा गया। अब जब सदस्य ने यह गलती कर दी तो देखें कैसे एसएम7 जी इतिहास विलय सीखाकर सदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासी#रुकिए मामले को दबाने की कोशिश की हैं। क्यूकी अब जो आम सदस्य हैं उन्हें तो पता चल नहीं सकेगा कि कौन सा 2009 में बना लेख था और कौन सा 2012 का। लेकिन आप शायद देख पाये क्यूकी आप प्रबन्धक हैं। वरना कुछ सदस्यो ने तो मामले को ढकने कि पूरी कोशिश की और मौन धारण कर लिया हैं।--जयप्रकाश >>> वार्ता 23:19, 25 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @J ansari:जी, आप अपने आपको अनुचित न मानें। क्योंकि आपका उद्देश उचित था। आपने प्रतिबन्ध की कार्यवाही के विरुद्ध बात की थी। इस मुद्दे पर चर्चा आपने प्रथम बार की है और आगे ट्रोल होने के लिये सज्ज रहें। क्योंकि आपके स्वतःपरीक्षित या पुनरीक्षक बनाने के समय आपके कार्यों के दूरबीन (spyglass) से देखा जाएगा। @Capankajsmilyo: जी, आपका निवेदन स्पष्ट है और निष्पक्ष भी। प्रबन्धकों के कार्यविभाज का अंश अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है और आप वहाँ मेरी टिप्पणी में पाएँगे कि उस बात को मैंने दृढता से समर्थन दिया है। वो कार्य तो होना ही चाहिये। परन्तु उसके पीछे का उद्देश उतना अच्छा नहीं हैं। यहाँ जो प्रबन्धक एक वर्ष या अधिक से है, उन्होंने सीधे सीधे अपने अधिकारों का उल्लङ्घन किया है। फिर भी सब बातें शान्ति, समाधान और होते रहता है की कर रहे हैं। जब कि प्रबन्धकों के कार्यविभाजन का अंश उठाने के पीछे कारण बताया जाता है कि, योगेशजी ने कुछ टिप्पणी की है, उनसे फलस्वरूप उनको ये अंश उठाना पड़ा। यहाँ एक नवीन प्रबन्धक को, जो उनके विरोध के पश्चात् भी प्रबन्धक बन गये उनको "ट्रोल" करने के लिये ही वो "उचित अंश" उठाया गया। समुदाय और हिन्दी विकिपीडिया के शुभचिन्तक तो उचित अंश देख कर समर्थन करेंगे ही, परन्तु दोषों का पोटला किस पर जायेगा ये राजनीति प्रेरित होता है। सदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासी#रुकिए पर तानाशाह प्रबन्धक के विरुद्ध कार्यवाही से बचाने का प्रयास देख सकते हैं आप। परन्तु नवीन प्रबन्धक को प्रेम से मार्गदर्शन भी नहीं दिया गया। अब इस चर्चा और उस चर्चा में कितना अन्तर है, ये आपको कदाचित् ध्यान आयो हो। वास्तव में उनको इसी प्रकार मार्गदर्शन देने की आवश्यकता थी। परन्तु तब ये कहेंगे कि प्रबन्धक बन गये अब और कितना समझाएँ? और यहाँ सीधे सीधे अधिकारोल्लङ्घन को छोटी बात सिद्ध कर शब्द प्रयोग ऐसे होंगे कि समाधान कर लो। चर्चा करने में समय व्यर्थ होगा। एक अच्छे विचार का भी अपने स्वार्थ के लिये उपयोग किया जाता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि, बात को लेख के विलय के औचित्य और अनौचित्य तक ही सीमित रक्खा जाएगा, कभी अधिकारोल्लङ्घन की बात भी नहीं होगी। इतना सब कुछ होने के पश्चात् भी मैं इतना कहना चाहूंगा कि, प्रबन्धक अधिकार के विभाजन की बात को नये विभाग में प्रस्थापित किया जाए और इस बार कारण समुदाय की आवश्यकता के ध्यान में रख कर अंश पर चर्चा करना कहा जाए। क्योंकि अधिकारोल्लङ्घन तो संजीवजी ने स्वयं किया है और समुदाय उन पर कुछ बोलने तक सज्ज नहीं, तो आशा है इनके अधिकारोल्लङ्घन के समय भी मौन ही रहेगा। न जाने कुछ लोगों के समय हिन्दी विकिपीडिया में एक छोटी बात बहुत गम्भीर मानी जाने लगती है और बहुत बड़ी बात त्रुटि। ॐNehalDaveND 02:25, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मेरे विचार से हमे सर्व-सहमति से कुछ नये दिशा-निर्देश बनाने की जरुरत है कि विकिपीडिया पर संपादन कैसे करें। अगर सच में कोई अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है तो फिर यह चिंता कि बात है। मैं यहाँ पर नया हूँ मगर मुझे लगता है कि यह/ये एडिट वार (संपादन युद्ध) के बिगड़े परिणाम है।Navinsingh133 (वार्ता) 07:55, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    मुझे इतिहास विलय करना नहीं आता था? मैं कई महीनों से करता आया हूँ। लॉग में देख लें। दीपक मिश्रा का इतिहास देख लें। मुझे ये भी समझ में नहीं आया कि कौन सा मामला दबाने की कोशिश हुई है। एक बार SM7 जी ने एक बात बता दी तो उसी का रट्टा मारा जा रहा है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 08:15, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    संजीव कुमार जी, अगर आप में सही गलत की समझ हैं तो खुद पूरी स्थिति देखें और जांचा करे कि अधिकारो का दुरुपयोग हुआ है या नहीं।: लोगो को खुद कि तानाशाही केवल बागीपना बता रहे हैं। आपका ही एक कथन हैं "आम सदस्य के सौ गलतियो पर पर्दा डाला जा सकता हैं। लेकिन प्रबन्धक कि एक गलत निर्णय को भी नहीं सहा जाएगा।"--जयप्रकाश >>> वार्ता 12:25, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Jayprakash12345: प्रबन्धकों को दण्ड देने के अधिकार भी मेरे पास नहीं हैं। अब आप उपर कार्य विभाजन में ही देख सकते हो। समुदाय ही प्रबन्धक बनाता है। मैं आज भी कहता हूँ कि प्रबन्धकों की एक भी गलती को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिये। लेकिन हिन्दी विकि का समाज टोपियों का संग्रह ही बने तो मैं अकेला क्या करूँ?☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:58, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @NehalDaveND, Jayprakash12345, संजीव कुमार, और SM7: : नेहल जी व जयप्रकाश जी, मैं एक बार और आप दोनों से निवेदन करूंगा कि नारेबाजी और हायतौबा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। शांतिपूर्वक तर्क देकर बात करें, और विकिपीडिया का मूलभूत नियम सद्भावना (Assume good faith) को न भूलें। गलतियां भी सबसे होती हैं, कोई अपवाद नहीं है, न आप न मैं न और कोई। कुछ गलतियों पर चुप रहना पड़ता है, कुछ के विरुद्ध बोलना पड़ता है। कहीं रण छोड़ना भी पड़ता है, कहीं पर पुर्जा पुर्जा कट मरे पर कबहु न छाड़े खेत का भी पालन करना पड़ता है। अपने युद्धों का चयन सावधानी से करें, अपनी रणनीति का चयन भी। आपके लिए यह सलाह है, अब यहां चल रहे मुद्दे पर आते हैं। फिलहाल, यहां पर दो मुद्दे हैं जिन्हें अलग अलग किया जाना चाहिए। पहला है संपादन प्रत्यावर्तन का, और दूसरा है किसी सदस्य को प्रतिबंधित करने का। संपादन प्रत्यावर्तन के मुद्दे पर बहस जारी रह सकती है, आपसी मतभेद हो सकता है, उस पर चर्चा लंबी चल सकती है, इसमें प्रबंधक अधिकारों का कोई लेना देना नहीं है। दूसरा मुद्दा है चर्चा में स्वयं के विरोध में मत होने पर अन्य विश्वसनीय सदस्य को एकतरफा निर्णय लेकर प्रतिबंधित करना। इस मुद्दे पर मेरा स्पष्ट मत है कि यह प्रबंधन अधिकारों का दुरुपयोग है, और कार्यवाही होनी चाहिए। मेरा मत है कि उन्हें आधिकारिक रूप से चेतावनी दी जानी चाहिए और पुनरुक्ति होने पर अधिकारों के निलंबन, और तीसरी बार यदि हो तो अधिकारों को रद्द करने का प्रस्ताव होना चाहिये। अन्य प्रबंधकों की राय की प्रतीक्षा है। --अनामदास 01:41, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अनामदास जी, अजित जी अपना सुझाव दे चुके हैं मेरे पर कार्यवाही की गई अवरोध नीति के विरुद्ध जाकर। अवरोध नीति में साफ लिखा हैं कि विशेषाधिकार रखने वाले सदस्यों को कम से कम ३ बार चेतावनी अवश्य दें। अब आप केवल इसे चेतावनी तक सीमित रखना चाहते हैं मेरे ऊपर क्या केवल चेतावनी के कार्य हुए? असली में कुछ हुआ ना। तो सामने वाले को आप चेतावनी देकर ऐसे छोड़ सकते हैं। मैं अकेला ही सम्झौता क्यू करू। अजित जी दंड का सुझाव दे चुके हैं और मैं आपने मुह से किसी चीज को करने के लिए नहीं कह रहा हूँ। प्रबन्धक अजित जी द्वारा सुझावित दंड भी लागू हो चाहे वो केवल 2 घंटे के लिए ही हो।--जयप्रकाश >>> वार्ता 02:06, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @Anamdas, Jayprakash12345, संजीव कुमार, और SM7: : जी इसी पक्षपात की बात में पहले से करते आ रहा हूं। जब बिना चर्चा के मेरे द्वारा लेख के शीर्षक बदले गये, तो मुझे ऐसा न करने को कहा गया और उन सम्पादनों को पूर्ववत् भी किया गया। समान क्षति प्रबन्धक महोदय ने की। अपूर्ण चर्चा पर "मुझे ठीक लगा" कह कर शीर्षक परिवर्तित कर दिया। अब तब तर्क देने पर भी वो मान नहीं रहे कि उन्होंने क्षति की थी। ऊपर से उस लेख में जो अनावश्यक सम्पादन हुए थे, उस पर कार्यवाही करने को कोई सज्ज नहीं था। (इस सन्दर्भ में तो सभी प्रबन्धको को अपने आपको एक एक चेतावनी दे देनी चाहिये) मुझे आगे से न करने को कहा गया और शीर्षक पूर्ववत् भी हुआ। परन्तु प्रबन्धकश्री को चेतावनी के स्थान पर मौन समर्थन मिला और आगे सब जानते हैं। यहाँ एक प्रबन्धक जो बहुत ही निष्पक्ष मान जाते हैं, उनके सम्पादन को पूर्ववत् किया गया। कोई चेतावनी कोई कार्यवाही नहीं। जब कि कुछ दिन पूर्व अन्य वरिष्ठ प्रबन्धक के सम्पादन को भी पूर्ववत् किया गया था। अब इन अवसरों पर यदि चेतावनी दी जाती, तो भी अब चेतावनी का समय चिन्तनीय ही है। @Jayprakash12345: जी कम दण्ड देने के लिये प्रस्ताव देना, मैं केवल उनकी सज्जनता ही मानता हूँ। परन्तु उनको निवेदन भी करता हूँ कि पुनर्विचार करें। आशा है इसबार भी समाधान का अर्थ एक पक्ष के साथ अन्याय नहीं होगा। निम्न अंश कुछ ईङ्गित करते हैं -
    1. विकिपीडिया:प्रबंधक_नियम_व_दायित्व#प्रबंधक_उपकरणों/अधिकारों_का_दुरुपयोग - बदले हुए कार्य को दुबारा पूर्ववत् करना। अगर किसी कार्यो को बदला जा चुका है या किसी से कोई अधिकार वापस लिया जा चुका है, तो बिना आम राय के उसे पूर्ववत् नहीं करे। हर बार खुद निर्णय लेने से बचे व जरूरी होने पे अन्य प्रबंधको से सलाह ले व उन्हें निर्णय लेने दे। जरूरी नहीं की आप हर मसले में सही निर्णय ले पाए, पर अन्य कोई जरूर ले सकता है। मिलजुल कर कार्य करना जरूरी है।
    2. विकिपीडिया:प्रबंधक_नियम_व_दायित्व#प्रबंधक_उपकरणों/अधिकारों_का_दुरुपयोग - अन्य प्रबंधको के कार्यो के खिलाफ कार्य किसी भी प्रबंधक को अपने ही जैसे साथी प्रबंधक के द्वारा किये गए कार्य को बदलना या उसके खिलाफ कार्यवाही करने से बचना चाहिए। जरूरी होने पर, पहले बातचीत करे व देखे असली मसला क्या है। मिलजुलकर कार्य करे।
    3. विकिपीडिया:प्रबंधक_नियम_व_दायित्व#प्रबंधक_उपकरणों/अधिकारों_का_दुरुपयोग - जहा आप खुद ऐसे वार्तालाप या शिकायत का हिस्सा हो। प्रबंधको को ऐसे मामलो में अपने अधिकारों के उपयोग से बचना चाहिए जिनमें वो खुद शामिल हो, उन पर अपने अधिकारों का फायदा उठाने का आरोप लग सकता है। ऐसे में निर्णय किसी और को लेने दें।

