रामगढ़ ताल

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रामगढ़ ताल
Location of the lake in India.
Location of the lake in India.
रामगढ़ ताल
स्थानगोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
निर्देशांक26°44′N 83°25′E / 26.733°N 83.417°E / 26.733; 83.417निर्देशांक: 26°44′N 83°25′E / 26.733°N 83.417°E / 26.733; 83.417
प्रकारझील

रामगढ़ ताल, गोरखपुर शहर के अन्दर स्थित एक विशाल तालाब (ताल) है। यह ७२३ हेक्टेयर (लगभग १८०० एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका परिमाप लगभग १८ किमी है। जनश्रुतियों एवम् बौद्ध ग्रन्थों से पता चलता है कि यह प्राचीन समय छठी शताब्दी में नागवंशी कोलिय गणराज्य की राजधानी थी जिस वंश की गौतम बुद्ध की माता एवम् उनकी पत्नी थी इसलिए प्राचीन काल में गोरखपुर का प्राचीन नाम रामग्राम भी था।


ऐसे अस्तित्‍व में आया गोरखपुर का रामगढ़ ताल, जानें-क्‍या है इसका इतिहास

इस ताल का केवल गोरखपुर के स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक महत्व है। इतिहासकार डॉ. राजबली पांडेय के मुताबिक ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामग्राम था। यहां कोलीय गणराज्य स्थापित था। उन दिनों राप्ती नदी आज के रामगढ़ ताल से ही होकर गुजरती थी। बाद में राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष से रामगढ़ ताल अस्तित्व में आ गया। रामग्राम से ही ताल को रामगढ़ नाम मिला।


रामगढ़ ताल के बारे में यह भी है जनश्रुति

ताल के बारे में एक और जनश्रुति है कि प्राचीन काल में ताल के स्थान पर एक विशाल नगर था, जो किसी ऋषि के श्राप में फंस गया। नगर ध्वस्त हो गया और वहां ताल बन गया। शुरुआती दौर में यह तालाब छह मील लंबा और तीन मील चौड़ा था। तब इसका दायरा 18 वर्ग किलोमीटर था। अतिक्रमण के चलते अब यह सात वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया है। लंबे समय तक इस ताल की उपयोगिता को शहरवासी समझ नहीं सके।


ऐसे बढ़ा इसका महत्‍व

90 के दशक में जब वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने रामगढ़ ताल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की, जो 1989 में उनके असामयिक निधन से अधर में लटक गई। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का नेतृत्व संभाला तो उन्होंने ताल की कीमत को एक फिर बार समझा और इसे लेकर नई योजनाएं बनाईं और लंबित योजनाओं को पूरा करने का संकल्प लिया।


आज पूर्वांचल का मरीन ड्राइव है यह ताल

कल तक उपेक्षा का शिकार रामगढ़ ताल आज पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है। इसकी छटा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। शाम ढलते ही ताल के किनारे जुटने वाली भीड़ इसकी बढ़ रही लोकप्रियता की तस्दीक है। फिलहाल ताल को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के अलावा एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने भी संभाल रखी है। एनजीटी की सक्रियता के चलते ही ताल के 500 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है।

पर्यटन[संपादित करें]

हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि रामगढ़ ताल में क्रूज़ चलाये जायेंगे जहाँ लोग तैरते हुए क्रूज़ में बैठकर डिनर का आनंद उठा सकेंगे।[1][2]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "रामगढ़ ताल में चलने वाले फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की डिजाइन तैयार, क्रूज के लिए दिया गया आर्डर". दैनिक जागरण.
  2. "गोरखपुर को नई सौगात: रामगढ़ताल में मिलेगा समंदर का मजा, चलेंगे डिनर क्रूज". अमर उजाला.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]