खोटा सिक्का

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भारत मे दो तरह की मुद्राएँ प्रचलित हैं- नोट और सिक्के। संभवत भारत 1600 मे खोटे सिक्के , सम्बन्धी अपराध मे भारत पूरी दुनिया मे सबसे आगे है खोटे सिक्को के प्रचालन से राज्य और जनता दोनों को हानि होती है और देश की मुद्रा को भी नुकसान झेलना पड़ता है ओर इसीलिए इस प्रकार के अपराधो को रोकना बहूत जरूरी है और इस अपराध की रोकथाम के लिए forensic विशेषग्य को खोटे सिक्को के पहचान और परखने के बारे मे सब पता होना चाहिए।

सिक्का (Coin)

सिक्का एक धातु का वो टुकड़ा है जिसे सरकार द्वारा ढलाई के बाद मुद्रा के रूप मे स्वीकृत किया गया हो , भारत सरकार द्वारा जारी किये गए सिक्को को भारतीय सिक्का कहा जाता है

खोटा सिक्का (Counterfeit Coin)

जब कोई व्यक्ति किसी भारतीय सिक्के की नक़ल करके उस से मिलता जुलता सिक्का किसी को धोखा देने की नीयत से तैयार करता है तो उस सिक्के को खोटा सिक्का या Counterfeit Coin कहते है लोग उसे असली सिक्का समझ कर व्यवहार मे लाते है। भारतीय सिक्को का निर्माण एवं प्रचलन भारत सरकार करती है, सिक्को को ढालने के लिए सरकारी मिन्ट (karkhana/mint) मुंबई , हैदराबाद तथा कोलकाता मे स्थित है। भारत सरकार ने अब तक 50,25,20, व् 5 पैसे तथा 1,2,5,10 रूपए के सिक्के जारी किये है। विशेष अवसर पे 100 के सिक्के भी जारी किये गए थे।

खोटे सिक्के को बनाने के तरीके
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1:- सांचे से निर्माण

2:- ढलाई द्वारा

3:- उपरवाले दोनो तरीको से

अपराधी खोटे सिक्को के निर्माण के लिए जस्ता,टिन, ताम्बा आदि धातुओ का उपयोग करते है परन्तु वो lead या सीसे को ज्यादा पसंद करते है इस अपराध के लिए।

नकली सिक्को / खोटे सिक्को /counterfeit coins का परिक्षण
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इन्हें भी देखें[संपादित करें]

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