सवाई माधोपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन

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राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन भारत का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन को रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की विशेष झलक पाने हेतु "डब्ल्यू डब्ल्यू एफ" और "भारतीय रेल मंत्रालय" के सहयोग बाघ बचाओं, जंगल बचाओं एवं जल बचाओ के के उपक्रम में बनाया गया है। जो कि वास्तव में रेलवे की महत्वपूर्ण योजना थी। पर्यटन को बढ़ावा देने और आमजन को वन्य जीवों के प्रति जागरूक करने के लिए सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को वन्यजीवों और पेड़-पौधों सहित प्राकृतिक छटाओं की खूबसूरत चित्रकारी से सजाया गया, जिसके चलते सवाई माधोपुर देश का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन बन चुका है। यह काम भारतीय रेल मंत्रालय और विश्व प्रकृति निधि भारत एवं डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के संयुक्त प्रयास से रेलवे स्टेशन की दीवारों पर वन्य जीवों सहित प्राकृतिक छटाओं की चित्रकारी करने का काम किया गया। अब सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों को रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान की झलक रेलवे स्टेशन पर ही देखने को मिल जाती है, जो लोगों को बरबस ही अपनी और आकर्षित करती है।

रणथम्भौर आर्टस शैली[संपादित करें]

रणथंभोर आर्टस शैली वन्य जीवों, वनस्पतियों एवं प्राकृतिक दृश्यों के लिए देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है, इसी आर्टस शैली का उपयोग सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर प्रयोग किया गया है। इस शैली का प्रयोग सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर 'लोगों को वन्य जीवों के प्रति जागरूक करने' , 'जल बचाओ' , 'बाघ बचाओ' , ' वन बचाओ' के हिसाब से दर्शाया गया है। सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर "पुरुष को पेड़ और महिला को डाली-फूल-पत्ती दर्शाकर" चित्रकारी की गई जो बहुत ही सुंदर है।

टाइगर सिटी[संपादित करें]

सवाई माधोपुर जिले में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान है जो कि बाघ के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह भारत की सबसे छोटी बाघ परियोजना होते हुए भी भारत में स्वच्छंद बाघ के दर्शन हेतु सबसे बेहतरीन जगह है। इन्हीं के चलते सवाई माधोपुर को 'टाइगर सिटी' के नाम से जाना जाता है। टाइगर की बहुलता व पर्यटकों की पसंदीदा जगह होने के कारण सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर डब्ल्यू डब्ल्यू एफ व भारतीय रेलवे मंत्रालय के सहयोग से इस स्टेशन को टाइगर थीम पर रूप दिया गया, टाइगर के अलावा जंगल बचाओ, पानी बचाओ के संबंध मे विभिन्न प्रकार की यहाँ पर पेंटिंग की गई। सवाई माधोपुर के लोकल चित्रकारों द्वारा की गई पेंटिंग विश्व स्तर टाइगर के लिए पहचानी जाती है। इसी के चलते सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन विश्व स्तर पर "टाइगर थीम" वाला पहला रेलवे स्टेशन है और भारत का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन भी सवाई माधोपुर ही है।

पेंटिंग विशेषता[संपादित करें]

चित्रकार गजानंद के अनुसार 'एक्रिल कलर' से ये पेटिंग बनाई गई है जो 10 सालों तक किसी भी प्रकार से खराब नहीं होगी। पेंटिंग बनने के बाद इन्हें लेमीनेट कर दिया गया है, वहीं चित्रों को बनाने में सवाई माधोपुर के स्थानीय कलाकारों द्वारा "रणथंभोर आर्टस शैली" का प्रयोग किया गया है जो देश विदेश में काफी प्रसिद्ध है।

विश्व स्तर पर पहचान[संपादित करें]

सवाई माधोपुर शहर वैसे तो विश्व स्तर पर अपने ऐतिहासिक घटनाओं व प्राकृतिक छटाओं के लिए पहले से ही प्रसिद्ध रहा है लेकिन इस शहर को विश्व स्तर पर पहचान यहाँ का रणथंभोर दुर्ग जो कि विश्व विरासत में शामिल है। वहीं इस शहर का रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान बाघों के लिए विश्व में काफी प्रसिद्ध है। इसी के चलते सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को भारत का पहला हेरिटेज रेलवे स्टेशन बनाने में जो यहां के लोकल कलाकारों ने भूमिका निभाई वो काफी सराहनीय है, इस स्टेशन को हेरिटेज बनाने के बाद सवाई माधोपुर का नाम भारत में काफी प्रसिद्ध हुआ है।