एस्कारियासिस
एस्कारियासिस वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
Ascaris lumbricoides | |
आईसीडी-१० | B77. |
आईसीडी-९ | 127.0 |
ओएमआईएम | 604291 |
डिज़ीज़-डीबी | 934 |
मेडलाइन प्लस | 000628 |
ईमेडिसिन | article/212510 |
एम.ईएसएच | D001196 |
एस्कारियासिस गोल कृमिएस्कारिस लम्ब्रीकॉइड्स परजीवी के कारण होने वाली बीमारी है। [1] 85% से अधिक मामलों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं होते हैं, विशेष रूप से यदि कृमि का आकार छोटा हो। [1] कृमियों की संख्या के साथ ही लक्षण भी बढ़ जाते हैं और बीमारी की शुरुआत में सांस की तकलीफ तथा बुखार हो सकता है। [1] इनके पश्चात पेट की सूजन, पेट दर्द तथा डायरिया के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। [1] बच्चे इनसे सर्वाधिक प्रभावित हो जाते हैं, तथा इस आयुवर्ग में संक्रमण के कारण उचित रूप से वज़न न बढ़ना, कुपोषण तथा सीखने की क्षमता में कमी आ जाती है। [1][2][3]
संक्रमण ‘'एस्केरिस'’ के 'अंडे', जो मल द्वारा आते हैं, से दूषित भोजन या पेय खाने से होता है। [2] अण्डों से कृमि आँतों में निकलते हैं, पेट की दीवार के माध्यम से छिद्र करके निकलते हैं, तथा रक्त के माध्यम से फेफड़ों की और बढ़ जाते हैं। [2] वहाँ वे ऐल्वेली में प्रविष्ट हो कर ट्रेकीआ की और बढ़ जाते हैं, जहाँ से खांसने के कारण वे मुंह में आकर पुनः निगल लिए जाते हैं। [2] इसके पश्चात लार्वा पेट से होते हुए पुनः आँतों में पहुँच जाते हैं, जहाँ वे वयस्क कृमि बन जाते हैं। [2]
रोकथाम के लिए स्वच्छता के स्तर को बढ़ाना आवश्यक है, जिसमें शौचालयों की संख्या तथा उन तक पहुँच को बढ़ाना तथा मल का उचित निस्तारण शामिल है। [1][4] साबुन से हाथ धोना भी सुरक्षा प्रदान करता है। [5] ऐसे क्षेत्रों में जहाँ 20% से अधिक जनसँख्या प्रभावित है, प्रत्येक व्यक्ति को निश्चित अवधि पर उपचारित करने की संस्तुति की जाती है। [1] संक्रमण की पुनरावृत्ति सामान्य है। [2][6] इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। [2] विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाई गयी दवाएं हैं एल्बेन्डोज़ोल, मीबेंडाज़ोल, लेवामीसोल अथवा पाईरैन्टेल पैमोट.[2] अन्य प्रभावी एजेंटों में शामिल हैं ट्राईबेंडीमाईडाईन और नाईटाज़ोक्सैनाइड.[2]
वैश्विक रूप से लगभग 0.8 से 1.2 बिलियन लोग एस्कारियासिस के ग्रस्त हैं जिसमें से सर्वाधिक प्रभावित जनसँख्या उप-सहारन अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, और एशिया में है। [1][7][8] इसके कारण एस्कारियासिस सबसे आम मिट्टी द्वारा स्थानांतरित होने वाली हेल्मिनथाईसिस हो गयी है। [7] 2010 तक इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या घट कर लगभग 2,700 हो गयी थी जो कि 1990 में 3,400 थी। [9] एक अन्य प्रकार का एस्कारिस सुअरों को प्रभावित करता है। [1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ "Soil-transmitted helminth infections Fact sheet N°366". World Health Organization. June 2013. मूल से 21 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2015.
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ अ आ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर