जवाहर सुरंग

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जवाहर सुरंग
Jawahar tunnel
जवाहर सुरंग सड़क
अवलोकन
निर्देशांक33°30′29″N 75°12′32″E / 33.508°N 75.209°E / 33.508; 75.209
स्थितिसक्रीय
मार्गC2 एनएच 44
बनिहाल ---- काज़ीगुंड
आरम्भबनिहाल
अन्तकाज़ीगुंड
संचालन
कार्यारम्भ1954
निर्माणऐफ़्रेड कुन्ट्ज़ और सी बार्सेल
चलित22 दिसम्बर 1956 (1956-12-22)
यातायातवाहन
चुंगी करNone
प्रतिदिन वाहन7000
तकनीकी
लम्बाई2.85 कि॰मी॰ (1.77 मील)
लेन संख्या2
अधिकतम ऊँचाई2,194 मीटर (7,198 फीट)[1]

जवाहर सुरंग (Jawahar Tunnel) या बनिहाल सुरंग (Banihal tunnel) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग ४४ पर बनिहाल और काज़ीगुंड के बीच स्थित एक सुरंग है। इसका निर्माण १९५४ में आरम्भ हुआ था और उदघाटन २२ दिसम्बर १९५६ में (हालांकि निर्माणकार्य पूरा १९६० में जाकर हुआ)। यह २.८५ किमी (१.७७ मील) लम्बी सुरंग २,१९४ मीटर (७,१९८ फ़ुट) की ऊँचाई पर स्थित है और इसमें दोनों दिशाओं के लिए एक-एक लेन का प्रबन्ध है। इस सुरंग के द्वारा वर्षभर जम्मू और श्रीनगर के बीच सड़क यातायात जारी रहता है।[2]

सुरंग क्षमता[संपादित करें]

शुरु में इसकी क्षमता प्रत्येक दिशा में १५० वाहन प्रतिदिन थी लेकिन अब यह बढ़कर ७,००० वाहनों द्वारा प्रयोग हो रही है। सीमा सड़क संगठन ने कई मरम्म्तों के बाद सुरंग में अंदर-बाहर दोनों दिशाओं में वायुप्रवाह, प्रदूषण और तापमान मापनयंत्र, प्रकाश प्रबन्ध और आपातकालीन दूरभाष का बन्दोबस्त किया गया है। सुरक्षा के लिए इसपर चौबीस घंटे सेना की निगरानी रहती है और सुरंग के अंदर किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर सख़्त प्रतिबंध है। किसी वाहन के अंदर प्रवेश करने पर उसका सामान्य गति से बिना रुके चलते रहना अनिवार्य है और स्थान-स्थान पर लगे कैमरों से अन्दर की हर परिस्थिति पर नज़र रखी जाती है।[3]

सन् २००९ तक सुरंग रात्रि के १२ बजे से सुबह के ८ बजे तक यातायात के लिए बंद रहती थी लेकिन अब इसमें ट्रैफ़िक चौबीस घंटो चलता है। २०१८ में इस से अधिक क्षमता वाली बनिहाल-काज़ीगुंड सड़क सुरंग का निर्माण होने की अपेक्षा है और उसके पूरे होते ही जवाहर सुरंग में वाहन का यातायात हल्का होने की उम्मीद है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Jawhar Tunnel".
  2. "pahalgam.com/travelogue-road-travel-from-punjab-to-pahalgam/". मूल से 4 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2017.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2017.