भेड़िया (महानायक)

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भेड़िया
प्रकाशन सूचना
प्रकाशकराज काॅमिक्स
प्रथम प्रकटनभेड़िया (1996)
निर्माताधीरज वर्मा
कहानी में जानकारी
अन्य पहचानकोबी

भेड़िया (अंग्रेजी; Bheriya) एक काल्पनिक किरदार है, जो भारतीय काॅमिक्स प्रकाशक राज काॅमिक्स के प्रमुख महानायकों में से एक है। भेड़िया की रचना धीरज वर्मा ने दिसंबर १९९३ के दिनों में की थी।

वर्ष १९९७ को, भारत में पहली बार डिजिटल रंगों द्वारा कोबी और भेड़िया की काॅमिक्स प्रकाशित हुई।

उद्गव[संपादित करें]

तकरीबन पचास हजार साल पूर्व, वुल्फानो नामक एक गणराज्य हुआ करता था, जिसके निवासी बेहद विकसित प्रजाति के भेड़िया-मानव रहा करते थे, जो शक्तिशाली होने साथ दोपाए चलते भी थे। उनके राजा वुल्फा भी एक भेड़िया-मानव थे, जिन्हें एक मानव कन्या, राजकुमारी सुर्वया से प्यार हो जाता है। वह मानव गणराज्य कोंकणी की राजकुमारी थी। वुल्फा अपने गुरुराज भाटिकी की तमाम हिदायतों के बावजूद जादुई वशीकरण माला के बल पर सुर्वया से विवाह कर लेते हैं और इस तरह दंपति को, कोबी प्राप्त होता है। पचास वर्ष गुजरते है और संयोगवश एक दुर्घटना में कोबी पर लगा वह शाप मिटता है और स्वयं को आसाम के जंगल में पाता है। फिर वह "भेड़िया" के नाम से एक नया जीवन आरंभ करता है। अब भेड़िया की पहचान विशाल कद के साथ घने आयल, लंबी पुंछ और चमकदार आंखों से जाना जाता। वह बहुत शिद्दत से वनवासियों की सुरक्षा करता और बदले में वनवासी उसे भेड़िया-देव समझकर पूजा करते। सबका मददगार और अपराधियों के बीच काल के तौर पर लोग उसे "जंगल का ज़ल्लाद" के नाम से पुकारते।

भेड़िया अपने गुरु, भाटिकी, जो उसे लड़ाई लड़ना सीखाता है। फिर भाटिकी दो भागों में भेड़िया को "कोबी" (मोबोस उर्जा से उत्पन्न भेड़िया का पाश्विक भाग) और "भेड़िया" (फोबोस उर्जा से उत्पन्न भेड़िया का मानवीय भाग) में विभाजित करता है। भाटिकी अपने शिष्य कोबी को वापिस वुल्फानो चलने का आदेश देता है। मगर उनकी यह चेष्टा असफल होती है। इसी बीच मानवीय भाग भेड़िया और पशु भाग कोबी दोनों जेन से विवाह करने की कोशिश करते है, जिसमें कोई भी जंगल छोड़ने को राजी नहीं होता। इन 10 सालों में कोबी आसाम के जंगलों में निवास करते हुए, अपने इलाके को कई खतरों से बचाता है, मगर कई बार अपनी मूर्खता के चलते मुसीबत में फँसते भी है। भेड़िया तथा कोबी लगभग एक ही शरीर (मूल भेड़िया के साकार रूप में) के अंग होते हुए भी व्यक्तित्व स्वभाव में बिलकुल भिन्न हैं। जहाँ कोबी जाहिल, मूर्ख और उग्र स्वभाव का है तो वहीं भेड़िया व्यावहारिक तौर पर परिपक्व एवं बुद्धिमान है। आदिवासी भेड़िया का सम्मान करते और अपना रक्षक मानते, जबकि कोबी के गुस्से या कोप का भाजन बनने से बचने की प्रयास करते, हालाँकि कई बार कोबी जंगल में आई मुसीबत से भी बचाता, मगर सिर्फ अपनी शर्तों पर।[1]

शारीरिक संरचना (मूल भेड़िया): लंबाई- 8'0 भार- 154 kg. शारीरिक संरचना (कोबी): लंबाई- 8'0 भार- 138 kg. शारीरिक संरचना (भेड़िया - मानवीय भाग): लंबाई - 6'6 भार- 122 kg.

