सदस्य:Darshana.reddy325/प्रयोगपृष्ठ/माइक्रो फाइनेंस

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महिला सूक्ष्म-वित्त परियोजना, कोलकाता

भूमिका[संपादित करें]

माइक्रो फाइनेंस को माइक्रो क्रेडिट भी कहा जाता है और यह एक तरह बैंकिंग सेवा है जो बेरोज़गार या कम आमदनी के लोगों को दिया जाता है जिसके अलावा उनको कोई और वित्तीय सेवाओं की सामर्थ्य नही होती है। जबकि माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में भाग लेने वाले संस्थानें अक्सर उधार देने में लगे रहते हैं। माइक्रो ऋण जो $१०० से $२५००० तक सीमित हो सकती है,वह संस्थानें कई और अतिरिक्त सेवाएँ भी दे सकती हैं जैसे कि लोगों की बैंक में खाता खोलना,माइक्रो बीमा करवाना,वित्तीय और कारोबार की शिक्षा देना। अंत में,गरीब लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर देना ही माइक्रो फाइनेंस का सबसे बड़ा लक्ष्य है।

विस्तार विवरण[संपादित करें]

ज़्यादातर गरीब लोगों के पास परंपरागत वित्तीय संस्थानों के साथ कारोबार करने के लिये ज़्यादा आमदनी नहीं होती है। अगर उनको उधार चाहिए होती है उनको परिवार या दोस्तों से लेना पड़ता है जो उसपर बहुत ही ज़्याद ब्याज दर डालते हैं। माइक्रो फाइनेंस इन लोगों को सुरक्षित रूप से छोटे व्यापार ऋण लेने में मदद करती हैं जो नैतिक प्रथाओं के साथ संगत हैँ। हालांकि यह माइक्रो फाइनेंस दुनिया भर में मौजूद है, फिर भी इसकी बहुतम गतिविधियाँ विकासशील देशों में हो रहे है, जैसे कि युगांडा,इंडोनेशिया,सर्बिया और होंडुरस। अधिकतर माइक्रो फाइनेंस संस्थाएँ विशेष रूप से औरतों की मदद करने में केंद्रित है।

कार्य पद्धति[संपादित करें]

माइक्रो फाइनेंस के संस्थानों विस्तृत गतिविधियों को समर्थन देती है,जो व्यापार शुरु करने के लिये पैसे देने से लेकर शैक्षिक कार्यक्रमों की आयोजना भी करती है जो लोगों को उध्यामिताएँ बनने की क्षमता दे। यह कार्यक्रम किताब रखना,नकदी प्रवाह प्रबंधन और तकनीक और पेशेवर गुणों पर ध्यान देते हैं। आम तौर पर अगर बैंकों से ऋण लेना पड़ता है तो ज़मानत गिर्वी रखनी पड़ती हैं। पर माइक्रो फाइनेंस में ऐसा नहीं होता हैं। अगर लोग मूल व्यापार के अवधारणों की शिक्षा प्राप्त कर ले, तो वह यह माइक्रो ऋण लेने योग्य हो जाते हैं। लेकिन इसपर भी बहुत कम ब्याज दर उपयुक्त हैं। और क्युँकि यह गरीब लोग कोई ज़मानत गिर्वी नहीं रख सकते हैं,इनको अपने बचत खाता में अपने आमदनी का एक छोटा सा भाग बीमा के तौर पर रखना पड़ता है।

लाभ[संपादित करें]

विश्व बैंक का यह आकलन है कि ५०० मिलियन से ज़्यादा लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस माइक्रो फाइनेंस की योजना से लाभ उठाये हैं। इंटरनैश्नल फाइनेंस कॉर्पोरेशन,जो एक और भी बड़ा विश्व बैंक समूह का एक भाग हैं,इसने यह आकलन किया है कि १३० मिलियन लोगों से ज़्यादा यह योजना से प्रत्यक्ष रूप से लाभ पाये हैँ-सन्न २०१४ के हिसाब से। तथापि,यह योजना ३ बिलियन लोग जो दुनिया के गरीब आकलन किया जाता है,उनमें सिर्फ २० प्रतिशत को यह योजना उपलब्ध हुई है। यह योजना सिर्फ उधार ही नहीं दिया बल्कि व्यापार की शिक्षा देकर दुनिया में उध्यामियों को भी बढ़ाया। और तो और महिला सशक्तिकरण में भी अपनी भूमिका निभायी है।

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2] [3]

  1. https://www.businessnewsdaily.com/4286-microfinance.html
  2. https://www.investopedia.com/terms/m/microfinance.asp
  3. https://www.microfinancegateway.org/what-is-microfinance