    ॐNehalDaveND 03:33, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    नेहल जी, जयप्रकाश जी, अपना पक्ष रखने के लिए आप स्वतंत्र हैं, मैं अपना पक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं अपने मत पर कायम हूँ। प्रबंधक अधिकारों का दुरुपयोग हुआ है, तो पहले औपचारिक चेतावनी मिलनी चाहिए। पुनः होने पर अधिकारों का निलंबन, पुनः होने पर दायित्व से मुक्ति। आप आवेश में हैं, न तो जयप्रकाश जी से मैं सहमत हूँ कि उनपर प्रतिबंध लगा तो हिन्दुस्तानवासी जी पर भी लगे, न नेहल जी को मुझे बताने के लिये दुरुपयोग का पाठ उद्गृत करने की आवश्यकता है, जबकि मैं पहले ही इस बात पर सहमत हूँ। पुनः निवेदन है कि शांति से कार्य करें। क्रोधित होने से कुछ कम अधिक होने वाला नहीं है। --अनामदास 04:35, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    अनामदास जी, क्या सारी सद्भावना (Assume good faith) मेरे ही पाले में डालना चाहते हैं क्या? कुछ दूसरों के लिए छोड़ेंगे या नहीं। चुकी आपको लगता हैं मैं ही क्रोध में हूँ तो ठीक हैं। जब तक कि अजीत जी द्वारा सुझावित राय लागू नहीं होती हैं तब तक मैं हिन्दी विकि पर सम्पादन नहीं करूंगा। शायद आप इतिहास के पन्ने में अवरोधन छोटा मान रहे हैं। और एक बात जिसे आप अच्छे से समझने की कोशिश करे। कि यह केवल स्थानीय विकि से नहीं जुड़ा हैं। इसके बारे में आपको व्यक्तिगततौर पर बता चुका हूँ। मैं पूरी चर्चा के लिए समुदाय को 10 दिन देता हूँ अगर 10 दिन बाद तक कोई कार्यवही नहीं होती हैं। तो मुझे समुदाय से ऊपर ही जाना होगा। अब जब तक कार्यवाही नहीं हो जाती। मैं सम्पादन नहीं करूंगा। अगर लोग शोक इसे मानकर दबाते हैं तो वह भी इसके लिए तैयार रहे। यह एक परम सत्य हैं कि दूसरे आपके साथ हुए किसी भी कार्य को छोटा ही मानेगे। चाहे वह कितना भी गंभीर हो।-जयप्रकाश >>> वार्ता 04:57, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    साज़िश

    मुझे ये यकीन होने लगा है कि नेहल और जयप्रकाश जी की ये साजिश है मुझे यहाँ से भगाने की। मैंने चेतावनी स्वरूप ही अवरोध लगाया था जो जल्दबाजी में किया गया निर्णय था। लेकिन मुझे उकसाने के लिये ही उन्होंने रिवर्ट पर रिवर्ट मारा है। मैं उत्तर देकर अनामदास जी का इंतजार कर रहा था। पर जयप्रकाश जी ने जिन्हें नियम की तनिक भी समझ नहीं है, नियम गिनाकर रिवर्ट मार दिया। मैंने चर्चा करने के वास्ते अपने वार्ता पर लिखा और उनका सम्पादन पूर्ववत् किया। लेकिन वो फिर भी नहीं माने और अपना बचपना फिर दिखाकर रिवर्ट मार दिए। ये देवनागरी अंक सम्पूर्ण रूप से लागू करवाने के लिये अलग विचार के विरोध को खत्म करने की साज़िश है। हिन्दी प्रेम के नाम पर अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश पूर्ण नहीं हो पा रही थी इसलिए ऐसा किया जा रहा। मैंने बागी इन लोगों को ही कहा था। याद रखें मेरा इन लोगों से हिन्दी विकिपीडिया के लिये योगदान कई सौ गुना ज्यादा है। हिन्दी विकिपीडिया किसी की जागीर नहीं।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 04:59, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    आपकी बातों से कुछ अंश ले कर चर्चा करना चाहूँगा...
    1. षडयन्त्र - कितना अच्छा षडयन्त्र है हमारा कि बहुत महीनों के एक नियमों को जानने वाले प्रबन्धक को हमने अवरोधित करने, अन्य प्रबन्धकों के कार्य को पूर्ववत् करने जैसे कृत्य करवा दिये। आज हमने ऐसा किया है, तो हो सकता है कल कोई षडयन्त्र करके इन से मुखपृ्ष्ठ पर विकि नियमों के विरुद्ध कोई सामग्री लगवा दे। अतः हमें इस विषय पर भी प्रबन्धक की योग्यता पर विचार करना चाहिये।
    2. क्या आप निष्पक्ष रहें? - परन्तु हमें षडयन्त्रकारी कहने से पूर्व माननीय प्रबन्धक श्री ये बतावें कि, क्या एक भी बार देवनागरी के अङ्कों के स्थान पर अरबी अङ्कों के स्थापन पर आप कुछ बोलें? आप तो सर्वदा अरबी अङ्कों के स्थान पर देवनागरी अङ्कों के स्थापन पर ही चिन्ता जताते रहे। जब कि एक दो गुना तीगुना सम्पादन करने वाले प्रबन्धक के रूप में आपको न अरबी या देवनागरी का पक्ष लेना था। क्योंकि देवनागरी के प्रयोक्ता तो दोनों ही चाहते थे। शब्दों की भी यही स्थिति थी।
    3. अपने मत विस्तार क्यों नहीं रोका? - आप संस्कृताइझेशन, देवनगारी अङ्क या पञ्चमाक्षर के विरोधी हो सकते हैं या न जानने वाले हो सकते हैं, परन्तु एक बार आप प्रबन्धक पद पर हैं, तो अपने विरोध के या अल्प ज्ञान के आधार पर नहीं, अपि तु हिन्दी विकिपीडिया के आधार पर कार्य करना चाहिये था। सौहर्द बनाये रखने के लिये आपको दोनों के मध्य उत्पन्न कटुता को समाप्त करने के लिये कार्यवाही करनी थी। तटस्थ कार्यवाही वो होती कि, देवनागरी अङ्कों को अरबी अङ्कों के स्थान पर स्थापित करने वाले सम्पादन का विरोध करते और वैसे ही अन्य पक्ष के लिये भी करते। शब्दों के विषय में भी वैसे ही कार्यवाही करनी थी। वास्तव में मैं ये आप से (संजीवजी, एस.एम.७ जी से भी) पहले दिन से कह रहा हूँ कि, सब चलने दो, सब हिन्दी है। मात्र अशुद्ध नहीं होना चाहिये। परन्तु आप माने नहीं ना वो मान रहे हैं। अब आप बतावें कि अब तक अपनी विचारधारा को कौन थोपते आ रहा था? यदि आपने कार्यवाही निष्पक्ष की होती, तो क्या इतना सब कुछ होता?
    4. समर्थक के लिये ये कार्यवाही होती? - आपके प्रतिबन्धन वाले कृत्य के पीछे हमारा षडयन्त्र है या नहीं ये तो समुदाय निर्धारित करे। परन्तु आप अपनी विचारधारा के विरुद्ध कार्य करने वाले सदस्य को देखा अतः क्रोध में कार्यवाही कर दी। यदि कोई अरबी अङ्कों के समर्थक ने ऐसा किया होता, तो ऐसी कार्यवाही होती? आपका उत्तर हाँ हो सकता है परन्तु आपके कृत्यों से तो ना ही उत्तर मिलता है।
    5. षडयन्त्र की क्या आवश्यकता ? - दो प्रबन्दकों के सम्पादन आप बिना चर्चा पूर्ववत् कर चुके हैं। अपने मत के विस्तार में आप मुझे उखाड़ कर फैंक चुके थे। अब अनुचित कार्यों की प्रतिक्रिया तो होगी ही न? इस में षडयन्त्र कैसा? और क्यों? हमने आपको ये सब करने को नहीं कहा था या प्रेरित नहीं किया था। आप स्वयं ये सब करके अब बचने के लिये प्रत्यारोप कर रहे हैं। जैसे किसी ने मुझ पर उर्दू शब्द के विरोध का आरोप लगाया था। उन्होंने ये आज तक स्पष्ट वातावरण बनाया हुआ है कि, मैं संस्कृत से हूं तो ऊर्दू का विरोधी हूँ। इसके चलते कई मित्र मुझे शङ्का की दृष्टि से देखते हैं। परन्तु आज भी मैं किसी के विरोध में नहीं हूँ। मुझे किसी के विरुद्ध षडयन्त्र करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं अपने ज्ञान को मात्र निर्वाचित लेख बनाने के अनुभव में होने वाले ज्ञान पर्यन्त सीमित रखना चाहता हूँ।
    6. विचारधारा - आपने और अन्य पूर्व प्रबन्धकश्री ने मेरे भाषा ज्ञान को मेरी विचारधारा बनाने का प्रयास किया। मेरी कोई विचारधारा नहीं थी न है। मैं हिन्दी का समर्थक हूँ परन्तु शुद्ध हिन्दी का ही और शब्दों की स्वतन्त्रता या लिखने की स्वतन्त्रता के विचार करता हूँ। इसे आप विचारधारा कहते भी है, तो मुझे समस्या नहीं है। परन्तु कृपया अब ये सब को विराम देवें और स्वतन्त्रता से शुद्ध हिन्दी लिखने के लिये हिन्दी विकिपीडिया को स्वतन्त्र कर देवें। जैसे अजीतजी ने मझे कहा कि, तुमने बहुत भाषागत त्रुटियाँ की है और समीक्षा के समय मैं तुम को बताऊँगा। वो एक सकारात्मक भाव से बात कर रहे हैं, वैसे ही सब प्रबन्धकों और सदस्यों से परस्पर करनी चाहिये।
    7. क्रोध, अहँकार - बारं बार क्रोध में बताया जाता है मुझे। परन्तु मैं बता दूं कि मैं न्याय की याचना कर रहा था और सब से कर रहा था। यहाँ क्रोधी, अहँकारी इत्यादि घोषित कर मेरे न्याय याचना की प्रक्रिया को इसीलिये अनुचित ठयराया जा रहा है कि, जब शान्ति पूर्वक मैंने विनम्र भाव से न्याय मांगा तो नहीं मिला और विनम्रता का कञ्चित् त्याग करने पर मुझ पर ये सब आरोप लगे। इस में सब को सोचना चाहिये कि पहले शान्ति से चर्चा करके बात को समाप्त कर दिया जाता, तो ना में विनम्रता छोड़ता और न मुझे सम्पादन छोड़ना पड़ता। मैं निर्णय की प्रतीक्षा करूँगा और ये निश्चित अवश्य करूंगा कि इस बार समाधान के नाम पर पक्षपात न हो। यदि ये षडयन्त्र कहते हैं, तो मैं कुछ नहीं कर सकता। ॐNehalDaveND 06:28, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    ज्यादा लम्बा लिखने से बात साबित नहीं होती नेहल जी। ये साज़िश ही है, ये जल्द ही साबित हो जाएगा।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 06:41, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    एक एक अंश तर्क से भरा पड़ा है फिर भी ये इतना बड़ा है। यदि इन तर्कों का प्रत्युत्तर नहीं है, तो आप तो इसे "अधिक लम्बा" ही कहेंगे। अधिकार का दुरुपयोग आप करें और क्रोधी हम, अहँकारी हम, विचारधारा के प्रचारक हम, बड़बडा हम रहे हैं, किसी भी काम के योग्य हम नहीं और अब षडयन्त्र कर्ता भी बन गये हैं। "ये साज़िश ही है, ये जल्द ही साबित हो जाएगा।" ये सिद्ध करें ये निवेदन है। @संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी: जी, उक्त प्रबंधक ने षडयन्त्र का आरोप लगाया है। कृपया तर्क मांगा जाय या क्षमा याचना इन सब आरोपों के लिये। (ये छोटा लिखा बस। अब तर्क देवें।) ॐNehalDaveND 07:56, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    पहले एक जवाब दें। क्या इस भाषा के लिये कोई नियम नहीं है? क्या ये स्वीकार्य भाषा में आती है। जरा इसके लिये भी सजा का प्रावधान बताए और लागू करवाए।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 14:09, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    महोदय, आपने अब तक जो भी प्रश्न पूछें मैंने तर्क प्रस्तुत किया और करता रहूँगा। परन्तु हमरे मध्य जो चर्चा होती है, उनमें सामान्यतः मेरा अनुभव रहा है कि आप मात्र बात करते हैं, तर्क नहीं देते। अतः एक बार आप मेरे तर्कों का प्रत्युत्तर देवें। अविलम्ब ही आपके प्रश्न का प्रत्युत्तर मैं समुपस्थापित करूंगा। अस्तु। ॐNehalDaveND 14:30, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @हिंदुस्थान वासी: प्रबन्धक होने के नाते आपको धर्य और नरम रहने का गुण प्रदर्शित करना चाहिये। सामान्य सदस्य और आपमें यह ही अन्तर होना चाहिए। सामान्य सदस्यों को इन बातों का ज्ञान कम होता है। यदि आपको कोई उकसा रहा था तो आपको अन्य प्रबन्धकों को सूचित करना चाहिये था। यदि हिन्दी विकिपीडिया का कोई पृष्ठ २४ घण्टे के लिए किसी गड़बड़ी से भरा हुआ हो (जो कि बर्बादी ना हो अथवा कोई बहुत बड़ा नुकसान करने वाली नहीं हो) तो उसमें उतना नुकसान नहीं है जितना प्रबन्धक का एक गलत फैसला। आशा करता हूँ आप भविष्य में ऐसे मामलों में तात्कालिक फैसला नहीं लोगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 03:37, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @संजीव कुमार:महोदय, आपने अन्ततः ये स्वीकार किया कि दोष हिन्दुस्थानवासी जी का था उससे मैं सन्तुष्ट हूँ और आपके चेतावनी देने पर ये आशा करता हूँ कि इस प्रबन्धक के व्यवहार में परिवर्ति आयेगा। यदि नहीं आता तो आपको बारंबार इनका पक्ष लेना छोड़ना होगा। अस्तु। ॐNehalDaveND 12:35, 9 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    पक्ष सही चीज का लिया जाता है। निष्पक्ष कहकर पक्षपाती होना ठीक नहीं। खैर मेरे में तो परिवर्तन आ भी जाएगा लेकिन आप में नहीं आएगा इसका मुझे विश्वास है।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 16:08, 9 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    अच्छा हुआ आपने स्वीकार तो किया कि, आप में कदाचित परिवर्तन आ सकता है। मैं यहाँ किसी को प्रताडित नहीं कर रहा तो मेरे में परिवर्तन हो या न हो ये किसी को उखाड़ कर फेंक नहीं देगा। परन्तु आप में आया परिवर्तन बहुत लोगों को उखड़ ने से बचा सकता है। ॐNehalDaveND 09:23, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    स्थानान्तरण कैसे करें?

    View History टैब के बाजू में जो "Move" का ऑप्शन अंग्रेज़ी विकि पर है, वह हिन्दी विकि पर क्यों नहीं है? क्या किसी विकि नीति के तहत, Moving के अधिकार कुछ यूज़र्स को ही है? यदि हाँ, तो उन अधिकारों के लिए कहाँ आवेदन किया जा सकता हैं? धन्यवाद। - JainismWikipedian (वार्ता) 01:31, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विकिपीडिया:स्थानांतरण पर कदाचित् आपको अपना उत्तर मिले। मैं जितना जानता हूँ उनस के अनुसार आप "अधिक -> स्थानान्तरण करें" पर ये कार्य कर सकते हैं। अस्तु। ॐNehalDaveND 02:28, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    @JainismWikipedian: जी, आपकी बात सही है। यहाँ स्वतः परीक्षित सदस्यों को ही पृष्ठ के नाम बदलने की अनुमति है। आप {{नाम बदलें}} साँचे के प्रयोग के साथ संबंधित पृष्ठ के वार्तापृष्ठ पर अनुरोध कर सकते हैं।--आर्यावर्त (वार्ता) 02:35, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    लिङ्गायत मत

    ॐNehalDaveND 16:37, 26 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    जवाबदेही

    ॐNehalDaveND 11:34, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिन्दी विकिपीडिया के मोबाईल दृश्य के लिए नया डिज़ाइन

    जैसे कि चौपाल पर पहले चर्चे हो चुकी है कि विकिमीडिया फाउन्डेशन की डिज़ाइन टीम हिन्दी विकिपीडिया के मोबाईल दृश्य के लिए एक नए डिज़ाइन तैयार करने वाली थी। इसके लिए समुदाय से सुझाव लिए गए और जहाँ तक हो सका डिज़ाइन टीम ने उन सुझावों के अनुसार नया डिज़ाइन तैयार किया है। इस डिज़ाइन को आप यहाँ देख सकते हैं:

    हिन्दी विकिपीडिया मोबाईल दृश्य

    मैं फाउन्डेशन की और से हिन्दी समुदाय के समर्थन के लिए आप सब का धन्यवाद करता हूँ।

    --SGill (WMF) (वार्ता) 13:40, 27 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    नई दिल्ली


    चेतन चीता (कीर्ति चक्र सम्मान प्राप्तकर्ता) लेख पुनर्थापित करने हेतु अनुरोध

    मैं चेतन चीता (कीर्ति चक्र सम्मान प्राप्तकर्ता) लेख पुनर्थापित करने हेतु अनुरोध करता हूँ। :स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 05:35, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    कीर्ति चक्र निश्चित ही उल्लेखनीय है, अतः लेख पुनर्स्थापित कर दिया गया है। शायद लेख हटाते समय कोई भूल हुई है अथवा इस तथ्य के संदर्भयुक्त न होने के कारण ऐसा हुआ होगा। कृपया इस तथ्य का इनलाइन उद्धरण अवश्य दें। यदि किसी को इस लेख के पुनर्स्थापन पर कोई आपत्ति हो तो अवश्य बताएं। --अनामदास 06:26, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    कृपया लेख पर पुराने हहेच का साँचा हटा दें या तो हहेच पृष्ठ पर बंद की गई चर्चा के नीचे नई चर्चा का आरंभ कर दें। धन्यवाद।-आर्यावर्त (वार्ता) 06:31, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    यीशु मसीह

    -जे. अंसारी वार्ता 09:00, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    सैफ़ई रेलवे स्टेशन

    ॐNehalDaveND 17:35, 28 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    चित्र त्रासदी

    नमस्कार! {{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति}} में हुए इस संपादन के कारण अनेको पृष्ठों के साँचो से चित्र गायब हो गए है। मैं इसे ठीक कर सकता हूँ पर फिर कोई प्रबंधक उसे हटा देगा। अतः मेरा अनुरोध है कोई निष्पक्ष सांचो का जानकार कृपया इसे ठीक कर दे। धन्यवाद। Capankajsmilyo (वार्ता) 07:19, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @Capankajsmilyo: आप ऐसा न सोचें कि, आपके सम्पादनों को दूर किया जाएगा। परन्तु हाँ एक बार आप चर्चा करें कि क्यों आप उस पृष्ठ में क्या सम्पादन करना चाहते हैं। जिससे समुदाय उस से अवगत हो और आप स्वयं ही इस कार्य को कर सकें। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि आपके उचित बात पर समुदाय विरोध नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त मैं आप से निवेदन करूंगा कि, आप @Jayprakash12345: जी से भी चर्चा करें। वे इन बातों में कृतपरिश्रम हैं। धन्यवाद। ॐNehalDaveND 08:32, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    हिन्दी विकिपीडिया में चित्र विकिडाटा से नहीं लिया जाता परंतु साँचे में Image प्राचल के साथ चित्र जोड़ा जाता है। वास्तव में आपके द्वारा किये गए बदलावों के कारण साँचे से सभी प्राचल हट गए थे। महात्मा गाँधी पृष्ठ में {{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति}} ही लगा है और चित्र भी दिख रहा है। हां चित्र लगाए बिना सीधे विकिडाटा से नहीं दिखेगा। ज्ञानसन्दूक में सीधे विकिडाटा से ही जानकारी लेने हेतु चौपाल पर भी विस्तृत चर्चा हो चुकी है जो यहाँ पढ़ी जा सकती है। साँचे में इस प्रकार के बदलावों के कारण अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुई थी और इस पर चर्चा करके विकिडाटा से सामग्री लेने के पक्ष में निर्णय नहीं हो पाया जो उपरोक्त चर्चा में पढ़ा जा सकता है। क्या क्या समस्याएँ उत्पन्न हो रही है इस विषय में भी चर्चा उपरोक्त कड़ीं में पढ़ी जा सकती है। धन्यवाद।--आर्यावर्त (वार्ता) 09:48, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विकिडाटा द्वारा लाये गए चित्र

    "यदि सांचे में चित्र दिया गया है तो उसका प्रयोग किया जाये अन्यथा चीरता विकिडाटा से आयात किया जाये।" क्या ऐसी प्रक्रिया से सदस्यों को कोई आपत्ति है? Capankajsmilyo (वार्ता) 10:06, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    चित्रों को गलत तरीके से जोड़ना

    बहुत से लेखो में चित्र गलत तरीके से जुड़े है। उदहारण के लिए कृपया आरती अग्रवाल देखें। क्या ऐसे सभी लेखो की कोई सूचि मिल सकती है? Capankajsmilyo (वार्ता) 10:06, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    अन्य त्रुटियां

    Request for Name Change

    एडमिन जी, मैंने यह पेज बनाया है, टिबड़ेवाल आकाश नाम से बनाया है क्योंकि मनोज यह नाम विकिपीडिया पर ब्लाक किया गया है।

    मनोज टिबड़ेवाल आकाश के नाम से पेज बनाने की कोशिश में यह सन्देश लिख कर आ रहा है ।

    आपको इस पन्ने को बनायें की अनुमति नहीं हैं, निम्नलिखित कारण की वजह से:

    नामपद "मनोज टिबरेवाल" निर्मित करने से प्रतिबंधित है। यह निम्नांकित ब्लैकलिस्ट प्रवेशिका से मेल खाता है: .*(मनोज|[Mm]anoj).*


    आपसे अनुरोध है कि इस पेज का नाम टिबड़ेवाल आकाश से बदलकर मनोज टिबड़ेवाल आकाश कर दें। धन्यवाद सर।42.107.31.126 (वार्ता) 10:01, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    YesY पूर्ण हुआ--आर्यावर्त (वार्ता) 11:42, 30 मार्च 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    सोमनाथ शर्मा

    त्रिकूटदास (वार्ता) 08:59, 1 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग त्रिशूल (मिसाइल) मे हो रहा है सुधारू केसे

    महोदय <ref> का प्रयोग केसे किया जाता है त्रिशूल (मिसाइल) सम्पादन ये बार बार आ रहा है कृपया मदद करे।— इस अहस्ताक्षरित संदेश के लेखक हैं -Prakash Satnami (वार्तायोगदान) 12:47, 1 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    @Prakash Satnami: जी, (वार्ता योगदान) द्वारा त्रुटि ठीक की गई।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 17:29, 1 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    Delete

    Please delete Module:Localize digits Capankajsmilyo (वार्ता) 14:00, 1 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    छोटा चार धाम

    - सायबॉर्ग (वार्ता) 04:38, 2 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    सम्पादन प्रतियोगिता के लेख मुख्य स्थान में

    कुछ पन्ने जो हिन्दी विकि के किसी सम्पादन प्रतियोगिता के लगते हैं वो मुख्यस्थान में बने हुए है:-

