पम्पा सरोवर

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पम्पा सरोवर
ಪಂಪ ಸರೋವರ
Pampa Sarovar
पम्पा सरोवर is located in कर्नाटक
पम्पा सरोवर
पम्पा सरोवर
स्थानकोप्पल ज़िला, कर्नाटक
निर्देशांक15°21′13.55″N 76°28′38.55″E / 15.3537639°N 76.4773750°E / 15.3537639; 76.4773750निर्देशांक: 15°21′13.55″N 76°28′38.55″E / 15.3537639°N 76.4773750°E / 15.3537639; 76.4773750
द्रोणी देश भारत

पम्पा सरोवर (Pampa Sarovar) भारत के कर्नाटक राज्य के कोप्पल ज़िले में स्थित एक झील है। तुंगभद्रा नदी से दक्षिण में स्थित यह झील हिन्दू धर्म में पवित्र मानी जाती है।[1][2]

हिन्दू मान्यता में[संपादित करें]

पम्पा सरोवर हिन्दू मान्यता के पांच पवित्र झीलों में से एक है। सामूहिक रूप से "पंच-सरोवर" कहलाने वाली यह झीलें मानसरोवर, बिन्दु सरोवर, नारायण सरोवर, पुष्कर सरोवर और पम्पा सरोवर हैं। इनका भागवत पुराण में भी उल्लेख किया गया है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में पम्पा सरोवर को भगवान शिव की भक्ति दिखाने का स्थल भी बताया गया है, जहाँ भगवान शिव के तपस्या करते थे। यह सरोवर में से उन सरोवरों में से है जिनका उल्लेख हिन्दू महाकाव्य मिलता है। एक उल्लेख यह भी मिलता है कि रामायण में भगवान राम की एक भक्तिनी शबरी उनके आने का इंतजार इसी सरोवर पर कर रही थी। [3]

सामान्य विवरण[संपादित करें]

पम्पा सरोवर झील कोप्पल ज़िले में अनेगुंडी मार्ग पर स्थित है। यह सरोवर पहाड़ियों में स्थित है और हनुमान मन्दिर से लगभग १ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झील के आसपास बहुत सारे सुन्दर-सुन्दर कमल के फूल देखने को मिलते हैं। यहाँ पास में एक प्राचीन लक्ष्मी मन्दिर भी है साथ ही एक भगवान शिव का भी मन्दिर स्थापित है। इनके अलावा यहाँ मन्दिर के निकट एक छोटा तालाब भी है और तालाब के अंदर आम का पेड़ भी है और पास में एक गणेश जी की मूर्ति है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार[संपादित करें]

रामायण में पम्पा सरोवर का उल्लेख किया गया है कि यहाँ पर ऋषि मतंग की शिष्या शबरी जो कि भगवान राम की एक पवित्र भक्त थीं वो रोजाना अपने पवित्र मन से भगवान राम को याद करती थी। एक समय लंका के राजा रावण ने सीता का अपहरण करके लंका ले गए थे ,तो भगवान राम अपनी अर्धांगिनी सीता को खोजने अर्थात लाने के लिए दक्षिण की यात्रा कर रहे थे तो उनकी भक्त शबरी उनसे मिलने के लिए पम्पा सरोवर पर भगवान राम का इंतजार कर रही थी। शबरी जो कि माटुंगा पर्वत (जो कि हम्पी में है) में रहती थी ,इनके गुरु ऋषि माटुंगा के देहांत होते समय शबरी को बोले थे कि तुम जल्द ही भगवान राम से मिलोगी। इनके निधन के बाद शबरी अपने आश्रम में ही रहती और राम का इंतजार करती थी। काफी साल गुजर गए और शबरी जवान से एक बूढ़ी स्त्री में बदल चुकी थी तब भगवान राम लंका की यात्रा कर रहे थे उस समय वे शबरी के आश्रम में रुके थे। उस समय शबरी ने भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण को खाना खिलाया था। इसके बाद शबरी भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण के चरणों में झुक गयी ,इसके पश्चात इन्होंने शबरी को सीता माता के अपहरण के बारे में बताया।

चित्र दीर्घा[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
  2. "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894
  3. "कच्छ सरोवर गुजरात में भी". Gujaratguideonline.com. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित.