वैज्ञानिक यथार्थवाद

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अपने सबसे सामान्य रूप में, वैज्ञानिक यथार्थवाद (Scientific realism) वह विचारधारा है जो मानती है कि विज्ञान के द्वारा वर्णित 'संसार', यथार्थ (real) संसार है। वैज्ञानिक यथार्थवाद, यथार्थवाद का नवीन रूप है जिसे आज 'यथार्थवाद' के नाम से ही जाना जाता है।

वैज्ञानिक यथार्थवादियों ने दर्शन की समस्याओं को सुलझाने में विशेष रूचि प्रदर्शित नहीं की। उनके अनुसार यथार्थ प्रवाहमय है। यह परिवर्तनशील है और इसके किसी निश्चित रूप को जानना असंभव है। अतः वह यह परिकल्पित करता है कि यथार्थ मानव मन की उपज नहीं है। सत्य मानव मस्तिष्क की देन है। यथार्थ मानव-मस्तिष्क से परे की वस्तु है। उस यथार्थ के प्रति दृष्टिकोण विकसित करना सत्य कहा जायेगा। जो सत्य यथार्थ के जितना निकट होगा वह उतना ही यथार्थ सत्य होगा।

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