शक्तियाँ एवं क्षमताएं[संपादित करें]

कोबी अपनी अद्भुत दुम को अपनी इच्छानुसार लंबाई बढ़ा सकता है और वह इसका प्रबल हथियार के तौर पर उपयोग भी करता हो। वहीं अत्यंत खतरनाक परिस्थितियों में वह अपने भेड़िया देव का आह्वान करता है, जहाँ उसकी "मदद" स्वरूप एक घातक गदा प्रकट होते ही वह विरोधियों के परखच्चे उड़ा डालता है। जब कभी कोबी मदद के भेड़िया फौज को पुकारता है, तो क्षण भर में वह पूरा इलाका घिर जाता है। ये भेड़िए भी उसे अपना देव मानते तथा उसे पूजते। कोबी के पास अपनी "भेड़िया-मुख पट्टिका" जो उसे स्वस्थ होने की ताकत देता है मगर यह फौरन नहीं होता। असल में उसके पास ऐसी तीन दिव्य आभूषण है जो उसकी शक्तियों का स्रोत हैं; एक कंठहार, 2 कलाईयों के कड़े के जोड़े और एक भेड़िया मुख पट्टिका।

भेड़िया एक धुरंधर योद्धा है जिसे मूल कोबी की तरह ही विरासत में द्वंद्वकला की निपुणता हासिल है। भेड़िया कई प्राचीन कौशल तथा युद्धकला का जानकार है और उसने इसी बल पर कोबी को कई बार हराया भी है। कोबी और भेड़िया में हम स्पष्ट असामानताएं देख सकते हैं। भेड़िया बेहद बुद्धिमान, व्यावहार कुशल एवं मानवीय गुणों से परिपूर्ण है तो कोबी अपनी पशु बुद्धि, उद्दंडता, आक्रामक और गुस्सैल स्वभाव के कारण कुख्यात है। बावजूद दोनों ही गुरुराज भाटिकी की सिखाई द्वंद्वकला में माहिर हैं।

परिवार, मित्र और साथी[संपादित करें]

  • जेन - प्रथम भेड़िया की प्रेमिका होने नाते उसकी एकमात्र यह इच्छा है कि भेड़िया (मानव) और कोबी पुनः एक हो जाए। भेड़िया के जीवन में आने पूर्व वह बतौर एक फ्रांसीसी जासूस हुआ करती थी, लेकिन एक अभियान दौरान ही, वह आसाम के जंगल पहुँचती है और भेड़िया से उसे प्रेम हो जाता है। जब कोबी और भेड़िया का आपस में विभाजन होता है, जेन अनमने ढंग से कोबी से विवाह कर लेती है, लेकिन उसका विश्वास है कि कोबी और भेड़िया एक ही आत्मा के दो भिन्न भाग है। वह चतुर, सुंदर, निडर स्वभाव की है और कई बार उसने भेड़िया की जान भी बचाई है।
  • गुरुराज भाटिकी - भेड़िया ने वह सभी युद्धकलाओं का प्रशिक्षण गुरुराज भाटिकी की संरक्षण में ग्रहण की है। वह बेहद शक्तिशाली होने साथ कई मामलों में, बेहद चालाक कूटनीतिक भी साबित भी हुए हैं। वुल्फानो के वह एकमात्र संस्थापक हैं, भेड़िया के मातृभूमि से दो खलनायक, कालनेमी और प्रेताल भी वहीं से आते हैं। उनका सिर्फ यही आकांक्षा है कि वुल्फानो का पुनर्निर्माण हो और कोबी व भेड़िया को वहां वापिस लाया जाए। भाटिकी वह एकमात्र शख्स है जिसने प्रथम भेड़िया को विभाजित किया।
  • फुज़ो बाबा - लोग उन्हें जंगल का संरक्षक कहते है। वह सभी जीवों, मानवों और जंगली जंतुओं का ख्याल रखते हैं। बहुत ज्ञानवान होने के साथ उन्हें सभी जीवों की भाषाएँ बोलना-समझना भी आता है। एक जमाने वह खतरनाक डाकू, फजीहत सिंह, के नाम से कुप्रसिद्ध थे मगर एक घटना के हृदय परिवर्तन से वह प्रकृति की सेवा में जुट जाते हैं। कई जानलेवा अभियानों में शह भेड़िया की सहायता करते। हालाँकि भेड़िया के इतने सम्मान और सहयोग देने पर भी, कोबी उसे अपना शत्रु समझता और "बुड्ढा-ठुड्ढा" कहकर कोसता रहता। जेन के लिए, वह पिता समान होने साथ वह पूरे जंगल के अभिभावक के तौर पर जाने जाते। जंगल का हर जीव उनका आदर करता है।

शत्रु एवं विरोधी[संपादित करें]

अपने पूरे जीवन भेड़िया और कोबी कई गैर कानूनी तस्करों, शिकारी एवं वन माफिया से भिड़ते रहें है। उनके कुछ प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों तथा शत्रुओं के नाम जो शामिल है एलफांटो, तनतन्ना, अंधाधुँध, काईगुला, कालनेमी, प्रेताल, ग्रहणो, किंग लूना और निशानची

अमर प्रेम श्रंखला[संपादित करें]

राज काॅमिक्स ने कोबी-भेड़िया तथा जेन के त्रिकोणीय प्रेम को लेकर एक सिरिज जारी की, यहां इन तीनों के प्रति प्रेम और अतीत में हुए भेड़िया की अनकही प्रेमकथा के अंतर्द्वंद्व को लेकर बुना गया है। इस सिरिज की दो काॅमिक्सों (गुरु भोकाल एवं कोबी दक्षिणा) में उस घटना का भी उल्लेख है जहाँ कैसे भेड़िया अपने गुरुमित्र भोकाल द्वारा तिलिस्म भेदने का प्रशिक्षण ग्रहण कर दक्षिणा स्वरूप उनकी पत्नी तुरीन को वापिस छुड़ाता है। इसके उपरांत प्रेम आधारित श्रंखला का नाम "अमर प्रेम" (काॅमिक्स सिरिज) रखा गया तथा टैग लाइन पर इसे "काँटों भरा अंतहीन सफर" कहा गया। राज काॅमिक्स के इतिहास में यह अब तक की सबसे लंबी सिरिज के तौर पर जानी जाती। इस श्रंखला में मौजूद सभी इश्युओं के नाम क्रमवार किए गए हैं: [2]

  • प्रेम ऋतु
  • कोबी प्रेम
  • गुरु भोकाल
  • कोबी दक्षिणा
  • अमर प्रेम
  • प्रेम बला
  • प्रेम ना खून
  • प्रेम हिरण
  • अवधूत
  • प्रेम पिशाच
  • प्रेम तड़प
  • प्रेम प्रतीक
  • प्रेम रत्न
  • प्रेम अश्रु
  • प्रेम श्राद्ध
  • वन रक्षक
  • शापित रक्षक
  • आहुति

लेखक[संपादित करें]

आरंभिक भेड़िया की काॅमिक्सों का लेखन व चित्रण धीरज वर्मा ही किया करते थे। लेकिन ज्यादातर पहले की काॅमिक्स और अभी तक का लेखन तरुणकुमार वाही (मुख्य लेखक) ही करते रहे थे। वर्ष १९९८ से वर्तमान तक, विवेक मोहन/संजय गुप्ता अपनी पटकथाओं के आइडिए को तरुणकुमार वाही को सौंपते और वाही जी उन पटकथा को काॅमिक्स के अनुरूप लिखते। साल २००८ से जारी अमर प्रेम श्रंखला की अधिकतर चित्रांकन आदिल ख़ान ने किया।

आर्टिस्ट[संपादित करें]

पहले भेड़िया की २ इश्यूओं का पूर्णतः चित्रांकन धीरज वर्मा ही किया करते थे, पर बाद में धीरज वर्मा पेंसिलिंग करने लगे, बाकी इंकिंग का काम राजेंद्र धौनी (वर्मा जी के छात्र) करने लगे। धीरज वर्मा ने वर्ष १९९३-२००२ तक भेड़िया काॅमिक्सों का चित्रित किया। हालाँकि वर्मा जी अस्थायी तौर पर २०००-२००१ तक काम पर नहीं थे, और २ माह बाद फिर वापसी भी की। उनके द्वारा छोड़ इस रिक्त स्थान पर, आर्टवर्क का कार्य नरेश के जिम्मे छोड़ा। धीरज वर्मा ने वर्ष २००२ के बाद स्थायी तौर पर राज काॅमिक्स से विदा ले लिया। मगर २०१३-१४ के आसपास उन्होंने कुछ निम्नलिखित काॅमिक्सों जैसे भेड़िया सिरिज की जलजीवनी, रक्तबीज; डोगा सीरीज की रावण डोगा एवं शुभस्य शीघ्रम तथा ब्रह्मांड रक्षक सीरीज की सर्वनायक अंक एवं आखिरी रक्षक में भी कार्य किया।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2016.