तंत्र अभिनिर्धारण

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मापे गये रिस्पांस (नीला) और अभिनिर्धारित मॉडल के रिस्पांस (आसमानी) की तुलना

नियन्त्रण सिद्धान्त में, किसी गतिक तंत्र पर कुछ प्रयोग करके एकत्र किये गये आंकड़ों की सहायता से उस तन्त्र का गणितीय मॉडल बनाना तंत्र अभिनिर्धारण (system identification) कहलाता है।

तंत्र अभिनिर्धारण करने की कई विधियाँ (approaches) हैं जो मॉडल की श्रेणी पर निर्भर करते है-

  • 1. रैखिक/अरैखिक
  • 2. पैरामेट्रिक/गैर-पैरामेट्रिक
  • गैर-पैरामेट्रिक विधियाँ साधारण (generic) मॉडल का अभिनिर्धारण करतीं हैं (स्टेप रिस्पांस, इम्पल्स रिस्पॉंस, फ्रेक्वेंसी रिस्पॉंस)
  • पैरामेट्रिक विधियाँ प्रयोक्ता द्वारा प्रस्तुत मॉडल में आने वाले पैरामीटरों का मान निकालतीं हैं। (ट्रांसफर फलन, स्टेट-स्पेस मैत्रिसेस)

तंत्र अभिनिर्धारण के चरण[संपादित करें]

तंत्र अभिनिर्धारण, प्रक्रम के मॉडलिंग की प्रायोगिक विधि है। इसमें निम्नलिखित चरण आते हैं-[1]

  • 1. प्रयोग की डिजाइन : इसका उद्देश्य अच्छा प्रायोगिक डेटा प्राप्त करना है।
  • 2. मॉडल की संरचना का चुनाव : पूर्व-अनुभव तथा प्रयत्‍न-त्रुटि विधि के आधार पर एक उचित मॉडल चुना जाता है।
  • 3. फिट करने के लिये कसौटी का चुनाव : उचित मूल्य फलन (cost function) चुनते हैं, जिससे पता चले कि मॉडल, प्रायोगिक आंकड़ों से कितना मेल खाता है।
  • 4. प्राचलों का मान निकालना (Parameter estimation): इष्टतमीकरण समस्या का हल करते हुए मॉडल में आये हुए प्राचलों का संख्यात्मक मान निकाला जाता है।
  • 5. मॉडल का वैधीकरण (Model validation): इस प्रकार प्राप्त मॉडल की जाँच की जाती है और देखते हैं कि कहीं कोई कमी तो नहीं है।
गणितीय मॉडल के प्रकार-
  • 1. ट्रान्सफर फलन (Transfer functions)
  • 2. स्टेट-स्पेस मॉडल (State-space models)
  • 3. ब्लॉक आरेख (Block diagrams) - जैसे XCos, Simulink आदि

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Control theory (Simrock, S (DESY)]