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दक्षिण तालपटि द्वीप[संपादित करें]

दक्षिण तालपटि द्वीप

दक्षिण तालपटि द्वीप बंगाल की खाड़ी में एक छोटे निर्जन द्वीप अपतटीय रेती था। इस द्वीप का दूसरा नाम न्यू मूर है।

इतिहास[संपादित करें]

दक्षिण तालपटि द्वीप बंगाल की खाड़ी में एक छोटे से बसे हुए अपतटीय रेती स्थालाकृति था । यह १९७४ में भोला चक्रवात के बाद बंगाल की खाड़ी में उभरा था। दोनों भारत और बांग्लादेश इस क्षेत्र पर संप्रभुता का दावा किया।यह इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के अस्तित्व की वजह से है।इस द्वीप हरियाभनगा नदी के मुंह से केवल दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।इस द्वीप के उद्भव १९७४ वर्ष में एक अमेरिका उपग्रह द्वारा की खोज की थी।द्वीप के भूभाग के क्षेत्र में लगभग ७ वर्ग किलोमीटर और उच्च और निम्न ज्वार के सबसे अधिक और सबसे कम ऊंचाई के दौरान १४ वर्ग किलोमीटर के बीच उतार चढ़ाव होता रहता।यह गंगा-पद्मा नदी प्रणाली के विभिन्न प्रवाह ताँता द्वारा किए गए और जलोढ़ जमा द्वारा गठित की गई है।संप्रभुता के मुद्दे को भी समुद्री सीमा को निपटाने के रैडक्लिफ पुरस्कार कार्यप्रणाली से ज्यादा बड़ा विवाद का एक हिस्सा था।यह समस्या ७ जूलाई २०१४ पर हल हो गई है । जनगणना के अनुसार २०११ जानकारी स्थान कोड या न्यू मूर द्वीप गांव के गांव कोड ३३५१७० है।[1] पेर्मननट कोर्ट ओफ आरबित्रेषन'(पी सि ए )इस फैसले पर एक पारित किया जाता था। बऺगलादेश की समुद्र सीम गनन रीती को बहिषक्रित किया जाता है।भविष्य मेॱ इस द्वीप भारत की हिस्सा होगा।द्वीप की चालन प्रवाहित करने के बारे मेॱ कोई गवाह नहीॱ है।यह सुंदरवन डेल्टा के गाद स्थानांतरण दिए गए समय के साथ परिवर्तित हो सकता है।

भूगोल[संपादित करें]

द्वीप का आकार व्रित्ताक्रिती मेॱ है।वहाँ न्यू मूर पर कोई स्थायी संरचनाओं थे,लेकिन भारत ने अपने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए १९८१ में अपनी चट्टानी किनारे करने के लिए कुछ अर्धसैनिक सैनिकों को भेजा है। जब समुद्र की पानि गिराव करने के बाद द्वीप की आकार नवचन्द्रा हो जाएगा।१९७१ के मद्द्य तक पश्चिम बॱगाल सरकार ने इस द्वीप की उदभव पहले बार देखा गया था।भारत ने 'दक्षिण तालपटि द्वीप'जैसे रूप मेॱ नाम दिया।यह 'पूरभाषा 'रूप मेॱभी जाना जाता है।दक्षिण तालपटि द्वीप के उत्तर और दक्षिण में लंबाई मे ३ॱ५ किलोमीटर और पूर्व और पश्चिम भर में ज्यादा से ज्यादा करीब ३ किलोमीटर चौड़ाई है।द्वीप के सर्वोच्च ऊंचाई समुद्र के स्तर से ऊपर केवल १ॱ३ मीटर अधिक है।चक्रवात और ज्वाराभित्ति अक्सर दक्षिण तालपटि द्वीप मेॱ प्रहार किया गया है।नदी की जन्म तलछट और मिट्टी, द्वीप के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई।एक और पास के लोचारा नामक द्वीप,मुख्य भूमि के लिए स्थानांतरित करने के लिए अपने निवासियों को मजबूर है, लगभग आधा घोमारा द्वीप की भूमि पानी में डूब गया।समुद्री सीमा के सीमांकन दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच एक खुली मुद्दा बनी हुई है। [2]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. https://villageinfo.in/west-bengal/south-twenty-four-parganas/gosaba/new-moore-island.html
  2. http://www.dailymail.co.uk/news/article-1260357/Bangladesh-Indias-battle-control-island-settled--submerged-rising-sea-levels.html