सेल्युकस प्रथम निकेटर

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सेल्युकस एक्सजाइट निकेटर सिकन्दर के सबसे योग्य सेनापतियों में से एक था जो उसकी मृत्यु के बाद भारत के विजित क्षेत्रों पर उसका उत्तराधिकारी बना। वह सिकन्दर द्वारा जीता हुआ भू-भाग प्राप्त करने के लिए उत्सुक था। इस उद्देश्य से ३०५ ई. पू. उसने भारत पर पुनः चढ़ाई की। चन्द्रगुप्त ने पश्‍चिमोत्तर भारत के यूनानी शासक सेल्यूकस निकेटर को पराजित कर एरिया (हेरात), अराकोसिया (कंधार), जेड्रोसिया पेरोपेनिसडाई (काबुल) के भू-भाग को अधिकृत कर विशाल मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। इनके बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस ने किया है। सेल्यूकस ने अपनी पुत्री हेलन कार्नेलिया का विवाह चन्द्रगुप्त से कर दिया तथा उसी के दरबार में रहने लगा। उसने मेगास्थनीज को राजदूत के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में नियुक्‍त किया। इसने अपनी पुस्तक इंडिका में मौर्ययुगीन समाज एवं संस्कृति के विषय में लिखा है।

██ सेल्युकस-चंद्रगुप्त युद्ध के बाद सेल्युकस साम्राज्य का अधिकतम विस्तार क्षेत्र

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सन्दर्भ[संपादित करें]