जगमाल सिंह

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जगमाल सिंह
पिताउदयसिंह द्वितीय

उदयसिंह द्वितीय एक भारतीय शासक थे।

जीवन[संपादित करें]

उदयसिंह की सबसे पसंदिता पत्नी रानी धीरबाई भटियाणी चाहती थी कि उदयसिंह के निधन के तत्पश्चात जगमाल को उत्तराधिकार बनाया जाए ,इस कारण उदयसिंह ने जगमाल को अपना उत्तराधिकार बनाने के लिए तैयार हो गए थे और उनकी मृत्यु के बाद १५७२ में महाराणा प्रताप की जगह जगमाल को मेवाड़ साम्राज्य का शासक नियुक्त किया गया था। जैसे ही जगमाल शासक बने वैसे ही इन्होनें अकबर से हाथ मिला लिया था इस कारण अकबर ने खुश होकर जगमाल को अजमेर की जागीर उनको सौंप दी थी इस कारण जो लोग महाराणा प्रताप के साथी थे वे लोग चाहते थे कि प्रताप राज करे इसलिए जगमाल को शासक के पद से हटा दिया और मेवाड़ रत्न महाराणा प्रताप को गद्दी पर बैठा दिया था। महाराणा उदयसिंह की मृत्यु के बाद जगमाल का हाथ पकड़ कर उसे गद्दी से उठाया और प्रताप को मेंवाड़ के सिंहासन पर आसीन किया। इस प्रकार प्रताप का हक दिलाने में रावत कृष्णदास चुंडावत की मुख्य भूमिका रही।क्षत्रिय संस्कृति [1] एक समय की बात है जब सिरोही के शासक ने जगमाल पर हमला बोल दिया था जिसमें १५७४ ईस्वी में निधन हो गया था। [2][3] लेकिन कुछ स्रोतों से पता चलता है कि जगमाल का निधन १५७४ के बजाय १५८३ में हुआ था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

जगमाल की सेना में 257 भूत लड़े थे उनका मुखिया जगमाल का खास मित्र था जब भूत लड़े थे तो प्रत्येक सैनिक की दुर्दशा कर रहे थे और बस एक ही बात सबसे कह रहे थे कि तू जगमाल से लड़ेगा। जगमाल जैसा प्रतापी राजा इस धरती पर होना सौभाग्य की बात है।

  1. "रावत कृष्णदास चूंडावत - जिन्होंने जगमाल को हटा प्रताप को गद्दी पर बैठाया" (अंग्रेज़ी में). 2023-08-07. अभिगमन तिथि 2024-02-01.
  2. Maharana Pratap, मूल से 19 नवंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 3 जनवरी 2017
  3. "Jagmal Singh", geni_family_tree, मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 3 जनवरी 2017