ब्योमकेश बक्शी

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सत्यान्वेषी
ब्योमकेश बक्शी
ब्योमकेश बक्शी पात्र
प्रथम प्रकटनसत्यान्वेषी (1934)
अंतिम प्रकटनबिशुपाल बध
निर्माताशरदेंदु बंद्योपाध्याय
प्रदर्शन
  • उत्तम कुमार
  • श्यामल घोषाल
  • अजॉय गांगुली
  • रणजीत कपूर
  • सुदीप मुखर्जी
  • अनीश सी याय
  • सप्तर्षि रॉय
  • गौरव चक्रवर्ती
  • अबीर चटर्जी
  • जिशु सेनगुप्ता
  • अनिर्बान भट्टाचार्य
  • परमब्रत चटर्जी
  • सुजॉय घोष
  • सुभ्रजीत दत्ता
  • धृतिमान चटर्जी
  • सुशांत सिंह राजपूत
कहानी में जानकारी
शीर्षक
पेशाPrivate investigator
जीवनसाथीसत्यवती (पत्नी)
बच्चेखोका (बेटा)
धर्मनास्तिकता
राष्ट्रीयताभारतीय
दोस्तअजीत कुमार बंदोपाध्याय

ब्योमकेश बक्शी शरदेन्दु बन्द्योपाध्याय द्वारा रचित बांग्ला जासूसी गल्प है। इसकी रचना आर्थर कोनन डायल द्वारा रचित महान साहित्यिक जासूस शरलोक होम्स से प्रेरणा लेकर हुई है। शरदेन्दु जी ने 1942 से 1970 के मध्य ब्योमकेश बक्शी की 32 कहानियाँ लिखी किन्तु असमय मृत्यु होने के कारण 33वीं कहानी अपूर्ण रही।

ब्योमकेश बक्शी की पहली कहानी "सत्यान्वेशी" ( सत्य की खोज करने वाला ) है तथा 32वीं कहानी "लोहार बिस्किट"( लोहे का बिस्किट) है। ब्योमकेश की मुलाकात 10वीं कहानी मे शरदेन्दु द्वारा रचित " बरोडा - द घोस्ट हन्टर " से होता है। ब्योमकेश के पहली कहानी मे खलनायक के रूप में डॉ अनुकूल बाबू सामने आते हैं। इसी कहानी में ब्योमकेश की मुलाकात अजित बैनर्जी से होती है जो अन्य कहानी मे ब्योमकेश के परम मित्र के रूप में सामने आता है। डॉ अनुकूल बाबू 8वीं कहानी मे खलनायक के रूप में फिर वापसी करते हैं।

ब्योमकेश आधारित पहली फिल्म महान बंगाली लेखक, फिल्म निर्माता, आलोचक द्वारा निर्देशित 1942 मे आई चिड़ियाखाना है। 90 के दशक में ब्योमकेश आधारित चलचित्र दूरदर्शन मे आया। इस चलचित्र में ब्योमकेश का किरदार रजीत कपूर ने निभाया। ब्योमकेश की पत्नी का नाम सत्यवती है तथा ब्योमकेश के बेटे का नाम खोका है।

सत्यजीत रे ने ब्योमकेश बक्शी से प्रेरणा लेकर अपने निजी जासूस फेलूदा की रचना की।

कहानियों की सूची[संपादित करें]

Novel/Story Year of publication
Satyanweshi 1932
Pother Kanta 1932
Seemanto-heera 1932
Makorshar Rosh 1933
Arthamanartham 1933
Chorabali 1933
Agnibaan 1935
Uposonghaar 1935
Roktomukhi Neela 1936
Byomkesh O Boroda 1936
Chitrochor 1951
Durgo Rahasya 1952
Chiriyakhana 1953
Adim Ripu 1955
Banhi-patanga 1956
Rokter Daag 1956
Monimondon 1958
Amriter Mrityu 1959
Shailo Rahasya 1959
Achin Pakhi 1960
Kohen Kobi Kalidas 1961
Adrishyo Trikon 1961
Khuji Khuji Nari 1961
Adwitiyo 1961
Mognomoinak 1963
Dushtochokro 1963
Henyalir Chhondo 1964
Room Nombor Dui 1964
Cholonar Chhondo 1965
Shajarur Kanta 1967
Benishonghar 1968
Lohar Biskut 1969
Bishupal Bodh (unfinished) 1970

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी!