अपु त्रयी

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अपु त्रयी सत्यजित राय द्वारा निर्देशित तीन फ़िल्मों की शृंखला है।[1][2] ये तीन फ़िल्में हैं पाथेर पांचाली, अपराजितो और अपूर संसार। ये फ़िल्में 1955 से 1960 के बीच बनीं। ये बांग्ला के सुप्रसिद्ध लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के लेखन पर आधारित थीं। इनमें हॉलीवुड और जाँ रेन्वर का प्रभाव देखा जा सकता है।

संक्षिप्त पटकथा[संपादित करें]

तीनों फ़िल्में नायक के बचपन से जवानी की कहानी दिखाई जाती है। इसमें 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में अप्पु (अपुर्व कुमार रॉय) नामक बंगाली व्यक्ति का बचपन शिक्षा और किशोरावस्था को दिखाया गया है।

पथेर पंचाली (पथ के छोटे गीत)
अपु का शुरूआती अनुभव उच्च जाति के गरीब ग्रामीण बंगाली घर का पुत्र है। अपु के पिता हरिहर एक ऐसे ब्राह्मण हैं जिन्हें अपने परिवार को चलाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अपु की बहन दुर्गा की मृत्यु के बाद परिवार पवित्र नगर बनारस चला जाता है।

अपराजितो (अपराजित अथवा जो हारता नहीं)
परिवार की आर्थिक स्थिति अभी भी अनिश्चितताओं से भरी हुई है। अपु के पिता की मृत्यु के बाद अपु और उसकी माँ सर्बजया बंगाल के एक गाँव में वापस चले जाते हैं। निर्दयी गरिबी के बावजूद अपु अपु औपचारिक विद्यालयी शिक्षा प्राप्त कर लेता है और एक मेधावी छात्र बनकर निकलता है। वो अपनी आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कलकत्ता चला जाता है। वो धीरे-धीरे अपने ग्रामीण जड़ों से स्वयं को दूर कर लेता है और उसकी माँ उस समय अपनी तबियत का ध्यान नहीं रख पाती है। इस प्रक्रिया में आगे बढ़ते अपु अपनी माँ के साथ विरोधाभाष में आ जाता है। बाद में उसे समझ में आता है कि जब उसकी माँ मर जायेगी, उसे अकेले जीना सीखना होगा।

अपुर संसार (अपु की दुनिया)
अपु एक लेखक बनने की राह में था और अप्रत्याशित रूप से एक लड़की के साथ शादी करने को मजबूर हो जाता है। उस लड़की की माँ ने मानसिक रूप से बिमार जोड़े को विवाह के दिन ही त्याग देती है। उनका खिलखिलाता वैवाहिक जीवन बच्चे के जन्म के साथ माँ के निधन पर समाप्त हो जाता है जिसके बाद निराश अपु अपने बच्चे का त्याग कर देता है लेकिन बाद में अपनी जिम्मेदारी समझते हुये वापस आकर बच्चे को स्वीकार करता है।

निर्माण[संपादित करें]

कलाकार[संपादित करें]

पात्र फ़िल्म
पाथेर पांचाली
(1955)
अपराजितो
(1956)
अपूर संसार
(1959)
अपुर्वा "अपु" रॉय सुबीर बनर्जी पिनाकी सेन गुप्ता (बच्चा)
समरन घोसाल (किशोर)
सौमित्र चटर्जी
दुर्गा रॉय रुण्की बनर्जी (बच्ची)
उमा दासगुप्ता (किशोर)
हरिहर रॉय कानु बनर्जी
सर्बजया रॉय करुणा बनर्जी
इंदिरा ठाकरुन चुनीबाला देवी
प्रसन्ना तुलसी चक्रवर्ती
भाबतरण रमनी रंजन सेन
नन्दा बाबू चारु प्रकाश घोष
हैडमास्टर सुबोध गांगुली
अपर्णा शर्मिला टैगोर
काजल आलोक चक्रवर्ती
पुलु स्वपन मुखर्जी
पुलु की पत्नी सेफ़ालिका देवी
शशिनारायण धीरेश मजुमदार
मकान मालिक धीरेन घोष

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. S. K. Singh. "Apu Trilogy". SatyajitRay.org. मूल से 10 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-04-30.
  2. "The Apu Trilogy - The Criterion Collection". Criterion.com. मूल से 19 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-04-30.