जयगोपाल

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जयगोपाल हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोशिएसन (HSRA) के सदस्य थे। इन्होंने साण्डर्स वध में भगत सिंह, राजगुरु आदि का साथ दिया था।[1][2]

दिल्ली असेंबली बम कांड तथा लाहौर षड्यंत्र केस (साण्डर्स वध केस) की सुनवाई के समय ये अंग्रेजी हुकूमत के दवाव में आ गये, तथा HSRA के क्रान्तिकारियो के खिलाफ सरकारी गवाह बन गये। भगत सिंह को फाँसी दिये जाने के पीछे इनकी गवाही की ही भूमिका थी।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Gaur, I. D. (2008). Martyr as Bridegroom. Anthem Press. पृ॰ 16. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1843313480. अभिगमन तिथि 15 मई 2016.
  2. Friend, Corinne (संपा॰). Yashpal looks back: selections from an autobiography (अंग्रेज़ी में). University of California. पृ॰ 39. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0706913507. अभिगमन तिथि 15 मई 2016. |firstlast1= missing |lastlast1= in first1 (मदद)