    इसी नाम से विकिपीडिया नामस्थान में भी बने हुए हैं (वि:हिंदी विकिपीडिया सम्पादनोत्सव पर), जहाँ पर होने चाहिए। तो क्या इन्हें हटा दिया जाए (मतलब सुरक्षित है क्या हटाना)।--हिंदुस्थान वासी वार्ता 13:09, 7 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    जी ,हटाया जा सकता है ,सारी सामग्री वि:हिंदी विकिपीडिया सम्पादनोत्सव पर है। स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 15:20, 7 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    उपरोक्त लेख निर्वाचन हेतु प्रस्तुत है। कृपया अपनी समीक्षा हेतु विकिपीडिया:निर्वाचित_लेख_उम्मीदवार#कालिंजर_दुर्ग पर जायें। लेख की समीक्षा के बिन्दु लेख वार्ता पृष्ठ पर ही रखें तो बेहतर होगा।--आशीष भटनागरवार्ता 23:52, 8 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    हिंदी विकिपीडिया में जाति सूचक शब्दों को वर्जित करने हेतु प्रस्ताव

    हिंदी विकिपीडिया में जाति सूचक शब्दों को वर्जित करने हेतु ये प्रस्तावित है कि ,तब तक ,जबतक की ऐसा करना लेख के विषय/संदर्भ में अति अवश्य ना हो, जाति सूचक शब्दो का प्रयोग वर्जित करना चाहिए।आगे की चर्चा हेतु यह प्रस्ताव चौपाल पर स्थापित है ।चर्चा में सम्मिलित होने वाले सदस्य, इस बाबत, तकनीकी पक्ष और नीति पक्ष के लिए अलग अलग टिप्पणियाँ/सुझाव दे सकते है।सैनिकों ,न्यायाधीश इत्यादि में अनिवार्यतः प्रतिबंधित हो ,(सन्दर्भ अंग्रेजी विकिपीडिया ).स्वप्निल करंबेलकर | Swapnil Karambelkar (वार्ता) 07:11, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    इस विषय में मेरा साफ़ मत है कि जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल से हमे यथासम्भव बचना चाहिये। जब तक अतिआवश्यक न हो तब तक किसी भी व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं होना चाहिये।-- गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 10:37, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    जाति विषयक शब्द मतलब कौनसे शब्द? किस स्थिति में लेख के लिए ऐसा करना आवश्यक होता है और किस स्थिति में नहीं? ये तय कैसे होता है? इसका उल्लेख वर्जित क्यों करना चाहिए? क्या हमें किसी जानकारी ड़ालने से किसीको रोकने का अधिकार है? सैनिक और न्यायधीश दूसरों से भिन्न क्यों है? ऐसा करने से क्या लाभ होगा और क्या क्या नुकसान? कृपया विस्तृत जानकारी के साथ प्रस्ताव रखें।--आर्यावर्त (वार्ता) 11:55, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    विचित्र परंपरा

    मेरे पास शब्द ही नही है हिंदी विकिपीडिया की इस विचित्र परम्परा के लिए। यहाँ {{Infobox Officeholder}} और {{Infobox officeholder}} दो अलग साँचे रखे जाते है। इन्हें विलय करना तो दूर कोई अगर ऐसी बात करे तो उसे (कुछ लोगो/प्रबंधको द्वारा) तुरंत मना कर दिया जाता है। आप लोग स्वयं ही निर्णय करे आप एक ही साँचे के एक ही नाम के कितने प्रतिरूप रखना चाहते हैं। Capankajsmilyo (वार्ता) 09:45, 10 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    यूरोप में विश्व धरोहर स्थलों की सूची एवं संबंधित लेखों को यदि कोई स्वेच्छा से सुधार करना चाहे व कर पाये तो एक बार्न स्टार मेरी ओर से ले जाये (पूर्ति उपरान्त) इसके अवावा अन्य महाद्वीपों के स्थलों की सूचियों के भी कर दे एवं उनके सहायक लेखों के चाहे आधार लेख ही बना दे तो अत्यन्त कृपा होगी। बार्न स्टार तो है ही।--आशीष भटनागरवार्ता 04:26, 11 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    करनाल में विकिपीडिया बैठक

    नमस्ते, करनाल में विकिपीडिया गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है। सदस्यों से अनुरोध है कि इसमें भाग लेकर बैठक को सफल बनायें। बैठक का विस्तृत वर्णन मेटा पर यहाँ है। आपके सुझाव एवं सहयोग का स्वागत है। धन्यवाद्। -- Shypoetess (वार्ता) 16:10, 11 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

    यह जानकर अत्यन्त हर्ष हुआ कि कार्यशला, सम्मेलन एवं बैठक आयोजन में एक नया नाम और नये क्षेत्र से उभर कर आया है। इसके लिये @Shypoetess: जी को भरपूर शुभकामनाएं व साधुवाद। इसके अलावा किसी भी प्रकार की सहायता आदि की अपेक्षा हो तो अवष्य कहियेगा व कृतार्थ कीजियेगा।--आशीष भटनागरवार्ता 08:03, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]
    नमस्ते @आशीष भटनागर: जी, आपके प्रोत्साहन एवं शुभकामनाओं से ही आज हम दो नए सदस्यों को जोड़ पाए और यह बैठक सफल रही। आगे भी इसी प्रकार मार्गदर्शन करते रहिएगा। -- Shypoetess (वार्ता) 12:13, 12 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]