एएससीएमईएल टी

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ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने ऑटिज्म पीड़ितों की मदद के लिए एएससीएमईएल टी नाम का मोबाइल एप बनाया है।

परिचय[संपादित करें]

ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने 2 अक्टूबर 2015 को एक नया मोबाइल एप एएससीएमईएल टी (en:ASCmeI.T.) बनाया है जो ऑटिज्म से पीड़ित लोगों की मदद करेगा। इस एप को साउथेम्पटन बाथ और ससेक्स के विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओँ ने विकसित किया।

यह एप ऑटिज्म पीड़ित लोगों को अपनी बात कहने में सक्षम बनाने और पूर्व में उपेक्षित रहे इस समूह की रचनात्मकता को महसूस कराने का सरल लेकिन प्रभावी तरीका है। यह मुफ्त मोबाइल एप एंड्रॉयड और एप्पल उपकरण दोनों पर डाउनलोड किया जा सकता है।

यह एप ऑटिज्म स्पेक्ट्रम कंडिशन वाले लोगों के साथ– साथ परिवारों, शिक्षकों, पेशेवरों और उन सभी लोगों की मदद करता है जो ऑटिज्म पीड़ितों की मदद के लिए किसी भी प्रकार की नई तकनीक के बारे में अच्छी मदद हो सकती है।

इस एप की मदद से उपयोगकर्ता अपने विचार की व्याख्या करते हुए एक मिनट का वीडियो अपलोड कर सकता है। जिसे शोधकर्ताओं के साथ साझा किया जाएगा ताकि ऑटिज्म के लिए डिजिटल तकनीकों में नए विकास को उपयोगकर्ताओं की जरूरतों से मेल कराया जा सके।

ऑटिज्म स्पेक्ट्रम कंडीशन[संपादित करें]

ऑटिज्म एक प्रकार की दिमागी बीमारी है जिसकी वजह से पीड़ित को दूसरों के साथ बातचीत करने और जुड़ने में मुश्किल होती है। ऑटिज्म के साथ, दिमाग के अलग– अलग क्षेत्र एक साथ काम करना बंद कर देते हैं।

ऑटिज्म के गुण[संपादित करें]

विभिन्न संदर्भों में सामाजिक संचार और सामाजिक संपर्क में लगातार कमी प्रतिबंधित, व्यवहार, रुचि या गतिविधियों में दोहराव पैटर्न इसके लक्षण आम तौर पर बहुत कम उम्र में दिखने लगते हैं। (जीवन के शुरुआती दो वर्षों में ही) लक्षण मौजूदा सामाजिक, व्यावसायिक या अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चिकित्सकीय हानि का कारण हो सकता है। ऑटिज्म दुनिया का तीसरा सबसे आम विकास विकास विकार है। राष्ट्रीय ऑटिस्टिक सोसायटी के अनुसार, प्रत्येक 100 लोगों में एक व्यक्ति ऑटिज्म का शिकार है। यूके में 700000 ऑटिज्म पीड़ित हैं।

सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स की एक अन्य सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक 68 अमेरिकी बच्चे में से 1 बच्चा ऑटिज्म से जूझ रहा है। भारत में फिलहाल ऑटिज्म के 15 मिलियन मरीज हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]