द्विज

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द्विज(English:secondary) शब्द 'द्वि' और 'ज' से बना है। द्वि का अर्थ होता है दो और ज (जायते) का अर्थ होता है जन्म होना अर्थात् जिसका दो बार जन्म हो उसे द्विज कहते हैं। द्विज शब्द का प्रयोग हर उस मानव के लिये किया जाता है जो एक बार पशु के रुपमे माता के गर्भ से जन्म लेते है और फिर बड़ा होने के वाद अच्छी संस्कार से मानव कल्याण हेतु कार्य करने का संकल्प लेता है। द्विज शब्द का प्रयोग चारों वर्णों के लिये किया जाता है जो है ब्राह्मण, क्षत्रिय , वैश्य और शूद। मानव जब जन्म लेता है तो वो केवल पशु समान होता है परन्तु जब वह संस्कारवान और ज्ञानी होता है तब ही उसका जन्म पुनः अर्थात वास्तविक रुप मे होता है।

उदाहरण[संपादित करें]

  • "दूसरा जन्म होना(शिक्षा व ज्ञान की दृष्टि से) मातृ की कोख से जन्म के पश्चात अर्थात जन्म के पश्चात कर्मणा वर्ण को प्राप्त करने वाला" यह अर्थ है द्विज़ का। द्वि+ज अर्थात द्वि=दो,ज=जायते, यानि जो संसार मे जन्म लेने के पश्चात अपने संस्कार व विद्या के अनुसार जिस वर्ण को प्राप्त करता है,वही द्विज कहलाता है!

मूल[संपादित करें]

मूलतः यह संस्कृत शब्द है।

अन्य अर्थ[संपादित करें]

  • विद्वान, वह विद्वान जो ज्ञान का दान करे!
  • दो बार जन्म लेने वाला
  • अंडे से जन्म लेने वाला
  • विप्र
  • भूसुर
  • ब्राह्मण
  • खग
  • पक्षी
  • अंडज
  • साँप

संबंधित शब्द[संपादित करें]

हिंदी में[संपादित करें]

  • अंडज
  • सर्प

अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द[संपादित करें]