सदस्य:Khushboo Dialani/प्रयोगपृष्ठ

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पानीपत रेलवे स्टेशन के नजदीक गीता कालोनी है। इस कोलनी में एक भव्य मंदिर है।[1] सावन माह में प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जलभिषेक किया जाता है। मंदिर पर शाम ५-६ बजे के बीच शिव पुराण कथा का आयोजन होता है। कथा सुनने के मिए शहरवासियों की भीड जुटती है। गीता मंदिर का इतिहास पांच दशक पुराना है। स्वामी गीतानंद महाराज ने १९६० में इस मंदिर की नींव रखी। शहरवासियों के सहयोग से दो वर्षो में मंदिर बन कर तैयार हो गया। शिव परिवार से लेकर अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां मंदिर में स्थापित है। बुजुर्ग एक हाथ में गीता पुस्तक लेकर यहां पडते थे। भक्त श्रध्दा से जो इच्छा लेकर आते हैं वो जरुर होती है। सावन माह शुरु होते ही मंदिर पर नियमित शिव पूराण कथा चल रही है। सावन के पहले सोमवार को सुबह ५ बजे से दोपहर १२ तक जमाभिषेक होगा। कांवडिए मदिर में गंगाजल से भोले बाबा का अभिषेक करेंगे। शिवरात्रि पर विशेष तैयारी होगी। गीतानंद महाराज ने इस की स्थापना की। पहले यहां कोई रिहायश नहीं थी। गडढे, तालाब व नाले थे। भारत पाक व भारत-चीन युध्द के दौरान इस मंदिर से सैनिकों के लिए खादय सहायता सामग्री भेजी जाती थी। जो भक्त जिस भाव से जल अर्पित करते है उसी भाव से उनकी मनोकामना पूरी होती है।

गीता मन्दिर[संपादित करें]

परिचय[संपादित करें]

स्थापना[संपादित करें]

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