शिक्षा मित्र उत्तर प्रदेश

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शिक्षा मित्र उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिये नियुक्त किये गये उप-शिक्षक (Para-teachers) हैं। इन्हें पूर्ण शिक्षकों के बराबर वेतन नहीं दिया जाता और इनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर सत्रवार होती है। भारत के अन्य प्रदेशों में भी इस तरह के उप-शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है, जैसे: महाराष्ट्र में शिक्षा सेवक, मध्य प्रदेश में शिक्षा कर्मी इत्यादि।[1] Samayojan nirashtikaran ke dusprinam

इतिहास[संपादित करें]

सर्व शिक्षा अभियान को गति को सार्वभौमिक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 65 % तथा राज्य के 35% के सहायोग से प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षको की कमी दूर करने की योजना 2001 में बनाई। उत्तर प्रदेश में भी यह योजना लागू की गई। सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निती निर्माताओ ने संविदा पर शिक्षको को रखने की योजना की शुरुवात की। इसमे यह विशेश ध्यान दिया गया कि विद्यालय जिस गांव में हो उसी गांव का शिक्षित युवक या युवती सम्बंधित विद्यालय में 11 माह के शिक्षा सत्र के लिए ग्राम शिक्षा समिति के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी की अध्य्क्षता में गठित समित के माध्यम से चयन कर नियुक्त किया जाए। नियुक्त के पहले इन चयनित संविदा शिक्षको के एक माह के आवासीय प्रशिक्षण के लिए सम्बंधित जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्इत किया जायेगा। इन्हे शिक्षा मित्र का नाम दिया गया।

योग्यता और सेवा शर्तें[संपादित करें]

इनकी नियुंतम योग्यता इण्टर मिडीएट रखी गई लेकिन बी एड को वरीयता दी गई। इन शिक्षा मित्रो को 11 माह के शिक्षा सत्र के लिए रखा गया इनको कोई भी विशेष अवकाश नहीं दिया गया। इन्हे प्रति माह इस कार्य के लिए 2250 रुपए मानदेय दिया जाता रहा। इनकी सेवाओ से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने 2006 में 3500 ऋपए प्रति माह मानदेय देना शुरु किया।

शिक्षक के पद पर समायोजन[संपादित करें]

2009 में आर टी ई लागू होने पर इन्हे एन सी टी ई से अनुमति लेकर दुरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षित कर वर्त्मान में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे ये समायोजन वर्तमान में न्यायलय के विचाराधीन हैं। भारत के सर्वोच्च नयायालय ने जुलाई २०१५ में अपने एक निर्णय में बिना टीईटी पास शिक्षा मित्रों के समायोजन पर रोक लगा दी।[2] २५ जुलाई २०१७ को भारत के उच्चतम न्यालय ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक के पदों पर समायोजन निरस्त कर दिया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "PARA TEACHERS". educationforallinindia.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 22 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.
  2. "यूपी में बिना टीईटी के शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनाने पर लगी रोक,27 जुलाई को बेसिक शिक्षा सचिव को स्वयं पेश होने का दिया निर्देश". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2015.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]